Dinesh Hingoo | वो Bollywood Comedian जिसे देखते ही हंसी आ जाती है | Biography

Dinesh Hingoo. भारत का ऐसा कौन सा सिने प्रेमी होगा जो भला इन्हें नहीं पहचानता होगा। पांच दशकों से हिंदी फिल्मों में अपनी गज़ब की कॉमिक टाइमिंग से दिनेश हिंगू दर्शकों का मनोरंजन कर रहे हैं। 

ये जब हंसते हैं तो इन्हें हंसता देखकर दूसरों की हंसी खुद ब खुद छूट पड़ती है। किसी फिल्म में इनका होना ही इस बात की पुष्टि कर देता है कि उस फिल्म में कॉमेडी का भी बढ़िया तड़का लगाया गया है।

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Dinesh Hingoo Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan की स्पेशल पेशकश में आज बात होगी Dinesh Hingoo की। आज तक कोई और Actor Bollywood में नहीं आया जो Parsi का रोल Dinesh Hingoo से बेहतर कर पाए।

Dinesh Hingoo का शुरुआती जीवन

दिनेश हिंगू का जन्म हुआ था 13 अप्रैल 1940 को गुजरात के बड़ौदा में। बचपन से ही इन्हें फिल्में देखना पसंद था। छोटी उम्र से ही फिल्मी दुनिया इन्हें अपनी तरफ खींचने लगी थी। इन्होंने तय कर लिया कि ये भी बड़े होकर एक्टर बनेंगे। 

पहले स्कूल में होने वाले छोटे-छोटे नाटकों में हिस्सा लिया और फिर कॉलेज में आए तो थोड़े और बड़े स्तर के ड्रामों में काम किया। 

एक्टर बनने की ख्वाहिश इतनी ज़्यादा थी कि 19 साल की उ    म्र में ये घर छोड़कर बॉम्बे आ गए। यहां आकर इन्हें एक गुजराती नाटक कंपनी में काम मिल गया।

संजीव कुमार से हुई थी दोस्ती

उस नाटक कंपनी के हेड चंद्रवर्धन भट्ट थे जो उस दौर के एक बड़े गुजराती नाटककार थे। जिस नाटक में दिनेश हिंगू को पहली दफा काम मिला उस नाटक का हिस्सा संजीव कुमार भी थे। 

इसी नाटक में काम करने के दौरान ही इनकी संजीव कुमार से काफी अच्छी दोस्ती भी हो गई     थी। संजीव कुमार इनके इतने गहरे दोस्त बने कि उनके साथ दिनेश हिंगू ने कई सारी फिल्मों में काम किया। 

दिनेश हिंगू के मुताबिक, जब उन्होंने बॉम्बे में पहले नाटक में काम किया था तो उस समय इन्हें मालूम चला था कि एक्टिंग क्या चीज़ है। पहले नाटक में इन्हें काफी ज़्यादा मेहनत अपने किरदार में उतरने के लिए करनी पड़ी थी।

यूं शुरू हुआ फिल्मी सफर

दिनेश हिंगू ने कई और नाटकों में काम किया और फिर इन्होंने मिमिक्री आर्टिस्ट के तौर पर लाइव शोज़ भी करने शुरू किए। 

उस दौर के हर बड़े गायक जैसे कि मोहम्मद रफी, किशोर कुमार, मुकेश, मन्ना डे, इन सब के शोज़ में दिनेश हिंगू स्टैंडअप कॉमेडी किया करते थे। 

इसके साथ ही ये थिएटर भी कर रहे थे। दिनेश हिंगू 1962 में बॉम्बे आए थे। और पहली दफा इन्हें फिल्म में काम मिला सन 1967 में आई एक फिल्म तकदीर में। 

इस फिल्म में भारत भूषण लीड रोल में थे। दिनेश हिंगू का इसमें एक छोटा सा रोल था।

पहली फिल्म में बने थे विलेन

दिनेश हिंगू के बड़े से बड़े फैन भी इस बात से वाकिफ नहीं होंगे कि अपनी पहली फिल्म तकदीर में ये कोई कॉमेडियन नहीं, बल्कि एक निगेटिव रोल में थे। 

इन्होंने उस फिल्म में पत्थर फैक्ट्री के एक बदमिज़ाज कर्मचारी का किरदार निभाया था। 

नौजवान दिनेश हिंगू खुद भी उस समय नहीं जानते थे कि भले ही पहली फिल्म में ये विलेन बने हों, लेकिन एक दिन बॉलीवुड में इन्हें इनकी कॉमेडी के लिए जाना जाएगा। 

तकदीर फिल्म से एक खास बात और जुड़ी है। इस फिल्म से दिनेश हिंगू के अलावा कुछ और कलाकारों ने भी अपने करियर की शुरूआत की थी। 

ये कलाकार थे फरीदा जलाल, जलाल आगा और सुभाष घई। हालांकि सुभाष घई का रोल इसमें काफी छोटा था।

और अच्छे दिन आने लगे

पहली फिल्म के बाद दिनेश हिंगू की अगली फिल्म आई पूरे 6 सालों बाद यानि सन 1973 में जिसका नाम था जैसे को तैसा। इस फिल्म में लीड रोल में जितेंद्र थे। 

जितेंद्र का इस फिल्म में डबल रोल था। दिनेश हिंगू फिल्म में प्रेम बने हैं जो जितेंद्र के घर के नौकर हैं और उनके लिए खाना बनाने का काम करते हैं। 

दिनेश हिंगू जितेंद्र के इकलौते शुभचिंतक थे जब उन्हें उनकी हवेली में उनके मामा द्वारा मारा-पीटा जाता था। ये रोल काफी छोटा था और दिनेश हिंगू को इस रोल से कोई सफलता नहीं मिली। 

अगली बार दिनेश हिंगू नज़र आए 1974 में रिलीज़ हुई फिल्म बिदाई में। इस फिल्म में भी दिनेश हिंगू को रामू नाम के एक नौकर का काम मिला। 

और ये रोल भी एक छोटा सा रोल था तो कोई कमाल नहीं कर पाया। लेकिन साल 1978 में आई फिल्म तुम्हारे लिए में दिनेश हिंगू पहली दफा कॉमेडी करते हुए नज़र आए। 

फिल्म में उनके किरदार का नाम अनोखेलाल है जो एक किले के बाहर गाइड का काम करता है। पुनर्जन्म की कहानी पर आधारित इस फिल्म में भी दिनेश हिंगू का रोल काफी छोटा था। लेकिन इस दफा इनको लोगों ने नोटिस ज़रूर किया।

जब कही दिल की बात

एक दफा एक इंटरव्यू में दिनेश ने कहा था कि राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन के दौर के शुरू होने के बाद बॉलीवुड फिल्मों में कॉमेडियन्स की अहमियत कम होने लगी थी। 

जबकी उससे पहले के दौर में कॉमेडियन के लिए पूरा सीक्वेंस लिखा जाता था। कॉमेडियन्स के हर एक डॉयलॉग को शानदार तरीके से तराशा जाता था। 

राजेश खन्ना और अमिताभ का दौर शुरू होने के बाद ये खत्म होने लगा। इन सितारों के सामने आने के बाद काफी हद तक कॉमेडी तो खुद इनके द्वारा ही की जाने लगी। 

कॉमेडियनन्स के हिस्से में बची-खुची लाइनें आ पाती थी। और नब्बे के दशक में तो ये भी काफी कम हुआ था।

तो ऐसे ईजाद किया था अपनी हंसी का स्टाइल

दिनेश हिंगू बॉलीवुड में मशहूर हुए थे अपनी हंसी को लेकर। दिनेश की हंसी बेहद यूनीक थी। 

वो जब  भी हंसते थे तो उनको देखा-देख और लोग भी ज़ोर ज़ोर से और दहाड़े मारकर हंसते थे। 

तो आखिर दिनेश हिंगू ने अपनी हंसी का ये यूनीक स्टाइल पैदा कहां से किया। इसके बारे में खुद दिनेश हिंगू ने ही एक इंटरव्यू में बताया था। 

दरअसल, दिनेश जब बॉम्बे आए थे तो इनकी नाटकमंडली में एक लेखक थे जो इसी तरह से हंसते थे। 

दिनेश को जब बाजीगर फिल्म में कॉमेडियन का रोल मिला तो उन्होंने उसी लेखक का किरदार ही अपने में उतार लिया और इस तरह दिनेश हिंगू बने बॉलीवुड के सबसे अनोखे और सबसे मज़ेदार हंसी हंसने वाले कॉमेडियन।

प्रमुख फिल्में

अपने फिल्मी करियर में दिनेश हिंगू ने सैकडों फिल्मों में काम किया। उन्होंने 500 से भी ज़्यादा हिंदी फिल्मों में छोटे-बड़े रोल किए हैं। 

हिंदी के अलावा उन्होंने पंजाबी, गुजराती, राजस्थानी, भोजपुरी और बंगाली फिल्मों में भी काम किया है। 

इनके करियर की प्रमुख हिंदी फिल्मों के बारे में बात करें तो ये कुर्बानी, लेडीज़ टेलर, नमक हलाल, शराबी, हम नौजवान, हकीकत, करिश्मा कुदरत का, खुदगर्ज़, अनाड़ी, तेज़ाब, राम-अवतार, जैसी करनी वैसी भरनी, नफरत की आंधी, दिल, फरिश्ते, नरसिम्हा, पत्थर के फूल, साजन, बलवान, फूल और अंगार, बाज़ीगर, हम आपके हैं कौन, गोपी किशन, कुली नंबर वन, करन अर्जुन, साजन चले ससुराल, छोटे सरकार, विजेता, दरार, जुदाई, दूल्हे राजा, हेरा फेरी, हमराज़, नो एंट्री, और फिर हेरा फेरी। 

इनकी आखिरी रिलीज़्ड फिल्म थी 2011 में आई बी केयरफुल। हालांकि इसके बाद भी ये दो फिल्मों में दिखे थे, जो थी 2015 में आई हम सब उल्लू हैं और जस्ट गम्मत। लेकिन इन दोनों में ही इनका रोल बेहद छोटा था।

दिनेश हिंगू की खासियत

दिनेश हिंगू बेहद टैलेंटेड कलाकार हैं। इनकी खासियत है कि ये किसी स्क्रिप्ट को पढ़े बिना भी अपने डायलॉग बोल सकते हैं। 

दिनेश हिंगू बताते हैं कि एक बार डायरेक्टर या स्क्रिप्ट राइटर इन्हें इनके डायलॉग खाली एक या दो बार मुंह से बोलकर बता दे, ये उन डायलॉग्स को फिर बड़ी ही आराम से कैमरे के सामने बोल सकते हैं। 

शूटिंग करते वक्त इन्हें ज़्यादा टेक लेने की ज़रूरत नहीं पड़ती है।

इन सितारों से थी Dinesh Hingoo की दोस्ती

दिनेश हिंगू ने पांच दशक लंबे फिल्मी करियर में बॉलीवुड के हर बड़े स्टार के साथ काम किया है। 

लेकिन दिनेश कहते हैं कि जो दोस्ती उनकी संजीव कुमार और राजेंद्र कुमार के साथ रही वो कभी भी किसी और के साथ नहीं हो पाई। 

जिस दिन दिनेश शूटिंग से फ्री होते थे उस दिन वो अपने इन्हीं दोनों दोस्तों के साथ सारा दिन गुज़ारते थे। 

संजीव कुमार और राजेंद्र कुमार भी दिनेश को बेहद पसंद करते थे। 

अगर किसी दिन दिनेश उनसे मिलने नहीं आते थे तो वो खुद फोन करके पूछते थे कि दिनेश आया क्यों नहीं।

हरदिल अज़ीज़ हैं दिनेश हिंगू

संजीव कुमार की सुपरहिट फिल्म 'इतनी सी बात' में दिनेश हिंगू ने जो किरदार जिया है वो खुद संजीव कुमार ने प्रोड्यूसर को कहकर दिनेश हिंगू को दिलाया था। 

दिनेश हिंगू को इंडस्ट्री के बाकी कलाकार कितने ज़्यादा पसंद करते थे इसकी एक मिसाल कादर खान साहब थे। 

कई ऐसी फिल्में थी जो कादरखान ने खुद दिनेश हिंगू को दिलाई। कादर खान भी प्रोड्यूसर्स से कहते थे कि इस रोल के लिए दिनेश हिंगू से ज़्यादा बढ़िया कलाकार कोई और हो ही नहीं सकता। 

Dinesh Hingoo को Meerut Manthan का सलाम

दिनेश हिंगू की उम्र अब 80 साल से भी ज़्यादा हो चुकी है। उम्र के इस पड़ाव पर अब इन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली है। दिनेश अब अपने परिवार के साथ आराम से अपनी ज़िंदगी बिता रहे हैं। 

नाति-पोतों के भरे पूरे परिवार में दिनेश हिंगू को किसी चीज़ की कोई कमी नहीं है। 

Meerut Manthan भी ईश्वर से प्रार्थना करता है कि Dinesh Hingoo की सेहत हमेशा सही-सलामत रहे और दिनेश हिंगू के चाहने वाले इन्हें हमेशा ऐसे ही प्यार देते रहें। 

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