Chunky Pandey | Bollywood से बांग्लादेश जाकर रुतबा बनाने वाले चंकी पांडे की कहानी | Biography

Chunky Pandey. हममें से कौन होगा जो इन्हें नहीं जानता होगा। बतौर हीरो अपना फिल्मी करियर शुरू करने वाले चंकी पांडे ने तमाम उतार चढ़ाव देखे हैं। जो फिल्म इनके करियर की सबसे सफल फिल्म बनी, उसी फिल्म ने चंकी पांडे का हीरो का दर्जा भी छीन लिया। 

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Chunky Pandey Biography - Photo: Social Media

हालात ने चंकी पांडे को बांग्लादेश जाने पर मजबूर कर दिया। लेकिन चंकी ने वहां सफलता के झंडे गाड़ दिए। बॉलीवुड की अपनी दूसरी पारी में चंकी पांडे कई तरह के किरदार निभाए और साबित किया कि वो एक वर्सेटाइल एक्टर हैं।

Meerut Manthan आज आपको Chunky Pandey की Biography बताएगा। Chunky Pandey का की ज़िंदगी और उनका फिल्मी सफर यकीनन आपको बहुत पसंद आएगा।

Chunky Pandey का शुरुआती जीवन

चंकी का जन्म हुआ था 26 सितंबर 1962 को मुंबई में। मां बाप ने इनको नाम दिया था सुयश। लेकिन चुंकि बचपन में ये दिखने में बेहद गोल मटोल थे तो इनकी देखभाल करने वाली आया ने इन्हें चंकी कहना शुरू कर दिया। बस वहीं से इनका निक नेम चंकी हो गया।

चंकी के माता पिता दोनों डॉक्टर थे। इनकी मां का नाम था Dr Snehlata Panday और इनके पिता का नाम था Dr Sharad panday. इनके पिता डॉक्टर शरद पांडे मुंबई के मशहूर हार्ट स्पेशलिस्ट थे और वो डॉक्टरों की उस टीम का हिस्सा थे जिसने पहली बार भारत में हार्ट ट्रांसप्लांट सर्जरी की थी। 

डॉक्टर क्यों नहीं बन पाए चंकी?

चंकी के एक बड़े भाई भी हैं जिनका नाम आलोक पांडे है और जिन्हें लोग प्यार से चिक्की पांडे कहते हैं। बचपन में चंकी को लगता था कि क्योंकि इनके माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं तो बड़ा होकर इन्हें भी डॉक्टर ही बनना होगा। 

मगर पढ़ाई लिखाई में ये एकदम फिसड्डी थे। दसवीं क्लास में ये कई दफा फेल हुए थे। इसलिए एक वक्त पर इन्हें अहसास हो चुका था कि डॉक्टर बनना इनके बस की बात नहीं है। 

ऐसे हुआ फिल्मों की तरफ झुकाव

सुयश उर्फ चंकी की पढ़ाई जिस स्कूल में हुई थी उसमें कुछ फिल्मी सितारों के बच्चे भी पढ़ा करते थे। यही वजह है कि छोटी उम्र से ही फिल्म इंडस्ट्री भी इन्हें बहुत ज़्यादा फैसिनेट करती थी। 

आगे चलकर उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में ही करियर बनाने का फैसला किया। साल 1986 में चंकी ने एक्टिंग सीखने के लिए एक एक्टिंग स्कूल में एडमिशन ले लिया था। कुछ लोगों का कहना है कि इन्होंने मधुमति एक्टिंग एकेडेमी में दाखिला लिया था। 

जबकी कुछ दावा करते हैं कि चंकी ने डेज़ी ईरानी के एक्टिंग स्कूल एक्टर्स आर्ट से एक्टिंग का कोर्स किया था। हमें खेद है हम भी ये नहीं जान पाए कि सही क्या है।

Chunky Pandey ने एक्टिंग भी सिखाई थी

अपना एक्टिंग कोर्स पूरा करने के बाद चंकी वहीं पर इंस्ट्रक्टर की हैसियत से नौकरी भी करने लगे। कहा जाता है कि अपनी इस नौकरी में चंकी ने अक्षय कुमार और सलमान खान जैसे सितारों को एक्टिंग और डांस की ट्रेनिंग भी दी थी।

फिर साल 1987 में फिल्म आग ही आग से चंकी का फिल्मी सफर शुरु हुआ। लेकिन कम लोग ही इस बात से वाकिफ हैं कि चंकी की ज़िंदगी का सबसे पहला प्रोजेक्ट एक फोटोशूट था जिसमें मीनाक्षी शेषाद्री, पद्मिनी कोल्हापुरे और पूनम ढिल्लो के साथ ये नज़र आए थे।

ये फोटोशूट सिने ब्लिट्ज नाम की मैगज़ीन के कवर के लिए किया गया था और चूंकि चंकी की पर्सनैलिटी बहुत बढ़िया थी तो फोटोग्राफर राकेश श्रेष्ठ के कहने पर चंकी को ये प्रोजेक्ट मिल गया। 

मज़ेदार इत्तेफाक से मिली थी पहली फिल्म

बात अगर चंकी की पहली फिल्म की करें तो उन्हें ये फिल्म मिलने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल, संजय दत्त की पहली फिल्म रॉकी में चंकी पांडे एक गाने में नज़र आए थे। 

रॉकी के चलते चंकी की जान-पहचान फिल्म इंडस्ट्री में काफी बढ़ चुकी थी। लोग चंकी को फिल्मी पार्टियों में इनवाइट करने लगे थे।एक दिन एक पार्टी में चंकी ने काफी शराब पी। 

फिर वो वॉशरूम गए जहां उन्हें दिग्गज प्रोड्यूसर पहलान निहलानी अपने पाजामे के नाड़े संग संघर्ष करने नज़र आए। दरअसल, पहलाज उस पार्टी में कुर्ता पाजामा पहनकर पहुंचे थे और अब वॉशरूम में उनके पाजामे का नाड़ा खुल नहीं रहा था। 

नाड़ा खोला और मिल गई पहली फिल्म

चंकी ने पहलाज का नाड़ा खुद अपने हाथों से खोला। पहलाज चंकी से इंप्रैस हो गए और उन्होंने चंकी से उनके बारे में पूछा। जब चंकी ने पहलाज को बताया कि वो एक्टर बनना चाहते हैं तो पहलाज ने तुरंत कहा कि अपनी फिल्म आग ही आग से मैं तुम्हें लॉन्च कर रहा हूं।

पहले तो चंकी को भरोसा ही नहीं हुआ।  लेकिन जब पहलाज ने बताया कि मैंने ही गोविंदा नाम के एक्टर को अपनी फिल्म इल्ज़ाम से लॉन्च किया था तो उन्हें यकीन हो गया।

पहली ही फिल्म में चंकी को धर्मेंद्र और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे बड़े स्टार्स के साथ काम करने का मौका मिला। चंकी की पहली हिरोइन थी नीलम जिनके साथ उन्होंने और भी कुछ फिल्मों में काम किया था।

मल्टीस्टारर फिल्मों में खूब किया काम

जिस ज़माने में चंकी ने बॉलीवुड में अपना करियर शुरु किया था वो मल्टीस्टारर फिल्मों का दौर था। पहली फिल्म आग ही आग के बाद पहलाज निहलानी ने ही चंकी को उनके करियर की दूसरी फिल्म पाप की दुनिया भी दी।

इसके बाद चंकी ने गुनाहों का फैसला, खतरों का खिलाड़ी, अग्नि, कसम वर्दी की, घर का चिराग जैसी मल्टीस्टारर फिल्मों में काम किया। यूं तो चंकी पांडे ये सोचकर इन फिल्मों में काम करते जा रहे थे कि अगर फिल्म फ्लॉप होती है तो अकेले उनके कंधों पर फ्लॉप फिल्म का बोझ नहीं आएगा।

लेकिन इससे एक बुरी बात ये हुई कि चंकी को सोलो एक्टर वाली फिल्में मिलनी लगभग बंद ही हो गई। उन्हें मिलने वाली ज़्यादातर फिल्में ऐसी ही होती थी जिनमें इन्हें हीरो के भाई या दोस्त का रोल ही ऑफर होता था। 

तेजाब बनी Chunky Pandey की बेस्ट फिल्म

तेजाब इकलौती ऐसी फिल्म है जिसमें सपोर्टिंग होने के बावजूद चंकी पांडे का किरदार बहुत बढ़िया था। ये किरदार बहुत पसंद भी किया गया था। चंकी पर फिल्माया गया सो गया ये जहां गीत भी बहुत पॉप्युलर हुआ था। चंकी के शानदार काम से प्रभावित होकर फिल्मफेयर ने उनके इस किरदार को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर कैटेगरी में नॉमिनेट भी किया था।

चंकी की और कुछ प्रमुख फिल्में

साल 1993 के आने तक चंकी कई बड़ी फिल्मों में काम कर चुके थे। हालांकि इनमें से ज़्यादातर फिल्में मस्टीस्टारर ही थी। ज़हरीले, आज के शहंशाह, कोहराम, दो मतवाले, रुपए दस करोड़, पर्दा है पर्दा, विश्वात्मा, खुलेआम और अपराधी। ये कुछ वो फिल्में थी जो चंकी के करियर की बड़ी और सक्सेसफुल फिल्में मानी जाती हैं। लेकिन ये सभी फिल्में मल्टीस्टारर ही थी। 

सबसे सफल फिल्म बन गई सबसे मनहूस फिल्म

चंकी के करियर की सबसे बड़ी हिट और सफल फिल्म थी साल 1993 में आई आंखें, जिसमें उनके साथ गोविंदा और कादर खान जैसे बड़े और नामी सितारे थे। गोविंदा संग चंकी की कॉमिक टाइमिंग दर्शकों को बहुत ज़्यादा पसंद आई थी। 

आंखें उस साल बहुत बड़ी हिट साबित हुई थी।चंकी को लगा कि अब उन्हें बढ़िया और सोलो फिल्में मिलने लगेंगी। मगर हुआ इसके ठीक उलट। चंकी के पास ऑफर्स के तो ढेर लग गए। 

लेकिन वो सभी ऑफर्स ऐसे ही थे जिन्हें चंकी आज तक निभाते आए थे। जैसे मेन हीरो का दोस्त या फिर भाई। इससे चंकी बहुत ज़्यादा निराश हुए। और उन्होंने खुद को फिल्मों से दूर कर लिया।

ऐसे बांग्लादेश पहुंचे Chunky Pandey

साल 1995 आते आते बॉलीवुड में मल्टीस्टारर फिल्मों का चलन खत्म हो गया था। चंकी तो खुद को पहले ही फिल्मों से दूर कर चुके थे। अब तक वो ऑफर्स भी आने बंद हो चुके थे जो कभी कभार उनके पास आ जाते थे। चंकी बेहद निराशा और अवसाद से घिर चुके थे।

इसी दौरान इनसे मिलने इनका एक दोस्त आया। इनका वो दोस्त बांग्लादेशी था। चंकी के हालात के बारे में जब उस दोस्त को पता चला तो उसने सलाह दी कि तुम बांग्लादेशी फिल्म इंडस्ट्री में काम करो। वहां तुम्हें लोग पसंद भी करते हैं। शुरुआती कशमकश के बाद आखिरकार चंकी बांग्लादेश चले ही गए। 

बांग्लादेश में छा गए चंकी पांडे

चंकी पांडे को अपनी फिल्मों में देखकर बांग्लादेश के सिने प्रेमी भी बहुत खुश हुए। पहली ही फिल्म से बांग्लादेश में छा गए। चंकी ने बांग्लादेश में कुल 7 फिल्मों में काम किया था। और ये सातों फिल्में कामयाब रही थी।

देखते ही देखते चंकी पांडे बांग्लादेश में सुपरस्टार बन गए। इसी दौरान चंकी पांडे ने अपनी गर्लफ्रेंड भावना से शादी भी की। और नई नवेली पत्नी को हनीमून पर वो बांग्लादेश ही ले गए थे। बांग्लादेश में चंकी की बेशुमार लोकप्रियता देखकर उनकी पत्नी भावना हैरान रह गई थी।

लेकिन भावना ने ही तब चंकी से कहा था कि तुम्हारी असली जगह बॉलीवुड है। इसलिए तुम्हें बॉलीवुड में वापसी करनी चाहिए। पत्नी की सलाह मानते हुए चंकी ने बॉलीवुड में फिर से शुरुआत करने की ठान ली और वो भारत वापस लौट आए।

ऐसे शुरू हुई बॉलीवुड में दूसरी पारी

चंकी भारत लौट तो आए थे। लेकिन परेशानी ये थी कि अब दोबारा से करियर शुरू करने में उनके सामने बहुत ज़्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। उन्हें काम मिल ही नहीं पा रहा था। उन्होंने तय किया कि वो फिल्मों में छोटे लेकिन प्रभावशाली रोल तलाश करेंगे।

साल 2003 में रिलीज़ हुई फिल्म कयामत चंकी पांडे की दूसरी बॉलीवुड पारी की पहली फिल्म थी। चंकी का साइंटिस्ट वाला रोल हर किसी को पसंद आया था। 

फिर राम गोपाल वर्मा ने चंकी पांडे को अपनी फिल्म डी में राघव नाम के एक गैंगस्टर का ज़बरदस्त रोल दिया। इसके बाद तो चंकी की गाड़ी एक बार फिर से चल निकली।  

दूसरी पारी की प्रमुख फिल्में

अपनी दूसरी पारी में चंकी ने अपना सपना मनी मनी, दरवाज़ा, डॉन द चेज़ बिगिन्स अगेन, फूल एंड फाइनल, हैलो डार्लिंग, पेयिंग गेस्ट, संकट सिटी, डैडी कूल, दे दना दन, रास्कल्स, बुलेट राजा, हिम्मत वाला, बेगम जान, साहो जैसी फिल्मों में काम किया।

चंकी की दूसरी पारी का सबसे शानदार प्रोजेक्ट कहा जाना चाहिए हाउसफुल जिसकी सभी फिल्मों में इनका निभाया आखिरी पास्ता का किरदार देश और दुनिया में लोकप्रिय हो गया। हालांकि पहले ये रोल फिल्म के डायरेक्टर साजिद खान खुद निभाने वाले थे।

लेकिन जब साजिद को लगा कि डायरेक्शन के साथ एक्टिंग करना उनके लिए बहुत मुश्किल हो जाएगा, तो उन्होंने ये रोल चंकी को दे दिया। उस वक्त साजिद को लगा था कि चंकी पांडे से बेहतर कोई दूसरा एक्टर इस रोल को निभा नहीं सकता।

चंकी पांडे की निजी ज़िंदगी

चंकी पांडे की निजी ज़िंदगी की बात करें तो ये दो बेटियों के पिता हैं। इनकी बड़ी बेटी अनन्या पांडे भी एक्ट्रेस हैं और कुछ बड़े बजट की फिल्मों में काम कर चुकी हैं। अपनी पहली फिल्म स्टूडेंट ऑफ द ईयर 2 के लिए अनन्या पांडे बेस्ट फीमेल डेब्यू का फिल्मफेयर अवॉर्ड जीत चुकी हैं।

हालांकि ये अवॉर्ड मिलने पर काफी कंट्रोवर्सी का सामना भी अनन्या को करना पड़ा था। चंकी की छोटी बेटी का नाम है रीसा और फिलहाल रीसा पढ़ाई कर रही हैं। 

अपनी पत्नी भावना के साथ मिलकर चंकी पांडे मुंबई में एल्बो रूम नाम का एक रेस्टॉरेंट चलाते हैं। साथ ही बॉलीवुड इलैक्ट्रिक नाम की इनकी एक कंपनी भी है जो लाइव शोज़ ऑर्गनाइज़ कराती है।

चंकी कुछ वेब सीरीज़ में भी नज़र आ चुके हैं। साथ ही कुछ और फिल्में हैं जिनमें भविष्य में हम चंकी पांडे को एक्टिंग करते देखेंगे। Meerut Manthan चंकी पांडे के बेहतर भविष्य के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है। जय हिंद।

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