10 Unheard Stories of Meena Kumari The Tragedy Queen of Bollywood | मीना कुमारी की 10 अनसुनी कहानियां

10 Unheard Stories of Meena Kumari The Tragedy Queen of Bollywood. टुकड़े टुकड़े दिन बीता, धज्जी धज्जी रात मिली। जिसका जितना आंचल था, उतनी ही सौगात मिली। ट्रेेजेडी क्वीन मीना कुमारी की ज़िंदगी पर ये पक्तियां एकदम सटीक बैठती हैं। ज़िंदगीभर प्यार के लिए तरसती रही मीना कुमारी ऊपर से जितनी खूबसूरत और खुश नज़र आती थी। भीतर से वो उतनी ही ज़्यादा टूटी और उदास थी। 

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Tragedy Queen Meena Kumari - Photo: Social Media

पैदा हुई तो पिता ने बड़ा बेरहम रवैया अपनाया। करियर के शिखर पर थी तो जिससे मुहब्बत करती थी उसने ही बेवफाई का ज़ख्म दिया। मर्दों से मिले ज़ख्म कुछ इतने गहरे थे कि खुद मीना कुमारी ने कहा था,"न हाथ थाम सके, ना पकड़ सके दामन। बड़े करीब से उठकर चला गया कोई।" 

मीना कुमारी की ज़िंदगी से जुड़े 10 अनसुने किस्से आज किस्सा टीवी आप दर्शकों संग साझा करेगा। अपनी निज़ी ज़िंदगी में कई तरह के कोहराम झेलने वाली मीना कुमारी शराब के आगोश में खुद को ले गई और आखिरकार इस दुनिया को छोड़कर भी चली गई। मीना कुमारी के चाहने वाले आज भी उन्हें याद करके उदास हो जाते हैं। 10 Unheard Stories of Meena Kumari The Tragedy Queen of Bollywood.

01- पहली किलकारी अनाथालय में गूंजी

मीना कुमारी के पिता चाहते थे कि उनके घर एक बेटा पैदा हो। लेकिन जब मीना कुमारी पैदा हुई तो वो बहुत नाराज़ हुए। बेरहम पिता ने मीना को अनाथालय छोड़ दिया। इस तरह मीना की ज़िंदगी के शुरूआती तीन-चार दिन अनाथालय में गुज़रे थे। नवजात बेटी से बिछड़ने पर मीना की मां को बहुत दुख हुआ और वो बेहद रोने लगी। पत्नी को बेहिसाब रोता देखकर आखिरकार मीना के पिता को उन्हें वापस अपने घर लाना पड़ा।

02- चाइल्ड आर्टिस्ट की हैसियत से शुरू किया था फिल्मी करियर

चूंकि मीना कुमारी के परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी तो उनके पिता ने छोटी उम्र से ही उन्हें फिल्म लाइन में डाल दिया। साल 1939 में विजय भट्ट की फिल्म लेदरफेस में मीना ने पहली दफा कैमरा फेस किया था। उस वक्त मीना की उम्र महज़ छह साल थी। मीना कुमारी का असली नाम महज़बीं था और इस फिल्म में उनके किरदार का नाम भी यही था। कहा जाता है कि मीना कुमारी ने उस दौरान कुछ थिएटर शोज़ भी किए थे जो अधिकतर धार्मिक शोज़ थे और मीना कुमारी उन शोज़ में देवी बना करती थी।

03- मीना कुमारी की वो फिल्म जो 100 हफ्तों तक थिएटर में चली

असल में इसी फिल्म से मीना कुमारी को शोहरत हासिल हुई थी। इस फिल्म का नाम था बैजू बावरा। फिल्म की कहानी इतनी शानदार थी कि दर्शक बार-बार इस फिल्म को देखने सिनेमा हॉल आ रहे थे। साल 1954 में जब पहले फिल्मफेयर अवॉर्ड्स का आयोजन किया गया तो फिल्म बैजू बावरा के लिए मीना कुमारी को भारत का पहला फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड दिया गया था।

04- सफेद रंग था मीना को बेहद पसंद

मीना कुमारी को सफेद रंग से बेहद लगाव था। यही वजह है कि फिल्मों से इतर वो जिन प्रोग्राम्स में हिस्सा लेती थी उनमें सफेद रंग की ड्रेस ही पहनती थी। मीना कुमारी उन चंद एक्ट्रेसेज़ में से एक थी जो फिल्मी पार्टियों में शरीक होना ज़रा भी पसंद नहीं करती थी। मीना कहती थी कि उन्हें फिल्मी पार्टियों में हमेशा बोरियत होती है।

05- बांया हाथ हमेशा छिपाती थी

अगर आप मीना कुमारी की फिल्मों को ध्यान से देखेंगे तो आप पाएंगे कि मीना कुमारी का बांया हाथ बहुत कम ही नज़र आता है। ऐसा इसलिए क्योंकि मीना कुमारी के बाएं हाथ की छोटी उंगली कट गई थी। यही वजह है कि मीना कुमारी जब भी किसी फिल्म की शूटिंग करती थी तो बड़ी ही सफाई से अपने बाएं हाथ को वो छिपा लिया करती थी और लोग भी इस बात को नोटिस नहीं कर पाते थे।

06- जब कमाल अमरोही की हुई मीना कुमारी

कमाल और मीना की पहली मुलाकात साल 1951 में तमाशा फिल्म के सेट पर हुई थी। कमाल की शख्सियत से मीना इतनी प्रभावित हुई की धीरे-धीरे उनके करीब होती गई और आखिरकार महज़ एक साल के भीतर ही मीना कुमारी और कमाल अमरोही ने शादी कर ली। मीना कुमारी से पहले कमाल अमरोही दो शादियां कर चुके थे। मीना कुमारी के साथ कमाल का रिश्ता 12 सालों तक चला। एक दिन किसी बात को लेकर मीना और कमाल के बीच झगड़ा हुआ और दोनों ने एक-दूसरे से हमेशा के लिए अलग होने का फैसला कर लिया।

07- मीना कुमारी की ज़िंदगी पर बनी थी फिल्म निकाह

मीना कुमारी से तलाक लेने के बाद जब कमाल अमरोही को अपनी गलती का अहसास हुआ तो उन्हें बड़ा अफसोस हुआ। वो मीना को फिर से अपनी ज़िंदगी में वापस लाना चाहते थे। लेकिन चूंकि मीना कुमारी और कमाल अमरोही, दोनों ही इस्लाम को मानते थे तो इस्लामिक कानून के मुताबिक हलाला के बाद ही मीना कुमारी दोबारा से कमाल अमरोही संग शादी कर सकती थी।

कमाल अमरोही ने ज़ीनत अमान के पिता अमानुल्लाह खान के साथ मीना कुमारी का हलाला कराया और उसके 1 महीने बाद दोबारा मीना संग शादी की। लेकिन इस सारे घटनाक्रम के दौरान मीना कुमारी बुरी तरह से टूट गई थी। मीना कुमारी ने अपनी डायरी में लिखा भी था कि धर्म के नाम पर उन्हें एक दूसरे मर्द को सौंप दिया गया। भला उनमें और एक वेश्या में क्या फर्क रह गया। इसी वाकये पर साल 1982 में बीआर चोपड़ा ने निकाह फिल्म बनाई थी।

08- धर्मेंद्र संग अफेयर के चले थे चर्चे

साल 1964 में फिल्म मैं भी लड़की हूं की शूटिंग के दौरान मीना कुमारी और धर्मेंद्र की मुलाकात हुई थी। ये वो वक्त था जब धर्मेंद्र और मीना कुमारी दोनों ही शादीशुदा थे। कहा जाता है कि शादीशुदा होने के बावजूद धर्मेंद्र की शख्सियत से मीना कुमारी काफी प्रभावित हुई थी और उनके इश्क में गिरफ्तार हो गई थी। 

कहा जाता है कि कमाल अमरोही और मीना कुमारी का तलाक धर्मेंद्र संग मीना कुमारी के अफेयर के चर्चों के चलते हुआ था। उस ज़माने के कुछ फिल्म पत्रकार कहते हैं कि धर्मेंद्र को मीना कुमारी से कोई प्यार नहीं था। धर्मेंद्र मीना कुमारी के नज़दीक इसलिए गए थे ताकि वो फिल्म इंडस्ट्री में अपने कदम जमा सकें।

09- गुलज़ार को सौंपी थी अपनी डायरी

कहा जाता है कि शायरी से मीना कुमारी को बहुत प्यार था। वो खुद भी शेर-ओ-शायरी किया करती थी। हालांकि शायरी के दौरान वो अपना नाम नाज़ लिखा करती थी। मीना के बारे में कम ही लोग ये बात जानते थे कि वो शायरी भी करती थी। लेकिन जिन्हें भी मीना के इस हुनर की जानकारी थी वो उनकी शायरी के मुरीद भी रहते थे। अपनी ज़िंदगी के आखिरी वक्त में मीना कुमारी ने अपनी शेर और शायरी वाली डायरी मशहूर गीतकार गुलज़ार को सौंप दी थी।

10-  मुमताज़ को तोहफे में दे दिया अपना बंगला

इस बात से बहुत ही कम लोग वाकिफ हैं कि मीना कुमारी ने अभिनेत्री मुमताज़ को अपना कार्टर रोड वाला बंगला तोहफे में दे दिया था। हुआ कुछ यूं था कि मीना कुमारी की एक फिल्म में मुमताज़ ने काम किया था। चूंकि उन दिनों मीना कुमारी कड़े आर्थिक संकंटों का सामना कर रही थी तो वो मुमताज़ को उनका मेहनताना नहीं दे सकी थी।

मुमताज़ का मेहनताना तीन लाख रुपए के लगभग बैठ रहा था। मुमताज़ ने कभी भी मीना कुमारी पर अपनी फीस देने का दबाव नहीं बनाया। पर मीना कुमारी को मुमताज़ की फीस की फिक्र हमेशा रहती थी। मीना कुमारी जब बीमार हो गई तो उन्होंने मुमताज़ को बुलाया और उनसे कहा, पैसे तो मेरे पास नहीं हैं लेकिन मैं कार्टर रोड का अपना बंगला तुम्हें दे रही हूं। 

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