10 Lesser Known Facts about Sunny Deol | सनी देओल की दस अनसुनी कहानियां
Lesser Known Facts about Sunny Deol. सनी देओल की गदर 2 का चर्चा हर तरफ है। ढाई किलो के हाथ के साथ अपने तारा सिंह एक बार फिर से अपनी एक्शन पैक परफॉर्मेंस से फैंस को एंटरटेन करने वाले हैं। इसलिए ये एकदम सही मौका है जब सनी देओल के फैंस को उनके बारे में कुछ ऐसी बातें बताई जाएं, जो बहुत कम लोग जानते हैं।
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Lesser Known Facts about Sunny Deol - Photo: Social Media |
तो Meerut Manthan पर आज पेश है Lesser Known Facts about Sunny Deol. यानि Sunny Deol की कुछ अनसुनी कहानियां। और यकीन कीजिएगा दोस्तों। सनी देओल के बारे में जो बातें आपको आज पता चलने वाली हैं वो शायद ही आपको पहले पता होंगी। तो चलिए, ये सफर शुरू करते हैं।
पहली कहानी
19 अक्टूबर 1957 को जब सनी देओल का जन्म हुआ था, तब इनके दादा यानि धर्मेंद्र के पिता केवल किशन सिंह देओल ने इनका नाम अजय सिंह देओल रखा था। जिस वक्त सनी का जन्म हुआ था उस वक्त तक धर्मेंद्र का फिल्म करियर शुरू भी नहीं हुआ था।
लेकिन सनी के पैदा होने के बाद धर्मेंद्र को फिल्मफेयर टैलेंट हंट कॉन्टैस्ट में हिस्सा लेने का मौका मिला। और फिर तो धर्मेंद्र की किस्मत हर गुज़रते दिन के साथ ज़्यादा से ज़्यादा चमकती चली गई।
इसलिए धर्मेंद्र सनी देओल को अपने लिए बहुत लकी मानते हैं। धर्मेंद्र हमेशा कहते हैं कि सनी के नसीब से ही वो उस मुकाम पर पहुंचे हैं करोड़ों लोग जिसका बस ख्वाब ही देखते रह जाते हैं।
दूसरी कहानी
साल 1971 की बात है। सनी देओल के दादा केवल किशन सिंह देओल अमृतसर जा रहे थे। रास्ते में ही उनके छोटे बेटे अजीत सिंह देओल की ससुराल पड़ी तो केवल किशन वहां रुक गए।
अजीत देओल की ससुराल में ही केवल किशन जी को एक बड़ी प्यारी सी लड़की की तस्वीर दिखी। केवल किशन जी को तस्वीर वाली वो लड़की बहुत पसंद आई।
उन्होंने उसके बारे में पूछताछ की तो पता चला कि ये लड़की लंदन में रहती है और इसकी जड़ें भारत से ही जुड़ी हैं। केवल किशन जी ने सोच लिया कि जब सनी शादी के लायक हो जाएंगे तो वो इसी लड़की से सनी की शादी कराने का प्रयास करेंगे।
और फिर अगले ही साल, यानि 1972 में केवल किशन देओल लंदन में छुट्टियां बिताने चले गए। वहां उन्होंने उस लड़की के घरवालों से मुलाकात की और अपने पोते सनी से उसकी शादी की बात पक्की कर ली।
उस लड़की का नाम था लिंडा माहल। जिन्हें आज हम पूजा देओल के नाम से जानते हैं। लिंडा को पूजा नाम देने वाले भी सनी के दादा केवल किशन सिंह देओल ही थे।
तीसरी कहानी
सनी देओल के दादा केवल किशन सिंह देओल जब लंदन से भारत वापस लौटे तो उन्होंने अपने परिवार को बताया कि वो सनी की शादी के लिए एक लड़की से उनका रिश्ता तय कर आए हैं।
और चूंकि केवल किशन जी के फैसले पर सवाल उठाने की हिम्मत किसी में नहीं थी तो सभी ने ये रिश्ता स्वीकार भी कर लिया। इसके बाद सनी और पूजा की मुलाकात कराने के लिए सनी को लंदन भेजा गया। सनी लंदन में पूजा के घर ही ठहरे।
पूजा के पिता कृष्ण माहल और मां जून सारा माहल ने सनी की खूब आवभगत की। कृष्ण माहल ने तो सनी को स्वीमिंग, घुड़सवारी और स्क्वाश भी सिखाया। फिर कुछ सालों तक सनी लंदन में ही रहे और वहां उन्होंने एक इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला ले लिया।
साथ ही साथ एक एक्टिंग स्कूल में एक्टिंग की ट्रेनिंग भी स्टार्ट कर दी। फिर जब सनी भारत लौटे तो धर्मेंद्र उन्हें देखकर बहुत हैरान हुए। और वो इसलिए क्योंकि सनी की पर्सनैलिटी में बहुत सारे बदलाव आ चुके थे। वो सारी आदतें जो सनी भारत में रहकर नहीं अपना पा रहे थे, वो सब लंदन से लौटने के बाद धर्मेंद्र को सनी में दिखाई देने लगी थी।
चौथी कहानी
धर्मेंद्र अपने बेटे सनी देओल की बॉलीवुड लॉन्चिंग को हर लिहाज से परफेक्ट बनाना चाहते थे। साल 1981 में जब कुमार गौैरव की पहली फिल्म 'लव स्टोरी'(1981) बहुत बड़ी हिट साबित हुई तो उसी वक्त धर्मेंद्र ने इसके डायरेक्टर राहुल रवैल को सनी की डेब्यू फिल्म डायरेक्ट करने के लिए साइन कर लिया।
फिल्म की स्क्रिप्ट रेडी थी और धर्मेंद्र को तलाश थी एक ऐसे डायरेक्टर की जो उस स्क्रिप्ट से एक शानदार फिल्म बना सके। वो फिल्म थी 'बेताब'। फाइनली धर्मेंद्र की ये तलाश राहुल रवैल पर आकर खत्म हुई।
राहुल रवैल से 'बेताब' का डायरेक्शन कराने का धर्मेंद्र का फैसला एकदम सही साबित हुआ। 'बेताब' ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया। और पहली ही फिल्म से सनी देओल ने साबित कर दिया कि वो लंबी रेस का घोड़ा हैं।
पांचवी कहानी
फिल्म बेताब में सनी देओल की हीरोइन ढूंढने के लिए धर्मेंद्र को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी थी। एक्ट्रेस मीनाक्षी शेषाद्री ने भी बेताब के लिए ऑडिशन दिया था। और उस वक्त तक मीनाक्षी ने किसी फिल्म में काम भी नहीं किया था।
लेकिन धर्मेंद्र को मीनाक्षी शेषाद्री सनी की हीरोइन के तौर पर फिट नहीं लगी। उन्होंने मीनाक्षी को रिजेक्ट कर दिया। उसी दौरान मंदाकिनी ने भी बेताब फिल्म में लीड एक्ट्रेस के रोल के लिए ऑडिशन दिया। लेकिन मंदाकिनी को डायरेक्टर राहुल रवैल ने रिजैक्ट कर दिया।
राहुल रवैल को लगा था कि मंदाकिनी सनी देओल के सामने बहुत छोटी दिखेंगी। उसी दौरान पाकिस्तान से भी एक लड़की भारत में फिल्मों में करियर बनाने के इरादे से आई थी। उस लड़की के साथ उसकी मां भी थी। उस पाकिस्तानी लड़की का नाम था हुमा खान।
धर्मेंद्र उस पाकिस्तानी लड़की से मिलने दिल्ली आए। और मुलाकात की जगह तय हुई रुखसाना सुल्ताना का घर। धर्मेंद्र वहां पाकिस्तानी लड़की हुमा खान से मिले। लेकिन वो उन्हें जंची नहीं।
मगर वहीं पर उन्होंने रुखसाना सुल्ताना की बेटी अमृता सिंह को देखा। और अमृता सिंह उन्हें सनी की हीरोइन के तौर पर एकदम फिट लगी। और इस तरह अमृता सिंह सनी देओल की पहली हीरोइन बन गई।
छठी कहानी
साल 1982 में धर्मेंद्र की एक फिल्म आई थी जिसका नाम था 'मैं इंतकाम लूंगा'। उस फिल्म की कहानी के मुताबिक धर्मेंद्र के पिता एक बॉक्सर थे। लेकिन अपोज़िट बॉक्सिंग ग्रुप के लोगों ने धोखे से उनकी हत्या कर दी थी।
ये बात जब धर्मेंद्र को पता चलती है तो वो अपने पिता की मौत का बदला लेने और उस बॉक्सिंग ग्रुप को मैच में हराने के लिए बहुत कड़ा वर्क-आउट शुरू कर देते हैं। और फाइनली धर्मेंद्र अपने पिता के हत्यारों से बदला ले भी लेते हैं।
उस फिल्म में जब धर्मेंद्र के वर्क-आउट का सीक्वेंस आता है तो एक जगह हमें नज़र आता है कि धर्मेंद्र एक हाथ से पुश-अप्स लगा रहे हैं। मज़ेदार बात ये है कि ये सीन धर्मेंद्र पर नहीं, बल्कि सनी देओल पर शूट किया गया था।
और फिल्म में इस सीन को डार्क लाइट में शूट किया गया था ताकि कोई ये ना समझ सके कि ये धर्मेंद्र नहीं, कोई और है। लेकिन अब जब आप इस सीन को यूट्यूब पर फिर से देखेंगे तो आप समझ जाएंगे कि एक हाथ से पुश-अप्स लगाने वाला वो शख्स धर्मेंद्र नहीं, सनी देओल है।
सातवीं कहानी
डायरेक्टर राज कुमार संतोषी और सनी देओल की जोड़ी भी एक दौर में बहुत जमी थी। इन दोनों ने घायल, दामिनी और घातक जैसी ज़बरदस्त फिल्मों में साथ काम किया था।
लेकिन एक और फिल्म थी जिसे राज कुमार संतोषी सनी देओल के साथ ही बनाना चाहते थे। वो फिल्म थी साल 2000 में आई पुकार। जी हां वही पुकार जिसमें अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित ने काम किया था।
हुआ कुछ यूं था कि जब राज कुमार संतोषी इस फिल्म के प्रोडक्शन का ऑफर लेकर बोनी कपूर के पास गए तो बोनी ने शर्त रख दी कि इस फिल्म में उनके भाई अनिल कपूर लीड हीरो होंगे। शुरू में तो राज कुमार संतोषी इसके लिए राज़ी नहीं हुए।
लेकिन जब बोनी कपूर ने उन्हें पुकार में अनिल कपूर को एज़ ए हीरो लेने के बदले मोटी रकम चुकाने का ऑफर दिया तो वो मान गए। और इस तरह सनी देओल व राज कुमार संतोषी की जोड़ी चौथी बार बनते बनते रह गई।
वैसे बात अगर पुकार फिल्म की परफॉर्मेंस के बारे में करें तो ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई थी। लेकिन इस फिल्म में अनिल कपूर के काम को काफी पसंद किया गया था। और इसी फिल्म के लिए उन्हें नेशनल फिल्म अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था।
आठवीं कहानी
साल 1993 में आई यश चोपड़ा की फिल्म 'डर' बेशक शाहरुख खान की ज़बरदस्त एक्टिंग के लिए हमेशा जानी जाएगी। लेकिन इस बात से कोई इन्कार नहीं कर सकता कि ये सनी देओल थे जिनकी वजह से दर्शक 'डर' फिल्म को देखने सिनेमाघरों तक गए थे। वैसे भी उस ज़माने में शाहरुख खान का रुतबा सनी देओल के सामने कुछ भी नहीं था।
'डर' फिल्म की मेकिंग के दौरान यश चोपड़ा ने स्क्रिप्ट में कुछ बदलाव किए जो सनी देओल को पसंद नहीं आए थे। और इस वजह से यश चोपड़ा संग उनके संबंध काफी बिगड़ गए। हुआ कुछ यूं था कि यश चोपड़ा ने डर के एक सीन में दिखाया कि शाहरुख खान सनी के पैर में चाकू मार देते हैं।
सनी को ये सीन सही नहीं लग रहा था। वो कह रहे थे कि अगर मैं कमांडो हूं तो भला कोई आम इंसान मुझे ऐसे ही चाकू कैसे मार सकता है। लेकिन यश चोपड़ा ने उनकी एक ना सुनी।
सनी देओल को यश चोपड़ा की इस बात पर बहुत गुस्सा आया। लेकिन गुस्से को काबू करने के लिए उन्होंने अपनी जींस की जेबों में अपने हाथ घुसाए और जेब फाड़ दी।
सनी का ये रूप देखकर वहां मौजूद हर इंसान हैरान रह गया था। डर फिल्म की शूटिंग के दौरान ही सनी देओल व शाहरुख खान की भी अनबन हो गई थी। और फिर सोलह सालों तक सनी ने शाहरुख से बात ही नहीं की।
नौंवी कहानी
90s में जब सनी देओल का करियर पीक पर था तब सनी देओल एक फिल्म के लिए 70 लाख रुपए चार्ज किया करते थे। अगर 2022-23 में महंगाई दर के साथ एडजस्ट करके देखें तो ये रकम 2 करोड़ 90 लाख रुपए बैठती है।
उसी दौर में अमिताभ बच्चन एक फिल्म के लिए लगभग ढाई करोड़ रुपए चार्ज करते थे। पर चुंकि उस ज़माने में अमिताभ बच्चन बहुत कम फिल्मों में और सनी देओल ढेर सारी फिल्मों में काम कर रहे थे तो ऑटोमैटिकली सनी देओल उस वक्त सालाना कमाई के मामले में बॉलीवुड के सबसे बड़े स्टार थे।
दसवीं कहानी
सनी देओल हॉलीवुड स्टार सिल्वेस्टर स्टेलोन के बहुत बड़े फैन हैं। सनी ने सिल्वेस्टोर स्टेलोन की सभी फिल्में देखी हैं। सिल्वेस्टर स्टेलोन के लिए सनी की दीवानगी का आलम कुछ यूं है कि उन्होंने अपने बेटे करण देओल का निकनेम रॉकी रखा है। इससे आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि सनी देओल सिल्वेस्टर स्टेलोन की रॉकी सीरीज़ के कितने बड़े फैन हैं।
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