Mahavir Shah | अमेरिका में दर्दनाक मौत मारे गए एक Bollywood Actor की कहानी | Biography
Mahavir Shah. बॉलीवुड का एक ऐसा खलनायक, जिसने निगेटिव रोल्स में अपनी एक अलग छाप छोड़ी।
एक ऐसा अभिनेता जो फिल्मों में सिर्फ और सिर्फ निगेटिव किरदारों में ही नज़र आया, लेकिन इन्हीं किरदारों से उसने सिने प्रेमियों के ज़ेहन में अपनी एक गहरी छाप छोड़ी।
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Actor Mahavir Shah Biography - Photo: Social Media |
Meerut Manthan की आज की पेशकश समर्पित है Mahavir Shah को, जो तीन दशकों तक सिनेमा, थिएटर और टीवी की दुनिया में अपने हुनर के दम पर छाए रहे। और जिनका अंत इतना अफसोसनाक था कि जिसने भी वो खबर सुनी वो सदमे में आ गया।
अमेरिका में हुआ था Mahavir Shah की Car का Accident
31 अगस्त सन 2000. अमेरिका के शिकागो शहर के मेन हाइवे पर एक भयानक हादसा हुआ। तेज़ स्पीड से जा रही दो कारें आपस में टकरा गई। इनमें से कार में एक भारतीय परिवार बैठा था।
पति-पत्नी और एक बेटा व बेटी। ये कार दुर्घटना बेहद गंभीर थी। कार बुरी तरह से डैमेज हो गई थी। लेकिन इतने खतरनाक हादसे के बावजूद कार में सवार भारतीय परिवार की जान बच गई।
किसी तरह हादसे का शिकार हुई उस कार से एक आदमी बाहर निकला। लेकिन पीछे से आ रही एक और बेहद तेज़ रफ्तार कार ने उस आदमी को टक्कर मार दी।
इस टक्कर में वो आदमी बुरी तरह से घायल हो गया। उसकी हालत इतनी ज़्यादा गंभीर थी कि उसे हैलिकॉप्टर से अस्पताल लेकर जाना पड़ा। अस्पताल वालों ने उस आदमी को देखा और जवाब दे दिया।
वो आदमी मर चुका था। और 24 साल पहले अमेरिका के शिकागो शहर के मेन हाइवे पर हुए उस हादसे में मरने वाला वो शख्स कोई और नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा का एक जाना पहचाना नाम, अभिनेता महावीर शाह थे, जो अपने परिवार और कुछ साथी कलाकारों के साथ दो महीने के टूर पर अमेरिका गए थे।
ऐसे हुई थी Mahavir Shah के करियर की शुरूआत
इनके करियर की शुरूआत हुई थी साल 1977 में आई फिल्म अब क्या होगा से। इस फिल्म में ये ड्राइवर के एक छोटे से किरदार में नज़र आए थे।
फिल्मों में आने से पहले ही ये थिएटर की दुनिया में एक्टिव हो चुके थे और गुजराती थिएटर में इनकी अच्छी पहचान भी बन चुकी थी।
जन्मदाता, खेल, सखाराम बिंदर, साथी जैसे गुजराती नाटकों में इनके काम को बेहद पसंद किया गया था। हुज तारो इश्वर नाम के एक गुजराती नाटक का तो इन्होंने खुद निर्देशन भी किया था।
इन रोल्स के लिए मशहूर हुए Mahavir Shah
अपने फिल्मी करियर में इन्होंने 80 से भी ज़्यादा फिल्मों में काम किया और खास बात ये है कि ये फिल्मों में ज़्यादातर पुलिस वाले के किदार में ही दिखाई दिए।
किसी फिल्म में ये डीसीपी बने तो किसी में इंस्पेक्टर। कुछ फिल्मों में ये हवलदार भी बने। लेकिन इनका निभाया पुलिसवाले का हर किरदार एक ऐसा किरदार होता था, जो करप्ट और विलेन से मिला हुआ होता था।
पुलिस वाले के किरदार के बाद इन्होंने सबसे ज़्यादा वकील का रोल किया। गोविंदा की सुपरहिट कॉमेडी क्योंकी मैं झूठ नहीं बोलता में इनका निभाया पब्लिक प्रोसिक्यूटर का किरदार हमेशा याद किया जाएगा।
नहीं हुआ Mahavir Shah की प्रतिभा के साथ न्याय
फिल्म यस बॉस में ये शाहरुख खान और आदित्य पांचोली के साथ नज़र आए। उस फिल्म में ये आदित्य पांचोली के वफादार सेक्रेटरी बने थे।
ये एक बेहद उम्दा एक्टर थे और जिस फिल्म में भी इन्हें काम करने का मौका मिला, उसमें इन्होंने अपने रोल के साथ पूरा इंसाफ किया। फिर चाहे इनका रोल कितना भी छोटा रहा हो या फिर कितना भी बड़ा रहा हो।
ये कहने में कुछ भी गलत नहीं है कि बॉलीवुड ने महावीर शाह की प्रतिभा के साथ कभी भी पूरा न्याय नहीं किया। इनको अधिकतर छोटे-मोटे रोल ही दिए गए।
अगर इन्हें अच्छे और मजबूत रोल दिए जाते तो शायद मेन विलेन के रोल में ये भी उस जमात में अपना नाम शुमार करा लेते जिसमें अमरीश पुरी, प्राण, अमज़द खान और डैनी जैसे नाम दर्ज हैं।
ये थी इनकी प्रमुख फिल्में
बात अगर इनकी प्रमुख फिल्मों की करें, तो इनके करियर की पहली सबसे बड़ी फिल्म थी 1981 में रिलीज़ हुई रिचर्ड एटनबोरो की फिल्म गांधी।
हालांकि उस फिल्म में ये हवलदार के एक छोटे से रोल में नज़र आए थे जो कि महज़ एक सीन के लिए ही था।
इसके अलावा इन्होंने अंकुश, आखिरी अदालत, दयावान, तेज़ाब, थानेदार, 100 डेज़, नरसिम्हा, बेनाम बादशाह, शोला और शबनम, हमशकल, आंखे, फूल और अंगार, आग गले लग जा, राजा बाबू, कुली नंबर वन, सपूत, जुड़वा, सलाखें, बड़े मियां छोटे मियां, महंदी, कच्चे धागे, बादशाह और 23 मार्च 1931 शहीद में काम किया था।
छोटे पर्दे पर भी मशहूर रहे Mahavir Shah
फिल्मों के अलावा इन्होंने छोटे पर्दे पर भी काम किया। और छोटे पर्दे पर इनका सबसे शानदार काम रहा ज़ी टीवी पर प्रसारित होने वाला रामसे ब्रदर्स का ज़ी हॉरर शो जिसके चार सीज़न्स में इन्होंने काम किया था।
ज़ी हॉरर शो में इनका पहला सीज़न था 1994 में टेलिकास्ट हुआ धुंध जिसके कुल छह एपिसोड्स थे। धुंध में ये लाला बांकेलाल के किरदार में नज़र आए थे।
ज़ी हॉरर शो में इनका दूसरा सीज़न था 1995 में आया गुड़िया, जिसके कुल 7 एपिसोड थे। तीसरा सीज़न था कब्रस्तान जिसके 6 एपिसोड थे। और इसमें भी इनके काम को काफी पसंद किया गया था।
वहीं चौथे सीज़न का नाम था वापसी और इस सीज़न का केवल एक ही एपिसोड था। इस एपिसोड में भी महावीर शाह ने अपने टैलेंट को बड़े ही शानदार तरीके से पेश किया था।
ऐसी थी इनकी निजी ज़िंदगी
बात अगर इनकी निजी ज़िंदगी के बारे में करें तो इनका जन्म 5 अप्रैल 1960 को मुंबई में बसी एक गुजराती फैमिली में हुआ था। इनकी पत्नी का नाम है चेतना।
इनके बारे में इससे ज़्यादा जानकारी इंटरनेट पर मौजूद नहीं है। जिस वक्त अमेरिका में इनका एक्सीडेंट हुआ था तो इनके साथ इनकी सहयोगी एक्ट्रेस सरिता जोशी और कुछ दूसरे कलाकार भी साथ थे।
ये सभी गुजराती नाटक साथी को अमेरिका में परफॉर्म करने गए थे। ये लोग मेन हाइवे से होते हुए डेट्रॉइट शहर से शिकागो की तरफ जा रहे थे जब इनकी कार में एक तेज़ रफ्तार कार ने पीछे से टक्कर मारी थी।
पीछे से आ रही कार ने कुचल दिया
महावीर शाह किसी तरह अपनी दुर्घटनाग्रस्त कार से बाहर निकलकर अपनी गाड़ी का मुआयना कर रहे थे कि तभी पीछे से आ रही एक दूसरी तेज़ रफ्तार कार ने इन्हें बेहद तेज़ टक्कर मार दी।
उस हादसे में अभिनेत्री सरिता जोशी भी घायल हो गई थी। महज़ 40 साल की उम्र में ही एक बेहद टैलेंटेड कलाकार को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को खोना पड़ा।
इनकी मौत को लेकर कहा ये भी जाता है कि जब ये अपनी कार से हाईवे से गुज़र रहे थे तो एक एक्सिडेंट हो गया और उसी एक्सिडेंट के शिकार लोगों की मदद के लिए ये अपनी कार से उतरे थे जब पीछे से आ रही कार ने इन्हें टक्कर मारकर बुरी तरह घायल कर दिया।
हमेशा याद रहेंगे महावीर शाह
अब 20 साल बाद शायद ही कोई Mahavir Shah को याद करता होगा। लेकिन Meerut Manthan ना सिर्फ इन्हें हमेशा याद करेगा बल्कि इनकी ज़िंदगी की कहानी को वीडियो की शक्ल देकर सिने प्रेमियों को भी हमेशा याद दिलाता रहेगा।
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