Mumtaz Askari | हिंदी सिनेमा की अभिनेत्री जिसका सारा Bollywood दीवाना था | Hindi Biography
Mumtaz. साठ और सत्तर के दशक में हिंदी सिनेमा जगत का वो नाम जिसे हर कोई प्यार करता था। वो ख़ूबसूरत अदाकारा जिसकी स्माइल और जिसके लुक्स के लोग आज भी दीवाने हैं। जिसने कई सालों तक बॉलीवुड पर एकछत्र राज किया। मुमताज़, जिससे शादी करने का ख्व़ाब कई स्टार्स देखते थे।
और जिसकी शादी से कईयों के दिल टूटकर चकनाचूर हो गए थे। हिंदी सिनेमा में ऐसे बहुत कम ही नाम हुए हैं जिन्होंने अपनी शुरुआत एक साइड एक्ट्रेस के तौर पर की और फिर बॉलीवुड की सबसे महंगी एक्ट्रेस बन गई। ऐसा करने वालों मे मुमताज़ सबसे पहली और सबसे प्रमुख रही हैं।
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Bollywood Actress Mumtaz Hindi Biography |
Meerut Manthan पर आज पेश है हुस्न की मलिका Mumtaz की कहानी। एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में पैदा हुई Mumtaz कैसे हिंदी सिनेमा का हिस्सा बनी और फिर कैसे साइड रोल्स करते-करते मुमताज़ हिंदी सिनेमा की टॉप मोस्ट एक्ट्रेस बन गई, ये सारी कहानी मुमताज़ को समर्पित इस Article के ज़रिए आप जानेंगे।
Mumtaz का शुरूआती जीवन
मुमताज़ का जन्म भारत को आज़ादी मिलने से महज़ 16 दिन पहले यानि 31 जुलाई सन 1947 को बॉम्बे में हुआ था। इनके पिता अब्दुल समीद असकरी और मां सरदार बेग़म हबीब आग़ा ईरानी मूल के थे और सालों पहले बॉम्बे आकर बस गए थे।
बॉम्बे में इनकी मां फिल्म इंडस्ट्री में छोटे-मोटे रोल किया करती थी। वक्त गुज़रा तो मुमताज़ की बहन मलिका भी फिल्म इंडस्ट्री में आ गई और उस दौर की बी ग्रेड फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करने लगी।
चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर हुई शुरुआत
इसी बीच अचानक इनके माता-पिता तलाक लेकर अलग हो गए और मुमताज़ अपनी मां के साथ रही। परिवार पर आर्थिक मुसीबतें टूट पड़ी।
उन हालातों में नन्ही मुमताज़ को भी फिल्मों में काम करना पड़ा और सन 1952 में रिलीज़ हुई संस्कार में मुमताज़ पहली दफा बाल कलाकार के रूप में सिल्वर स्क्रीन पर दिखी।
इसके बाद यास्मीन, लाजवंती और सोने की चिड़िया जैसी फिल्मों में भी ये नज़र आई। वक्त गुज़रता गया और मुमताज़ अब फिल्मों में बाल कलाकार की जगह सपोर्टिंग रोल निभाने लगी।
वी शांताराम की स्त्री और सहरा नाम की फिल्मों में इन्होंने काम किया था। लेकिन इनका रोल इस लायक था ही नहीं कि कोई इन्हें नोटिस कर सके।
हालांकि निर्माता निर्देशक ओ.पी.रल्हन की फिल्म गहरा दाग में लोगों ने इनके काम को ज़रूर सराहा क्योंकि उस फिल्म में ये हीरो की बहन बनी थी।
60s में बदली Mumtaz की किस्मत
इसी दौरान अभिनेत्री मधुबाला के पिता अताउल्लाह ख़ान ने मुमताज़ को लीड रोल में लेकर पठान नाम की एक फिल्म बनाने का ऐलान किया। फिल्म की शूटिंग शुरू भी हुई थी।
लेकिन बाद में ये फिल्म बंद हो गई। इसके बाद कुछ और फिल्मों में इन्होंने साइड कैरेक्टर्स निभाए। लेकिन फिर साठ के दशक के मध्य में कुछ ऐसा हुआ कि मुमताज़ की ज़िंदगी पूरी तरह से बदल गई।
बनी दारा सिंह की हीरोइन
महान रेसलर और अभिनेता दारा सिंह साठ के दशक के मध्य में एक्टिंग की दुनिया में कदम रख चुके थे। वो कई बी ग्रेड फिल्मों, जिन्हें उस ज़माने में स्टंट फिल्म कहा जाता था, एज़ ए हीरो काम कर रहे थे।
लेकिन डायरेक्टर्स-प्रोड्यूसर्स के सामने परेशानी ये आ गई कि उस ज़माने की कोई भी एक्ट्रेस दारा सिंह की हीरोइन बनने को तैयार नहीं थी।
ऐसे में स्टंट फिल्म के एक डायरेक्टर ने दारा सिंह से कहा कि क्यों ना मुमताज़ को आपकी हीरोइन बना लिया जाए।दारा सिंह ने कहा कि उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी हिरोइन कौन है। उन्हें सिर्फ अपना काम ईमानदारी से करना है।
फिर शुरू हुआ दारा सिंह और मुमताज़ के साथ काम करने का सिलसिला। सन 1964 से लेकर सन 1968 तक मुमताज़ ने दारा सिंह के साथ 16 फिल्मों में काम किया और इनमें से 10 फिल्में सुपरहिट साबित हुई।
Rajesh Khanna संग हिट रही Mumtaz की जोड़ी
इसी दौरान मुमताज़ कुछ ए ग्रेड फिल्मों में सपोर्टिंग रोल्स भी करते जा रही थी। मगर मुमताज़ का बॉलीवुड पर एकछत्र राज स्थापित होना शुरू हुआ साल 1969 से, जब इन्हें फिल्म दो रास्ते में राजेश खन्ना के अपोज़िट कास्ट किया गया। दो रास्ते सुपरहिट साबित हुए।
इसी साल राजेश खन्ना के साथ मुमताज़ बंधन नाम की एक और फिल्म में नज़र आई और ये फिल्म भी ज़बरदस्त कामयाब रही।इसी फिल्म के बाद मुमताज़ बॉलीवुड की टॉप मोस्ट और हाइएस्ट पेड एक्ट्रेस बन गई। राजेश खन्ना और मुमताज़ की जोड़ी कई फिल्मों में नज़र आई और इन दोनों की लगभग हर फिल्म कामयाब रही।
और देखते ही देखते मुमताज़ ने अपने ज़माने की हर बड़ी एक्ट्रेस को पीछे छोड़ दिया। वो फिल्में जिनमें मुमताज़ छोटे से रोल में नज़र आती थी, उनमें भी वो फिल्म की मेन हीरोइन पर भारी पड़ती थी और मुमताज़ की चमक के सामने किसी भी दूसरी हिरोइन का काम नहीं चमकता था।
Mumtaz के Awards
अपने 14 साल लंबे फिल्मी करियर में मुमताज़ ने लगभग सौ फिल्मों में काम किया था। इंडस्ट्री के हर बड़े स्टार के साथ मुमताज़ ने काम किया।
इस दौरान फिल्म खिलौना के लिए इन्होंने फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड भी जीता। बंगाल फिल्म जर्नल अवॉर्ड ने इन्हें ब्रह्मचारी फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के खिताब से नवाज़ा था।
फिल्मफेयर ने ही सन 1996 में फिल्म इंडस्ट्री में इनके योगदान के लिए इन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देकर भी सम्मानित किया था। दूसरी तरफ आइफा ने भी इन्हें 2008 में ओनोररी अवॉर्ड से सम्मानित किया था।
Shammi Kapoor भी Mumtaz के दीवाने थे
मुमताज़ की खूबसूरती का आलम ये था कि विदेशी मीडिया भी उन्हें एशियन मर्लिन मुनरो कहता था। मुमताज़ के दौर के कई बड़े स्टार्स उनसे शादी करना चाहते थे। इनमें सबसे प्रमुख नाम है शम्मी कपूर।
शम्मी कपूर से शादी करने को तो मुमताज़ भी तैयार थी। लेकिन चूंकि शम्मी कपूर ने मुमताज़ के सामने शर्त रख दी थी कि शादी के बाद उन्हें फिल्म इंडस्ट्री छोड़नी पड़ेंगी तो मुमताज़ ने उनसे शादी करने से इन्कार कर दिया।
Mayur Wadhwani से की मुमताज़ ने शादी
साल 1974 में मुमताज़ ने लंदन में रहने वाले भारतीय मूल के बिजनेसमैन मयूर वाधवानी से शादी कर ली। इसके बाद साल 1976 तक मुमताज़ ने अपनी फिल्मों की शूटिंग पूरी की और फिर अपने पति मयूर वाधवानी के साथ मुमताज़ लंदन शिफ्ट हो गई।
मुमताज़ की दो बेटियां हैं, नताशा और तान्या। इनकी बेटी नताशा की शादी इनके को-स्टार और एक दौर में इनके लव इंटरेस्ट कहे जाने वाले फिरोज़ ख़ान के बेटे एक्टर फरदीन ख़ान से हुई है। जबकी इनकी बेटी तान्या की शादी एक ब्रिटिश से हुई है।
Dara Singh संग Affair की उड़ी थी अफवाह
यहां एक रोचक बात और है जो आपको बता देते हैं। दरअसल, मुमताज़ जिन दिनों दारा सिंह के साथ एक के बाद एक फिल्में साइन करती जा रही थी तो उन दिनों मीडिया में खबरें चली कि मुमताज़ और दारा सिंह का अफेयर चल रहा है।खुद मुमताज़ ने भी ऐसा ही इशारा दिया था।
लेकिन किन्हीं कारणों से मुमताज़ और दारा सिंह एक नहीं हो सके। मगर किस्मत का खेल देखिए। मुमताज़ की बड़ी बहन मलिका ने दारा सिंह के छोटे भाई रंधावा से शादी कर ली। और आखिरकार मुमताज़ और दारा सिंह के बीच रिश्तेदारी हो ही गई।
कमबैक की कोशिश हुई नाकाम
साल 1990 में मुमताज़ ने फिल्म आंधियां के ज़रिए बॉलीवुड में कमबैक करने की कोशिश की थी। लेकिन ये फिल्म फ्लॉप हो गई और मुमताज़ की दूसरी पारी शुरू होते ही खत्म भी हो गई।
मुमताज अब 74 साल की हो चुकी हैं और अपने परिवार के साथ लंदन में रहती हैं। सपोर्टिंग एक्ट्रेस के तौर पर करियर शुरू करने वाली मुमताज़ ने अपनी मेहनत के दम पर बॉलीवुड में अपना वो मुकाम बनाया था जिसका ख्वाब हर एक्ट्रेस देखती है।
मुमताज़ की जगह लेने वाली कोई और एक्ट्रेस बॉलीवुड में कभी नहीं आई और ना ही कभी आएगी। Meerut Manthan मुमताज़ की अच्छी सेहत की कामना करते हुए उन्हें सैल्यूट करता है। जय हिंद।
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