Baazigar 1993 Trivia | 15 रोचक और अनसुनी कहानियां | SRK | Kajol | Shilpa Shetty | Dalip Tahil | Abbas Mastan

12 नवंबर 1993 को रिलीज़ हुई बाज़ीगर शाहरुख के करियर की पहली माइलस्टोन मूवी थी। 4 करोड़ रुपए में बनी इस फिल्म ने लगभग 32 करोड़ रुपए की कमाई की थी और उस वक्त ये फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। 

शाहरुख के अलावा फिल्म में काजोल, शिल्पा शेट्टी, दलीप ताहिल, सिद्धार्थ, जॉनी लीवर, राखी, अनंत महादेवन, दिनेश हिंगू और आदी ईरानी सरीखे कलाकारों ने काम किया था। 

इस फिल्म के डायरेक्टर थे अब्बास-मस्तान और इसे लिखा था रॉबिन भट्ट, आकाश खुराना और जावेद सिद्दिकी ने। 

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Baazigar 1993 Trivia - Photo: Social Media

फिल्म का म्यूज़िक तैयार किया था अनु मलिक ने। और इस फिल्म के सॉन्ग्स बहुत ज़्यादा चले थे। उस ज़माने में बाज़ीगर के म्यूज़िक एल्बम की एक करोड़ कैसेट्स सेल हुई थी। अनु मलिक को बाज़ीगर के लिए फिल्मफेयर बेस्ट म्यूज़िक डायरेक्टर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।

Meerut Manthan पर आज पेश है Baazigar फिल्म की मेकिंग से जुड़े कुछ अनसुने और बड़े ही रोचक फैक्ट्स। और हमें पूरा यकीन है कि आपको Baazigar फिल्म की ये अनसुनी कहानियां ज़रूर पसंद आएंगी। Baazigar 1993 Trivia.

पहली कहानी

कहा जाता है कि अब्बास-मस्तान ने शाहरुख से भी पहले बाज़ीगर अक्षय कुमार को ऑफर की थी। लेकिन लीड कैरेक्टर अजय शर्मा की निगेटिविटी की वजह से अक्षय ने ये फिल्म ठुकरा दी थी। 

अक्षय के ठुकराने के बाद अब्बास-मस्तान ने बाज़ीगर में काम करने का ऑफर सलमान खान के छोटे भाई अरबाज़ खान को भी दिया। लेकिन अरबाज़ ने भी उसी वजह के चलते ये फिल्म छोड़ दी जिसकी वजह से अक्षय ने छोड़ी थी। 

और वो कहते हैं ना कि दाने-दाने पर लिखा है खाने वाले का नाम। चूंकि ये फिल्म शाहरुख के नसीब में लिखी थी तो उन्हें ही मिली। और आगे क्या हुआ वो हम सभी जानते हैं।

दूसरी कहानी

बाज़ीगर जब रिलीज़ हुई थी तब शाहरुख लंदन में थे। दरअसल, लंदन में भी बाज़ीगर का एक बड़ा प्रीमियर रखा गया था। और जिस वक्त शाहरुख लंदन में थे उस वक्त उन्हें अंदाज़ा भी नहीं था कि बाज़ीगर का रेस्पॉन्स कैसा रहा। 

करण जौहर के पिता यश जौहर ने तब लंदन में शाहरुख को फोन करके बताया था कि फिल्म को ज़बरदस्त रेस्पॉन्स मिल रहा है। और फिल्म बहुत बड़ी हिट बनने जा रही है।

तीसरी कहानी

आपको शायद यकीन ना हो, लेकिन बात एकदम सच है। अब्बास-मस्तान ने इस फिल्म के लिए अजय देवगन से भी बात की थी। लेकिन अजय ने भी इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया था। हालांकि अजय के इन्कार की वजह लीड किरदार का निगेटिव होना नहीं, बल्कि कुछ और था। 

अजय ने उस वक्त अब्बास-मस्तान से काफी ज़्यादा पैसे इस फिल्म में काम करने के एवज में मांग लिए थे। और कह दिया था कि इससे कम में वो फिल्म में काम नहीं करेंगे। अजय को लगा कि अब्बास-मस्तान उनकी बात ज़रूर मानेंगे। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

चौथी कहानी

बाज़ीगर के डायरेक्टर अब्बास-मस्तान चाहते थे कि इस फिल्म में श्रीदेवी को कास्ट किया जाए। वो भी डबल रोल में। लेकिन बाद में उन्होंने ये इरादा ड्रॉप कर दिया। ये सोचकर कि अगर शाहरुख श्रीदेवी की हत्या करते हुए दर्शकों को दिखेंगे तो दर्शक ये बात हजम नहीं कर पाएंगे। 

दर्शकों को लग सकता है कि एक नया लड़का कैसे श्रीदेवी जैसी इस्टैब्लिश एक्ट्रेस की हत्या कर सकता है। तब जाकर उन्होंने काजोल और शिल्पा शेट्टी को इस फिल्म में कास्ट किया।

पांचवी कहानी

बात अगर बाज़ीगर फिल्म के म्यूज़िक की करें तो इसमें मौजूद सभी गाने खूब पसंद किए गए थे। लेकिन सबसे ज़्यादा हिट हुआ था ये काली काली आंखें। इस गीत को कुमार सानू ने गाया था। और ये वो दौर था जब कुमार सानू की गायकी हर तरफ धूम मचा रही थी। 

इस गीत की रिकॉर्डिंग से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा कुछ यूं है कि कुमार सानू ने ये गीत रिकॉर्ड किया और वो अपने घर चले गए। लेकिन प्रोड्यूसर्स को लगा कि कुमार सानू को एक दफा फिर से ये गीत रिकॉर्ड करना चाहिए। 

उन्होंने जब कुमार सानू से दोबारा ये गीत रिकॉर्ड करने को कहा तो कुमार सानू हैरान रह गए। उन्हें समझ में नहीं आया कि आखिर प्रोड्यूसर्स को कहां से इस गीत में कमी लग रही है। 

उन्होंने भी प्रोड्यूसर्स को टरकाना शुरू कर दिया। और आखिरकार फिल्म को ऐसे ही रिलीज़ करना पड़ा। सानू दा का गाया ये काली काली आंखे गीत इतना हिट हुआ कि फिल्फेयर ने उन्हें बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर अवॉर्ड से नवाज़ा।

छठी कहानी

बाज़ीगर के ठीक 42 दिन बाद शाहरुख की ही डर फिल्म भी रिलीज़ हुई थी। और उस फिल्म में दर्शकों ने एक बार फिर से शाहरुख को विलेनियस रोल में देखा। डर भी बहुत बड़ी हिट साबित हुई। 

और शाहरुख के पैर फिल्म इंडस्ट्री में और मजबूती से जम गए। बाज़ीगर फिल्म के लिए शाहरुख खान को फिल्म फेयर बेस्ट एक्टर अवॉर्ड मिला था। और डर के लिए शाहरुख को बेस्ट विलेन अवॉर्ड का नॉमिनेशन मिला था।

सातवीं कहानी

बाज़ीगर में जॉनी लीवर की कॉमेडी देखने लायक है। और जैसे बाज़ीगर ने शाहरुख, काजोल और शिल्पा शेट्टी का करियर सेट किया। वैसे ही जॉनी लीवर के लिए भी ये फिल्म बहुत इंपोर्टेंट साबित हुई थी। 

क्योंकि बाज़ीगर के बाद ही जॉनी लीवर को फिल्म इंडस्ट्री के टॉप क्लास कॉमेडियन्स की कतार में शुमार किया जाने लगा था। लेकिन ये बात भी अपने आप में अनोखी है कि अब्बास-मस्तान ने जॉनी लीवर को साइन तो कर लिया था। 

लेकिन उन्हें कोई डायलॉग नहीं दिया था। अपने सीन्स में जॉनी जो भी डायलॉग्स बोलते दिखते हैं, वो उन्होंने खुद ही ऑन द स्पॉट बोले थे।

आठवीं कहानी

अब्बास-मस्तान के सामने बाज़ीगर की शूटिंग शुरू होने के बाद पहली बड़ी चुनौती आई किसी ऐसे बंगले की तलाश करना जिसे मदन चोपड़ा के बंगले के तौर पर दिखाया जाए। तब शाहरुख खान अब्बास-मस्तान को अपने साथ दिल्ली लेकर आए। 

शाहरुख ने दिल्ली के कई फार्म हाउसेज़ अब्बास-मस्तान को दिखाए। जिनमें से फाइनली एक उन्हें पसंद आ गया। और मदन चोपड़ा यानि एक्टर दलीप ताहिल के बंगले वाले सभी सीन्स वहीं पर शूट हुए।

नौंवी कहानी

बाज़ीगर से जुड़ी एक और दिलचस्प बात ये है कि अरबाज़ खान ही नहीं, सलमान खान को भी ये फिल्म ऑफर की गई थी। लेकिन उस वक्त सलमान खान को लगा कि करियर की शुरुआत में अगर वो विलेनियस रोल करेंगे तो उनका नुकसान हो जाएगा। 

हालांकि तब सलमान के पिता सलीम खान ने अब्बास-मस्तान से कहा कि अगर मां के किरदार को, जिसे राखी जी निभा रही थी, उसे एक गाना दे दिया जाए तो सलमान फिल्म में काम कर सकते हैं। लेकिन उस वक्त अब्बास-मस्तान इसके लिए तैयार नहीं हुए।

दसवीं कहानी

बाज़ीगर फिल्म के लिए कुल आठ सॉन्ग्स रिकॉर्ड किए गए थे। लेकिन फिल्म में रखे गए कुल पांच। विनोद राठौर और अल्का याज्ञनिक का गाया 'समझ कर चांद' गीत इस फिल्म से हटा दिया गया था। 

वहीं कुमार सानू और अल्का याज्ञनिक का गाया 'तेरे चेहरे पे' भी फिल्म में नहीं है। और पंकज उदास का गाया 'छुपाना पाना भी नहीं आता' गीत भी फिल्म में नहीं लिया गया था। जबकी ये सभी गीत आपको यूट्यूब पर मिल जाएंगे। 

डायरेक्टर अब्बास-मस्तान तो विनोद राठौर का गाया 'छुपाना भी नहीं आता' गीत भी हटाना चाहते थे। लेकिन वो गीत शाहरुख की गुज़ारिश पर उन्होंने फिल्म में रहने दिया। और वो गीत भी बहुत हिट हुआ था।

11वीं कहानी

अब्बास-मस्तान को बाज़ीगर फिल्म के लिए दो एंडिंग्स शूट करनी पड़ी थी। दरअसल, फिल्म में शाहरुख की मां का रोल निभा रही एक्ट्रेस राखी गुलज़ार ने अब्बास मस्तान को सलाह दी थी कि पब्लिक को ये बात पसंद नहीं आएगी कि फिल्म का हीरो ही आखिरी में मर जाए। भले ही हीरो ने गंदे काम किए हैं। 

लेकिन अगर आखिर में वो सुधर जाएगा तो पब्लिक फिल्म से कनैक्ट होगी। कुछ ऐसी ही बात अब्बास-मस्तान से दो डिस्ट्रीब्यूटर्स ने भी कही थी। इनका कहना था कि फिल्म की एंडिंग कुछ ऐसी रखनी चाहिए कि अंत में शाहरुख को पुलिस पकड़कर ले जाए और वो जेल में बंद हो जाए। 

राखी और उन डिस्ट्रीब्यूटर्स की बात मानते हुए अब्बास-मस्तान ने एक और एंडिंग शूट कर ली। लेकिन जब एडिटिंग टेबल पर उस एंडिंग को फिल्म से जोड़ा गया तो उसमें वो दम दिखा ही नहीं जो शाहरुख की मौत वाली एंडिंग में दिख रहा था। और वो एंडिंग देखकर आखिरकार राखी गुलज़ार व उन दोनों डिस्ट्रीब्यूटर्स को भी शाहरुख की मौत वाली एंडिंग के लिए ही राज़ी होना पड़ा।  

12वीं कहानी

बाज़ीगर में दलीप ताहिल के किरदार ने जो अनंत महादेवन के किरदार के साथ किया था। ठीक वैसा ही राम लखन फिल्म में अमरीश पुरी ने दलीप ताहिल के साथ किया था। 

यानि धोखे से सारी जायदाद हड़प लेना। इत्तेफाक से इन दोनों ही फिल्मों में राखी ने विक्टिम की पत्नी का रोल निभाया था। 

और दोनों ही फिल्मों में बेटों ने अपने पिता के साथ हुए धोखे का बदला लिया था। हालांकि बाज़ीगर की एंडिंग राम लखन की एंडिग से एकदम अलग थी।

13वीं कहानी

बाज़ीगर में शिल्पा शेट्टी यानि सीमा चोपड़ा की फ्रेंड अंजलि सिन्हा का रोल एक्ट्रेस रेशम टिपनिस ने निभाया था। ये सीमा की वही फ्रेंड थी जो प्रिया यानि काजोल के सामने विक्की यानि शाहरुख की असलियत बताने वाली थी। 

लेकिन प्रिया तक पहुंचने से पहले ही राहुल उर्फ विक्की उसका मर्डर कर देते हैं। रेशम टिपनिस के मर्डर का सीन जब फिल्माया जा रहा था तो शाहरुख उस सीन में इतनी गहराई से उतर गए कि उन्होंने रेशम की गर्दन बहुत ज़्यादा कस के पकड़ ली। इतनी की रेशम को सांस लेने में भी परेशानी होने लगी। 

रेशम ने किसी तरह अपने नाखून शाहरुख के कोट की एक साइड पर ज़ोर से गाढ़ दिए। वो सीन तो एकदम रिएलिस्टिक अंदाज़ में कंप्लीट हो गया। लेकिन शाहरुख के पेट पर रेशम के नाखूनों के स्क्रेचेस बन गए थे।

14वीं कहानी

बाज़ीगर में जॉनी लीवर का वो सीन जब वो दीवार में कील उल्टी तरफ से गाड़ते हैं, वो आज भी लोगों को बहुत अच्छी तरह से याद है। ये सीन वास्तव में एक बड़ी पुरानी फिल्म से जॉनी लीवर ने कॉपी किया था। 

साल 1951 में आई देवानंद की सज़ा फिल्म में हूबहू एक ऐसा ही सीन है। और वो सीन कॉमेडियन गोप और कॉमेडियन मुकरी पर फिल्माया गया था। और उस फिल्म में दीवार पर उल्टी कील मुकरी गाड़ रहे थे। वैसे देव साहब की उस फिल्म में एक्ट्रेस निम्मी और श्यामा भी थी।

15वीं कहानी

शाहरुख बाज़ीगर फिल्म का हिस्सा कैसे बने इसके बारे में कई कहानियां बताई जाती हैं। उनमें से एक के मुताबिक, अब्बास-मस्तान को शाहरुख का नाम सुझाया था एक्टर अमृत पटेल ने। 

अमृत पटेल शाहरुख के साथ उनके पहले टीवी शो फौजी में काम कर चुके थे। और वो एक्टिंग को लेकर शाहरुख के पैशन और उनकी डैडिकेशन से बड़े प्रभावित थे। 

अमृत पटेल ने जब अब्बास-मस्तान को बताया कि शाहरुख नाम का एक लड़का इस रोल के लिए फिट रहेगा तो उन्होंने शाहरुख से मिलने का इरादा बना लिया। 

और कहानी सुनने के बाद शाहरुख ने भी इस फिल्म के लिए हां कह दी। वैसे अमृतपाल ने भी बाज़ीगर में एक छोटी सी भूमिका निभाई थी। वो बाज़ीगर में दलीप ताहिल के ड्राइवर के रोल में नज़र आए थे।

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