Gadar: Ek Prem Katha | 09 अनसुनी और रोचक कहानियां | Hindi Trivia

Gadar: Ek Prem Katha. 15 जून 2001 को रिलीज़ हुई ये फिल्म भारतीय सिनेमा की एक माइलस्टोन मूवी है। इस फिल्म ने कुछ ऐसे रिकॉर्ड्स कायम किए हैं जिन्हें ब्रेक कर पाना आसान नहीं होगा। सनी देओल और अमीषा पटेल स्टारर इस फिल्म की कहानी एक बड़े ही सेंसिटिव इश्यू पर बेस्ड है। 

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Gadar: Ek Prem Katha Hindi Trivia - Photo: Social Media

इस फिल्म में अमरीश पुरी, लिलेट दूबे, विवेक शौक, सुरेश ओबेरॉय, मुश्ताक ख़ान, डॉली बिंद्रा, इशरत अली, विश्वजीत प्रधान, प्रतिमा काज़मी, मिथिलेश चतुर्वेदी और राकेश बेदी जैसे नामी कलाकारों ने काम किया था। जबकी मरहूम एक्टर ओम पुरी ने इस फिल्म का नैरेशन किया था। 

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Gadar: Ek Prem Katha Hindi Trivia - Photo: Social Media

19 करोड़ रुपए के बजट में बनी गदर एक प्रेम कथा ने 133 करोड़ रुपए की शानदार कमाई की थी। इस फिल्म का गीत-संगीत भी बहुत ज़्यादा पसंद किया गया था। फिल्म का म्यूज़िक कंपोज़ किया था उत्तम सिंह ने। और सभी गीत लिखे थे महान गीतकार आनंद बख्शी जी ने।

Meerut Manthan पर आज पेश है Gadar: Ek Prem Katha फिल्म की Trivia. Gadar: Ek Prem Katha फिल्म की मेकिंग से जुड़ी कई दिलचस्प कहानियां आज हम और आप जानेंगे। 

पहली कहानी

गदर की कहानी एक रियल लाइफ स्टोरी से इंस्पायर्ड है। ये कहानी है बूटा सिंह नाम के एक सिख सिपाही की जो ब्रिटिश इंडियन आर्मी में नौकरी करता था और दूसरे विश्व युद्ध में ब्रिटिश आर्मी की तरफ से जापानियों के खिलाफ बर्मा में लड़ा था। 

भारत के बंटवारे के बाद जब सांप्रदायिक हिंसा की आग भड़क गई थी तो बूटा सिंह ने ज़ैनब नाम की एक मुस्लिम लड़की की जान बचाई थी। बाद में बूटा और ज़ैनब एक-दूजे से मुहब्बत करने लगे और दोनों ने शादी कर ली। दोनों की दो बेटियां भी हुई। 

लेकिन इसी बीच भारत और पाकिस्तान ने समझौता हुआ कि विभाजन के वक्त दोनों तरफ की जिन लड़कियों को ज़बरन अगवा कर लिया गया था उन्हें वापस लौटाया जाएगा। बूटा सिंह के किसी दुश्मन ने भारतीय अफसरों से शिकायत कर दी की बूटा सिंह ने भी ज़ैनब को ज़बरदस्ती अपने पास रखा है। 

इस शिकायत के बाद अधिकारियों ने ज़बरदस्ती ज़ैनब को बूटा सिंह से अलग करके उसके मां-बाप के पास पाकिस्तान भेज दिया। ज़ैनब की छोटी बेटी उनके साथ पाकिस्तान चली गई और बड़ी बेटी बूटा सिंह के पास ही रही। 

कई दिनों तक ज़ैनब के लौटने का इंतज़ार करने के बाद आखिरकार बूटा सिंह अपनी बड़ी बेटी के साथ ज़ैनब को वापस लाने बिना इजाज़त पाकिस्तान चला गया था। गदर में तो हमें दिखाया गया है कि तारा सिंह उर्फ सनी देओल पूरे पाकिस्तान से लड़कर शकीना को वापस भारत ले आता है। 

लेकिन असल कहानी में बूटा सिंह के साथ बहुत बुरा हुआ था। मां-बाप के दबाव में आकर ज़ैनब ने बूटा सिंह के साथ भारत वापस लौटने से इन्कार कर दिया। ज़ैनब के इस रवैये से बूटा सिंह बुरी तरह टूट गए। उन्होंने पाकिस्तान में ही एक ट्रेन के सामने अपनी बेटी सहित छलांग लगा दी। बूटा सिंह उस हादसे में मारे गए। हालांकि उनकी बेटी की जान बच गई थी।

दूसरी कहानी

गदर के बारे में एक बात जानकर आपको थोड़ी हैरानी होगी कि इस फिल्म के साथ आमिर खान का भी एक छोटा कनेक्शन है। दरअसल, गदर एक प्रेम कथा ऐसी तीसरी फिल्म थी जिसके साथ आमिर खान की भी कोई फिल्म रिलीज़ हुई थी। 

गदर रिलीज़ हुई थी 15 जून 2001 को। ठीक इसी दिन आमिर खान की लगान ने भी बॉक्स ऑफिस पर दस्तक दी थी। और ये दोनों ही फिल्में सुपरहिट साबित हुई थी। अब कुछ साल और पीछे चलते हैं। तारीख थी 22 जून 1990. इस तारीख को आमिर खान की फिल्म दिल रिलीज़ हुई थी। 

और इसी दिन यानि 22 जून 1990 को सनी देओल की फिल्म घायल भी रिलीज़ हुई थी। और ये दोनों ही फिल्में कामयाब रही थी। सनी देओल की फिल्म घातक 8 नवंबर 1996 को रिलीज़ हुई थी। और इसके ठीक एक हफ्ते बाद आमिर खान की फिल्म राजा हिंदुस्तानी रिलीज़ हुई थी। 

यानि ऐसे तीन मौके आए जब आमिर खान और सनी देओल के बीच बॉक्स ऑफिस की जंग हुई। और ये दोनों ही इस जंग में सूरमा साबित हुए। क्योंकि दोनों की फिल्में लोगों को पसंद आई।

तीसरी कहानी

कहा जाता है कि गदर के डायरेक्टर अनिल शर्मा पहले इस फिल्म में सनी देओल को नहीं, बल्कि चीची भईया यानि गोविंदा को लेना चाहते थे। लेकिन उन्हीं दिनों गोविंदा के सितारे गर्दिश में आ गए। अनिल शर्मा जिन दिनों गदर की स्क्रिप्ट पर काम कर रहे थे उन्हीं दिनों गोविंदा की एक बड़ी फिल्म रिलीज़ हुई। 

उस फिल्म का नाम था महाराजा। उस फिल्म के डायरेक्टर भी अनिल शर्मा ही थे। लेकिन वो फिल्म फ्लॉप हो गई। और अनिल शर्मा ने गोविंदा को गदर फिल्म में कास्ट करने का आइडिया ड्रॉप कर दिया। गदर के फैंस कहते हैं कि अनिल शर्मा का ये फैसला एकदम सही था। क्योंकि सनी देओल के अलावा कोई और शायद ही तारा सिंह के रोल के साथ न्याय कर पाता। 

हालांकि इस बारे में एक दावा ये भी किया जाता है कि अनिल शर्मा ने कभी भी ये रोल गोविंदा को ऑफर नहीं किया था। उन्होंने बस गोविंदा संग ये स्टोरी शेयर की थी। ये रोल उन्होंने सिर्फ और सिर्फ सनी देओल को ध्यान में रखकर ही लिखा था।

चौथी कहानी

गदर फिल्म के कुछ सीन्स अमृतसर स्टेशन पर शूट हुए थे। आज के दौर के नामी कॉमेडियन कपिल शर्मा भी उस वक्त अमृतसर स्टेशन पर मौजूद थे जब गदर की शूटिंग वहां हो रही थी। दरअसल, कपिल शर्मा के पिता पुलिस में थे और उनकी ड्यूटी गदर फिल्म के सेट पर ही लगी थी। 

उन्होंने कपिल को भी शूटिंग देखने के लिए बुला लिया। कपिल शर्मा ये सोचकर शूटिंग देखने आए कि शायद उन्हें सनी देओल को देखने का मौका मिलेगा। लेकिन वो सीन सनी देओल का नहीं था। कपिल निराश होकर वापस ही जा रहे थे कि किसी ने उनसे कहा कि भीड़ का एक सीन है। 

तुम भी भीड़ में शामिल हो जाओ। इत्तेफाक से उस सीन को एक्शन डायरेक्टर टीनू वर्मा फिल्मा रहे थे। उस वक्त कुछ ऐसा घटनाक्रम हुआ था कि टीनू वर्मा ने कपिल शर्मा को काफी गालियां दी थी।और ये वो वक्त था जब कपिल शर्मा को कोई जानता भी नहीं था।

पांचवी कहानी

गदर फिल्म मे सकीना के रोल को खूबसूरती के साथ निभाने के लिए अमीषा पटेल को बहुत वाहवाही मिली थी। लेकिन इस रोल के लिए अमीषा पटेल डायरेक्टर अनिल शर्मा की पहली चॉइस नहीं थी। अनिल शर्मा ने ये रोल पहले काजोल को ऑफर किया था। 

लेकिन काजोल ने ये कहकर इन्कार कर दिया कि गदर उनके टाइप की फिल्म नहीं है। काजोल के बाद गदर की सकीना का रोल ऑफर किया गया सुष्मिता सेन को। लेकिन सुष्मिता सनी के साथ 'ज़ोर' नाम की एक फिल्म में काम कर चुकी थी। और वो फिल्म फ्लॉप साबित हुई थी। 

इसलिए सुष्मिता ने भी सकीना का रोल ठुकरा दिया। कहा जाता है कि सुष्मिता सेन तो सनी देओल के साथ काम करने को लेकर इतनी आशंकित थी कि उन्होंने 'अपने' फिल्म भी ठुकरा दी थी। वैसे सकीना का रोल मनीषा कोईराला, करीना कपूर, रानी मुखर्जी और ऐश्वर्या राय को भी ऑफर किया गया था। लेकिन इन सभी ने ये रोल ठुकरा दिया।

छठी कहानी

गदर फिल्म का म्यूज़िक बहुत ज़्यादा पसंद किया गया था। इस फिल्म के गीत आज भी लोग बड़े शौक से सुनते हैं। एक इंटरव्यू में गदर के म्यूज़िक डायरेक्टर उत्तम सिंह ने बताया था कि चूंकि गदर फिल्म की कहानी सन 1947 के भारत की है। 

इसलिए उनके लिए ये एक चुनौती थी कि वो इस फिल्म का म्यूज़िक 1947 की फील के साथ तैयार करें और साल 2001 के दर्शक भी इस म्यूज़िक को पसंद करें। फिल्म के एक गीत 'उड़ जा काले कांवा' को ही तैयार करने में उत्तम सिंह को डेढ़ महीने से ज़्यादा का वक्त लग गया था। 

गदर के म्यूज़िक से जुड़ी एक और दिलचस्प बात ये है कि पहले स्वर्गीय लता मंगेशकर जी को इस फिल्म के सॉन्ग्स के फीमेल वॉकल्स के लिए अप्रोच किया गया था। लेकिन उस वक्त डेट इश्यू के चलते लता मंगेशकर जी इस फिल्म के गीतों में अपनी आवाज़ नहीं दे पाई थी। 

उनकी जगह अल्का याग्निक जी को लिया गया था। उस वक्त गदर के म्यूज़िक एल्बम की कैसेट्स की लगभग ढाई मिलियन यानि 25 लाख कॉपीज़ सेल हुई थी। जिनसे कुल 50 से 60 लाख की कमाई हुई थी।

सातवीं कहानी

गदर फिल्म की कहानी के मुताबिक तारा सिंह अपनी अपनी पत्नी सकीना को वापस लाने के लिए पाकिस्तान के लाहौर शहर जाता है। लाहौर शहर के दृश्यों को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ व उत्तर प्रदेश के ही एक कस्बे रुदौली में फिल्माया गया था। 

लखनऊ के ही ला मार्टिनीयर बॉयज़ स्कूल में भी कुछ दृश्य शूट किए गए थे। फिल्म के कुछ महत्वपूर्ण दृश्यों की शूटिंग पठानकोट, सरना और अमृतसर में भी हुई थी। जबकी सकीना के कॉलेज वाले सीन्स शिमला के बिशप कॉटन स्कूल में शूट हुए थे। वहीं डलहौज़ी के सैकरेड हार्ट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी कुछ सीन्स फिल्माए गए थे।

आठवीं कहानी

गदर बॉलीवुड की वन ऑफ द मोस्ट सक्सेसफुल मूवी है। इस फिल्म की कामयाबी का अंदाज़ा ऐसे लगाया जा सकता है कि भारत में लोगों ने जिन फिल्मों को सिनेमाघरों में सबसे ज़्यादा बार देखा, ये फिल्म उनमें तीसरे नंबर पर आती है। 

पहले नंबर पर आती है सलमान खान की फिल्म 'हम आपके हैं कौन' जिसे 7 करोड़ 40 लाख लोगों ने सिनेमाघरों में जाकर देखा था। दूसरे नंबर पर है प्रभाष की 'बाहुबली 2' जिसे 5 करोड़ 25 लाख दर्शकों ने सिनेमाघरों में देखा था। 

गदर को थिएटर में जाकर देखने वाले लोगों की तादाद थी 5 करोड़ 5 लाख। और ये साल 2001 के आंकड़े हैं। उस वक्त दुनियाभर में गदर के 10 करोड़ टिकटों की बिक्री हुई थी। और इस तरह गदर बन गई बॉलीवुड की ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर मूवी।

नौंवी कहानी

गदर में तारा सिंह और सकीना के बेटे जीते सिंह का किरदार निभाने वाले उस बच्चे का नाम उत्कर्ष शर्मा है। और उत्कर्ष शर्मा गदर के डायरेक्टर अनिल शर्मा के बेटे हैं। जिस वक्त गदर फिल्म आई थी उस वक्त उत्कर्ष शर्मा की उम्र महज़ 7 साल ही थी। 

गदर में एक सीन है जिसमें सनी देओल और अमीषा पटेल चलती ट्रेन के एक डिब्बे से दूसरे डिब्बे पर कूदते हैं। उस सीन में सनी देओल की गोद में नन्हे उत्कर्ष शर्मा भी थे। उस सीन को याद करते हुए डायरेक्टर अनिल शर्मा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब ये सीन शूट किया जा रहा था उस वक्त डर के मारे उन्होंने अपनी आंखें बंद कर ली थी। 

क्योंकि ये एक खतरनाक सीन था। और 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चल रही ट्रेन पर उनका छोटा सा बेटा सनी देओल की गोद में था। ये सीन जब बिना किसी दिक्कत के कंप्लीट हो गया तो अनिल शर्मा की जान में जान आई थी। आगे चलकर अनिल शर्मा ने अपने बेटे उत्कर्ष को साल 2018 में जीनियस नाम की एक फिल्म से बॉलीवुड में लॉन्च किया था। 

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