Mr India 1987 Trivia | मिस्टर इंडिया फिल्म के मज़ेदार और रोचक 20 Unknown Facts
Mr India 1987 Trivia. दोस्तों 25 मई साल 1987 में आई फिल्म मिस्टर इंडिया आपने भी ज़रूर देखी होगी। ये फिल्म डायरेक्ट की थी शेखर कपूर ने और फिल्म के प्रोड्यूसर थे बोनी कपूर और सुरिंदर कपूर। 3 करोड़ 80 लाख रुपए में बनकर तैयार हुई इस फिल्म ने 10 करोड़ रुपए की कमाई की थी और IMDB पर फिल्म को 10 में से 7.7 रेटिंग दी गई है। फिल्म में अनिल कपूर, श्रीदेवी, अमरीश पुरी, अशोक कुमार और ढेर सारे चाइल्ड आर्टिस्ट नज़र आए थे।
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Mr India 1987 Trivia 20 Unknown Facts - Photo: Social Media |
Meerut Manthan आज मिस्टर इंडिया फिल्म और इसकी मेकिंग से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताएगा। सिनेमा के हर शौकीन को मिस्टर इंडिया के ये फैक्ट्स ज़रूर पसंद आएंगे। तो चलिए, आज का ये सफर शुरू करते हैं। Mr India 1987 Trivia.
पहली कहानी
फिल्म के एक सीन में प्रोफेसर सिन्हा यानि अशोक कुमार क्लास में स्टूडेंट्स से बात कर रहे हैं। इसी सीन में पीछे ब्लैक बोर्ड पर कुछ फॉर्मुले लिखे हैं जो कि मैथ्स और कैमिस्ट्री के फॉर्मुले हैं। अगर आप ध्यान से देखेंगे तो ब्लैक बोर्ड पर ही एक कोने में लिखा है बोनीज़ लॉ ऑफ टाइम स्पेस कोन्टिनम। साइंस में ऐसा कोई लॉ नहीं है। चूंकि बोनी कपूर फिल्म के प्रोड्यूसर थे तो उन्होंने यूं ही अपना नाम लिख दिया था।
दूसरी कहानी
फिल्म में मिस्टर इंडिया वाला रोल अमिताभ बच्चन को ऑफर किया गया था। लेकिन चूंकि उन दिनों अमिताभ पॉलिटिक्स में आ गए थे तो उन्होंने ये रोल करने से मना कर दिया। इतना ही नहीं, मोगैम्बो का रोल भी अनुपम खेर को ऑफर किया था। अनुपम लगभग मान भी गए थे।
लेकिन बाद में डायरेक्टर शेखर कपूर ने अनुपम को इसलिए फिल्म में नहीं लिया क्योंकि वो चाहते थे कि मोगैम्बो दिखने में डरावना होना चाहिए। और अनुपम खेर की तुलना में अमरीश पुरी इस रोल के लिए उन्हें ज़्यादा सही लगे।
तीसरी कहानी
साल 1957 में नानाभाई भट्ट ने एक फिल्म बनाई थी जिसका नाम था मिस्टर एक्स। इस फिल्म में लीड रोल यानि मिस्टर एक्स का रोल दादामुनि अशोक कुमार ने निभाया था। उस फिल्म में मिस्टर एक्स का किरदार एक अदृश्य इंसान था।
मिस्टर एक्स भारत में बनी पहली ऐसी फिल्म थी जो अदृश्य व्यक्ति की थीम पर बनी थी। कमाल की बात ये है कि अशोक कुमार ने अदृश्य व्यक्ति की थीम पर साल 1987 में आई मिस्टर इंडिया में भी काम किया। उनके किरदार का नाम था प्रोफेसर सिन्हा।
चौथी कहानी
मिस्टर इंडिया सलीम जावेद की शानदार जोड़ी की लिखी आखिरी फिल्म थी। यूं तो ये जोड़ी साल 1980 में ही टूट चुकी थी। लेकिन इस फिल्म की कहानी लिखने के लिए एक बार फिर सलीम खान और जावेद अख्तर साथ आए थे। इसके बाद फिर कभी इन दोनों ने साथ मिलकर कोई कहानी नहीं लिखी।
पांचवी कहानी
सलीम जावेद ने ये फिल्म अमिताभ बच्चन को ध्यान में रखकर ही लिखी थी। लेकिन चूंकि अमिताभ बच्चन ने ये फिल्म ठुकरा दी थी तो प्रोड्यूसर बोनी कपूर ने अपने भाई अनिल कपूर को फिल्म में लीड रोल दिला दिया। सलीम जावेद चाहते थे कि फिल्म को रमेश सिप्पी डायरेक्ट करें।
लेकिन अपनी फिल्म शान के फ्लॉप होने से रमेश सिप्पी काफी निराश थे और अब किसी और बड़े बजट की फिल्म डायरेक्ट नहीं करना चाहते थे। रमेश सिप्पी ने मिस्टर इंडिया की स्क्रिप्ट पढ़ी थी और उन्हें अंदाज़ा हो गया था कि मिस्टर इंडिया बड़े बजट की फिल्म होगी।
छठी कहानी
बोनी कपूर इस फिल्म से एज़ ए प्रोड्यूसर काफी बाद में जुड़े थे। अमिताभ बच्चन के ठुकराने के बाद शेखर कपूर ने ये फिल्म कमल हासन को ऑफर की थी। कमल हासन ने भी इस फिल्म में काम करने में दिलचस्पी दिखाई थी। लेकिन इसी दौरान कमल हासन को चोट लग गई और वो इस फिल्म से दूर हो गए।
तभी बोनी कपूर इस फिल्म से बतौर प्रोड्यूसर जुड़े और उन्होंने अनिल कपूर को फिल्म में लीड रोल दिलाया। हालांकि बोनी कपूर की पहली पसंद राजेश खन्ना थे। लेकिन राजेश खन्ना को इस फिल्म की कहानी पसंद नहीं आई और उन्होंने ये फिल्म करने से मना कर दिया।
सातवीं कहानी
कई दफा मिस्टर इंडिया का सीक्वेल बनाने की बात कही गई है। साल 2008 में तो बोनी कपूर ने खुद मिस्टर इंडिया 2 बनाने का ऐलान किया था। उन्होंने बताया था कि इस फिल्म की कहानी पहली फिल्म से 23 साल आगे बढ़ेगी और उस फिल्म में एक आतंकवादी गायब होने का वो फॉर्मुला हथियाना चाहेगा।
बताया गया था कि सलमान खान इस फिल्म में आतंकवादी का किरदार निभा सकते हैं। जबकी श्रीदेवी और अनिल कपूर ही पार्ट टू में भी लीड रोल में नज़र आ सकते हैं। लेकिन मिस्टर इंडिया का ये सीक्वेल कभी बन ही नहीं पाया।
आठवीं कहानी
अगर आपने मिस्टर इंडिया को बड़ी गौर से देखा होगा तो आपने पाया होगा कि पूरी फिल्म में अनिल कपूर एक ही कपड़ों और हैट में नज़र आए हैं। फिल्मों के इतिहास में ऐसा बहुत ही कम हुआ है जब लीड एक्टर ने एक जोड़ी कपड़ों में पूरी फिल्म निकाल दी हो।
नौंवी कहानी
फिल्म में हवा हवाई सॉन्ग के बाद डागा और तेजा मिस हवा हवाई को पकड़ लेते हैं और उसे ज़ंजीरों में बांधकर इंटैरोगेट करते हैं। उसी सीन में इनविज़िबल मिस्टर इंडिया पहली दफा सामने आता है। सीन में जब डागा अदृश्य मिस्टर इंडिया को मारने के लिए यूं ही हवा में गोलियां चला लेता है तो वो अपनी पिस्तौल से चार गोलियां फायर कर चुका होता है।
इसके बाद मिस्टर इंडिया थप्पड़ मारकर उससे पिस्तौल छीन लेता है और मिस हवा हवाई की जंजीर तोड़ने के लिए दो गोलियां चलाता है। यहां पर पिस्तौल पूरी तरह खाली हो चुकी होती है। लेकिन बाकी विलेन उस पिस्तौल को देखकर इस तरह डर रहे होते हैं जैसे उसमें अभी भी गोलियां हैं।
दसवीं कहानी
मिस्टर इंडिया की शूटिंग शुरू होने से पहले आमिर खान ने शेखर कपूर से रिक्वेस्ट की थी कि शेखर इस फिल्म के लिए उन्हें अपना असिस्टेंट डायरेक्टर बना लें। लेकिन उस वक्त सतीश कौशिक ने शेखर कपूर से आमिर को असिस्टेंट डायरेक्टर बनाने के लिए मना कर दिया था।
दरअसल, सतीश कौशिक इस फिल्म में एक्टिंग करने के साथ-साथ शेखर कपूर के असिस्टेंट डायरेक्टर भी थे। र वो नहीं चाहते थे कि उनका साथी असिस्टेंट डायरेक्टर इतना अमीर हो कि वो रोज़ अलग-अलग कारों से आए।
सतीश कौशिक ने रूप की रानी चोरों का राजा और प्रेम नाम की दो अधूरी फिल्में भी कंप्लीट की थी जो कि उनके गुरू शेखर कपूर ने बीच में ही छोड़ दी थी।
11वीं कहानी
फिल्म में सतीश कौशिक के किरदार का नाम कैलेंडर था। कैलेंडर का ये किरदार साल 1984 में पाकिस्तान के पॉप्युलर ड्रामा आंगन टेढ़ा के नौकर से प्रेरित था जिसे पाकिस्तानी एक्टर सलीम नासिर ने निभाया था।
12वीं कहानी
साल 1986 में जब कलकत्ता में होप 86 नाम का एक बॉलीवुड प्रोग्राम हुआ था तो उसमें श्रीदेवी ने हवा हवाई सॉन्ग पर परफॉर्म किया था। उस वक्त नशे में धुत्त धर्मेंद्र स्टेज पर आए और उन्होंने श्रीदेवी के हाथ से माइक छीन लिया और सबके सामने कहा कि हवा हवाई सॉन्ग साल 1966 में आई उनकी फिल्म फूल और पत्थर के सॉन्ग प्यार करना सीख ले की कॉपी है।
जबकी सच ये है कि प्यार करना सीख ले खुद भी एक अमेरिकी आर्टिस्ट के फेमस सॉन्ग ब्राज़िलियन लव सॉन्ग की कॉपी है। इस वक्त तक मिस्टर इंडिया फिल्म रिलीज़ नहीं हुई थी। धर्मेंद्र इस बात पर नाराज़ थे कि एक चैरिटी प्रोग्राम में बोनी कपूर अपनी फिल्म मिस्टर इंडिया का प्रमोशन करने में लगे हैं।
दरअसल, होप 86 नाम का वो प्रोग्राम फिल्म इंडस्ट्री के ग़रीब टैक्निशियन्स के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए आयोजित कराया गया था। और उस प्रोग्राम में कई मशहूर हस्तियों ने शिरकत की थी।
13वीं कहानी
फिल्म का वो सीन जिसमें श्रीदेवी और अनिल कपूर कोक्रोच को देखकर डर जाते हैं, उससे भी एक बड़ी ही रोचक कहानी जुड़ी है। शेखर कपूर ने उस सीन के लिए कोक्रोच का इंतज़ाम तो कर लिया। लेकिन समस्या ये थी कि शेखर कपूर उस कोक्रोच पर जैसा सीन शूट करना चाहते थे वैसा शॉट उन्हें नहीं मिल पा रहा था।
वो चाहते थे कि क्रोक्रोच एक जगह रुका रहे और ऐसा लगे जैसे वो श्रीदेवी और अनिल कपूर को ही देख रहा है। लेकिन जब भी कैमरा रोल होता वो कोक्रोच भी चलने लगता था।
काफी देर तक कोशिश करने के बाद आखिरकार शेखर कपूर को एक तरकीब सूझी।उन्होंने अपनी फेवरिट रम मंगाई और कोक्रोच के चारों तरफ छिड़क दी। अब कोक्रोच उस रम की महक से एक ही जगह काफी देर तक खड़ा रहा और शेखर कपूर को वो शॉट मिल ही गया जो वो चाहते थे।
14वीं कहानी
फिल्म का सॉन्ग "काटे नहीं कटते ये दिन ये रात" में श्रीदेवी के लुक की बड़ी चर्चा हुई थी। उस लुक में श्रीदेवी बेहद खूबसूरत नज़र आ रही थी। शेखर कपूर ने श्रीदेवी के इस लुक को उनकी ही एक और फिल्म जांबाज़ में उन्हीं पर फिल्माए सॉन्ग "हर किसी को नहीं मिलता यहां प्यार ज़िंदगी में" से कॉपी किया था।
इस फिल्म के बाद कई लोगों ने तो श्रीदेवी को मिस इंडिया कहना भी शुरू कर दिया था। हालांकि ये बात बहुत ही कम लोग जानते हैं कि इस गाने के शूट के दौरान श्रीदेवी को तेज़ बुखार भी था। लेकिन उन्होंने फिर भी ये गाना शूट किया था। इससे पता चलता है कि श्रीदेवी अपने काम से कितनी मुहब्बत किया करती थी।
15वीं कहानी
फिल्म में अमरीश पुरी का डायलॉग मोगैम्बो खुश हुआ लैंडमार्क बन गया। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि शुरू में डायरेक्टर शेखर कपूर को ये डायलॉग पसंद ही नहीं आया था और वो इसे फिल्म में नहीं रखना चाहते थे। मगर जावेद अख्तर ने शेखर से कहा कि ये डायलॉग इतना पॉप्युलर होगा कि बच्चे-बच्चे की ज़ुबान पर आ जाएगा।
और अगर किसी मैच में कपिल देव सिक्सर लगाएगा तो लोग बोलेंगे कि मोगैम्बो खुश हुआ। जावेद की बात मानते हुए शेखर ने इस डायलॉग को फिल्म में जगह दे ही दी। फिल्म रिलीज़ हुई और मोगैम्बो का ये डायलॉग वाकई में हर तरफ छा गया। और कमाल तो उस वक्त हो गया जब शेखर कपूर वाकई में टीम इंडिया का एक क्रिकेट मैच देखने पहुंचे। उस मैच में जब कपिल देव ने सिक्सर लगाया तो एक दर्शक ने मोगैम्बो खुश हुआ लिखा बैनर लहरा दिया।
16वीं कहानी
फिल्म में ढेर सारे चाइल्ड आर्टिस्ट हमें नज़र आए थे। आगे चलकर इन सभी चाइल्ड आर्टिस्ट में से कुल दो ही फिल्म इंडस्ट्री में टिक पाए थे। एक थे एक्टर आफताब शिवदासानी और दूसरे थे कोरियोग्राफर अहमद खान।
17वीं कहानी
साल 1961 में फिल्ममेकर जीपी सिप्पी ने मिस्टर इंडिया नाम से एक फिल्म बनाई थी जिसमें आई एस जौहर और गीता बाली मुख्य भूमिकाओं में थे। शेखर कपूर ने जब ये वाली मिस्टर इंडिया बनाई तो उन्होंने ये फिल्म गीता बाली को डैडिकेट की। फिल्म की शुरुआत में हमें गीता बाली की तस्वीर नज़र भी आती है।
18वीं कहानी
यूं तो इस फिल्म की रिलीज़ के वक्त श्रीदेवी हिंदी सिनेमा की उस दौर की सबसे ज़्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस थी। लेकिन इस फिल्म के लिए श्रीदेवी को उनकी रेगुलर फीस से ज़्यादा पैसा दिया गया था।मिस्टर इंडिया के लिए श्रीदेवी को 11 लाख रुपए की धनराशि दी गई थी। और जिस वक्त मिस्टर इंडिया रिलीज़ हुई थी उस वक्त ये एक बहुत बड़ी रकम थी।
19वीं कहानी
साल 2019 में सिंगापुर स्थित मैडम तुसाद म्यूज़ियम में श्रीदेवी का एक मोम का पुतला लगाया गया था। हवा हवाई सॉन्ग में श्रीदेवी के लुक वाला ही ये पुतला बनाया गया था।
20वीं कहानी
फिल्म को कामयाबी मिलने के बाद बोनी कपूर ने फिल्म की सक्सेस पार्टी रखी थी। इस पार्टी में वो फिल्म के क्र्यू को ट्रॉफी दे रहे थे। किन्हीं वजहों से सलीम खान इस पार्टी में शरीक नहीं हो पाए थे।उन्होंने अपनी जगह अपने बेटे सलमान खान को भेज दिया था। बात जब लेखक की आई तो अवॉर्ड अनाउंसर अनुपम खेर ने सलीम खान का नाम लिया ही नहीं।
उन्होंने जावेद अख्तर का ही नाम लिया और जावेद अख्तर अकेले ही ट्रॉफी लेने पहुंच गए। ये देखकर सलमान खान बहुत नाराज़ हुए। वो तुरंत पार्टी छोड़कर चले गए। बाद में एक इंटरव्यू में बोनी कपूर ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए बताया था कि वो अनुपम खेर को सलीम खान का नाम बताना भूल गए थे।
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