Actor Ghanshyam Nayak aka Nattu Kaka Biography | तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो के नट्टू काका के जीवन परिचय जान लीजिए

Actor Ghanshyam Nayak Biography. तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में नट्टू काका का किरदार एक ऐसा किरदार रहा है जिसकी मासूमियत पर हर कोई फिदा हो जाता है। अपनी स्वीट एंड सॉफ्ट एक्टिंग से नट्टू काका यानि घनश्याम नायक ने दर्शकों को अपना मुरीद बना लिया। 

Actor-Ghanshyam-Nayak-aka-Nattu-Kaka-Biography
Actor Ghanshyam Nayak aka Nattu Kaka Biography - Photo: Social Media

शो में जब भी नट्टू काका जेठालाल से पूछते थे कि सेठ जी मेरी पगार कब बढ़ेगी तो लोगों के चेहरे पर मुस्कान अपने आप आ जाती थी। लेकिन अफसोस की बात ये है कि घनश्याम नायक यानि नट्टू काका कैंसर से लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आखिरकार ज़िंदगी की जंग हार गए। 3 अक्टूबर 2021 को घनश्याम नायक ने आखिरी सांस ली।

Meerut Manthan नट्टू काका उर्फ घनश्याम नायक को नमन करते हुए उनकी ज़िंदगी की कहानी अपने दर्शकों को सुनाएगा। घनश्याम नायक कितने कड़े संघर्ष के बाद तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो से घर-घर में लोकप्रिय हुए, ये जानकर आप भी नट्टू काका को नमन करेंगे। Actor Ghanshyam Nayak Biography.

घनश्याम नायक का शुरूआती जीवन

घनश्याम नायक का जन्मस्थान मुंबई है या फिर गुजरात इसके बारे में कोई पुख्ता जानकारी अवेलेबल नहीं है। कुछ लोग दावा करते हैं कि ये गुजरात के एक गांव में पैदा हुए थे तो कुछ लोगों का मानना है कि ये मुंबई में पैदा हुए थे। इनका जन्म 12 मई 1945 को हुआ था। 

चूंकि इनका परिवार गुजरात की मशहूर लोकनाट्य कला भवाई से जुड़ा था तो कला का माहौल इन्हें बचपन में ही मिल गया था। घनश्याम के पिता भी एक भवाई कलाकार थे और पिता को भवाई परफॉर्म करता देखकर घनश्याम को बड़ा मज़ा आता था।

बाल कलाकार के तौर पर शुरू किया करियर

साल 1956 में घनश्याम के पिता अपने परिवार को लेकर मुंबई आकर बस गए। ये सोचकर कि अपने बेटे को फिल्म एक्टर बनाएंगे। मुंबई के सेठ एनएल स्कूल में घनश्याम का दाखिला करा दिया गया। 

घनश्याम पढ़ाई के साथ-साथ फिल्मों में काम करने के लिए कोशिशें भी करने लगे। घनश्याम और उनके पिता की कोशिशें रंग लाई और साल 1960 में रिलीज़ हुई सत्येन बोस की फिल्म मासूम में घनश्याम को बाल कलाकार की हैसियत से काम मिल गया। 

मासूम वही फिल्म है जिसका गीत नानी तेरी मोरनी को मोर ले गया आज भी बेहद लोकप्रिय है। इस फिल्म के बाद घनश्याम ने और भी कई फिल्मों में बाल कलाकार के तौर पर काम किया। इनमें सबसे प्रमुख हैं बालक ध्रुव और सीताराम राधेश्याम।

घनश्याम ने सुनाया था एक रोचक किस्सा

उस दौर में घंटों तक शूटिंग करने के बाद घनश्याम को तीन रुपए दिन का मेहनताना मिलता था। उस दौर का एक किस्सा बताते हुए घनश्याम ने एक इंटरव्यू में कहा था कि एक दफा उन्हें राज कपूर के गुरू डायरेक्टर किदार शर्मा की एक फिल्म में काम करने का मौका मिला। 

किदार शर्मा की खासियत थी कि जब भी वो किसी कलाकार की एक्टिंग से खुश होते थे तो उस कलाकार को ईनाम में एक चवन्नी दिया करते थे। उस दौर में चवन्नी का भी बढ़िया वजूद होता था। घनश्याम का ख्वाब था कि एक दिन वो इतनी बढ़िया एक्टिंग करें कि किदार शर्मा उन्हें भी चवन्नी गिफ्ट करें। 

किदार शर्मा की उस फिल्म में घनश्याम नायक धोबी बने थे। इस फिल्म के अपने एक सीन को शूट करते हुए घनश्याम अपने किरदार में इतनी गहराई तक उतर गए कि बिना ग्लिसरीन लगाए ही उनकी आंखों में आंसू आ गए थे। किदार शर्मा घनश्याम जी की उस परफॉर्मेंस से बेहद खुश हुए। 

वो सीन जैसे ही खत्म हुआ तो आदत के मुताबिक किदार शर्मा ने घनश्याम को चवन्नी देने के लिए अपनी जेब में हाथ डाला। लेकिन उस दिन उनकी जेब में एक भी चवन्नी नहीं थी। किदार शर्मा ने अपनी सभी जेब ढंग से तलाशी। 

लेकिन उस दिन उनकी जेब में मात्र दो रुपए का ही एक नोट था। तब किदार शर्मा ने घनश्याम नायक को वो दो रुपए ही ईनाम में दे दिए। घनश्याम ने अपनी ज़िंदगी में कभी भी उस दो रुपए के नोट को खर्च नहीं किया।

सड़क पर नाचे-गाने को मजबूर भी होना पड़ा

घनश्याम फिल्मों में काम ज़रूर कर रहे थे लेकिन उन्हें मिलने वाले रोल कुछ खास नहीं होते थे। हिंदी सिनेमा के अलावा वो गुजराती सिनेमा और गुजराती नाटकों में भी काम कर रहे थे। 

मगर फिर भी ना तो इन्हें कुछ खास नाम मिल रहा था और ना ही दाम मिल पा रहा था। घरवालों ने शादी करा दी तो घनश्याम जी के कांधों पर ज़िम्मेदारियों का बोझ और ज़्यादा बढ़ गया। 

हालात ये थे कि पैसे कमाने के लिए इन्हें कई दफा सड़क किनारे भी नाच-गाना करना पड़ जाता था। किस्मत अच्छी हुई तो सड़क किनारे नाच-गाना करने से कभी-कभी कुछ पैसा मिल जाता था। 

लेकिन जिस दिन किस्मत साथ नहीं देती थी तो सड़क पर सारा दिन नाचने-गाने के बावजूद भी ज़रूरत भर तक का पैसा नहीं मिल पाता था।

गायकी में भी माहिर थे घनश्याम नायक

हालात ये थे कि घर का खर्च और बच्चों की परवरिश के लिए घनश्याम नायक को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों से उधार भी मांगना पड़ जाता था। पैसे की दिक्कत को खत्म करने के लिए घनश्याम जी ने मनोरंजन की और भी विधाओं में अपना हाथ आज़माना शुरू किया। 

कुछ गुजराती फिल्मों में इन्होंने प्लेबैक सिंगिंग की। हालांकि प्लेबैक सिंगिंग तो इन्होंने तब ही शुरू कर दी थी जब इनकी उम्र मात्र 12 साल थी और इन्होंने एक गुजराती फिल्म के लिए पहली दफा गाना रिकॉर्ड किया था। और ये बात भी बेहद खास है कि छोटी उम्र में ही इन्होंने एक हिंदी फिल्म के लिए भी गीत रिकॉर्ड किया था। 

और उस गीत को महेंद्र कपूर और आशा भोंसले जैसे महान गायकों ने भी अपनी आवाज़ दी थी। अपने गाए कुछ गीतों में तो इन्होंने लड़की को अपनी आवाज़ दी। वहीं कुछ गीतों में इन्होंने एक बूढ़ी औरत के स्टाइल में भी गाना गाया।

डबिंग आर्टिस्ट भी थे घनश्याम नायक

घनश्याम केवल एक्टर और सिंगर ही नहीं थे। इन्होंने एज़ ए डबिंग आर्टिस्ट भी काम किया है। दिग्गज बॉलीवुड अभिनेता कन्हैया लाल की मौत के बाद उनकी कुछ अनरिलीज़्ड फिल्मों में घनश्याम नायक ने ही उनकी आवाज़ डब की थी। हैरत की बात तो ये है कि घनश्याम नायक ने महज़ चार-पांच घंटों में कन्हैया लाल के डायलॉग्स अपनी आवाज़ में डब कर दिए। 

हालांकि फिल्म इंडस्ट्री में इतने सालों तक इतने सारे काम करने के बावजूद इन्हें आर्थिक मोर्चे पर कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा था। मगर जब 90 का दशक आया तो घनश्याम नायक को कुछ फिल्मों में थोड़े से बेहतर रोल निभाने का मौका मिलने लगा।

इन प्रमुख फिल्मों और टीवी शोज़ में किया काम

घनश्याम जी ने बेटा, तिरंगा, आंखें, आशिक आवारा, लाडला, क्रांतिवीर, आंदोलन, बरसात, चाहत, कृष्णा, घातक, इश्क, चाइना गेट, हम दिल दे चुके सनम, लज्जा, तेरे नाम, शिकारी, खाकी और अंडरट्रायल जैसी फिल्मों में काम किया। 

टीवी पर भी घनश्याम जी ने काफी काम किया था। तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो से पहले इन्होंने खिचड़ी, एक महल हो सपनों का, दिल मिल गए, सारथी और साराभाई वर्सेज साराभाई जैसे टीवी शोज़ में काम किया। कुछ गुजराती टीवी शोज़ में भी इन्होंने एक्टिंग की थी।

हम दिल दे चुके सनम में किया था काम

संजय लीला भंसाली की फिल्म हम दिल दे चुके सनम में घनश्याम नायक के किरदार का नाम विट्ठल काका था। ये किरदार इन्हें मिलने का किस्सा भी काफी दिलचस्प है। 

दरअसल, जिन दिनों संजय लीला भंसाली एक कॉलेज स्टूडेंट थे, उन्हीं दिनों घनश्याम जी ने दूरदर्शन के एक प्रोग्राम में गुजराती लोककला भवाई का प्रदर्शन किया था। 

फिर जब सालों बाद संजय लीला भंसाली ने हम दिल दे चुके सनम बनाई तो उन्होंने विट्ठल काका के रोल के लिए घनश्याम जी को ही चुना। इसी फिल्म के एक सीन में ऐश्वर्या राय भवाई करते हुए कुछ लाइनें बोलती हैं। 

ऐश्वर्या को इन लाइनों की तैयारियां घनश्याम जी ने ही कराई थी। इतना ही नहीं, घनश्याम जी ने इन लाइनों में वो लाइनें भी जोड़ी थी जो उनके पुरखे बरसों से भवाई के दौरान गाते थे।

जब देवानंद को किया इन्कार

घनश्याम जी से जुड़ा एक किस्सा कुछ यूं है कि एक दफा सदाबहार देवानंद साहब ने घनश्याम जी से अपनी एक फिल्म में वकील का रोल निभाने के लिए कहा। लेकिन घनश्याम जी ने देवानंद साहब को वो रोल निभाने से साफ इन्कार कर दिया। दरअसल, वकील के उस किरदार को एक भी डायलॉग नहीं बोलना था। 

उसे केवल काला कोट पहनकर अदालत में सिर्फ बैठना था। घनश्याम जी ने देवानंद साहब को ये कहते हुए वो रोल निभाने से मना कर दिया कि मैं एक कलाकार हूं। जिस रोल में मेरे करने के लिए कुछ ना हो उसे मैं भला कैसे कर सकता हूं। आप ये रोल किसी से भी करा सकते हैं।

63 की उम्र में मिला सबसे शानदार किरदार

घनश्याम जी का संघर्ष काफी लंबा चला। ये उम्र के साठवें पड़ाव पर पहुंच चुके थे लेकिन अब भी उन्हें काम मांगने के लिए डायरेक्टर-प्रोड्यूसर्स के चक्कर लगाने पड़ते थे। लेकिन उम्र उनके जज़्बे और हौंसले पर ज़रा भी भारी नहीं पड़ पाई थी। उम्र के इसी पड़ाव पर घनश्याम जी को उनकी ज़िंदगी का सबसे शानदार रोल मिला। 

ये रोल था तारक मेहता का उल्टा चश्मा नाम के शो में नट्टू काका का रोल। ये रोल उन्हें इस शो के मेकर असित मोदी ने ऑफर किया था। घनश्याम जी असित मोदी के शो सारथी में काम कर चुके थे और तभी से असित मोदी के साथ इनकी बढ़िया जान-पहचान थी।

खुद सुझाया था अपने किरदार का नाम

शुरू में असित मोदी ने घनश्याम जी को कोई दूसरा रोल ऑफर किया था। लेकिन जब शो के लीड कैरेक्टर दिलीप जोशी ने असित मोदी को नट्टू काका के रोल के लिए घनश्याम जी का नाम सुझाया तो असित मोदी दिलीप जोशी की बात मान गए। 

इस तरह तारक मेहता शो में नटवरलाल प्रभाशंकर उधाईवाला किरदार की एंट्री हुई। कमाल की बात तो ये है कि ये नाम खुद घनश्याम जी ने असित मोदी को सुझाया और इस नाम में इनके पुश्तैनी गांव उधाईवाला भी इन्होंने खुद ही जोड़ा था।

बाकी सब शो ठुकरा दिया

तारक मेहता शो से जुड़ते वक्त घनश्याम जी की उम्र 63 साल हो चुकी थी। लगभग तेरह सालों तक घनश्याम नायक जी इस शो से जुड़े रहे। इस शो में काम करने के दौरान इन्हें कुछ बड़ी फिल्मों में काम करने के ऑफर्स भी आए थे। 

लेकिन इस शो से इन्हें इतना प्यार हो गया कि इन्होंने वो सब ऑफर्स ठुकरा दिए। शायद इसीलिए, क्योंकि इस शो ने नट्टू काका उर्फ घनश्याम नायक जी को हर वो चीज़ दी जो किसी भी एक्टर की ज़रूरत होती है। 


ऐसी थी इनकी निजी ज़िंदगी

बात अगर घनश्याम जी की निजी ज़िंदगी के बारे में करें तो इनकी शादी निर्मला देवी जी से हुई है। उनसे इनके तीन बच्चे हैं। दो बेटी और एक बेटा। इनकी बेटियों के नाम हैं भावना नायक और तेजल नायक। बताया जाता है कि इनकी बेटियों ने अभी तक शादी नहीं की है। 

जहां इनकी बेटी भावना घर पर रहकर ही अपने माता-पिता की सेवा करती हैं तो वहीं इनकी छोटी बेटी तेजल एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं। इनके बेटे के बारे में बात करें तो इनके बेटे का नाम है विकास नायक। यूं तो इनका बेटा विकास नायक स्टॉक एक्सचेंज में काम करता है। 

लेकिन कभी-कभार गेस्ट रोल में वो भी तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो में नज़र आता रहता है। चूंकि अपने पिता के संघर्षों से विकास अच्छी तरह से वाकिफ थे, इसिलिए विकास ने कभी भी एक्टिंग को अपना प्रोफेशन नहीं बनाया। विकास शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे भी हैं।

घनश्याम नायक को नमन

घनश्याम नायक अक्सर कहते थे कि वो आखिरी सांस तक एक्टिंग करेंगे और चाहेंगे कि उनका दम निकले तो मेकअप पहने हुए ही निकले। घनश्याम नायक कई महीनों से कैंसर से जंग लड़ रहे थे। इस दौरान एक बार तो उनकी मौत की झूठी खबर भी फैल गई थी। 

मगर 3 Ocotober 2021 को जो खबर आई वो झूठी खबर नहीं है। घनश्याम जी अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। कैंसर ने घनश्याम जी से ना केवल उनकी ज़िंदगी छीनी, बल्कि उनसे उनकी वो ख्वाहिश भी छीन ली जिसमें वो कहते थे कि मेकअप पहने हुए ही वो मरना चाहते हैं। 

हम भारत के लोग नट्टू काका यानि घनश्याम नायक को सैल्यूट करते हैं। और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर घनश्याम जी को अपने चरणों में स्थान दें। जय हिंद।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Jaani Dushman 1979 15 Unknown Facts | जानी दुश्मन फिल्म की पन्द्रह रोचक बातें | Trivia

Gurbachchan Singh | पुरानी फिल्मों में दिखने वाला गुंडा जिसे लोग धर्मेंद्र का चेला कहते थे | Biography

Anup Jalota | Bhajan Samrat से जुड़े आठ बड़े ही रोचक और Lesser Known Facts