Actor Ishrat Ali | 90s के दौर का वो Bollywood कलाकार जो अब छोड़ चुका है एक्टिंग | Biography

Actor Ishrat Ali. नब्बे के दशक में बनने वाली एक्शन फिल्मों में ये चेहरा नज़र आ ही जाता था। इनकी डायलॉग डिलीवरी कुछ ऐसी थी कि जब ये शायराना अंदाज़ में अपना कोई संवाद बोलते थे तो लगता था मानो कोई शैतान कविता पढ़ने लगा हो। दो दशक लंबे अपने फिल्मी करियर में इशरत अली ने 150 से भी ज़्यादा फिल्मों में काम किया और हिंदी सिनेमा के शौकीनों के ज़ेहन पर अपनी कभी ना मिटने वाली छाप छोड़ने में कामयाब रहे।

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Bollywood Actor Ishrat Ali Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan आज आपको 90s के दौर के धांसू Actor Ishrat Ali की ज़िंदगी की कहानी से रूबरू कराएगा। कभी Spot Boy की हैसियत से फिल्म इंडस्ट्री में काम करने वाले Actor Ishrat Ali बॉलीवुड में इतना बड़ा नाम कैसे बने, आज यही कहानी हम और आप जानेंगे।

Ishrat Ali का शुरुआती जीवन

इशरत अली का जन्म कब हुआ इसके बारे में कोई पुख़्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है। कुछ लोग दावा करते हैं कि इनका जन्म 14 जुलाई 1951 को मुंबई में हुआ था। जबकी कुछ लोग कहते हैं कि इनका जन्म मुंबई में नहीं लखनऊ में हुआ था। और जब ये छोटे थे तब इनके पिता अपने परिवार के साथ मुंबई आ गए थे। 

इशरत अपने दोस्तों के साथ अक्सर मज़ाक मज़ाक में फिल्मों के डायलॉग बोला करते थे। एक दिन इनके दोस्तों ने इनसे कहा कि तुम्हें फिल्मों के लिए कोशिश करनी चाहिए। 

शुरूआत में तो इन्होंने दोस्तों की बात को गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन जब दोस्त बार बार इन्हें फिल्मों में जाने के लिए कहने लगे तो इन्होंने भी मन बना लिया कि ये फिल्मों में ही काम करेंगे। 

हालांकि उन दिनों ये अपने पिता के बिजनेस में उनका हाथ भी बंटा रहे थे। ऐसे में अपना खुद का बिजनेस छोड़कर फिल्मों में जाना इन्हें काफी मुश्किल लग रहा था। ये मुश्किलात तब और ज़्यादा बढ़ गई जब एक दिन अचानक इनके पिता का निधन हो गया। 

पिता के बाद परिवार की सारी ज़िम्मेदारी इशरत अली के कांधों पर आ गई। इशरत ने फैसला कर लिया कि पहले ये परिवार की ज़िम्मेदारियां पूरी करेंगे। बहन की शादी करेंगे। तब फिल्मों में काम करने का अपना सपना पूरा करेंगे।

बन गए स्पॉट बॉय

अपनी बहन की शादी के बाद इशरत ने अपने सपने पूरे करने का फैसला किया। ये फिल्मों से जुड़ना चाहते थे। फिर चाहे कोई भी काम क्यों ना मिले। यूं तो इशरत को बनना तो एक्टर ही था, लेकिन चूंकि फिल्म इंडस्ट्री में इनकी कोई जान-पहचान नहीं थी इसलिए ये शुरू में कुछ भी काम करना चाहते थे। 

एक दिन इनके एक दोस्त ने इन्हें स्पॉट बॉय की हैसियत से काम पर लगवा दिया। इन्होंने बिना देर किए ये मौका लपक लिया। ये सोचकर कि चलो पता चलेगा कि फिल्म की शूटिंग कैसे होती है। इशरत कैमरा यूनिट के असिस्टेंट थे और उनका सामान इधर से उधर उठाना इशरत अली का काम था। 

और चूंकि इस काम से इन्हें फिल्मों व फिल्म मेकिंग को करीब से समझने का बढ़िया मौका मिल रहा था तो ये भी निसंकोच इस काम को करते रहे। इसी बीच इनके आस-पास मौजूद लोग जान चुके थे कि इशरत भी फिल्मों में काम करना चाहते हैं। 

यूं शुरू हुआ इशरत अली का फिल्मी सफर

एक दिन किसी ने इशरत अली को बताया कि दिलीप शंकर अपनी फिल्म 'काल चक्र'(1988) के लिए नए एक्टर्स की तलाश में हैं। इशरत दिलीप शंकर के पास पहुंच गए और इन्होंने वहां ऑडिशन दिया। दिलीप शंकर इनसे काफी इंप्रैस हुए। 

उन्होंने 'काल चक्र' में इशरत अली को 'यशवंत कात्रे' का बड़ा रोल दिया। फिल्म में इशरत अली का किरदार 'यशवंत कात्रे' एक करप्ट पॉलिटिशियन है जो कुछ गुंडों की मदद से अपना राजनीतिक रुतबा कायम किए हुए है। 

पहली ही फिल्म में इशरत को एक बड़ा रोल मिला और इन्होंने अपने टैलेंट से इस रोल के साथ पूरा इंसाफ किया। फिल्म भले ही ना चल सकी हो। लेकिन इशरत अपनी एक्टिंग से कईयों को अपना मुरीद बना चुके थे।

आमिर खान के पिता भी बने

'यशवंत कात्रे' के रोल में इशरत अली इस गहराई से उतरे थे कि इसके बाद ज़्यादार फिल्मों में इन्हें एक भ्रष्टाचारी नेता के रोल में ही देखा गया। इनके ज़्यादातर रोल निगेटिव ही होते थे। वैसे ये कुछ फिल्मों में पुलिस वाले के रोल में भी दिखे थे। 

लेकिन इनके वो रोल भी निगेटिव ही थे। हालांकि 1990 में रिलीज़ हुई आमिर खान की फिल्म 'तुम मेरे हो' में ये एक सपेरे के रोल में दिखे थे और फिल्म में ये आमिर खान के पिता बने थे। 

ये किरदार रहेंगे यादगार

कुछ फिल्मों को छोड़ दें तो अधिकतर फिल्मों में इनके कैरेक्टर विलेनियस ही होते थे। इनके कुछ प्रमुख रोल्स की बात करें तो 1994 में रिलीज़ हुई फिल्म 'आ गले लग जा' में इन्होंने रकाब सिंह नाम के एक साइको किलर का रोल निभाया था। 

इशरत अली को उस रोल में बड़ा पसंद किया गया था। वहीं फिल्म 'क्रांतिवीर' में ये विपक्ष के नेता चंदर सिंह के रोल में दिखे और यहां भी अपनी एक्टिंग से इन्होंने हर किसी को अपना फैन बना लिया। 

'आंदोलन' फिल्म में एक बार फिर से ये 'आज़ाद देशपांडे' नाम के करप्ट और सत्ता का लालची नेता बने। इनका ये रोल भी काफी चर्चाओं में रहा। फिल्म 'आतंक ही आतंक' में ये एक बार फिर से आमिर खान के पिता किरदार में दिखे और इस दफा रजनीकांत भी इनके बेटे के रोल में थे। 

इस फिल्म में ये एक माफिया डॉन बने थे। सनी देओल की सुपरहिट फिल्म गदर एक प्रेम कथा में इनके द्वारा निभाया गया काजी का किरदार भला कौन भुला सकता है। इन सब के अलावा और भी कई ऐसी फिल्में हैं जिनमें इशरत अली ने बड़े ही कमाल की एक्टिंग की है। 

लेकिन अफसोस की बात ये है कि इशरत अली जैसे दमदार अभिनेता के बारे में आज के दौर में बहुत ज़्यादा जानकारियां सोशल मीडिया पर उपलब्ध नहीं हैं। इनकी कई फिल्मों के नाम गूगल पर मिलते भी नहीं हैं।

बी-ग्रेड फिल्मों में भी किया काम

आपको जानकर हैरानी होगी कि अपने दौर के हर बड़े सुपरस्टार के साथ काम करने वाले इशरत अली ने ढेर सारी बी ग्रेड़ फिल्मों में भी काम किया है। इस तरह छोटी बड़ी मिलाकर इशरत अली ने अपने फिल्मी करियर में 150 से भी ज़्यादा फिल्मों में काम किया है। 90 के दशक की हर बड़ी फिल्म में ये नज़र आ जाते थे। डायरेक्टर राम गोपाल वर्मा और बी ग्रेड फिल्मों के बड़े डायरेक्टर कांति शाह की फिल्मों में इन्होंने खूब काम किया। 

Ishrat Ali की प्रमुख फिल्में

इशरत अली के करियर की प्रमुख फिल्मों की बात करें तो ये नज़र आए दंगा फसाद, षणयंत्र, ज़ख्मी ज़मनी, मीना बाज़ार, इज्ज़त, मिलन की आग, फूलवती, नाइट क्वीन, दुश्मन ज़माना, लाट साहब, मैं हूं गीता, बलवान, पुलिस ऑफिसर, जिगर, पायल, बसंती तांगेवाली, चोर और चांद, रानी और महारानी, हंसते खेलते, इक्का राजा रानी, गंगापुर की गीता, आजा रे ओ सजना, मिस्टर आज़ाद, अंदाज़, कानून, बैंक रॉबरी, गुनहगार, अब तो जीने दो, टक्कर, पुलिसवाला गुंडा, रावण राज, हथकड़ी, रानी हिंदुस्तानी, हकीकत, ताकत, एक का जवाब दो, लोफर, लोहा, जुड़वा, हमेशा, दो आंखें बारह हाथ, महाराजा, गुंडा, दादा, बस्ती बदमाशों की, कच्चे धागे, चुड़ैल नंबर वन, खौफ, बिच्छू, गदर एक प्रेम कथा और राजधानी एक्सप्रेस जैसी फिल्मों में। 

इनकी आखिरी फिल्म 2014 में आई थी। इसके बाद से ही ये किसी और फिल्म में नहीं दिखे हैं। कम लोग ही इस बात से वाकिफ होंगे कि इशरत अली ने सब टीवी पर आने वाले शो चिड़ियाघर में भी काम किया था और उस शो में भी इनके काम की लोगों ने तारीफ की थी।

अब पांचो वक्त के नमाज़ी हैं इशरत अली

बात अगर इशरत अली की निजी ज़िंदगी के बारे में करें तो इन्होंने निगार सुल्तान से शादी की थी और उनसे इन्हें एक बेटा और एक बेटी है। इससे ज़्यादा कोई भी जानकारी इनके बारे में उपलब्ध नहीं हो पाई है। इन दिनों इशरत अली ने खुद को बॉलीवुड की दुनिया से दूर कर लिया है और अब वे अध्यात्म की तरफ बढ़ चले हैं। 

इशरत अली अब पांचों वक्त नमाज़ पढ़ते हैं और इस ज़िंदगी के लिए ईश्वर को शुक्रिया अदा करते हैं। भले ही इशरत अली ने अब खुद को फिल्मों से दूर कर लिया हो लेकिन नब्बे के दशक के सिने प्रेमी इन्हें आज भी नहीं भूले हैं और उन सभी के ज़ेहन में इनको लेकर ये सवाल घूमता ही है कि आखिर इशरत अली अचानक फिल्मों से गायब क्यों हो गए। 

एक बात जो इनके फैंस को बुरी लगती है वो ये कि डिजिटल मीडिया के इस दौर में इशरत अली जैसे धुरंधर अभिनेता के बारे में कोई जानकारी नहीं है। जबकी कई ऐसे लोग भी हैं जो औसत दर्जे के अभिनेता रहे हैं लेकिन उनके बारे में वीकिपिडिया ने एक पूरा आर्टिकल पब्लिश किया है। 

मगर Meerut Manthan Bollywoood के हर छोटे बड़े कलाकार को उसके हक का सम्मान देता है। और इशरत अली तो अपने ज़माने के बहुत धाकड़ व बड़े अभिनेता थे। Meerut Manthan Ishrat Ali को दिल से सैल्यूट करता है। जय हिंद। 

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