Sudhir | जाना-पहचाना एक Bollywood Actor जिसका अंत बड़ा दुखद साबित हुआ | Biography

Sudhir. ढेर सारी हिंदी फिल्मों में काम कर चुके इस अभिनेता को आपने भी कई फिल्मों में देखा होगा। ये कभी विलेन बने तो कभी इन्होंने शरीफ आदमी के रोल निभाए। कई दफा कॉमेडी की तो एक-दो फिल्मों में गंभीर किरदार भी इन्होंने किए। हालांकि ये बात हैरान कर देने वाली है कि ज़्यादातर फिल्मों में विलेन के रोल में नज़र आने वाले सुधीर ने करियर की शुरूआत बतौर हीरो की थी।

actor-sudhir-biography
Actor Sudhir Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan पर आज पेश है गुज़रे ज़माने के शानदार Actor Sudhir की कहानी। Sudhir का फिल्मी सफर कैसा रहा और अपनी ज़िंदगी के आखिरी दिनों में सुधीर को क्यों इतनी ज़्यादा तकलीफ उठानी पड़ी, आज यही कहानी हम आपको बताएंगे।

ये भी पढ़ें: Aruna Irani | खूबसूरत Actress के जीवन की दर्दभरी कहानी | Biography

ये थी Sudhir साहब की पहली फिल्म

सुधीर का जन्म हुआ था सन 1944 में। इनका पूरा नाम था भगवानदास मूलचंद लूथरिया। लेकिन साठ के दशक में जब ये फिल्मों में आए तो इन्होंने अपना नाम सुधीर रख लिया। 

पहली दफा ये नज़र आए थे साल 1962 में रिलीज़ हुई फिल्म प्रेम पत्र में। ये फिल्म महान निर्देशक बिमल रॉय ने बनाई थी और इस फिल्म में लीड रोल में शशि कपूर और साधना थे। सुधीर साहब फिल्म में एक कॉलेज स्टूडेंट बने थे।

इन फिल्मों में हीरो बने थे Sudhir

सुधीर साहब के करियर की दूसरी फिल्म थी चेतन आनंद की हकीकत। ये फिल्म साल 1964 में रिलीज़ हुई थी। अपनी शुरूआती दोनों फिल्मों में सुधीर सपोर्टिंग एक्टर के किरदारों में दिखे थे। 

लेकिन साल 1968 में रिलीज़ हुई फिल्म एक फूल एक भूल में ये पहली दफा बतौर हीरो नज़र आए। इस फिल्म को उस दौर के जाने-माने डायरेक्टर-प्रोड्यूसर केदार कपूर ने बनाया था। फिल्म में इनकी हीरोइन थी ज़ेब रहमान। 

इस फिल्म में मुमताज़, हेलेन, चमन पुरी, मदन पुरी, देव कुमार और केएन सिंह जैसे उस दौर के दिग्गज सितारे मौजूद थे। बतौर हीरो इनकी अगली फिल्म थी उस्ताद 420 जो कि अगले साल यानि 1969 में रिलीज़ हुई थी।

इस तरह Villain बने Sudhir

ये बात भी बड़ी खास है कि सुधीर साहब जब फिल्मों में हीरो थे तो मोहम्मद रफी और मुकेश जैसे महान गायकों ने इन्हें अपनी आवाज़ दी थी। इन पर फिल्माए गए कुछ गीत तो बड़े हिट हुए थे। 

लेकिन जल्द ही वो वक्त भी आ गया जब फिल्मों में इन्हें काम मिलना बंद हो गया। एक्टिंग से बेपनाह इश्क करने वाले सुधीर साहब को अहसास हुआ कि लोग अब उन्हें अपनी फिल्मों में हीरो का रोल नहीं देना चाहते हैं।

इसलिए सुधीर साहब ने बतौर विलेन फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। बतौर विलेन इन्होंने शान, हरे रामा हरे कृष्णा, खोटे सिक्के, मजबूर, मेरा गांव मेरा देश, धर्मात्मा और शराबी जैसी फिल्मों में काम किया था। हालांकि ये मेन विलेन नहीं बल्की मेन विलेन के खास आदमी के किरदारों में ही नज़र आते थे।

कॉमेडी करते भी आए नज़र

सुधीर साहब ने कुछ फिल्मों में कॉमेडी भी की थी। बतौर कॉमेडियन इनकी सबसे मशहूर फिल्म रही सत्ते पे सत्ता जिसमें ये अमिताभ बच्चन के भाई बने थे। अमिताभ बच्चन के साथ तो इन्होंने कई फिल्मों में काम किया था। 

दीवार, कालिया, शराबी, मजबूर, शान और लाल बादशाह जैसी फिल्मों में भी ये अमिताभ बच्चन के साथ नज़र आए थे। शाहरुख खान की फिल्म बादशाह में भी इन्होंने एक छोटा लेकिन कॉमिक किरदार निभाया था। 

वहीं दुल्हे राजा में भी इनके काम को काफी पसंद किया गया था। इस फिल्म में ये एसएसपी निसार खान के छोटे से लेकिन मज़ेदार किरदार में दिखे थे।

सुधीर की आखिरी फिल्म

इनके करियर की आखिरी फिल्मों की बात करें तो आखिरी दफा ये झूम बराबर झूम में दिखे थे जो कि एक बड़ी फिल्म थी। ये फिल्म रिलीज़ हुई थी 2007 में। हालांकि इनकी एक फिल्म 2009 में भी रिलीज़ हुई थी जिसका नाम था विक्टोरिया हाउस। सुधीर साहब ने फेमस टीवी शो सीआईडी के भी दो एपिसोड्स में काम किया था।

ये बात भी होती है

बात अगर इनकी निजी ज़िंदगी के बारे में करें तो इन्होंने कभी शादी नहीं की थी। हालांकि कई रिपोर्ट्स में ये दावा किया गया है कि इन्होंने 70 के दशक की बेहद खूबसूरत मॉडल शीला से शादी की थी और इनसे शादी करने के बाद शीला के साथ एक बेहद बुरा हादसा भी हुआ था।

इन रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि शीला सुधीर की पत्नी थी और एक रात तीन लोगों ने शीला के साथ बलात्कार किया था। हालांकि इन रिपोर्ट्स में कितनी सच्चाई है ये नहीं कहा जा सकता। क्योंकि सुधीर साहब के जानकारों ने कभी नहीं बताया कि उन्होंने कभी किसी से शादी भी की थी।

खूब पैसा कमाया था सुधीर ने

सुधीर साहब को रेस पर पैसा लगाने का बेहद शौक था और इनकी किस्मत इनका काफी साथ देती थी। इन्होंने फिल्मों और रेस से काफी पैसा कमाया था। मुंबई में इनके पास अच्छी-खासी प्रोपर्टी और बैंक बैलेंस हो गया था।

इस बात से परेशान रहते थे Sudhir

एक बात जो सुधीर को हमेशा परेशान करती थी। सुधीर अपने कई दोस्तों से कहते थे कि उन्हें नहीं मालूम कि, इतने सालों तक मेहनत से काम करने के बाद उन्होंने जो दौलत कमाई है उनके बाद उसका क्या होगा। 

अपने जीवन का ये अकेलापन उन्हें बहुत खलता था। और इसी अकेलेपन में उन्होंने हद से ज़्यादा शराब और सिगरेट पीना शुरू कर दिया। 

सिगरेट तो वो बहुत ही ज़्यादा पिया करते थे। इतनी ज़्यादा कि ज़िंदगी के आखिरी सालों में उनके फेंफड़ों ने काम करना बंद कर दिया था। वो बेहद बीमार रहने लगे थे।

दुनिया से चले गए सुधीर

सुधीर की तबियत बेहद खराब रहने लगी थी। और आखिरकार 12 मई सन 2014 को सुधीर इस दुनिया को छोड़कर हमेशा के लिए चले गए। 

मौत के वक्त उनके पास कोई नहीं था। पास रह गई थी तो बस बेशुमार दौलत और जायदाद। लेकिन एक मरे हुए इंसान के लिए ये चीज़ें भला किस काम की होती हैं।

और आखिर में

सुधीर अक्सर अपने दोस्तों से कहते थे कि दौलत से दुनिया में हर चीज़ खरीदी जा सकती है। लेकिन दौलत से कभी भी सच्चा प्यार और अपनापन नहीं खरीदा जा सकता। शानदार कलाकार Sudhir को Meerut Manthan नमन करता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Anup Jalota | Bhajan Samrat से जुड़े आठ बड़े ही रोचक और Lesser Known Facts

Purab Aur Pachhim 1970 Movie Trivia | पूरब और पश्चिम फिल्म की मेकिंग से जुड़ी 15 अनसुनी व रोचक कहानियां

Shiva Rindani | 90s की Bollywood Movies में गुंडा बनने वाले इस Actor को कितना जानते हैं आप? | Biography