Vrajesh Hirjee | Golmal Film का कोबरा जिसे आप अच्छी तरह से पहचानते हैं लेकिन बिल्कुल भी नहीं जानते | Biography
Vrajesh Hirjee. हो सकता है इस नाम से आप वाकिफ ना हों। लेकिन इनका चेहरा आपके लिए ज़रूर जाना-पहचाना होगा।
हिंदी सिनेमा में पिछले कई सालों से ये अपनी कॉमेडी से दर्शकों को हंसा रहे हैं। किसी किसी फिल्म में इन्होंने दर्शकों को रुलाया भी है।
ये ज़्यादातर फिल्मों में हीरो-हीरोइन के दोस्त के रोल में नज़र आते थे। लेकिन यही रोल निभाकर इन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक मजबूत पहचान बनाई।
Meerut Manthan आज Actor Vrajesh Hirjee के जीवन की कहानी आपको बताएगा। टीवी से करियर की शुरूआत करने वाले Vrajesh Hirjee का अभिनय करियर कैसे शुरू हुआ? और अब व्रिजेश हिर्जी फिल्मों से दूर क्यों हो गए? आज ये सारी कहानी हम और आप जानेंगे।
स्कूली दिनों से ही एक्टिंग करने लगे थे Vrajesh Hirjee
व्रिजेश हिर्जी का जन्म 16 जून 1971 को मुंबई में रहने वाले एक गुजराती परिवार में हुआ था। इनकी स्कूली पढ़ाई सेंट ज़ेवियर्स हाईस्कूल से हुई।
स्कूल के बाद इन्होंने एचआर कॉलेज में दाखिला लिया और वहां से इन्होंने कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया। ग्रेजुएशन पूरी करने के बाद गवर्नमेंट कॉलेज से इन्होेंने कानून की पढ़ाई की।
व्रिजेश स्कूल और कॉलेजों में होने वाले नाटकों में हिस्सा ज़रूर लेते थे। लेकिन इन्हें इस बात का अंदाज़ा ज़रा भी नहीं था कि एक दिन इनकी किस्मत इन्हें प्रोफेशनल एक्टर बना देगी।
इस तरह प्रोफेशनल एक्टिंग को लेकर गंभीर हुए Vrajesh Hirjee
लॉ की पढ़ाई के आखिरी साल में ही इन्होंने इंडियन एक्सप्रेस के मार्केटिंग डिपार्टमेंट में नौकरी करनी शुरू कर दी थी।
लगभग एक साल तक यहां नौकरी करने के बाद व्रिजेश ने एक फाइनेंशियल कंसलटेंसी में नौकरी जॉइन कर ली।
हालांकि कुछ महीनों बाद ही इन्हें अंदाज़ा हो गया कि फाइनेंस का फील्ड उनके लिए है ही नहीं। इसलिए इन्होंने लगभग आठ महीने के बाद ये नौकरी भी छोड़ दी।
फाइनेंस की अपनी वो नौकरी छोड़ने के बाद व्रिजेश ने एक एडवरटाइजिंग कंपनी में एज़ एक कॉपी एडिटर काम करना शुरू कर दिया।
और इत्तेफाक से यही वो जगह भी रही जहां से प्रोफेशनल एक्टिंग को सीरियसली लेने की प्रेरणा इन्हें मिली।
रवि बासवानी ने बदल दी ज़िंदगी
व्रिजेश नौकरी ज़रूर कर रहे थे। लेकिन वक्त मिलने पर वो थिएटर में भी काम किया करते थे। हालांकि थिएटर में इनका काम करना केवल शौकियाना ही था।
खाली वक्त में ये थिएटर कर लेते थे। दूर-दूर तक इन्होंने ये नहीं सोचा था कि एक दिन इनकी किस्मत इन्हें फिल्मी दुनिया तक खींच लाएगी।
एक दिन पृथ्वी थिएटर में ये किसी नाटक में काम कर रहे थे कि इन पर नज़र पड़ी मशहूर और मारूफ़ एक्टर रवि बासवानी की। व्रिजेश का एक्टिंग स्टाइल रवि बासवानी को बड़ा पसंद आया। रवि इनसे मिले और उन्होंने पूछा कि क्या ये फुल टाइम एक्टर बनेंगे।
इन्होंने जब आनाकानी की तो रवि बासवानी ने कहा कि पार्ट टाइम एक्टिंग करके तुम बस अपना वक्त ज़ाया कर रहे हो। तुम्हें अपनी ज़िंदगी में सिर्फ और सिर्फ एक्टिंग करनी चाहिए। और कुछ नहीं। रवि की इन बातों ने व्रिजेश के मन पर गहरा असर किया। वो एक्टिंग को गंभीरता से लेने लगे।
व्रिजेश का पहला शो कभी ब्रॉडकास्ट नहीं हुआ
रवि बासवानी ने व्रिजेश को एक टीवी शो में काम दिला दिया। 24 साल के नौजवान व्रिजेश को उस टीवी शो में एक सत्तर साल के बूढ़े डिटेक्टिव का किरदार दिया गया।
मशहूर अभिनेता मनोज पाहवा उस नाटक में इनके बेटे बने थे। लेकिन इनकी किस्मत ज़रा ख़राब रही और जिस टीवी चैनल पर वो शो ब्रॉडकास्ट होना था वो कभी भी ऑन एयर नहीं हो पाया।
इस तरह ज़िंदगी का इनका पहला प्रोफेशनल एक्टिंग प्रोजेक्ट कभी रिलीज़ नहीं हो सका और ना ही उसे कोई देख पाया।
ऐसे बदली बेरोजगार Vrajesh Hirjee की किस्मत
व्रिजेश नौकरी छोड़ चुके थे। एक्टिंग का पहला प्रोजेक्ट असफल होने के बाद अब वो पूरी तरह से बेरोजगार हो चुके थे। धीरे-धीरे उनकी जमा पूंजी खत्म होने लगी।
उनके घरवाले भी उनसे अक्सर नाराज़ रहने लगे। घरवालों को लगा कि एक्टिंग के चक्कर में उनका बेटा अपना जीवन ख़राब कर रहा है।
लगभग छह महीनों तक व्रिजेश घर पर खाली बैठे रहे। एक दिन अचानक इनके दोस्त अमित बहल इनसे मुलाकात करने इनके घर आए।
अमित बहल थिएटर के दिनों से ही इनके दोस्त थे और वो उन दिनों शांति नाम के दूरदर्शन के एक लोकप्रिय शो में काम कर रहे थे।
शांति शो के डायरेक्टर को अपने एक दूसरे शो के लिए किसी ऐसे लड़के की तलाश थी जो कद में छोटा हो। देखने में दुबला-पतला हो। लेकिन उसका सेंस ऑफ ह्यूमर गज़ब का हो।
अमित बहल ने तुरंत डायरेक्टर को व्रिजेश हिर्जी का नाम सुझाया। डायरेक्टर ने व्रिजेश को मिलने के लिए बुलाया। उसी डायरेक्टर का बुलावा देने के लिए अमित बहल उस दिन व्रिजेश के घर आए थे।
और चल निकली व्रिजेश हिर्जी की गाड़ी
अमित बहल से उस मुलाकात के बाद व्रिजेश अगले दिन डायरेक्टर के ऑफिस पहुंच गए। डायरेक्टर ने उनका ऑडिशन लिया।
और इस तरह व्रिजेश हिर्जी साल 1995 में ज़ी टीवी पर टेलिकास्ट हुए कॉमेडी शो सॉरी मेरी लॉरी में पहली दफा नज़र आए।
लगभग एक साल तक चला वो शो काफी पसंद किया गया और उस शो में व्रिजेश को गुड्डी मारूति और संजय मिश्रा जैसे मंजे हुए एक्टर्स के साथ काम करने का मौका मिला। इसी शो के बाद व्रिजेश की गाड़ी चल निकली।
ऋतिक रोशन के साथ यादगार फिल्म
टीवी की दुनिया में व्रिजेश ठीक ठाक पहचान बना चुके थे। लेकिन अभी फिल्मी पारी शुरू होने में थोड़ा वक्त था।
साल 1998 में रिलीज़ हुई "सच ए लॉन्ग जर्नी" नाम की एक इंडो कनाडियन फिल्म में पहली दफा व्रिजेश को सिल्वर स्क्रीन पर आने का मौका मिला।
इस फिल्म में व्रिजेश के किरदार का नाम सोहराब था। इस फिल्म की तो काफी चर्चा हुई थी। लेकिन व्रिजेश पर ज़्यादा लोगों का ध्यान नहीं गया।
दो साल बाद यानि साल 2000 में ये हॉरर फिल्म दहशत में दिखे। मगर इस दफा भी व्रिजेश को कोई खास कामयाबी नहीं मिल पाई।
लेकिन इसी साल रिलीज़ हुई इनकी दूसरी फिल्म ने इन्हें पूरे भारत में लोकप्रिय कर दिया। ये फिल्म थी "कहो ना प्यार है।"
इस फिल्म ने जहां ऋतिक रोशन को सुपरस्टार बनाया तो वहीं व्रिजेश हिर्जी को भी फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित कर दिया।
ऋतिक रोशन ने दिलाया था कहो ना प्यार है वाला रोल
कम लोग ही इस बात से वाकिफ हैं कि खुद ऋतिक रोशन ने व्रिजेश हिर्जी को अपनी फिल्म कहो ना प्यार है में काम दिलाया था। ये किस्सा भी बड़ा दिलचस्प है।
दरअसल, व्रिजेश हिर्जी "ऑल द बेस्ट" नाम के एक स्टेज प्ले का हिस्सा थे। लगभग दस सालों तक व्रिजेश ने वो नाटक स्टेज पर प्ले किया।
बकौल व्रिजेश,"वो नाटक बेहद मुश्किल था। उसमें महज़ चार किरदार थे। फिरोज़ खान साहब उस नाटक के प्रोड्यूसर थे। उस नाटक में मेरा किरदार बहरा था।
उस नाटक के एक या दो शो करने के बाद ही जाने कैसे मेरे गले में छाले पड़ने लगे। साथ ही रीढ़ की हड्डी के सबसे निचले हिस्से में भी परेशानी आने लगी।
परेशानियां इतनी ज़्यादा बढ़ने लगी कि उस नाटक के हर शो के बाद मेरा गला बैठ जाता और मेरी कमर में भयंकर दर्द होने लगा।
मैंने काफी इलाज कराया। लेकिन कोई भी डॉक्टर ये पता नहीं लगा पा रहा था कि आखिर मुझे बीमारी क्या हुई है। मैं अकेले में रोता था।
कमर की परेशानी तो इतनी ज़्यादा बढ़ गई थी कि जब मैं स्टेज पर शो करते थे तो अपने हाथ में हमेशा एक टायर लिए रहता था।
शो के दौरान जब मुझे बैठना होता था तो मैं ज़मीन पर ना बैठकर उस टायर पर बैठता था। कई लोगों ने मुझे सलाह दी थी कि नाटक छोड़ो और कुछ दिन अपना इलाज कराओ।
लेकिन मैं नहीं माना। मुझे पता था कि अगर अभी ये नाटक छोड़ दिया तो फिर शायद दोबारा कभी एक्टिंग करने का मौका मुझे नहीं मिलेगा।"
ऋतिक को पसंद आए Vrajesh Hirjee
इत्तेफाक से एक दिन व्रिजेश हिर्जी का वो नाटक देखने ऋतिक रोशन अपनी मम्मी के साथ आए थे। ऋतिक को इनकी परफॉरमेंस बेहद पसंद आई।
नाटक खत्म होने के बाद ऋतिक ने घर जाकर अपने पिता राकेश रोशन को इनके बारे में बताया और उनसे कहा कि फिल्म "कहो ना प्यार है" में टॉनी का रोल इस लड़के को दिया जाना चाहिए।
बेटे की बात मानते हुए राकेश रोशन ने एक दिन व्रिजेश को बुलाया और उनका ऑडिशन लिया। आखिरकार व्रिजेश को "कहो ना प्यार है" के टोनी के रोल के लिए चुन लिया गया। और हम सभी जानते हैं कि वो रोल कितना एंटरटेनिंग था।
जॉनी लीवर के भक्त हैं व्रिजेश
व्रिजेश हमेशा से ही जॉनी लीवर के बहुत बड़े फैन रहे हैं। खुद को उनका भक्त बताते हैं। व्रिजेश कहते हैं कि ये जॉनी लीवर ही थे जिन्हें देखकर उन्होंने कॉमेडी करना शुरू किया।
लेकिन जब काफी वक्त तक वो टेलिविज़न पर और फिल्मों में लगातार कॉमेडी करते जा रहे थे तो एक वक्त ऐसा भी आया जब व्रिजेश कॉमेडी से बोर होने लगे।
पैसों की खातिर ये कॉमेडी कर तो रहे थे लेकिन अपने किरदारों से ये नाखुश रहते थे। ये उदास रहने लगे।
एक दिन अपने दोस्तों के साथ ये एक रेस्टोरेंट में खाना खाने गए थे। इत्तेफाक से वहीं पर इन्हें जॉनी लीवर भी मिल गए। ये जॉनी लीवर के गले लग गए।
जब व्रिजेश पर बुरी तरह भड़के जॉनी लीवर
चूंकि अब तक ये जॉनी लीवर के साथ कुछ फिल्मों में काम कर चुके थे तो वो भी इन्हें अच्छी तरह से पहचानते थे।
बातचीत के दौरान जॉनी लीवर ने इनसे पूछा कि ये उदास क्यों हैं। तब ये जॉनी लीवर से बोले,"जॉनी भाई। मैं कॉमेडी करके बोर हो चुका हूं।
हर कोई मुझे कॉमिक रोल ही देता है। मैं और भी तरह के किरदार निभाना चाहता हूं। लेकिन मैं क्या करूं। मुझे कोई मौका ही नहीं देता।"
व्रिजेश की ये बात सुनकर जॉनी लीवर को बहुत बुरा लगा। जॉनी व्रिजेश पर बुरी तरह भड़क गए। इतनी बुरी तरह की खुद जॉनी की आंखों में आंसू आ गए।
जॉनी ने व्रिजेश को खूब डांटा। खूब भला बुरा कहा। व्रिजेश का कॉमेडी को कमतर आंकना जॉनी को ज़रा भी पसंद नहीं आया था।
कुछ देर बाद जब जॉनी लीवर का गुस्सा शांत हुआ तो वो व्रिजेश से बोले,"भगवान ने तुम्हें वो हुनर दिया है जिससे तुम दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाते हो। और तुम इस हुनर को छोड़ने की बात कहते हो। सपने में भी ऐसी बात फिर कभी मत सोचना।"
उस दिन जॉनी लीवर का दिया वो ज्ञान व्रिजेश फिर कभी नहीं भूले।
व्रिजेश हिर्जी की प्रमुख फिल्में
व्रिजेश ने अपने करियर में लगभग 40 फिल्मों में काम किया है। इनके करियर की प्रमुख फिल्मों की बात करें तो ये तुम बिन, अक्स, रहना है तेरे दिल में, कुछ तो है, मुस्कान, कृष्णा कॉटेज, फना, सलाम-ए-इश्क, गोलमाल, हे बेबी, गोलमाल रिटर्न्स, अपना सपना मनी मनी, गोलमाल थ्री, जोकर, क्रिस-3, संता बंता प्राइवेट लिमिटेड और गोलमाल अगेन जैसी फिल्मों में नज़र आए।
व्रिजेश के मशहूर टीवी शोज़
व्रिजेश कहते हैं कि अब उन्हें फिल्मों में ज़्यादा काम नहीं मिल रहा है। बात अगर छोटे पर्दे की करें तो, ये है मुंबई मेरी जान, जस्सी जैसी कोई नहीं, दम दमा दम, श्री आदि मानव, भाई भईया और ब्रदर और पार्टनर ट्रबल हो गई डबल जैसे शोज़ में इन्होंने अपनी कॉमेडी का जलवा बिखेरा।
रिएलिटी शो बिग बॉस के छठे सीज़न में भी ये नज़र आए थे। हालांकि उस सीज़न में 62वें दिन ये एलिमिनेट हो गए थे।
ऐसी है Vrajesh Hirjee की निजी ज़िंदगी
बात अगर व्रिजेश हिर्जी की निजी ज़िंदगी के बारे में करें तो इन्होंने टीवी अभिनेत्री रोहिणी बनर्जी से शादी की है।
साल 2015 में इनकी और रोहिणी बनर्जी की शादी बंगाली रीति-रिवाज के साथ हुई थी। रोहिनी और इनका एक बेटा है।
इनकी बहन पुष्टि शक्ति भी अभिनेत्री रह चुकी हैं। उन्होंने कुछ फिल्मों और टीवी शोज़ में काम किया है। हालांकि अब इनकी बहन पुष्टि शक्ति एक्टिंग पूरी तरह से छोड़ चुकी हैं।
फिर से बेरोजगार हो गए हैं व्रिजेश हिर्जी
व्रिजेश हिर्जी इन दिनों खुद को बेरोजगार कहते हैं। वो कहते हैं कि उनके पास अब अच्छे ऑफर्स नहीं आते हैं। जो कुछ ऑफर्स उनके पास आते हैं वो या तो बी-ग्रेड फिल्मों के होते हैं या फिर बकवास होते हैं।
बकौल व्रिजेश, वो अपने किरदारों के साथ समझौता कभी नहीं करेंगे। फिर चाहे उन्हें काम मिले या फिर ना मिले। मेरठ मंथन ईश्वर से प्रार्थना करता है कि इतने शानदार कॉमेडियन को बॉलीवुड यूं ही भुला ना दे और व्रिजेश को फिर से बढ़िया-बढ़िया रोल मिलें।
व्रिजेश ने हिंदी सिनेमा में जो योगदान दिया है उसके लिए मेरठ मंथन उन्हें सैल्यूट करता है। जय हिंद।
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