Prema Narayan | Bollywood की Character Artist जिसने Miss India जीतकर धमाल मचा दिया था | Biography
Prema Narayan. हिंदी सिनेमा के 70 और 80 के दशक का वो खूबसूरत चेहरा, जिसे हर कोई प्यार करता था। मिस इंडिया बनकर इन्होंने देश-विदेश में इंडियन ब्यूटी का डंका बजाया।
जिस दौर में भारतीय फिल्मों में एक्ट्रेस अबला नारी की तौर पर स्टीरियोटाइप हो चुकी थी उस दौर में सपोर्टिंग एक्ट्रेस के किरदारों में इन्होंने जो बोल्डनेस दिखाई वो आगे चलकर कईयों के लिए प्रेरणा बनी।
![]() |
Prema Narayan with Rekha in Umrao Jaan - Photo: Twitter |
Meerut Manthan पर पेश है The one and only Prema Narayan की Biography. Prema Narayan टीचर की नौकरी छोड़कर सिनेमा में कैसे आई और इन दिनों प्रेमा नारायण कहां हैं, चलिए इनकी कहानी में इनके बारे में सब कुछ जान लेते हैं।
Prema Narayan का शुरूआती जीवन
04 अप्रैल 1955 को प्रेमा का जन्म कोलकाता में हुआ था। हालांकि कई यूट्यूब वीडियोज़ और कई बड़ी वेबसाइट्स पर कहा जाता है कि प्रेमा बंगाल के कलिंगपोंग में पैदा हुई थी।
लेकिन प्रेमा ने कनकवल्ली नाम की एक वेबसाइट को खुद ये बताया है कि उनका जन्म कोलकाता में हुआ था जो उस वक्त कलकत्ता कहलाया जाता था। प्रेमा महज़ 5 या 6 साल की थी जब इनका परिवार कलकत्ता से बॉम्बे शिफ्ट हो गया था।
मौसी अनिता गुहा से थी प्रभावित
दरअसल, प्रेमा की मौसी और एक्ट्रेस अनिता गुहा उन दिनों फिल्म इंडस्ट्री का एक चर्चित नाम हुआ करती थी। प्रेमा अपनी मौसी अनिता गुहा से बेहद प्रभावित होती थी।
अनिता अक्सर प्रेमा को अपने साथ फिल्म के सेट पर ले जाया करती थी। यही वजह है कि छोटी उम्र से ही प्रेमा को फिल्म इंडस्ट्री को काफी करीब से देखने और समझने का मौका मिलने लगा था।
छोटी उम्र से ही प्रेमा को डांस से भी खासा लगाव हो गया था। प्रेमा सात या आठ साल की रही होंगी जब इन्होंने कत्थक और भरतनाट्यम की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया था।
उस ज़माने में भारत में माइथोलॉजिकल फिल्मों का चलन काफी ज़्यादा था। जय संतोषी मां नाम की फिल्म में प्रेमा की मौसी अनिता गुहा ने संतोषी मां का रोल किया था। इस रोल के बाद वो इतनी मशहूर हो गई थी कि उनके फैंस सच में देवी की तरह उनकी पूजा करने लगते थे।
बचपन से Prema Narayan को टीचिंग पसंद थी
प्रेमा जब थोड़ी बड़ी हुई तो उन्हें पढ़ाई के लिए बोरीवली के एक बोर्डिंग स्कूल में भेजा गया। प्रेमा कहती हैं कि वैसे तो उस स्कूल को चलाने वाली नन्स बेहद सख्त होती थी।
वहां डिसिप्लिन पर बहुत ज़्यादा ध्यान दिया जाता था। इस वजह से शुरू में वो स्कूल इन्हें बेहद नापसंद था। लेकिन आगे चलकर स्कूल की इसी डिसिप्लिन वाली आदत ने उन्हें उनकी ज़िंदगी को बेहतर बनाने में काफी मदद की।
इसी स्कूल में पढ़ाई के दौरान प्रेमा का झुकाव टीचिंग की तरफ होने लगा। पढ़ाई पूरी करने के बाद प्रेमा ने जुहू में टीचर्स ट्रेनिंग कोर्स में दाखिला ले लिया। लेकिन किस्मत ने प्रेमा के लिए कुछ और ही प्लानिंग की हुई थी।
ऐसे बदलनी शुरू हुई किस्मत
प्रेमा जिस इंस्टिट्यूट में टीचर ट्रेनिंग ले रही थी वहां की इनकी कुछ सहेलियां मॉडलिंग भी किया करती थी। प्रेमा को भी मॉडलिंग काफी अट्रैक्ट करती थी।
वो भी चाहती थी कि कम से कम एक दफा तो उन्हें मॉडलिंग करके ज़रूर देखना चाहिए। लेकिन इसी दौरान उन्हें याद आया कि पचास के दशक में उनकी मौसी अनिता गुहा ने एक ब्यूटी पैजेंट में हिस्सा लिया था।
और उसी ब्यूटी पैजेंट की मदद से मौसी अनिता गुहा का फिल्मी करियर शुरू हुआ था। प्रेमा ने भी फैसला कर लिया कि वो मॉडलिंग नहीं, पहले मिस इंडिया के लिए ट्राय करेंगी।
प्रेमा ने मिस इंडिया कॉम्पिटिशन में हिस्सा लेने के लिए एप्लिकेशन भेजी और इत्तेफाक से इनकी एप्लिकेशन को ज्यूरी ने एक्सेप्ट भी कर लिया।
मिस इंडिया पहुंची Prema Narayan
उन दिनों भारत में मिस इंडिया ब्यूटी पैजेंट को फेमिना के साथ टाइम्स ऑफ इंडिया भी पार्टनरशिप में ऑर्गनाइज़ कराता था। प्रेमा ने जब इस पैजेंट में हिस्सा लिया था तब उनकी उम्र मात्र 18 साल थी।
ज़ीनत अमान और रीता फारिया मिस इंडिया विनर रह चुकी थी। प्रेमा और दूसरे कंटेस्टेंट के लिए ज़ीनत और रीता किसी रोल मॉडल से कम नहीं थी।
कॉम्पिटिशन की शुरुआत में प्रेमा किसी शर्मीली लड़की की तरह नज़र आ रही थी। लेकिन धीरे-धीरे उनका आत्मविश्वास बढ़ने लगा।
स्विम सूट राउंड से घबरा रही थी प्रेमा नारायन
बॉम्बे की एक फेमस मॉडल ने प्रेमा और बाकी कंटेस्टेंट्स को रैम्प वॉक की ट्रेनिंग दी थी। प्रेमा कहती हैं कि मिस इंडिया के स्विम सूट राउंड को लेकर वो काफी नर्वस हो रही थी।
उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि वो इतने सारे लोगों के सामने कैसे स्विमिंग कॉस्ट्यूम में बिना किसी परेशानी के आ पाएंगी। लेकिन फिर उनकी किस्मत ने उनका साथ दिया और स्विम सूट राउंड पब्लिक के सामने नहीं कराया गया।
एक हॉल में केवल जजेस के सामने स्विम सूट राउंड आयोजित कराया गया था। उसके बाद कई राउंड्स और हुए और आखिरकार प्रेमा नारायण बनी मिस इंडिया 1971.
विनर के तौर पर जब प्रेमा के नाम की घोषणा की गई तो उन्हें खुद पर यकीन नहीं हो पा रहा था। ना ही उनका परिवार इस बात पर विश्वास कर पा रहा था कि उनकी वो नन्ही सी बेटी अब मिस इंडिया बन चुकी है।
मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में भी लिया हिस्सा
मिस इंडिया टाइटल जीतने के बाद इसी साल यानि 1971 में प्रेमा मिस वर्ल्ड कंप्टिशिन में भारत का प्रतिनिधित्व करने लंदन पहुंची। ये पहली दफा था जब प्रेमा अकेले इतने लंबे सफर पर निकली थी।
लंदन पहुंचने के बाद प्रेमा को ज़िंदगी का एक अलग ही रंग देखने को मिला। वो पहली दफा किसी फाइव स्टार होटल में दस दिनों के लिए ठहरी थी।
मिस वर्ल्ड पैजेंट के ऑर्गनाइज़र्स ने प्रेमा और दूसरे कंटेस्टेंट्स के लंदन में घूमने के लिए रॉल्स रॉयस कार का इंतेज़ाम किया था। मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता के दौरान प्रेमा ने लंदन में कई चैरिटी प्रोग्राम्स में भी हिस्सा लिया।
लंदन में ही पहली दफा प्रेमा ने हाई हील्स शूज़ पहने थे। शुरू में तो उन्हें काफी तकलीफ हुई। लेकिन बाद में उन्हें इनकी आदत हो ही गई। 1971 के मिस वर्ल्ड कॉम्पिटिशन की विनर ब्राज़ील की लूसिया पीटरली थी। प्रेमा टॉप 15 में भी जगह नहीं बना पाई थी।
इस वजह से हारी थी
अपनी हार के बारे में बात करते हुए प्रेमा कहती हैं कि जजेस चाहते थे कि मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता में जितनी भी लड़कियां हिस्सा लेने आई हैं वो हर इवेंट पर अलग-अलग तरह की ड्रेस पहनें।
लेकिन प्रेमा जजेस की ये बात किन्हीं कारणों से समझ ही नहीं पाई। वो हर इवेंट पर साड़ी पहनकर पहुंच जाती थी। हर दफा प्रेमा को साड़ी पहने देखकर कई दूसरी कंटेस्टेंट उनका मज़ाक उड़ाती थी और उन्हें क्रिसमस ट्री कहती थी।
प्रेमा कहती हैं कि मिस वर्ल्ड पैजेंट में उन्होंने कई बातें सीखी। इनमें से एक बात थी कि किस तरह के इवेंट में कौन से कपड़े पहनने चाहिए।
इस दफा नहीं दोहराई गलती
मिस इंडिया कॉम्पिटिशन के कुछ महीनों बाद ही प्रेमा को ऑस्ट्रेलिया में हुए क्वीन ऑफ द पैसिफिक पैजेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला।
पहले वाली गलती प्रेमा ने इस दफा नहीं की। हालांकि जीत तो वो इस दफा भी नहीं पाई। लेकिन इस बार फर्स्ट रनर अप प्रेमा नारयण ही थी।
ऑस्ट्रेलिया में मिले उस तजुर्बे को प्रेमा अपनी ज़िंदगी के सबसे खूबसूरत तजुर्बों में से एक मानती हैं। इस दौरान घरवालों से प्रेमा को जो सपोर्ट मिला प्रेमा उसके लिए भी खुद को खुशकिस्मत मानती हैं।
ऑस्ट्रेलिया से भारत लौटने के बाद प्रेमा ने टीचर्स ट्रेनिंग का अपना कोर्स पूरा किया और एक किंडरगार्टन स्कूल में इंग्लिश टीचर की हैसियत से नौकरी करने लगी।
मॉडलिंग के ढेरों ऑफर्स आए
नौकरी करते हुए प्रेमा को अभी कुछ ही हफ्ते हुए थे और उनके पास मॉडलिंग के ढेर सारे ऑफर्स आने लगे। प्रेमा ने भी उनमें से कुछ बढ़िया ऑफर्स अक्सेप्ट किए और उनमें काम भी किया।
मॉडलिंग जगत में प्रेमा का नाम हुआ तो फिल्मों से भी इनके पास काम के ऑफर्स आने लगे। जब फिल्मों के ऑफर्स बढ़ गए तो प्रेमा ने फैसला कर लिया कि अब वो पूरी तरह से फिल्मों को टाइम देंगी और अपने फिल्मी करियर पर ही फोकस करेंगी।
Prema Narayan की पहली फिल्म
चूंकि अपनी मौसी के साथ बचपन से ही प्रेमा को फिल्म सेट्स पर जाने का मौका मिलता रहता था तो इस बात से तो वो अच्छी तरह से वाकिफ थी कि फिल्म इंडसट्री कैसे काम करती है।
प्रेमा ने सबसे पहली फिल्म साइन की महेश भट्ट की मंज़िलें और भी हैं। इस फिल्म में प्रेमा के अलावा कबीर बेदी और गुलशन अरोड़ा जैसे दिग्गज एक्टर्स भी थे। इसके बाद तो प्रेमा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
उन्होंने कई फिल्मों में काम किया। हालांकि उन्हें ज़्यादातर सपोर्टिंग एक्ट्रेस के रोल ही मिलते थे जिनमें उन्हें एक या दो गाने में डांस करना पड़ता था।
हमेशा अपने काम से खुश रही
हिंदी फिल्मों के अलावा प्रेमा ने कुछ बंगाली में भी काम किया था। इसके अलावा साउथ की कुछ फिल्मों में भी उन्होंने कुछ डांस सॉन्ग्स परफॉर्म किए थे।
प्रेमा कहती हैं कि बचपन में उन्होंने जो डांस सीखा था वो फिल्मी करियर के दौरान उनके बड़ा काम आया। साथ ही प्रेमा ये भी कहती हैं कि उन्होंने कभी भी हिरोइन बनने की कोशिश नहीं की।
वो सपोर्टिंग एक्ट्रेस के रोल्स निभाकर ही खुश थी। हिरोइन को सिर्फ रोने-धोने और हीरो संग रोमांस करने का काम करना पड़ता है। जबकि प्रेमा ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक चैलेंजिंग साइड एक्ट्रेस वाले रोल निभाए थे।
प्रेमा बताती हैं कि जब भी वो किसी फिल्म को साइन करती थी तो उससे पहले अपने रोल को बहुत अच्छी तरह से पढ़ती और समझती थी।
साथ ही फिल्म के डायरेक्टर के साथ बैठकर वो घंटों तक अपने रोल के बारे में डिस्कशन करती थी। इस टैक्निक ने प्रेमा की बड़ी मदद की थी।
इसे मानती हैं अपनी सबसे अहम फिल्म
अपने पूरे करियर में प्रेमा ने लगभग सौ फिल्मों में काम किया। कई फिल्मों में इन्होंने कैरेक्टर रोल्स किए। कभी ये सपोर्टिंग एक्ट्रेस के रोल में दिखी तो कभी-कभार उन्होंने गेस्ट रोल्स भी निभाए।
लेकिन प्रेमा के मुताबिक उनके पूरे करियर की सबसे खास फिल्म थी बरसात की एक रात, जिसमें इन्हें अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला।
इस फिल्म में वो एक गांव की लड़की बनी थी और अमिताभ के साथ इन्हें एक गाना शूट करने का मौका भी मिला था।
ये फिल्में भी हैं यादगार
प्रेमा के करियर की दूसरी सबसे अहम फिल्म थी अमानुष जो कि साल 1975 में रिलीज़ हुई थी। ये फिल्म हिंदी और बंगाली, दोनों भाषाओं में बनी थी।
प्रेमा ने इस फिल्म में इतनी शानदार एक्टिंग की थी कि उन्हें इस फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के फिल्मफेयर अवॉर्ड के लिए भी नॉमिनेट किया गया था।
अपने करियर की तीसरी सबसे खास फिल्म प्रेमा मानती हैं उमराव जान को। इस फिल्म में उन्हें रेखा के साथ स्क्रीन शेयर करने का मौका मिला था। फिल्म में एक गाने में रेखा और प्रेमा ने एक साथ डांस किया था।
फिल्मों में काम करने के फायदे
फिल्मों की शूटिंग के चलते प्रेमा को भारत और विदेशों में घूमने का खूब मौका मिला। भारत में लखनऊ, पुणे और कलकत्ता में इनकी फिल्मों की शूटिंग काफी ज़्यादा हुई।
वहीं उषा उत्थुप, मन्ना डे और महेंद्र कपूर जैसे गायकों के जब विदेश में शोज़ हुआ करते थे तो उनके ट्रुप के साथ प्रेमा भी एज़ ए डांसर विदेशों में जाती रहती थी।
उषा उत्थुप का गाया अरमान फिल्म का गाना रम्भा हो दरअसल प्रेमा नारायण पर ही फिल्माया गया था। वहीं, इसी सॉन्ग पर प्रेमा ने अफ्रीका और अमेरिका के कई देशों में परफॉर्म भी किया था।
प्रेमा कहती हैं कि यूं तो उस जम़ाने में लड़कियों को इतनी ज़्यादा छूट कोई नहीं देता था। पर चूंकि उनके परिवार वाले काफी सपोर्टिव थे तो उन्होंने अपनी जवानी के हर दिन को खुलकर जिया था।
काम के साथ साथ प्रेमा को घूमने को भी खूब मिला और इस तरह प्रेमा का ट्रैवल का शौक भी पूरा होता रहा।
Prema Narayan की निजी ज़िंदगी
प्रेमा की निजी ज़िंदगी के बारे में बात करें तो इन्होंने राजीव सिंह नाम के एक शख्स से शादी की थी। राजीव सिंह पेशे से एक वकील हैं। प्रेमा जब अपने करियर की पीक पर थी तब ही इन्होंने राजीव सिंह से शादी की थी।
बकौल प्रेमा, शादी के बाद इनके लिए फिल्मों में काम करते रहना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया था। फिल्मों में काम करने के लिए इन्हें अपनी सारी एनर्जी फिल्मों पर ही लगानी होती थी।
जबकी शादी के बाद जब इनके दो बच्चे हो गए तो इन्हें फिल्में करते रहना बड़ा ही मुश्किल लगने लगा। इसिलिए साल 1999 में फिल्म ये बस्ती है बदमाशों की में काम करने के बाद प्रेमा ने फिल्मों को पूरी तरह से अलविदा कह दिया।
प्रेमा के दोनों बेटे अब बड़े हो चुके हैं। वो अपने पति राजीव के साथ अक्सर ट्रैवल करती रहती हैं और देश-विदेश में घूमती रहती हैं।
प्रेमा कहती हैं कि उनकी उम्र के हिसाब से अगर कोई रोल उन्हें आज भी ऑफर हुआ तो वो एक बार फिर से फिल्मों में वापसी कर सकती हैं।
पर चूंकि आज की जेनेरेशन के डायरेक्टर्स के साथ उनकी जान-पहचान नहीं है तो उनके पास अब ऑफर्स नहीं आते हैं। प्रेमा कहती हैं कि वो अब भी फिल्में देखती हैं। और उन्हें आज की फिल्मों में महिलाओं के रोल पहले के मुकाबले ज़्यादा दमदार लगते हैं।
सदा स्वस्थ रहें प्रेमा नारायन
प्रेमा अब रिटायरमेंट की ज़िंदगी जी रही हैं। जहां पहले वो फिल्मों की अपनी ज़िंदगी को खुलकर जी रही थी तो अब वो अपने परिवार के साथ अपने जीवन का हर लम्हा एंजॉय कर रही हैं।
Meerut Manthan ईश्वर से प्रार्थना करता है कि प्रेमा नारायण हमेशा मस्त रहें और स्वस्थ रहें। साथ ही Meerut Manthan ये कामना भी करता है कि प्रेमा नारायण को कोई डायरेक्टर एक बढ़िया सा रोल ऑफर कर दे ताकि एक बार फिर से प्रेमा नारायण के वो फैंस उन्हें एक्टिंग करते देख सकें जो प्रेमा की खूबसूरती के कायल थे। जय हिंद।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें