Drishyam Actor Kamlesh Sawant Hindi Biography | Inspector Gaitonde of Drishyam Movie | अभिनेता कमलेश सावंत की बायोग्राफी
Drishyam Actor Kamlesh Sawant Hindi Biography. अजय देवगन की दृश्यम लोगों को बहुत पसंद आई थी। फिल्म की कहानी में जो सस्पेंस और ड्रामा दर्शकों ने देखा वो उनके दिलों दिमाग पर छा गया। और साथ ही छा गए दृश्यम के कुछ किरदार भी। जिनमें से एक के बारे आज हम और आप काफी कुछ जानेंगे।
इनका नाम है कमलेश सावंत और दृश्यम में आपने इन्हें इंस्पैक्टर गायतोंडे के रोल में देखा था। जी हां, वही गायतोंडे जो एक नंबर का रिश्वतखोर है। कमीशनखोर है। और विजय सालगांवकर से रंजिश रखता है।
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Drishyam Actor Kamlesh Sawant Hindi Biography - Photo: Social Media |
ये गायतोंडे ही था जिसकी मदद से आईजी मीरा देशमुख विजय के बनाए चक्रव्यूह में घुसने में कामयाब रही थी। हालांकि विजय का चक्रव्यूह भेद कोई नहीं पाया और बेचारे गायतोंडे को आखिर में पब्लिक के हाथों बड़ी मार खानी पड़ी थी। Actor Kamlesh Sawant Biography.
शुरुआती जीवन
कमलेश सावंत का जन्म हुआ था 12 जून 1974 को मुंबई के कालाचौकी इलाके में। इनके पिता तुकाराम विट्ठल सावंत रेलवे में जॉब करते थे और साथ ही स्पोर्ट्स सेक्रेटरी भी थे। तुकाराम विट्ठल सावंत कसरत भी किया करते थे। इनकी मां सत्यवती तुकाराम सावंत एक हाउसवाइफ थी। पांच भाई-बहनों में कमलेश सावंत सबसे छोटे थे। इनसे अलग इनकी तीन बहनें व एक बड़े भाई हैं।
बचपन में ही Kamlesh Sawant को एक्टिंग का शौक लग गया था
कमलेश जिस चॉल में रहा करते थे वहां अक्सर त्यौहारों के वक्त सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आजोयन किया जाता था। बचपन से ही कमलेश को भी इन कार्यक्रमों में परफॉर्म करने का शौक लग गया और ये अक्सर मिमिक्री किया करते थे।
जबकी कई दफा ये नाटकों में भी हिस्सा लिया करते थे। छोटी उम्र से ही कमलेश सावंत को नाटकों का इतना शौक लग गया था कि ये पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ ही नाटक भी करने लगे थे।
पिता ने दिया साथ
नाटकों के प्रति इनके लगाव और इनकी प्रतिभा को देखकर इनके पिता श्री तुकाराम विट्ठल ने उस ज़माने के नामी मराठी नाटककर विजय खानविलकर को इन्हें सौंप दिया। इनके पिता और विजय खानविलकर अच्छे दोस्त भी हुआ करते थे।
उन दिनों विजय खानविलकर महाराष्ट्र कामगार कल्याण केंद्र साने गुरूजी नाम की एक नाट्य संस्था के अंतर्गत नाटक किया करते थे। उन्हीं साथ रहकर कमलेश सावंत को नाटकों से जुड़ी कई अहम बातें सीखने को मिली। उनके साथ कमलेश सावंत फुलटाइम नाटक करने लगे।
इस नाटक से कमलेश सावंत को मिली पहचान
थिएटर में कमलेश सावंत को बड़ी पहचान मिली हनम्याची मरि आई नाम के एक नाटक से। पहले उस नाटक में इन्हें बबन्या नाम का एक दूसरा कैरेक्टर मिला था। लेकिन चूंकि कमलेश उस नाटक में विजय खानविलकर के असिस्टेंट भी थे तो वो कास्टिंग भी देख रहे थे।
उस नाटक में जगल्या महाराज नाम का एक कैरेक्टर था जो कि विलेन था। जगल्या महाराज को संस्कृत में कुछ डायलॉग बोलने थे। और कोई भी ऐसा एक्टर नहीं मिल पा रहा था जो जगल्या महाराज के संस्कृत के वो डायलॉग सही से बोल पाता।
और मिल गया बड़ा ब्रेक
जगल्या महाराज के कैरेक्टर के लिए कमलेश कई सारे एक्टर्स का टेस्ट ले चुके थे। एक्टर्स को बार-बार जगल्या महाराज के डायलॉग की प्रैक्टिस कराते-कराते कमलेश को भी वो सभी डायलॉग याद हो गए।
और चूंकि कमलेश ने स्कूल में संस्कृत की पढ़ाई की थी तो जगल्या महाराज के संस्कृत के डायलॉग भी वो एकदम सटीक अंदाज़ में बोल रहे थे।
ये बात जब विजय खानविलकर जी को पता चली तो उन्होंने फैसला कर लिया कि अब जगल्या महाराज का कैरेक्टर कमलेश सावंत से ही कराया जाएगा। और इस तरह कमलेश सावंत को थिएटर में पहला बड़ा ब्रेक मिला था।
जब पहली दफा कैमरा किया फेस
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस नाटक ने स्टेट लेवल पर हुए नाटक कॉम्पिटीशन में पहला स्थान प्राप्त किया था। आगे चलकर इस नाटक पर श्रद्धा नाम से एक टीवी नाटक भी बनाया गया था जो उन दिनों महाराष्ट्र में बहुत पॉप्युलर हुआ था।
इस नाटक से ही पहली दफा नामी एक्टर सयाजी शिंदे ने अपना टीवी करियर शुरू किया था। और यही वो नाटक भी था जिसमें पहली दफा कमलेश सावंत ने भी कैमरा फेस किया था।
धीरे-धीरे मास्टर बन गए Kamlesh Sawant
इसके बाद तो कमलेश सावंत ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। इन्होंने कई बड़े नाटकों में हिस्सा लिया और साथ ही साथ विजय खानविलकर के असिस्टेंट के तौर पर काम भी करते रहे। विजय खानविलकर की फिल्म लालबाग का राजा में कमलेश सावंत चीफ असिस्टेंट थे। और इस दौरान फिल्म मेकिंग की काफी टैक्निकल नॉलेज इन्हें हो गई थी। अगले 9 सालों में कमलेश सावंत ने 9 बड़े नाटकों में काम किया।
ऐसे शुरू हुआ प्रोफेशनल एक्टिंग करियर
बात अगर कमलेश सावंत के प्रोफेशनल एक्टिंग करियर की करें तो सबसे पहले इन्होंने गुब्बारे नाम के टीवी शो में एक छोटा सा रोल निभाया था जो रेलवे पुलिस का कर्मचारी था। उस रोल में इन्हें सिर्फ एक लाइन का डायलॉग बोलना था।
उस सीरियल को मुकुल अभ्यंकर डायरेक्ट कर रहे थे। मुकुल अभ्यंकर को कमलेश सावंत का एक्टिंग करने का अंदाज़ काफी पसंद आया। गुब्बारे शो के बाद कमलेश सावंत को ज़ी टीवी की पॉप्युलर सीरीज़ Thirller At 10 के कुछ एपिसोड्स में काम करने का मौका मिला।
उसमें भी इन्होंने एक सब इंस्पेक्टर का किरदार जिया था। इसके बाद सोनी टीवी के शो अचानक 37 साल बाद में भी ये एक पुलिस वाले बने। इनके किरदार का नाम था इंस्पैक्टर वंशी।
खाकी बनी करियर की पहली फिल्म
अचानक 37 साल बाद नाम की उस टीवी सीरीज़ के बाद ही इन पर नज़र पड़ी दिग्गज लेखक श्रीधर राघवन की, जो उन दिनों खाकी फिल्म लिख रहे थे। कमलेश सावंत की एक्टिंग श्रीधर राघवन को इतनी पसंद आई कि उन्होंने कमलेश सावंत के लिए खाकी फिल्म में अलग से एक रोल लिख दिया।
इस तरह कमलेश सावंत के करियर की पहली फिल्म बनी साल 2004 में रिलीज़ हुई खाकी। और खाकी में कमलेश सावंत के किरदार का नाम भी कॉन्सटेबल कमलेश सावंत ही था।
इन फिल्मों में भी किया था काम
यहां ये गौर करने वाली बात है कि इस वक्त तक कमलेश सावंत मराठी थिएटर का बड़ा नाम बन चुके थे। लेकिन उनके फिल्मी करियर की शुरुआत खाकी से हुई थी जो कि एक हिंदी फिल्म थी। कमलेश सावंत के करियर की दूसरी फिल्म थी 2004 में आई दीवार।
इस फिल्म में इनके किरदार का नाम नायर था। इनके करियर की तीसरी फिल्म थी साल 2006 की फैमिली, टाइज़ ऑफ ब्लड। इस तरह करियर की शुरुआत में ही कमलेश सावंत को बैक टू बैक 3 फिल्मों में स्टार ऑफ द मिलेनियम अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला।
प्रमुख फिल्में
साल 2008 में निशिकांत कामत की फिल्म मुंबई मेरी जान में ये पुलिस स्टेशन इन-चार्ज के किरदार में दिखे। कमलेश सावंत के करियर की पहली मराठी फिल्म थी साल 2005 में आई देसरुढ एक परंपरा।
कमलेश सावंत अब तक राइट या रॉन्ग, फोर्स, चक्रधर, कल किसने देखा, भूतनाथ रिटर्न्स, डोंगरी का राजा, मेरे देश की धरती, और कोई जाने ना जैसी फिल्मों में नज़र आ चुके हैं।
दृश्यम ने दुनिया में मशहूर कर दिया
कमलेश सावंत के अब तक के करियर की सबसे शानदार फिल्म रही है 2015 में आई अजय देवगन की दृश्यम, जिसमें ये इंस्पैक्टर गायतोंडे के रोल में दिखे थे। और इसी रोल ने कमलेश सावंत को पूरे भारत में मशहूर कर दिया।
दृश्यम फिल्म में पूरे 11 साल बाद कमलेश सावंत अजय देवगन के साथ काम कर रहे थे। इससे पहले वो अपनी पहली फिल्म खाकी में अजय देवगन के साथ नज़र आए थे।
दृश्यम के सेट पर जब अजय देवगन ने पहली दफा कमलेश सावंत को देखा तो वो तुरंत इनसे मिलने आए। दरअसल, अजय को याद आ गया कि कमलेश सावंत के साथ इन्होंने सालों पहले खाकी फिल्म में भी काम किया था। अजय ने वहां इनसे हाथ भी मिलाया।
गालियां भी पड़ी
बात अगर दृश्यम की करें तो दृश्यम कमलेश सावंत के फिल्मी करियर की अब तक की सबसे यादगार फिल्म बन चुकी है। दृश्यम के इंस्पैक्टर गायतोंडे के किरदार के साथ कमलेश सावंत ने पूरा न्याय किया है।
और इसका अंदाज़ा आप ऐसे लगा सकते हैं कि सिनेमाघरों में इंस्पैक्टर गायतोंडे को देखकर लोगों को उससे इतनी ज़्यादा नफरत हो गई कि असल ज़िंदगी में भी कुछ लोग कमलेश सावंत से चिढ़ने लगे थे। कई लोग तो उन्हें फोन करके गालियां भी देते थे।
लोग नफरत भी करने लगे
दृश्यम में इंस्पैक्टर गायतोंडे का अजय देवगन और उनकी फैमिली को टॉर्चर करना लोगों को अंदर तक झकझोर गया। ऐसा कई दफा हुआ जब अजय देवगन का कोई फैन इनके पास आया और उसने कहा कि फिल्म में आपने काम तो बहुत अच्छा किया है लेकिन आपसे नफरत बहुत ज़्यादा हो गई है।
लोगों की ऐसी बातें सुनकर कमलेश सावंत निराश होने कि बजाय खुश होते हैं। और वो इसलिए क्योंकि इंस्पैक्टर गायतोंडे के किरदार को वो उस तरह से निभाने में कामयाब रहे हैं जैसा कि ज़रूरत थी।
खास है ये किस्सा
दृश्यम में ही कमलेश सावंत से जुड़ा एक रोचक किस्सा कुछ यूं है कि फिल्म का आखिरी सीन जिसमें पब्लिक इंस्पैक्टर गायतोंडे की पिटाई करती है, उसमें अजय देवगन का क्लॉज़ शॉट तो डायरेक्टर ने ले लिया। लेकिन इंस्पैक्टर गायतोंडे यानि कमलेश सावंत का क्लॉज़ शॉट उन्होंने लिया ही नहीं।
दृश्यम का वो आखिरी सीन रामोजी फिल्म सिटी में शूट किया गया था। शूटिंग कंप्लीट करने के बाद जब पूरी यूनिट मुंबई वापस आ गई और फिल्म की फाइनल एडिटिंग की जाने लगी तो अजय देवगन को आइडिया आया कि इस सीन पर कमलेश सावंत का भी एक क्लॉज़ शॉट होना चाहिए।
अजय ने तुरंत शूटिंग अरेंज कराई और कमलेश सावंत को फिल्म सिटी बुलाया। और वहीं के एक पार्क में इंस्पैक्टर गायतोंडे की पिटाई वाला वो सीन शूट कराया गया। और ये सीन इतनी सफाई के साथ शूट किया गया कि किसी को पता ही नहीं चल सका कि इस सीन का ज़्यादातर हिस्सा कहीं और शूट किया गया है।
अजय ने ये सारा काम दृश्यम की रिलीज़ से महज़ 4 दिन पहले ही कराया था। और इस पूरे घटनाक्रम में अजय देवगन ने ये साबित किया कि वो ना सिर्फ बड़े स्टार हैं। बल्कि बड़े दिल वाले इंसान भी हैं। वरना एक छोटे कलाकार को दृश्यम जैसी बड़ी फिल्म में इतनी आसानी से क्लॉज़ शॉट भला कहां मिल पाता है।
निज़ी ज़िंदगी
कमलेश सावंत की निजी ज़िंदगी की तरफ रुख करें तो इनके माता-पिता के बारे में तो हम आपको बता ही चुके हैं। इनसे बड़े इनके एक भाई हैं जो BSES में GM हैं। और इनकी तीन बहनें भी हैं जो शादीशुदा हैं और अपने जीवन में सेटल्ड भी हो चुकी हैं।
इनकी पत्नी का नाम है सपना कमलेश सावंत। सपना से इन्होंने लव मैरिज की है। इनकी लव मैरिज भी अपने आप में एक कहानी है। दरअसल, इनकी पत्नी सपना किसी ज़माने में मुंबई के सिद्धार्थ कॉलेज में पढ़ा करती थी।
और कमलेश अक्सर अपने दोस्तों के साथ उस कॉलेज में नाटक करने जाते रहते थे। वहीं पर एक दिन एक दोस्त के ज़रिए इनकी मुलाकात सपना से हुई। शुरुआत में तो कमलेश और सपना केवल दोस्त ही थे। लेकिन कुछ ही दिनों बाद कमलेश मन ही मन सपना को पसंद करने लगे। हालांकि अपने दिल का हाल सपना को बताने की उनकी हिम्मत नहीं हो पा रही थी।
हिम्मत करके कह दी दिल की बात
एक दिन कमलेश सावंत ने अपना हाल-ए-दिल अपने एक दोस्त को बयां किया। और आखिरकार उस दोस्त ने कमलेश के दिल की बात सपना को बता दी। लेकिन उस वक्त सपना ने कहा कि उनके दिल में कमलेश के लिए इस तरह की फीलिंग्स नहीं हैं। मगर कमलेश निराश नहीं हुए।
आखिरकार एक दिन कमलेश की मुहब्बत के आगे सपना को झुकना ही पड़ा और उन्होंने कमलेश का प्यार स्वीकार कर लिया। हालांकि सपना पहले अपना करियर बनाना चाहती थी। इसलिए वो शादी करने की जल्दबाज़ी में नहीं थी।
पहले मां खुश नहीं थी
दोनों इस बात पर सहमत हो गए कि पहले ये दोनों अपने-अपने करियर पर फोकस करेंगे। और सेटल्ड होने के बाद ही शादी करेंगे। वक्त गुज़रता गया और इधर कमलेश एक स्थापित अभिनेता बन गए और उधर सपना भी एयर इंडिया एक्स्प्रेस में एयर होस्टेस बन गई।
और आखिरकार 12 साल तक चला इनका लव रिलेशन शादी में तब्दील हो ही गया। हालांकि शुरू में कमलेश सावंत की मां सत्यवती सावंत इन दोनों के रिलेशन से बहुत ज़्यादा खुश नहीं थी।
लेकिन जब उन्होंने सपना को करीब से जाना और उनके व्यवहार को परखा तो उन्हें अंदाज़ा हो गया कि कमलेश और सपना एक-दूजे के लिए ही बने हैं। और आखिरकार मां ने कमलेश और सपना को शादी करने की अनुमति दे दी।
अब एक बेटी के पिता हैं कमलेश सावंत
कमलेश और सपना की शादी की सबसे खास बात ये थी कि दोनों ने अपने माता-पिता का एक पैसा भी खर्च नहीं कराया था। आज कमलेश सावंत की पत्नी सपना कमलेश सावंत एक एंट्रोप्रिन्योर हैं और इन दोनों की एक बेटी है जो 8 साल की है और जिसका नाम स्वरा है।
Kamlesh Sawant को Meerut Manthan की शुभकामनाएं
कमलेश सावंत की कहानी ये साबित करती है कि फिल्मों की रंगीली दुनिया में अपनी जगह बनाने के लिए आपको किसी फिल्मी बैकग्राउंड की ज़रूरत नहीं होती। अगर आपके अंदर अभिनय करने का जुनून और हर दिन कुछ नया सीखने की ललक है तो आप इस इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना ही सकते हैं। मेरठ मंथन कमलेश सावंत को सैल्यूट करता है। और उनके शानदार भविष्य की कामना भी करता है। जय हिंद।
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