Actor Gyan Prakash | Gadar: Ek Prem Katha में Mental Wali Mohammed का रोल निभाने वाला कलाकार जो शायद Gadar 2 में नहीं दिखेगा | Biography

Actor Gyan Prakash. Gadar 2 को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है। लोग इस फिल्म का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। और कुछ लोग ऐसे भी होंगे जो शायद सोच रहे होंगे कि पहले वाली गदर में दिखे वो सब चेहरे गदर 2 में नज़र आएंगे कि नहीं? 

वैल, सनी देओल, अमीषा पटेल और उत्कर्ष शर्मा का तो फाइनल है कि ये तीनों गदर 2 में नज़र आने वाले हैं। और बाकी फिल्म रिलीज़ होने के बाद पता चलेगा कि पहली गदर में दिखे और कितने कलाकार हमें गदर 2 में नज़र आने वाले हैं। 

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Mental Wali Mohammed of Gadar: Ek Prem Katha Actor Gyan Prakash - Photo: Social Media

लेकिन आज हम पहली गदर यानि Gadar: Ek Prem Katha में नज़र आए एक बड़े अनोखे कैरेक्टर और उसे निभाने वाले एक्टर के बारे में बात करने वाले हैं। गदर का वो पागल तो आपको याद ही होगा जो पाकिस्तान में रहकर हिंदुस्तान ज़िंदाबाद के नारे लगाता है। 

जी हां, वही वली मोहम्मद जो आज़ादी मिलने से पहले अंग्रेजों से अपने सिर पर लाठी खाने के बाद पागल हो गया था। और जिसको लगता था कि भारत का कभी कोई विभाजन नहीं हुआ।

Meerut Manthan पर आज पेश है Gadar: Ek Prem Katha में Mental Wali Mohammed का रोल निभाने वाले Actor Gyan Prakash की कहानी। Actor Gyan Prakash की ज़िंदगी से जुड़ी कुछ बड़ी ही दिलचस्प बातें आज हम और आप जानेंगे।

शुरुआती जीवन

ज्ञान प्रकाश उत्तराखंड के नैनीताल के रहने वाले हैं। एक मिडिल क्लास परिवार में जन्मे ज्ञान प्रकाश की स्कूलिंग और कॉलेज की पढ़ाई नैनीताल से ही हुई थी। कॉलेज के दिनों में इन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि ये एक्टर बनेंगे। 

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Gyan Prakash - Photo: Social Media

ये तो एक माउंटेनियर थे। ये लोगों को पहाड़ों पर चढ़ने-उतरने की ट्रेनिंग देते थे और सोचते थे कि एक दिन ये खुद भी माउंट एवरेस्ट फतह करेंगे। साथ ही ये सोचते थे कि एक दिन ये बीएसएफ में नौकरी करेंगे। लेकिन फिर कुछ ऐसा हुआ कि इनकी किस्मत इन्हें अभिनय की तरफ खींचती ले गई। 

टीचर्स डे पर नसीब ने ली करवट

दरअसल, एक दफा स्कूल में टीचर्स डे के मौके पर इन्होंने और इनके कुछ दोस्तों ने मिलकर टीचर्स को हंसाने के लिए एक छोटा सा हास्य प्रोग्राम तैयार किया। फिर जब स्टेज पर इन्होंने अपने दोस्तों के साथ अपना वो हास्य ड्रामा परफॉर्म किया तो वो पूरे स्कूल को बहुत पसंद आया। 

इसके बाद तो टीचर्स ने इन्हें व इनके दोस्तों को खूब प्रोत्साहित किया। और ये लोग पूरी तरह से नाटक में दिल लगाने लगे। नैनीताल के स्थानीय थिएटर ग्रुप युगमंच के साथ ये जुड़े। 

करने लगे शौकियाना नाटक

युगमंच के साथ नाटक करने अक्सर दिल्ली के एनएसडी से कई नामी थिएटर कलाकार भी नैनीताल आते रहते थे। युगमंच से जुड़ने के बाद इन्हें थिएटर के बारे में काफी कुछ सीखने को मिला। इसी दौरान युगमंच के साथ इन्हें भोपाल जाने का मौका मिला। 

इस वक्त तक भी इन्हें पता नहीं था कि ये प्रोफेशनल एक्टर बनेंगे। ये तो शौकियाना ही नाटक किए जा रहे थे। भोपाल में हुए इनके नाटक से इन्हें काफी प्रशंसा मिली। 

और वहां इनका नाम अखबारों में भी छपा। भोपाल के बाद इन्होंने दिल्ली में एक नाटक किया जो बेहद सफल रहा। उस नाटक के बाद पहली दफा इनके मन में ख्याल आया कि क्यों ना नाटकों में ही करियर बनाया जाए। 

Nirmal Pandey की सलाह पर Gyan Prakash ने जॉइन किया NSD

दिल्ली से नैनीताल लौटने के बाद इनकी मुलाकात निर्मल पांडे और इदरीस मलिक से हुई, जो उस ज़माने में थिएटर जगत का बहुत बड़ा नाम हुआ करते थे। निर्मल पांडे और इदरीस मलिक दोनों ही नैनीताल में युगमंच के साथ मिलकर एक नाटक खेलने आए थे। उ

न दोनों को ज्ञान प्रकाश का काम बहुत पसंद आया। निर्मल पांडे ने इन्हें सलाह दी कि तुम्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लेकर थिएटर की प्रॉपर ट्रेनिंग लेनी चाहिए। 

उनकी सलाह मानते हुए ज्ञान प्रकाश ने साल 1991 में एनएसडी में दाखिला ले लिया। आज के जाने-माने कलाकार मुकेश तिवारी, आशुतोष राणा, कुमुद मिश्रा और यशपाल शर्मा एनएसडी में इनके बैचमेट हुआ करते थे। 

मुंबई आने की कहानी भी रोचक है

तीन साल एनएसडी से अभिनय की पढ़ाई करने के बाद इन्होंने एनएसडी की रेपेट्री कंपनी जॉइन कर ली और वहां नाटक करने लगे। इन्होंने कभी नहीं सोचा था कि ये मुंबई जाएंगे और फिल्मों में या टीवी शोज़ में काम करेंगे। 

ये तो मान कर चल रहे थे कि एनएसडी की रैपेट्री में काम करके ये अपना जीवन बिता लेंगे। मगर इसी दौरान एनएसडी की तरफ से इन्हें दिल्ली से बैंगलोर, और फिर बैंगलोर से मुंबई जाने का मौका मिला। 

जब ये मुंबई पहुंचे तो वहां इनकी मुलाकात इनके कुछ बैचमेट्स व सीनियर्स से हुई जो उस वक्त तक मुंबई शिफ्ट हो चुके थे और फिल्मों व टीवी जगत में काम करने लगे थे। 

उन लोगों ने इन्हें कहा,"थिएटर में बहुत अच्छा भविष्य नहीं है। तुम्हें फिल्मों व टीवी शोज़ में भी काम करना चाहिए। क्योंकि इसमें पैसा भी अच्छा है।" उन सबकी बात मानते हुए ज्ञान प्रकाश ने एनएसडी की रैपेट्री से रिज़ाइन किया और मुंबई आ गए। 

और इत्तेफाक से जिस दिन ये मुंबई आए, उसी दिन शाम को इनके पास एक टीवी शो में काम करने का ऑफर भी आ गया। यानि काम पाने के लिए ज्ञान प्रकाश जी को कभी संघर्ष नहीं करना पड़ा। 

और शुरू हो गया फिल्मी सफर

ज्ञान प्रकाश जी की फिल्मी पारी शुरू हुई साल 1998 में रिलीज़ हुई फिल्म ज़ख्म से। इस फिल्म में इनके कैरेक्टर का नाम बादल था जो नागार्जुन का असिस्टेंट होता है। इसके बाद इनके करियर की दूसरी फिल्म थी गदर एक प्रेम कथा। 

ये फिल्म ज्ञान प्रकाश को कैसे मिली, इसकी कहानी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल, एनएसडी की इनकी एक सीनियर की गदर के डायरेक्टर अनिल शर्मा से जान पहचान थी। उन्होंने ही ज्ञान प्रकाश से कहा कि अनिल शर्मा को अपनी नई फिल्म गदर के लिए कुछ कलाकार चाहिए। 

वो इन कलाकारों से कुछ पाकिस्तानी कैरेक्टर्स कराना चाहते हैं। तुम अनिल शर्मा से जाकर मिलो। उनके कहने पर ज्ञान प्रकाश अनिल शर्मा से मिले। अनिल शर्मा ने इनसे कहा,"तुम थिएटर के कलाकार हो ना। चलो, मुझे कुछ करके दिखाओ। लेकिन वो थिएटर से अलग कुछ होना चाहिए।" 

इस पर ज्ञान प्रकाश ने अनिल शर्मा से कहा कि आप ही मुझे कोई सिचुएशन दे दीजिए। मैं उसे इंप्रोवाइज़ कर लूंगा। फिर अनिल शर्मा ने इन्हें एक सिचुएशन दी जिसे इन्होंने बहुत खूबसूरती से इंप्रोवाइज़ किया। अनिल शर्मा को ज्ञान प्रकाश के अभिनय का अंदाज़ पसंद आया। उन्होंने इनसे दो दिन बाद आकर मिलने को कहा।

ज्ञान प्रकाश की वो गलतफहमी

ज्ञान प्रकाश को लगा कि इनका सिलेक्शन तो हो गया है। दो दिन बाद जब ये फिर अनिल शर्मा से मिले तो उन्होंने फिर से इनसे कुछ ड्रामा करके दिखाने को कहा। इन्होंने एक बार फिर से अनिल शर्मा से ही एक सिचुएशन मांगी। 

और फिर उनकी दी सिचुएशन को इन्होंने फिर से कुशलता से निभाया। और ऐसा तीन-चार दफा हुआ। फाइनली एक दिन अनिल शर्मा ने इन्हें बताया कि तुम्हें गदर में वली मोहम्मद के रोल के लिए फाइनल कर दिया गया है। 

बाद में ज्ञान प्रकाश को पता चला था कि पहले वली मोहम्मद के रोल के लिए एक बड़े एक्टर से अनिल शर्मा की बात चल रही थी। और वो बड़ा एक्टर इस रोल के लिए लगभग फाइनल हो चुका था। लेकिन बाद में अनिल शर्मा उस एक्टर की जगह किसी दूसरे कलाकार को लेना चाहते थे। 

इसिलिए उन्होंने ज्ञान प्रकाश से कई दफा ड्रामा करके दिखाने को कहा था। ताकि वो कह सकें कि उस बड़े एक्टर की जगह मैंने जिस नए कलाकार को लिया है वो इस किरदार के लिए एकदम फिट है।

चल निकला करियर

गदर में इनके निभाए वली मोहम्मद के किरदार को बड़ा पसंद किया गया। इसके बाद तो इन्होंने कई फिल्मों में काम किया है। पिंजर, जजंतरम-ममंतरम, समय, यहां, 1971, मार्केट, गफला, भाग जॉनी और उन्माद। 

ये कुछ वो फिल्में हैं जिनमें ज्ञान प्रकाश जी ने अभिनय किया था। इसके अलावा इन्होंने छोटे पर्दे पर भी काफी काम किया। सावधान इंडिया और क्राइम पेट्रोल जैसे शोज़ में भी ये काफी नज़र आ चुके हैं। 

पर्सनल लाइफ

बात अगर इनकी निजी ज़िंदगी के बारे में करें तो इस बारे में हमें बहुत ज़्यादा जानकारियां नहीं मिल पाई हैं। लेकिन ये हम ज़रूर जान पाए हैं कि इनकी पत्नी का नाम अनिता नेहा प्रकाश है। इनकी पत्नी एनएसडी में इनकी जूनियर थी। 

वहीं पर पहले इन दोनों की दोस्ती हुई। और फिर बाद में इश्क हो गया था। और आखिरकार मुंबई में दोनों ने शादी कर ली। अनिता जी ने भी उस टीवी शो में ही पहली दफा काम किया था जिसमें ज्ञान प्रकाश जी ने भी पहली बार एक्टिंग की थी। उस शो का नाम था 'भैंस बराबर'। अनिता जी ने और भी कुछ टीवी शोज़ व कुछ फिल्मों में काम किया था। 

आजकल अनिता जी एक्टिंग दूर हैं। और खुद का एक एक्टिंग स्कूल चलाती हैं। जिसमें ज्ञान प्रकाश उनकी काफी मदद करते हैं। मुंबई में मौजूद अपने एक्टिंग स्कूल मे ंअनिता व ज्ञान प्रकाश गरीब लोगों से पैसे भी नहीं लेते हैं। इनकी एक बेटी भी है। 

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