Yash Johar Biography | Bollywood को Dharma Productions वाले फ़िल्मकार की जानने लायक कहानी

Yash Johar. अगर आप सिनेमा के शौकीन हैं तो इस नाम से आप अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। धर्मा प्रोडक्शन के संस्थापक यश जौहर ने सिने प्रेमियों को एक से बढ़कर एक सौगात दी। कुछ कुछ होता है, कभी खुशी कभी गम और कल हो ना हो जैसी कई शानदार फिल्में दी।  

यश जौहर की फिल्मों की खासियत थी उनके आलीशान सेट, खूबूसरत लोकेशन और भारतीय परंपराएं। यश जौहर की खासियत थी कि वो कभी भी क्वालिटी के मामले में किसी से समझौता नहीं करते थे।

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Biography of Yash Johar - Photo: Social Media

Meerut Manthan की ये पेशकश समर्पित है Bollywood के दिग्गज Film Producer रहे Yash Johar को। कैसे मिठाई की दुकान पर बैठने वाले Yash Johar को बॉलीवुड में एंट्री मिली और कैसे वो इतना बड़ा नाम बने?

Yash Johar की शुरूआती ज़िंदगी

6 सितंबर 1929 को यश जौहर का जन्म हुआ था लाहौर में। लेकिन देश के बंटवारे के बाद यश जौहर के पिता अपने परिवार सहित दिल्ली आकर बस गए। 

यश जौहर का बचपन दिल्ली और शिमला में बीता। दिल्ली में यश जौहर के पिता ने नान सिंह स्वीट्स नाम से मिठाई की दुकान खोल ली थी। 

अब चूंकि 9 भाई बहनों में यश जौहर ही सबसे ज़्यादा पढ़े-लिखे थे तो उनके पिता ने हिसाब-किताब संभालने के लिए इन्हें ही गल्ले पर बैठा दिया। लेकिन यश जौहर को ये काम ज़रा भी पसंद नहीं था। वो तो अपनी ज़िंदगी में कुछ और ही करना चाहते थे।

जब यश जौहर के लिए मां ने गायब कर दिए गहने

यश जौहर की मां इस बात से अच्छी तरह से वाकिफ थी कि उनका बेटा दुकान पर बैठने से खुश नहीं है। इसलिए मां ने ही उन्हें मुंबई जाने के लिए प्रेरित किया और कहा कि तुम वैसे भी मिठाई की दुकान संभालने के लिए नहीं बने हो। इसलिए मुंबई जाओ और वहां पर अपने मन की ज़िंदगी जियो। 

मां ने यश को मुंबई भेजने के लिए घर से कुछ गहने और कुछ पैसे भी गायब कर दिए। इसके बाद इनके घर में काफी हंगामा हुआ। किसी को मालूम नहीं था कि घर से पैसे और गहने किसने चुराए। 

चोरी का शक सिक्योरिटी गार्ड पर गया तो उसकी पिटाई भी हो गई। यहां गौर करने वाली बात ये थी कि खुद यश जौहर को भी मालूम नहीं था कि वो गहने और पैसे उनकी मां ने उनके लिए चुराए थे। काफी सालों बाद उनकी मां ने उन्हें ये बात बताई थी।

जब मुगले आजम के सेट पर पहुंचे यश जौहर

मां के दिए पैसे लेकर यश मुंबई आ गए। वो पैसे कुछ दिन चले और फिर जब पैसे खत्म होने लगे तो यश निकल पड़े नौकरी ढूंढने। नौकरी ढूंढते हुए एक दिन यश पहुंच गए टाइम्स ऑफ इंडिया के ऑफिस। 

वहां जाकर जब इन्होंने पूछा कि कोई नौकरी है?, तो इन्हें पहुंचा दिया गया टाइम्स ऑफ इंडिया के फोटोग्राफर दुबे जी के पास। दुबे जी ने इन्हें अपने असिस्टेंट के तौर पर रख लिया।

ये दुबे जी के साथ फोटोग्राफी करने फील्ड पर जाने लगे थे। ये वही समय था जब मुगले आज़म फिल्म की शूटिंग चल रही थी। दुबे जी के साथ यश जौहर को भी मुगले आज़म के सेट पर जाने का मौका मिल गया। 

इस तरह पहली दफा ये फिल्मी दुनिया को इतने करीब से देख पाए थे। कहना चाहिए कि ये यश जौहर की किस्मत थी जो उन्हें मुगले आज़म के सेट तक खींच लाई थी।

और मधुबाला ने लगवा दी इनकी नौकरी

हुआ दरअसल कुछ यूं था कि अचानक दुबे जी बीमार हो गए और यश जौहर को अकेले ही मुगले आज़म के सेट पर फोटो खींचने जाना पड़ा। मशहूर अभिनेत्री मधुबाला इत्तेफाक से वहां मौजूद थी। 

यश मधुबाला की तस्वीर लेना चाहते थे। हालांकि मधुबाला हर किसी को अपनी तस्वीर नहीं लेने देती थी। इसलिए यश जौहर के लिए ये काम काफी चुनौती भरा था।

यश ने हिम्मत जुटाई और वो मधुबाला के पास पहुंचे। चूंकि यश काफी पढ़े-लिखे थे और उन्हें अंग्रेजी बोलनी आती थी तो उन्होंने मधुबाला से अंग्रेजी में ही बड़ी विनम्रता से तस्वीर लेने देने की विनती की। 

इनकी अंग्रेजी और इनकी विनम्रता से मधुबाला इतनी इंप्रैस हुई कि उन्होंने ना केवल यश जौहर को अपनी तस्वीरें खींचने दी, बल्कि अपना गार्डन भी दिखाया। 

इसके बाद तो मानो यश जौहर की चांदी हो गई। तस्वीरें लेकर जब ये टाइम्स ऑफ इंडिया के ऑफिस पहुंचे तो वहां इन्हें खूब वाहवाही मिली। टाइम्स ऑफ इंडिया ने इन्हें अपना पक्का कर्मचारी बना लिया।

बड़े धार्मिक थे यश जौहर

यश जौहर की एक खास बात ये थी कि ये बेहद धार्मिक स्वभाव के व्यक्ति थे। इनके घर में हर धर्म से जुड़े प्रतीकों की तस्वीरें थी। 

यश जौहर के बेटे और मशहूर फिल्म डायरेक्टर करण जौहर ने अपनी ऑटो बायोग्राफी एन अनसूटेबल बॉय में ये सभी बातें बताई हैं। 

बकौल करण, उनके पिता ने घर में ही एक छोटा सा मंदिर बना रखा था। रोज़ सुबह नहा-धोकर वे अपने मंदिर में आते और पूजा पाठ करते थे। 

इनके पिता सेक्यूलर विचारधारा के थे और इसीलिए उनके घर के मंदिर में हर धर्म से जुड़े प्रतीक मौजूद थे। यही वजह है कि यश जौहर की हर फिल्म में धार्मिकता ज़रूर दिखती है।

इस तरह मिली बॉलीवुड में एंट्री

यश जौहर के फिल्मी करियर की बात करें तो सन 1962 मे ये सुनील दत्त के अजंता आर्ट्स प्रोडक्शन से बतौर असिस्टेंट जुड़ गए थे। 

यहां रहकर इन्होंने मुझे जीने दो और ये रास्ते हैं प्यार के जैसी फिल्मों में बतौर असोसिएट काम किया। इसके बाद ये देवानंद के प्रोडक्शन हाउस नवकेतन फिल्म्स से जुड़ गए। 

और यहां उन्होंने देव साहब के साथ गाइड, ज्वैल थीफ, प्रेम पुजारी और हरे रामा हरे कृष्णा जैसी फिल्मों में बतौर असिस्टेंट प्रोड्यूसर काम किया।

साल 1976 में इन्होंने खुद का प्रोडक्शन हाउस धर्मा प्रोडक्शन शुरू कर दिया। धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले पहली फिल्म बनी दोस्ताना जिसे डायरेक्ट किया था राज खोसला ने। 

ये फिल्म ज़बरदस्त हिट रही। बाद में धर्मा प्रोडक्शन ने अग्निपथ, गुमराह और डुप्लिकेट जैसी सुपरहिट फिल्में भी प्रोड्यूस की।

बेटे ने बदल दी किस्मत

यश जौहर केवल फिल्में प्रोड्यूस ही नहीं कर रहे थे। उनका इंपोर्ट-एक्सपोर्ट का बिजनेस भी था और वो ही उसे संभालते थे। 

साल 1998 में जब यश जौहर के बेटे करण जौहर ने फिल्म डायरेक्शन में कदम रखा और कुछ-कुछ होता है से अपना डायरेक्टोरियल डेब्यू किया तो लगभग बंद हो चुका धर्मा प्रोडक्शन फिर से शुरू हो गया। 

करण जौहर की पहली ही फिल्म सुपरहिट साबित हुई और इसके बाद तो करण जौहर की कई फिल्में सुपरहिट रही जैसे कभी खुशी कभी गम और कल हो ना हो।

और दुनिया से चले गए यश जौहर

कल हो ना हो की शूटिंग के दौरान ही एक ऐसी घटना भी हुई थी जिसने करण जौहर को सकते में डाल दिया था। दरअसल, करण जौहर के एक दोस्त की जानकार ने उन्हें बताया था कि अगस्त महीने में उन्हें एक बुरी खबर मिलेगी। 

इत्तेफाक से अगला महीना अगस्त ही था। अगस्त महीने की शुरूआत में ही यश जौहर ने बेटे करण जौहर को बताया कि उन्हें कैंसर हो गया है। अगले साल यानि 2004 की 26 जून को फेंफड़ों के संक्रमण के चलते यश जौहर का निधन हो गया।

यश जौहर को नमन

यश जौहर की पत्नी और करण जौहर की मां हीरू जौहर कहती हैं कि भले ही यश जौहर अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन वो आज भी उन्हें उतना ही प्यार करती हैं जितना की तब करती थी जब उनकी नई नई शादी हुई थी।

मेरठ मंथन भी यश जौहर को सैल्यूट करता है और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि यश जौहर अब जिस भी दुनिया में हों, सुखी हों और सलामत हों। जय हिंद।

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