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K.N.Singh Biography | भारतीय सिनेमा के Gentleman Villain कृष्ण निरंजन सिंह की कहानी | Biography

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" आपने एक अपराधी को अदालत में निर्दोष साबित कर दिया। लेकिन उसके गुनाहों से सारी दुनिया वाकिफ है। मैं ऐसे पेशे में नहीं रह सकता। मुझे नहीं जाना इंग्लैंड। नहीं करनी वकालत।" शायद ऐसा ही कुछ के.एन.सिंह जी ने उस वक्त अपने पिता से कहा होगा।  आज कहानी कही जाएगी द जेंटलमैन विलेन के.एन.सिंह की , जिनका पूरा नाम था कृष्ण निरंजन सिंह। और आज इनके बारे में कुछ बहुत ही शानदार जानकारियां आप पाठकों संग हम साझा करेंगे। Biography of Iconic Bollywood Villain K.N.Singh - Photo: Social Media 01 सितंबर 1908 को देहरादून में K.N.Singh का जन्म हुआ था। इनकी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई देहरादून के कर्नल ब्राउन स्कूल से हुई  थी।  K.N.Singh  के पिता चंडीप्रसाद सिंह अपने दौर में देहरादून के मशहूर क्रिमिनल लॉयर हुआ करते थे। K.N.Singh  की माता जी का नाम था लक्ष्मी देवी , और वो एक गृहणी थी। किसी ज़माने में के.एन.सिंह जी का खानदान जागीरदारों का खानदार हुआ करता था। लेकिन अंग्रजों ने उनकी जागीरदारी छीन ली थी। छह भाई-बहनों में के.एन.सिंह सबसे बड़े थे। के.एन.सिंह से छोटे रणेश्वर सिंह अपने पिता की ही एक वक...

Marc Zuber | भुलाया जा चुका एक Indian Actor जिसने Hollywood तक झंडे गाड़े थे | Biography

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Marc Zuber. ये कोई मामूली अदाकार नहीं थे। इनकी अदाकारी का जादू हॉलीवुड तक चला करता था। एक्टिंग की शुरुआत ही इन्होंने ब्रिटिश और अमेरिकी टीवी सीरीज़ व फिल्मों से की थी।  और बाद में इन्होंने कई हिंदी फिल्मों में भी अभिनय किया। आपने भी इन्हें किसी ना किसी फिल्म में एक्टिंग करते हुए देखा ही होगा। Biography of Actor Marc Zuber - Photo: Social Media 05 मई 1944 को  Marc Zuber का जन्म लखनऊ के  एक बेहद पढ़े-लिखे मुस्लिम परिवार में हुआ था। इनका असल नाम था ज़ुबैर अहमद सिद्दिकी। छोटी उम्र में ही  Marc Zuber अपने माता-पिता संग लंदन शिफ्ट हो गए थे।  दरअसल, इनके पिता बीबीसी रेडियो प्रोड्यूसर की हैसियत से वहां नौकरी करने गए थे। कुछ वक्त अकेले गुज़ारने के बाद उन्होंने अपने पूरे परिवार को लंदन बुला लिया था। ज़ुबैर ने लंदन के हैरो टैक्निकल कॉलेज से पढ़ाई की थी। कॉलेज के दिनों मेंही मार्क ज़ुबैर को थिएटर का शौक लग गया।  थिएटर के इनके एक सीनियर ने इन्हें सलाह दी थी कि तुम्हें अपना नाम बदलना चाहिए। क्योंकि ज़ुबैर अहमद सिद्दिकी नाम यहां के लोगों को अजीब लगेगा। तब...

Actor Roopesh Kumar | मुमताज़ के भाई लगते थे रूपेश कुमार | अवॉर्ड फंक्शन में जिनकी जान चली गई थी | Biography

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1995 का Filmfare Awards Function चल रहा था। फिल्म इंडस्ट्री की तमाम बड़ी हस्तियां उस फंक्शन में शिरकत करने आई थी। सुनील दत्त साहब को दर्शक दीर्घा में सबसे आगे की सीट पर बैठाया गया था। उनके बराबर में दो सीट रिज़र्व की गई थी। दत्त साहब के बाएं तरफ़ राजेंद्र कुमार जी बैठे थे। और दाहिनी तरफ़ बैठे थे Roopesh Kumar.  Actor Roopesh Kumar Biography - Photo: Social Media वो फंक्शन बहुत बढ़िया चल रहा था। सभी की तरह Roopesh Kumar भी प्रोग्राम को मज़े से एंजॉय कर रहे थे। मगर अचानक वो कुछ बेचैनी महसूस करने लगे।  Roopesh Kumar को चेस्ट पेन होने लगा। सुनील दत्त से जब उन्होंने अपनी दिक्कत बताई तो दत्त साहब भी घबरा गए।  दत्त साहब व राजेंद्र कुमार जी ने फौरन रूपेश कुमार जी को नज़दीकी अस्पताल में पहुंचाया। मगर इलाज शुरू हो पाता उससे पहले ही रूपेश कुमार जी को हार्ट अटैक आ गया। और उनकी मृत्यु हो गई। जबकी उस वक्त उनकी उम्र मात्र 49 साल ही थी। वो तारीख़ थी 29 जनवरी 1995.  रूपेश कुमार जी का जन्म हुआ था 16 जनवरी 1946 को पुणे में। इनका असल नाम था अब्बास फराशाही। रूपेश नाम उन्हें दिया था एक ...

Shailesh Kumar | पुराने ज़माने का वो हैंडसम एक्टर जिसका पूरा करियर एक अफ़वाह खा गई

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एक झूठी अफवाह उड़ी और धर्मेंद्र के साथ गाड़ी में बैठे इस कलाकार का करियर पूरी तरह से चौपट हो गया। अगर वो अफवाह ना फैली होती तो शायद आज ये भी फिल्म इंडस्ट्री का जाना-पहचाना नाम होते। धरम जी की ही तरह। इनका नाम है Shailesh Kumar. Biography of Bollywood Actor Shailesh Kumar - Photo: Social Media Shailesh Kumar जोधपुर के रहने वाले थे। 21 जनवरी 1939 को इनका जन्म हुआ था। किसी ज़माने में Shailesh Kumar, जिनका वास्तविक नाम शंभुनाथ पुरोहित था , वो मुंबई घूमने आए थे। मुंबई आए तो फिल्म की शूटिंग देखने एक स्टूडियो चले गए। वहां बहरूपिया नामक एक फिल्म की शूटिंग चल रही थी। उस फिल्म के प्रोड्यूसर थे रती भाई। रती भाई की नज़र शैलेश पर पड़ी तो वो इनकी पर्सनैलिटी से बड़े प्रभावित हुए। उन्होंने शैलेश को फिल्मों में काम करने का ऑफर दे दिया। वो शैलेश से बोले ," फिल्मों कमें काम करोगे ?" उस वक्त तो शैलेश जी ने मना कर दिया। क्योंकि वो कुछ नहीं जानते थे कि फिल्मों में काम कैसे किया जाता है। ये वापस अपने शहर जोधपुर लौट आए। लेकिन रती भाई की वो बात इनके दिमाग पर छप गई। एक्टिंग का बीज उनके मन-मस्त...

Biography of Actress Anita Guha | फिल्म जय संतोषी मां में संतोषी माता का किरदार निभाने वाली अनिता गुहा की अनसुनी कहानी

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आज बात करेंगे साल 1975 में आई ब्लॉकबस्टर फिल्म जय संतोषी मां में संतोषी मां का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री अनिता गुहा जी के बारे में। अनिता गुहा जी की कहानी जानने लायक है। चलिए शुरुआत करते हैं अनिता गुहा जी की कहानी की। वो भी एकदम शुरुआत से। Biography of Actress Anita Guha - Photo: Social Media Anita Guha का जन्म हुआ था 17 जनवरी 1939 को। इंटरनेट पर बहुत जगह बताया जाता है कि अनिता गुहा का जन्म 1932 में हुआ था। लेकिन वो गलत है। चूंकि अनिता जी के पिता ब्रिटिश राज में वन अधिकारी थे तो उनका अधिकतर समय पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में ही गुज़रता था। अनिता गुहा का जन्म भी बर्मा के पास के जंगलों में मौजूद एक गांव में हुआ था। जबकी इनका बचपन दार्जिलिंग और सुंदरवन के इलाकों में गुज़रा था। तीन भाई-बहनों में अनिता जी सबसे छोटी थी। अनिता जी से बड़े इनके भाई और फिर एक बहन थी। भारत का बंटवारा हुआ तो अनिता जी के पिता कलकत्ता में बस गए। वहीं पर अनिता जी की स्कूलिंग कंप्लीट हुई। साल 1950 के दशक की शुरुआत में अनिता गुहा जी ने मिस कलकत्ता का खिताब हासिल किया था।  जब साल 1952 में बॉम्बे के कारदार स्टूडि...

Biography of Arun Kumar Ahuja Father of Govinda | गोविंदा के पिता व एक दौर के नामी अभिनेता अरुण कुमार आहूजा की कहानी

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आज Arun Kumar Ahuja जी की बात करेंगे। आज की पीढ़ी तो इनसे वाकिफ़ नहीं होगी। मगर गोविंदा को सही से जानने-समझने वाले लोगों ने इनका नाम ज़रूर सुना होगा।  हालांकि उन लोगों में से भी अधिकतर को Arun Kumar Ahuja जी गोविंदा के पिता के तौर पर ही याद होंगे। मगर अरुण कुमार आहूजा जी भी एक्टर थे। आज उन्हीं की करानी हम और आप  Biography of Arun Kumar Ahuja Father of Govinda - Photo: Social Media 17 जनवरी 1917 को गुजरांवाला में Arun Kumar Ahuja जी का जन्म हुआ था। माता-पिता ने इनका नाम रखा था गुलशन। यानि इनका वास्तविक नाम था गुलशन कुमार आहूजा। Arun Kumar Ahuja जी के पिता, यानि गोविंदा जी के दादा स्टेशन मास्टर हुआ करते थे। अरुण जी पढ़ाई-लिखाई में बहुत अच्छे थे। यही वजह है कि उनके पिता ने उनका दाखिला लाहौर इंजीनियरिंग कॉलेज में कराया था। चूंकि अरुण जी को फुटबॉल बहुत पसंद था, और फुटबॉल के बहुत अच्छे खिलाड़ी थे, तो फुटबॉल की वजह से ही अरुण कुमार आहूजा की मुलाकात महबूब खान से हुई। दरअसल, एक दिन अरुण कुमार जी एक फुटबॉल मैच खेल रहे थे। महबूब खान को भी फुटबॉल बहुत पसंद था। इत्तेफाक से अ...

Laxmi Chhaya | फिल्म Mera Gaon Mera Desh की मुन्नी बाई की कहानी | Biography

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"मार दिया जाए। कि छोड़ दिया जाए। बोल तेरे साथ क्या सुलूक" मेरा गांव मेरा देश फिल्म का ये गीत बहुत लोकप्रिय हुआ था। आज भी ये गीत लोग सुनते हैं और खूब सुनते हैं। इस गीत पर नृत्य करती दिखाई देने वाली एक्ट्रेस का नाम है Laxmi Chhaya.  Actress Laxmi Chhaya Biography - Photo: Social Media Laxmi Chhaya का जन्म हुआ था 7 जनवरी 1948 को बॉम्बे में। फिल्मों में Laxmi Chhaya एक इत्तेफाक से आई थी। लक्ष्मी उस वक्त महज़ नौ साल की ही थी जब एक दिन उन्हें अपने घरवालों के साथ एक फिल्म की शूटिंग देखने जाने का मौका मिला। वहां डायरेक्टर महेश कौल ने पहली दफा लक्ष्मी छाया को देखा था। उन दिनों महेश कौल एक नई बच्ची को अपनी फिल्म के लिए तलाश रहे थे। उन्होंने जब लक्ष्मी को देखा तो लगा कि जैसे यही बच्ची उनकी फिल्म के लिए परफेक्ट रहेगी।  महेश कौल ने लक्ष्मी छाया के माता पिता से इस बारे में बात की। और यूं लक्ष्मी छाया को उनके करियर की पहली फिल्म मिली। उस फिल्म का नाम था तलाक जो साल 1958 में रिलीज़ हुई थी। पहली फिल्म के बाद लक्ष्मी ने दूसरी फिल्म की पूरे तीन साल बाद। उस फिल्म का नाम था बड़ा आदमी। और उस फ...

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