Actor Snehal Dabi Biography | बॉलीवुड के इस Aaj Kapoor को भूले तो नहीं आप? जानिए इनकी पूरी कहानी

Actor Snehal Dabi Biography. हिंदी फिल्म इंडस्ट्री एक ऐसी दुनिया है जहां दबदबा तो बड़े चेहरों का है। लेकिन कई छोटे कलाकार भी इस इंडस्ट्री में हुए हैं जिन्होंने उन बड़े नामों के बड़े असर के बावजूद अपनी खुद की एक अलग पहचान बनाई है।

Meerut Manthan की कोशिश हमेशा यही रहती है कि बड़े और नामचीन फिल्म सितारों की कहानियों के अलावा हम आपको उन साइड एक्टर्स से भी रूबरू कराएं जिन्हें पहचानते और पसंद करते तो आप भी हैं। लेकिन चूंकि उनके बारे में मेनस्ट्रीम मीडिया में कभी कोई बात नहीं होती तो आप उन्हें अच्छी तरह से जानते नहीं हैं।

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Actor Sneha Dabi - Photo: Social Media

Meerut Manthan आज आपको ऐसे ही एक कलाकार यानि अभिनेता स्नेहल डाबी के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी देगा। थोड़ी बहुत इसलिए क्योंकि इनके बारे में ज़्यादा जानकारियां कहीं पर उपलब्ध नहीं है। Actor Snehal Dabi Biography.

शुरुआती जीवन (Actor Snehal Dabi Biography)

स्नेहल डाबी का जन्म 24 फरवरी सन 1977 को मुंबई में हुआ था। कुछ लोग कहते हैं कि इनका परिवार गुजरात से ताल्लुक रखता है तो कुछ लोग दावा करते हैं कि ये मूलरूप से आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। अब इन दोनों बातों में कौन सी सही और कौन सी गलत है ये हमें मालूम नहीं है। लेकिन एक चीज़ जो हमें इनके बारे में सही से मालूम हुई वो ये कि ये इंजीनियरिंग के स्टूडेंट रह चुके हैं।

मुंबई के एक प्राइवेट स्कूल से अपनी शुरूआती पढ़ाई पूरी करने के बाद इलैक्ट्रिकल इंजीनियरिंग करने के इरादे से इन्होंने B.V.I.T. CBD Belapur में दाखिला लिया था। हालांकि परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने की वजह से इन्हें बीच में ही अपनी इंजीनियरिंग छोड़नी पड़ी। 

होती हैं कई तरह की बातें

वहीं कुछ लोग कहते हैं कि स्नेहल ने पैसे की कमी की वजह से इंजीनियरिंग नहीं छोड़ी। बल्कि इन्हें फिल्मों से पैसा मिलने लगा था इसलिए इन्होंने इंजीनियरिंग छोड़ी थी। चूंकि स्नेहल के बारे में इंटरनेट पर ज़्यादा जानकारियां उपलब्ध नहीं है और ना ही उनका कोई इंटरव्यू कभी सामने आया है तो उनके बारे में एकदम सटीक जानकारियां अवेलेबल नहीं है।

कुछ लोग स्नेहल के बारे में ये भी दावा करते हैं कि इंजीनियरिंग छोड़कर इन्होंने लंदन फिल्म एकेडमी में दाखिला ले लिया था और यहां से इन्होंने स्क्रीनप्ले राइटिंग और फिल्म डायरेक्शन की पढ़ाई की थी। लंदन से वापस आने के बाद स्नेहल ने फिल्म इंडस्ट्री में कई छोटी-मोटी नौकरियां की। 

फैली है ये गलतफहमी

कुछ लोग कहते हैं कि स्नेहल की पहली फिल्म संजय दत्त की महानता है। लेकिन ये बात एकदम गलत है। स्नेहल के करियर की पहली फिल्म राम गोपाल वर्मा की सत्या है। सत्या में ये गैंगस्टर चंदर कृष्णकांत खोटे के किरदार में दिखे। यूं तो ये किरदार एक छोटा सा किरदार था। लेकिन अपनी दमदार एक्टिंग से स्नेहल ने इस किरदार में जान डाल दी थी। हर किसी को स्नेहल का सत्या फिल्म वाला ये किरदार पसंद आया था।

सत्या ने बदल दी ज़िंदगी

स्नेहल की ज़िंदगी में सत्या के चंदर खोटे का किरदार लकी चार्म बनकर आया। फिल्म इंडस्ट्री के लोगों ने स्नेहल के टैलेंट को पहचानना शुरू कर दिया। इन्हें काम मिलने लगा। फिल्मों के ऑफर्स आने लगे। हालांकि इन्हें ऑफर होने वाले ज़्यादातर रोल्स छोटे और कॉमिक रोल्स ही हुआ करते थे। 

साल 1999 में रिलीज़ हुई फिल्म मस्त एक ऐसी ही फिल्म थी जिसमें स्नेहल डाबी एक ऑटो ड्राइवर के किरदार में दिखे थे जो कि एक छोटा और कॉमिक किरदार था। इस पूरी फिल्म में स्नेहल महज़ दो या तीन सीन्स में दिखे थे। 

यादगार बन गया आज कपूर

इसके बाद स्नेहल ने हर साल दो या तीन फिल्मों में काम किया। लेकिन फिल्म इंडस्ट्री ने कभी भी इन्हें कोई तगड़ा रोल नहीं ऑफर किया। मस्त के बाद ये फिल्म हेरा-फेरी के एक सीन में दिखे। और इसी तरह ये अपने पूरे करियर में छोटे-छोटे किरदार निभाते रहे। 

हालांकि 2001 में आई फिल्म लव के लिए साला कुछ भी करेगा में इन्होंने आज कपूर का किरदार निभाया था और इस किरदार के लिए इनकी खूब सराहना भी हुई थी। आज भी ज़्यादातर सिने प्रेमी इन्हें आज कपूर के नाम से ही जानते हैं। 

इन फिल्मों में भी किया था काम

2007 में आई फिल्म एक चालीस की लास्ट लोकल में इन्होंने हबीबा नाम के एक ट्रांसजेंडर का रोल निभाया था। इस किरदार में भी इन्होंने जान फूंक दी थी। अपने अब तक के करियर में स्नेहल डाबी लगभग पचास फिल्मों में नज़र आ चुके हैं। एक और फिल्म जिनमें इनके काम की खूब तारीफ हुई थी वो थी वैलकम और उसका सीक्वेल वैलकम बैक। इस फिल्म में ये मजनू भाई के गुंडे के किरदार में दिखे थे। 

फिरोज़ नाडियाडवाला से हुआ विवाद

इसी फिल्म को लेकर कुछ दिनों पहले स्नेहल डाबी ने बयान दिया था कि वेलकम फिल्म को रिलीज़ हुई 14 साल से ज़्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन आज तक फिरोज़ नाडियाडवाला ने उनकी पेमेंट नहीं दी है। स्नेहल ने ये भी कहा था कि अगर फिरोज़ नाडियाडवाला उन्हें 10 करोड़ रुपए भी देंगे तो भी उनकी किसी फिल्म में वो काम नहीं करेंगे।

राइटिंग भी करते हैं स्नेहल डाबी

स्नेहल डाबी ने कुछ फिल्मों के लिए राइटिंग भी की है। इन्होंने ना केवल स्क्रीनप्ले राइटिंग की बल्कि डायलॉग राइटिंग भी की है। साथ ही साथ इन्होंने अपना एक खुद का प्रोडक्शन हाउस भी इस्टैब्लिश किया है जिसका नाम है द आउटस्टैंडिंग प्रोडक्शन। अपने प्रोडक्शन से इन्होंने कुछ म्यूज़िक वीडियोज़ और कुछ एडवरटाइज़मेंट प्रोड्यूस किए हैं। 

मेरठ मंथन का सैल्यूट

बेहद प्रतिभावान होने के बावजूद भी स्नेहल डाबी को फिल्म इंडस्ट्री में वो मुकाम हासिल नहीं हो पाया है जिसके ये असली हकदार हैं। लेकिन Meerut Manthan स्नेहल की प्रतिभा का पूरा सम्मान करता है और उनके योगदान के लिए उन्हें सैल्यूट करता है। हम ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि भविष्य में स्नेहल डाबी को वो मुकाम ज़रूर मिले जिसके ये असली हकदार हैं। जय हिंद।

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