संदेश

Begum Akhtar | मल्लिका-ए-गज़ल बेग़म अख़्तर के जीवन की कुछ बहुत ही रोचक कहानियां | Mallika-E-Ghazal

चित्र
Begum Akhtar Story. क्या कभी आपने सुना है कि सिगरेट पीने के लिए किसी ने पूरी ट्रेन रुकवा दी हो। या फिर आपने कभी सुना हो कि सिगरेट की लत किसी इंसान पर इतनी हावी हो सकती है कि उसे एक फिल्म को पूरा देखने के लिए छह दफा टिकट खरीदकर सिनेमा हॉल में जाना पड़ा हो।  Mallika-E-Ghazal Begum Akhtar Story - Photo: Social Media वैल, करना तो दूर, कोई आम इंसान ऐसी हरकत करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। लेकिन आज जिस शख्सियत की कहानी मैं आपको सुनाऊंगा, उसने ये दोनों कारनामे किए हैं। कौन है ये हस्ती? चलिए, जान लेते हैं। गज़ल गायकी में जो मुकाम Begum Akhtar उर्फ अख्तरी बाई ने हासिल किया है वो कोई और फिर कभी ना कर सका। वो कईयों के लिए अम्मी थी। कईयों की  Begum Akhtar थी। और जाने कितने लोग उन्हें बेतहाशा चाहते थे।  ये भी पढ़ें: Gufi Paintal Biography | फौज में नौकरी कर चुके गूफी पेंटल के फिल्मी सफर की दिलचस्प कहानी Begum Akhtar की कुछ दिलचस्प बातें बेगम अख्तर को चाहने वालों में अमीर-गरीब का कोई फर्क नहीं था। हर दर्जे के लोग बेगम अख्तर और उनकी गायकी से बेपनाह मुहब्बत किया करते थे। दादरा और ठुमरी की एक्सपर्

Gufi Paintal Biography | फौज में नौकरी कर चुके गूफी पेंटल के फिल्मी सफर की दिलचस्प कहानी

चित्र
Gufi Paintal Biography. 1960 में जब भारत पड़ोसी देशों की चालबाज़ियों का शिकार हुआ तो सरकार की तरफ से घोषणा की गई कि युवाओं को सेना में भर्ती होना चाहिए। सरकार का वो ऐलान सुनते ही सरबजीत सिंह पेंटल उर्फ Gufi Paintal, जो उन दिनों जमशेदपुर के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे, वो भी अपने कुछ साथियों संग सेना में भर्ती हो गए। सेना की जिस यूनिट में सरबजीत भर्ती हुए थे उसके इंचार्ज इनके सगे चाचा ही थे। इनके खानदान से कई लोग उन दिनों भारतीय सेना में बड़े पदों पर तैनात थे।  Gufi Paintal as Shakuni Mama in Mahabharat - Photo: Social Media जब चाचा ने Gufi Paintal को सेना में देखा तो उन्होंने पूछा कि तुमने पहले क्यों नहीं बताया कि तुम सेना में भर्ती होना चाहते हो? Gufi Paintal ने जवाब दिया कि मैं तो हमेशा से यही चाहता था कि या तो फौज में नौकरी करूं या फिल्म लाइन में जाऊं। फिल्मों में आप लोग भेजते नहीं। पिताजी ने इंजीनियरिंग करने भेज दिया। लेकिन मेरा वहां बिल्कुल भी दिल नहीं लगता। मगर जब सेना के लिए जवानों की ज़रूरत पड़ी तो मैं यहां आ गया। ये भी पढ़ें: नहीं | Kishore Da ने Shailendra Sin

नहीं | Kishore Da ने Shailendra Singh जी के साथ कोई गंदी राजनीति नहीं की | असली सच जानिए

चित्र
Shailendra Singh जी का ज़िक्र होता है तो मुझे अक्सर यूट्यूब पर दिखा एक वीडियो याद आ जाता है जिसमें दावा किया जाता है कि किशोर कुमार जी ने शैलेंद्र सिंह के साथ गंदी राजनीति करके उनका करियर खत्म करने की कोशिश की थी। ये चैनल शायद कोई मोहतरमा चलाती हैं। क्योंकि वीडियो में किसी महिला की आवाज़ ही सुनाई देती है।  Kishore Kumar and Shailendra Singh - Photo: Social Media वीडियो में मोहतरमा दावा करती हैं कि  Shailendra Singh की वजह से उस दौर के स्थापित गायकों को खतरा महसूस होने लगा था। इसिलिए उनके साथ राजनीति की गई। Shailendra Singh को उस राजनीति के चलते पीछे धकेला गया था। ये भी पढ़ें: M. Sadiq | महान गुरूदत्त की टीम का वो धाकड़ Director जिसे उसकी मौत पाकिस्तान खींच ले गई थी | Biography ये अफवाह फैलाई गई हम सभी जानते हैं कि 70 के दशक में रफी-किशोर-मुकेश-मन्ना डे ही शीर्ष पर थे। और जो मुकाम इन गायकों को हासिल था उसे पाने का ख्वाब यकीनन हर नया गायक देखता ही होगा। मोहतरमा अपने वीडियो में दावा करती हैं कि किशोर कुमार उस राजनीति के अगुवा थे जो शैलेंद्र सिंह के खिलाफ चलाई गई थी।  और कहती हैं कि 1974

M. Sadiq | महान गुरूदत्त की टीम का वो धाकड़ Director जिसे उसकी मौत पाकिस्तान खींच ले गई थी | Biography

चित्र
M. Sadiq. आज तो शायद किसी को ये याद हों। लेकिन एक वक्त पर एम. सादिक बहुत बड़े और नामी राइटर-डायरेक्टर हुआ करते थे। 10 मार्च 1910 को लाहौर में इनका जन्म हुआ था। कुछ लोग कहते हैं कि इनका जन्म 02 मार्च 1911 को हुआ था। लेकिन ये गलत है। एम. सादिक का जन्म 10 मार्च 1910 को ही हुआ था। Biography of Director M Sadiq - Photo: Social Media M. Sadiq किसी वक्त पर केन्या एंड युगांडा रेलवे एंड हार्बर्स एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के चीफ मैकेनिकल इंजीनियर के ऑफिस में क्लर्क के तौर पर नौकरी करते थे। ये नौकरी  M. Sadiq ka 1927 में मैट्रिक पास करने के बाद ही मिल गई थी। और उनकी तैनाती नैरोबी में थी। लेकिन पारिवारिक दिक्कतों के कारण दो साल वहां रहने के बाद ये भारत वापस लौट आए।  ये भी पढ़ें: Ranjeet | वो Bollywood Villain जो असल जीवन में बेहद शरीफ है | Biography M. Sadiq ने छोड़ दिया नैरोबी भारत लौटकर M. Sadiq A.R.Kardar की फिल्म कंपनी United Players Corporation में क्लर्क की हैसियत से काम करना शुरू कर दिया। यहां कारदार साहब से इनकी बढ़िया जान-पहचान हो गई।  कारदार को अहसास हो गया कि ये लिखते अ

Ranjeet | वो Bollywood Villain जो असल जीवन में बेहद शरीफ है | Biography

चित्र
Ranjeet. बॉलीवुड का ऐसा विलेन जिसने हर किसी को डराया। खासतौर पर महिलाओं को। सिल्वर स्क्रीन पर इन्होंने एक से बढ़कर एक बुरे और भयानक काम किए। अगर असलियत में लोग इन्हें देख लेते थे तो इनसे चार हाथ बचकर चला करते थे। ये कितने खूंखार विलेन थे इसका अंदाज़ा ऐसे भी लगाया जा सकता है कि शोले फिल्म के विलेन गब्बर के रोल के लिए रंजीत के नाम पर भी विचार किया गया था। Actor Ranjeet Biography - Photo: Social Media Meerut Manthan पर पेश है Hindi Cinema के खतरनाक Villain Ranjeet की कहानी। Ranjeet कैसे दिल्ली से मुंबई आए और इनका फिल्मी सफर कैसा रहा, आज ये सारी कहानी हम और आप जानेंगे। ये भी पढ़ें: Story of Viju Khote aka Kalia and Nefertiti Horse in Sholay | शोले में कालिया को उठा उठाकर पटकने वाली घोड़ी नफरतीती की मज़ेदार कहानी Ranjeet की शुरूआती ज़िंदगी रंजीत का जन्म हुआ था 12 सितंबर 1942 को पंजाब के अमृतसर के पास मौजूद एक छोटे से गांव जंदियाला गुरू में। माता-पिता ने इनका नाम रखा था गोपाल। इस तरह इनका पूरा नाम था गोपाल बेदी। इनका परिवार उस इलाके का जाना-माना परिवार था।  इनके दादा एक बिजनेसमैन थे। देश

Story of Viju Khote aka Kalia and Nefertiti Horse in Sholay | शोले में कालिया को उठा उठाकर पटकने वाली घोड़ी नफरतीती की मज़ेदार कहानी

चित्र
ये कहानी कालिया की नहीं। उस घोड़े की है जिस पर कालिया सवार है। ये वास्तव में एक घोड़ी थी जिसका नाम इसके मालिकों ने नफरतीती रखा था। नफरतीती एक मिस्री राजकुमारी का नाम है। यानि कोई इज्पिशियन प्रिंसेस हुआ करती थी जिनका नाम था नफरतीती।  Story of Viju Khote aka Kalia and Nefertiti Horse in Sholay - Photo: YouTube Screenshot अलग अलग भाषाओं में नफरतीती का उच्चारण अलग है। जैसे अंग्रेज लोग इसे नैफाटीटी बोलते हैं। अमेरिकी लोग बोलते हैं नैफरटीटी। खैर, तो हमारी कहानी नफरतीती नामक इस घोड़ी से जुड़ी है जिस पर कालिया बैठा है।  कम पड़े घोड़े तो आई नफरतीती शोले की शूटिंग के लिए मुंबई से ट्रक में भरकर 20 घोड़े मंगवाए गए थे। ये घोड़े सप्लाय किए थे बद्री प्रसाद वर्मा ने। ये वही बद्री प्रसाद वर्मा हैं जिनके बेटे जीतू वर्मा और टीनू वर्मा आज के दौर में खासे मशहूर नाम हैं।  जीतू वर्मा को हम सोल्जर फिल्म के जोजो के रोल से पहचानते हैं। और टीनू वर्मा को हमने मेला फिल्म के गुज्जर के रोल में देखा है। बद्री प्रसाद वर्मा का काम था फिल्मों के लिए घोड़े सप्लाय करना।  शोले के लिए भी उन्होंने ही घोड़े सप्लाय किए थे। ले

Ravi Baswani | एक शानदार एक्टर जिसे वक्त से पहले मौत अपने पंजों में दबा ले गई | Biography

चित्र
Ravi Baswani Biography. क्या हो अगर किसी इंसान को उसका ख्वाब पूरा होने से ठीक पहले ही मौत आ जाए तो? ऐसी बातें सोचकर भी इंसान घबरा जाएगा। लेकिन ये जो साहब हैं इनके साथ तो ऐसा ही हुआ था।  हो सकता है आपमें से कुछ लोगों को इनका नाम मालूम ना हो। लेकिन इन्हें पहचानते आप ज़रूर होंगे। क्योंकि आपने इन्हें फिल्मों और टीवी शोज़ में एक्टिंग करते हुए ज़रूर देखा होगा।  Ravi Baswani Biography - Photo: Social Media इनका नाम है Ravi Baswani. 29 सितंबर 1946 को दिल्ली में Ravi Baswani जी का जन्म हुआ था। मसूरी के सेंट जॉर्ज कॉलेज से रवि बासवानी जी की स्कूलिंग हुई थी। स्कूलिंग के बाद रवि जी ने दिल्ली के किरोड़ीमल कॉलेज में दाखिला ले लिया। और यही कॉलेज वो जगह बना जिसने भविष्य के एक कलाकार को किसी जौहरी की तराश दिया।   ये भी पढ़ें: Actor P. Jairaj Biography | संघर्षों की एक दास्तान इनकी भी है किरोड़ीमल कॉलेज ने ज़िंदगी बदल दी दरअसल, किरोड़ीमल कॉलेज में ही रवि बासवानी ने कुछ स्टूडेंट्स को स्टेज पर एक्टिंग करते देखा था। उन्हें देखकर इनके मन में भी एक्टिंग करन की चाह जगी। और ये भी कॉलेज के उस थिएटर

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Chadti Jawani Meri Chaal Mastani Remix | कहां हैं 90s के इस सुपरहिट गाने में नज़र आई ये लड़कियां? जान लीजिए

Jack Gaud | 90s का एक खूंखार Bollywood Villain जो बहुत जल्दी मौत का शिकार हो गया | Bioigraphy

Lamhe vs Phool Aur Kaante 1991 | जब नए नवेले Ajay Devgan ने Anil Kapoor को बॉक्स ऑफिस पर धूल चटाई थी | Box Office Battle