Indian Idol 2 Winner Sandeep Acharya Biography | भारत का दूसरा इंडियन आयडल विनर जो करोड़ों को रुलाकर चला गया

Sandeep Acharya. इंडियन आयडल के दूसरे सीज़न के विनर। जिन्होंने अपनी दिलकश आवाज़ से करोड़ों लोगों के दिलों में जगह बनाई। और फिर उन्हीं करोड़ों लोगों का दिल तोड़कर संदीप आचार्या हमेशा के लिए इस दुनिया से चले गए। संदीप आचार्या। छोटे शहर के युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रेरित करने वाला एक नौजवान।  

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Biography of Indian Idol Sandeep Acharya - Photo: Social Media

Meerut Manthan की आज की पेशकश श्रद्धांजलि है Sandeep Acharya नाम के एक ऐसे फनकार को, जिसने अपनी मासूम शख्सियत और मीठी आवाज़ से हर किसी को अपना मुरीद बना लिया। Sandeep Acharya के इंडियन आयडल तक के सफर और फिर अचानक उनके इस दुनिया से चले जाने की कहानी को आज हम और आप जानेंगे।

Sandeep Acharya की शुरूआती ज़िंदगी

04 फरवरी 1984 को संदीप का जन्म राजस्थान के बीकानेर शहर में हुआ था। चार भाई बहनों में सबसे छोटे संदीप बचपन से ही गाने के शौकीन थे। हालांकि उनके माता-पिता को शुरू में मालूम नहीं था कि उनका बेटा कितना होनहार है। पढ़ाई-लिखाई में भी संदीप काफी होशियार थे।

संदीप ने साइंस में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया था। एक दफा संदीप ने अपने स्कूल के एक कॉम्पिटीशन में गाना गाया था। संदीप का गाना सुनकर पूरा स्कूल हैरान रह गया था और हर किसी ने संदीप के गाने की तारीफ की थी। उस दिन के बाद संदीप अपने स्कूल में हीरो बन गए। फिर एक बार बीकानेर के एक स्कूल में इंटरस्कूल सिंगिंग कॉम्पिटीशन हुआ।

संदीप ने भी उसमें हिस्सा लिया। उस कंपीटीशन को संदीप जीत तो नहीं पाए लेकिन दूसरे नंबर के लिए संदीप को ज़रूर चुना गया। उस कंपीटीशन के बाद तो संदीप अपने शहर बीकानेर में मशहूर हो गए और फिर शहर में कई मौकों पर उन्होंने अपना हुनर दिखाया। देखते ही देखते संदीप बीकानेर के हीरो बन गए।

राजस्थान में नाम कमाना शुरू कर दिया था

साल 2004 में संदीप ने गोल्डन वॉयस ऑफ राजस्थान नाम के एक सिंगिंग कॉम्पिटीशन में हिस्सा लिया। इस शो में संदीप रनर अप रहे। इसके बाद साल 2006 में संदीप ने इंडियन आयडल के दूसरे सीज़न में हिस्सा लिया। 

बस यहीं से संदीप की किस्मत बदलनी शुरू हो गई। संदीप इंडियन आयडल सीज़न 2 के फाइनल तक पहुंचे और फायनल में विजेता होने का खिताब भी उन्होंने अपने नाम किया। 

इंडियन आयडल के उस पूरे सीज़न में संदीप ने दर्शकों को अपनी सुरीली आवाज़ से मंत्रमुग्ध किए रखा। लोगों को संदीप के गाने का अंदाज़ बेहद पसंद आता था। शो के सभी जजेस को भी शुरू से ही उम्मीद थी कि ये लड़का शो में काफी आगे तक जाएगा।

और इंडियन आयडल जीत गए Sandeep Acharya

जिस वक्त संदीप ने इंडियन आयडल सीज़न 2 को जीता था उस वक्त उनकी उम्र मात्र 22 साल थी। इस जीत के बाद ईनाम के तौर पर संदीप को एक चमचमाती मारूती बलेनो कार और Sony BMG के साथ एक करोड़ रुपए का कॉन्ट्रेक्ट मिला था। 

आपको बता दें कि जिस साल संदीप ने इंडियन आयडल में हिस्सा लिया था उसी साल नेहा कक्कड़ ने भी उस शो में हिस्सा लिया था। लेकिन नेहा महज़ तीसरे राउंड में ही शो से बाहर हो गई थी। इंडियन आयडल के बाद संदीप ने अपने कुछ सोलो एल्बम्स भी निकाले। 

उनका गाया गीत मेरे साथ सारा जहां बेहद लोकप्रिय हुआ था। 9X चैनल पर प्रसारित हुए रिएलिटी शो जलवा फोर टू का वन में भी संदीप ने हिस्सा लिया था और वो मिक्का की टीम का हिस्सा बने थे।

संदीप का हर ख्वाब पूरा हुआ

इंडियन आयडल जीतने के बाद संदीप को हर वो चीज़ मिली थी जिसे पाने का ख्वाब कोई भी कलाकार देखता है। नाम, शोहरत, दौलत और इज्ज़त। वो सेल्फी का दौर नहीं था। उस ज़माने में लोग अपने चहीते सितारों से ऑटोग्राफ ही लिया करते थे। 

चूंकि संदीप भी लोगों के चहीते बन गए थे तो लोग जहां भी उन्हें देखते थे उनके चारों तरफ भीड़ लगा लेते थे। उनसे ऑटोग्राफ देने की ज़िद किया करते थे। संदीप भी अपने चाहने वालों को कभी निराश नहीं करते थे।

एक्टिंग भी की थी Sandeep Acharya

संदीप के पास शोज़ की भरमार थी। वो साल में साठ से पैंसठ शोज़ करते थे और एक शो के बदले में वो ढाई से तीन लाख रुपए बतौर फीस लेते थे। 

केवल भारत में ही नहीं, संदीप ने अमेरिका, इंग्लैंड, इंडोनेशिया, दुबई, नेपाल और साउथ अफ्रीका में भी शोज़ किए थे।अमेरिका में संदीप को बेस्ट न्यू बॉलीवुड टैलेंट अवॉर्ड दिया गया था। 

इसके अलावा संदीप को सुर अराधना अवॉर्ड व राजस्थान संगीत नाट्य अकादमी अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया था। संदीप ने सोनी टीवी के एक शो में एक्टिंग भी की थी। सोनी टीवी के चर्चित सीरियल "वो पहली बार" में उन्होंने एक गेस्ट रोल किया था।

और शुरू हुआ संदीप का बुरा वक्त

संदीप की ज़िंदगी में हर तरफ से खुशियां ही खुशियां आ रही थी। माता-पिता संदीप पर गर्व करते थे। मां ने बड़े ही शौक से अपने लाडले बेटे के लिए एक लड़की ढूंढी और साल 2012 में संदीप की शादी बीकानेर की ही रहने वाली नम्रता नाम की एक लड़की से हो गई। 

संदीप की शादी भी बढ़िया चल रही थी। उनकी पत्नी गर्भवती थी और वो खुश थे कि अब जल्द ही उन्हें पापा कहने वाला कोई दुनिया में आने वाला है। इसी बीच संदीप की तबियत खराब हो गई।

रिश्तेदार की शादी में बिगड़ गई Sandeep Acharya की तबियत

शुरू में डॉक्टर ने बताया कि संदीप को पीलिया हो गया और घबराने की कोई बात नहीं है। वो जल्दी ही ठीक हो जाएगा। हुआ भी कुछ ऐसा ही। कुछ दिन दवाई खाने के बाद संदीप को लगा कि वो पूरी तरह ठीक हो गए हैं। 

संदीप अपने परिवार के साथ बीकानेर में ही अपने एक रिश्तेदार की शादी अटैंड करने पहुंच गए। लेकिन उस शादी के दौरान ही संदीप की तबियत अचानक से बहुत ज़्यादा खराब हो गई। संदीप के रिश्तेदार उन्हें लेकर अस्पताल की तरफ दौड़े।

मेदांता अस्पताल में संदीप को भर्ती कराया गया

अस्पताल वालों ने सलाह दी कि संदीप का इलाज दिल्ली या गुड़गांव के किसी अस्पताल में कराया जाए तो बेहतर होगा। आनन-फानन में संदीप का परिवार उन्हें लेकर गुड़गांव के मेदांता अस्पताल आ गया। डॉक्टरों ने संदीप का इलाज शुरू किया। 

कुछ देर इलाज करने के बाद डॉक्टरों ने संदीप के घरवालों को बताया कि घबराने की कोई बात नहीं है और संदीप की हालत अब स्थिर है। परिवार को लगा कि संदीप जल्द ही ठीक हो जाएगा और वो उसे अपने साथ लेकर वापस बीकानेर अपने घर चले जाएंगे।

बच ना सके Sandeep Acharya

लेकिन अगले दिन दोपहर यानि 15 दिसंबर 2013 के दिन अचानक संदीप के गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया। डॉक्टरों ने काफी कोशिश की कि संदीप की जान बचाई जा सके। लेकिन संदीप को नहीं बचाया जा सका। 

हम सब के चहीते संदीप आचार्या 15 दिसंबर 2013 को ये दुनिया छोड़कर हमेशा के लिए अनंत की यात्रा पर निकल पड़े।संदीप के परिवार वालों का रो रोकर बुरा हाल था। 

उनका ग़म ये सोचकर और भी ज़्यादा बढ़ गया था कि महज़ 20 दिन पहले ही संदीप की पत्नी ने उनकी बेटी को जन्म दिया था। कहा जाता है कि संदीप ने अपनी बेटी का चेहरा तक नहीं देखा था।

दिलों में ज़िंदा रहेंगे संदीप आचार्या

संदीप की मौत की खबर जब मीडिया में आई तो लोग सदमे में आ गए। किसी ने नहीं सोचा था कि इश्मीत सिंह की तरह संदीप आचार्या भी कामयाबी मिलने के बाद इतनी जल्दी ये दुनिया छोड़कर चले जाएंगे। इश्मीत सिंह की कहानी भी Meerut Manthan एक दिन आपको ज़रूर बताएगा। 

अपनी मासूमियत और मधुर आवाज़ से संदीप ने कम वक्त के लिए ही सही, लेकिन भारत के लोगों के दिलों पर राज किया है। Meerut Manthan संदीप आचार्या को नमन करता है और वादा करता है, कि संदीप आचार्या हमारे दिलों में हमेशा ज़िंदा रहेंगे। जय हिंद। 

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