Waheeda Rehman | बिन मां-बाप की बच्ची वहीदा रहमान के जीवन की पूरी कहानी | Hindi Biography

Waheeda Rehman. बेहद खूबसूरत। बेहद शालीन। पचास के दशक के मध्य में करियर शुरू करने वाली वहीदा रहमान ने हिरोइन के तौर पर सालों तक लोगों के दिलों पर राज किया। करियर के आखिरी दौर में फिल्मों में इन्होंने मां के रोल भी बड़ी खूबसूरती से निभाए। 

जहां दिग्गज फिल्मकार गुरूदत्त के साथ इनकी जोड़ी दर्शकों को खूब पसंद आई। तो वहीं देवानंद, दिलीप कुमार, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टार्स के साथ भी इनकी कैमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब सराहा।

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Waheeda Rehman Hindi Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan पर आज पेश है Legendary Indian Actress Waheeda Rehman की Biography. Waheeda Rehman के बारे में आज बहुत कुछ हम और आप जानेंगे।

शुरुआती जीवन

वहीदा रहमान का जन्म 3 फरवरी 1938 को तमिलनाडू के चेंगलापेट में हुआ था। हालांकि कुछ वेबसाइट्स पर दावा किया जाता है कि इनका जन्म हैदराबाद में हुआ था। लेकिन ये सरासर गलत है।

इनके पिता का नाम मोहम्मद अब्दुर रहमान था और वो ब्रिटिश इंडिया में सिविल सर्वेंट थे। जबकी इनकी मां मुमताज़ बेगम एक हाउस वाइफ थी। चार बहनों में वहीदा रहमान सबसे छोटी थी। 

छोटी उम्र से ही वहीदा के पिता ने इन्हें और इनकी दूसरी बहनों को भरतनाट्यम की ट्रेेनिंग दिलानी शुरू कर दी थी। यही वजह है कि ये भरतनाट्यम में शुरू से ही पारंगत थी। 

बचपन में ही माता-पिता को खो दिया

चूंकि वहीदा रहमान के पिता एक सिविल सर्वेंट थे तो इनका बचपन देश के अलग-अलग शहरों में गुज़रा था। इनकी शुरूआती पढ़ाई विशाखापटनम के सेंट जोसेफ कॉन्वेंट स्कूल में हुई थी। 

वहीदा जब छोटी ही थी तब ही उनके पिता का निधन हो गया था। पिता की मौत के कुछ सालों बाद ही वहीदा की मां भी ये दुनिया छोड़कर चली गई। इनकी बुआ ने इन्हें और इनकी बहनों को सहारा दिया। 

वहीदा बचपन से ही भरतनाट्यम में पारंगत थी तो कम उम्र से ही उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में नृत्य प्रस्तुति देना शुरू कर दिया था। 

यूं मिलने शुरू हुए फिल्मों के ऑफर्स

कहा तो ये भी जाता है कि एक दफा वहीदा रहमान ने किसी बड़े ब्रिटिश अधिकारी के सामने भी भरतनाट्यम किया था। अंग्रेज अधिकारी के सामने दी गई उस परफॉर्मेंस ने वहीदा को बेहद मशहूर कर दिया। 

दक्षिण भारतीय फिल्म इंडस्ट्री से वहीदा को फिल्मों के ऑफर भी आने लगे। पहली दफा साल 1955 में तेलुगू फिल्म रोजुलू माराई में इन्होंने एक डांस परफॉर्मेंस दी। 

इसी साल जयासिम्हा नाम की एक और तेलुगू फिल्म में इन्होंने राजकुमारी पदमिनी का रोल निभाया। इसके बाद इन्होंने दो तमिल फिल्मों में भी काम किया।

Gurudutt ने Waheeda Rehman को स्टार बना दिया

वहीदा की पहली फिल्म रोजुलू माराई की सक्सेस पार्टी में पहली दफा गुरूदत्त ने इन्हें देखा। ये वहीदा रहमान का डांस ही था जिसने महान फिल्मकार गुरूदत्त को इनकी तरफ आकर्षित किया था। 

गुरूदत्त इनके डांस से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने अपनी फिल्म सीआईडी में इन्हें देवानंद के अपोज़िट लीड रोल में कास्ट कर लिया। अपनी पहली ही हिंदी फिल्म में वहीदा रहमान ने कमाल कर दिया। 

देवानंद के साथ इनकी जोड़ी को दर्शकों ने खूब सराहा। वहीदा पहली ऐसी अभिनेत्री थी जिनकी डेब्यू फिल्म को इतना ज़्यादा पसंद किया गया था। अगले साल गुरूदत्त ने इन्हें अपनी फिल्म प्यासा में अपनी हीरोइन बनाया। 

गुलाबो के उस रोल को भी वहीदा रहमान ने बहुत संजीदगी से जिया। गुरूदत्त और वहीदा रहमान की कैमिस्ट्री हर किसी को बढ़िया लगी। प्यासा सुपरहिट रही और इस फिल्म के गाने भी खूब चले। 

खूब जमी Waheeda Rehman-Devanand की जोड़ी

एक के बाद एक, वहीदा रहमान और गुरूदत्त की जोड़ी को लगातार पांच फिल्मों में दर्शकों को देखने का मौका मिला। ट्वैल्व ओ क्लॉक, कागज़ के फूल, चौदहवीं का चांद व साहिब बीबी और गुलाम में वहीदा रहमान ने गुरूदत्त के साथ काम किया। 

सुपरस्टार देवानंद के साथ भी इनकी जोड़ी खूब जमी। सीआईडी के अलावा देवानंद के साथ वहीदा रहमान ने सोलवां साल, काला बाज़ार, बीस साल बाद, गाइड, प्रेम पुजारी, रूप की रानी चोरों का राजा और बात एक रात की जैसी फिल्मों में काम किया। देवानंद के साथ इनकी सबसे यादगार फिल्म गाइड मानी जाती है। 

कहा जाता है कि जब वहीदा रहमान देवानंद के साथ अपनी पहली फिल्म सीआईडी कर रही थी तो उस वक्त तक देवानंद फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम बन चुके थे। नई-नवेली वहीदा रहमान उन्हें या तो सर या मिस्टर आनंद कहकर पुकारा करती थी। 

खूबसूरत वहीदा रहमान का खुद को मिस्टर आनंद कहकर पुकारा जाना देवानंद साहब को पसंद नहीं था। एक दिन उन्होंने वहीदा को अपने पास बुलाया और कहा,"तुम मुझे सिर्फ देव कहा करो। क्योंकि अगर फिल्म की लीड हीरोइन मुझे सर या मिस्टर कहेगी तो मुझे उसके राथ रोमांस करने में परेशानी होगी।"

चर्चाओं में था गुरूदत्त-वहीदा का रोमांस

वहीदा रहमान और गुरूदत्त के रोमांस के किस्से खूब चर्चाओं में रहे थे। कहा जाता है कि ये वहीदा ही थी जिनकी वजह से गुरूदत्त और उनकी पत्नी गीता दत्त का रिश्ता खराब हुआ और आखिरकार टूट गया। 

हालांकि वहीदा रहमान ने कभी भी अपने और गुरूदत्त के रिश्ते के बारे में कोई बात नहीं की। यानि ना तो उन्होंने कभी स्वीकार किया कि वो गुरूदत्त के साथ रिश्ते में थी और ना ही कभी इससे इन्कार किया। 

गुरूदत्त साहब की जब मौत हुई तो कई लोगों ने उनकी मौत को खुदकुशी बताया था। गुरूदत्त की मौत के सालों बाद वहीदा रहमान ने एक इंटरव्यू में उनके बारे में बात करते हुए कहा था कि उन्हें नहीं पता कि गुरूदत्त ने खुदकुशी क्यों की। 

लोग कहते हैं कि अपनी फिल्म कागज़ के फूल के फ्लॉप होने के चलते गुरूदत्त डिप्रेशन में रहते थे। लेकिन कागज़ के फूल के बाद तो उन्होंने चौदवहीं का चांद बनाई थी जो कि सुपर-डूपर हिट रही थी। 

उस इंटरव्यू में वहीदा जी ने ये भी बताया था कि गुरूदत्त साहब ने उनके साथ तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट किया था। लेकिन इस कॉन्ट्रैक्ट में वहीदा रहमान ने ये शर्त डलवाई थी कि वो सिर्फ वही कपड़े पहनेंगी जो उन्हें पसंद आएंगे। 

उन पर किसी खास तरह के कपड़े पहनने का दबाव नहीं बनाया जाएगा। बकौल वहीदा, उन्होंने कभी अपने जीवन में स्लीवलैस ब्लाउज तक नहीं पहना। 

ऐसे में वो नहीं चाहती थी कि किसी फिल्म में डायरेक्टर उन्हें कम कपड़े या फिर बिकिनी पहनने के लिए कहे या उन पर दबाव बनाए।

हर बड़े स्टार के साथ बनी वहीदा रहमान की जोड़ी

जब वहीदा रहमान गुरूदत्त से अलग हुई तो उन्होंने महान फिल्मकार सत्यजीत रे के साथ काम करना शुरू किया। सत्यजीत रे के साथ उन्होंने पहली दफा अभिजान नाम की एक बांग्ला फिल्म में काम किया था। 

अपने दौर के हर बड़े सुपस्टार के साथ वहीदा रहमान ने काम किया था। और इत्तेफाक की बात ये है कि हर स्टार के साथ इनकी किसी ना किसी फिल्म ने सफलता हासिल ज़रूर की। 

जहां दिलीप कुमार के साथ राम और श्याम व आदमी जैसी फिल्मों में इन्होंने ज़बरदस्त काम किया। तो वहीं राज कपूर के साथ तीसरी कसम में इन्होंने बड़ा संजीदगी भरा अभिनय किया। 

सुनील दत्त हों या धर्मेंद्र। राजेश खन्ना हों या फिर अमिताभ बच्चन हों। हर सुपरस्टार के साथ इन्होंने सिल्वर स्क्रीन को शेयर किया। अपने करियर में इन्होंने लगभग सौ फिल्मों में काम किया। 

फिर यूं आगे बढ़ी जीवन व करियर की गाड़ी

इनकी आखिरी फिल्म थी 2020 में रिलीज़ आई डेज़र्ट डोल्फिन। ये एक बाइलिंगुअल फिल्म थी जिसे एक ब्रिटिश डायरेक्टर ने बनाया था। सत्तर का दशक वो दशक था जब इन्होंने फिल्मों में हीरोइन की जगह कैरेक्टर रोल करने शुरू किए। 

फिल्म फागुन में इन्होंने पहली दफा मां का रोल किया और इनकी बेटी बनी थी जया भादुरी। हालांकि अपने इस रोल के लिए वहीदा रहमान को अफसोस भी हुआ। क्योंकि इसके बाद इनके पास इसी तरह के रोल आने शुरू हो गए। 

आखिरकार वहीदा रहमान ने फिल्मों से ब्रेक लिया और 1964 में रिलीज़ हुई फिल्म शगुन के अपने हीरो कमलजीत से इन्होंने शादी कर ली, जिनका असली नाम शशी रेखी था। 

इनके दो बच्चे हैं। बेटा सोहेल रेखी और बेटी कशवी रेखी। इनके दोनों बच्चे राइटर हैं। शादी के बाद इन्होंने फिल्मों में काम तो जारी रखा। लेकिन ये कुछ गिनी-चुनी फिल्मों में ही नज़र आती थी। 

फिल्म कभी-कभी में ये अमिताभ बच्चन की पत्नी के रोल में दिखी। और ठीक दो साल बाद फिल्म त्रिशूल में इन्होंने अमिताभ की मां का रोल भी निभाया।

पति की मौत के बाद फिर आई फिल्मों में

चालीस सालों तक लगातार फिल्मों में काम करने के बाद आखिरकार वहीदा रहमान ने साल 1991 में आई फिल्म लम्हे के बाद फिल्मों से ब्रेक ले लिया और ये अपने पति के साथ बैंगलौर शिफ्ट हो गई। 

लेकिन 21 नवंबर सन 2000 को इनके पति की मौत हो गई। पति की मौत के बाद ये एक बार फिर से मुंबई आ गई और इन्होंने फिर से फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। 

इनकी दूसरी पारी की पहली फिल्म थी 2002 में रिलीज़ हुई ओम जय जगदीश। अपनी दूसरी फिल्मी पारी में इन्होंने वॉटर, मैंने गांधी को नहीं मारा, रंग दे बसंती, दिल्ली-6 और विश्वरूपम जैसी शानदार फिल्मों में काम किया। 

इन सभी फिल्मों में वहीदा रहमान की परिपक्वता ने लोगों का दिल जीत लिया। अपने लगभग 70 साल लंबे करियर में वहीदा रहमान को एक फिल्म ठुकराए जाने का बेहद अफसोस रहा। 

ये फिल्म थी श्याम बेनेगल की अंकुर। हालांकि वहीदा ये भी कहती हैं कि शायद इसी तरह से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को शबाना आज़मी जैसी शानदार अदाकार भी मिलनी थी। 

वहीदा पैरलल सिनेमा की बहुत बड़ी फैन रही हैं। इसिलिए वो कहती भी हैं कि गुरूदत्त बहुत महान फिल्मकार थे। लेकिन सत्यजीत रे उनकी नज़र में ज़्यादा महान फिल्मकार थे। 

Waheeda Rehman को Meerut Manthan का सैल्यूट

वहीदा रहमान अब 85 साल की हो चुकी हैं। अब वो फिल्मों में नज़र नहीं आती हैं। लेकिन आज  भी वहीदा के चाहने वाले वहीदा रहमान को उतना ही प्यार करते हैं जितना की पहले किया करते थे। 

Waheeda Rehman की अच्छी सेहत के लिए Meerut Manthan ईश्वर से प्रार्थना करता है। और हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए उन्हें सैल्यूट करता है। जय हिंद।

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