Khakee 2004 Movie Trivia | ख़ाकी फिल्म से जुड़ी दस अनसुनी और बड़ी ही रोचक कहानियां

Khakee 2004 Movie Trivia. 23 जनवरी सन 2004 को रिलीज़ हुई थी मल्टीस्टारर फिल्म ख़ाकी। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, अजय देवगन, अक्षय कुमार, तुषार कपूर, ऐश्वर्या राय, अतुल कुलकर्णी, कमलेश सावंत, जया प्रदा, तनुजा और प्रकाश राज मुख्य भूमिकाओं में थे। ये फिल्म प्रोड्यूस की थी रामसे ब्रदर्स वाले केशू रामसे ने और इसका डायरेक्शन किया था राजकुमार संतोषी ने। 

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Khakee 2004 Movie Trivia - Photo: Social Media

जबकी इस फिल्म की कहानी राजकुमार संतोषी ने श्रीधर राघवन के साथ मिलकर लिखी थी। फिल्म में कुल सात सॉन्ग्स थे जिन्हें कंपोज़ किया था संगीतकार राम संपत ने। 20 करोड़ रुपए के बजट में बनी इस फिल्म ने लगभग 50 करोड़ रुपए की कमाई की थी। और उस वक्त ये बॉक्स ऑफिस पर एवरेज रही थी।

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Khakee 2004 Movie Trivia

हालांकि साल 2004 में कलेक्शन के मामले में ये फिल्म वीर ज़ारा, मैं हूं ना, धूम और मुझसे शादी करोगे के बाद पांचवे नंबर पर रही थी। पचासवें फिल्मफेयर अवॉर्ड में भी इस फिल्म को बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट एक्टर, बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर और बेस्ट विलेन कैटेगरी में नॉमिनेशन मिला था।   

Meerut Manthan पर आज पेश है Khakee फिल्म की मेकिंग से जुड़ी कुछ बड़ी ही दिलचस्प कहानियां। और यकीन कीजिएगा दोस्तों। आपको Khakee फिल्म की ये कहानियां बहुत पसंद आएंगी। तो चलिए, शुरू करते हैं। Khakee 2004 Movie Trivia.

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पहली कहानी

ख़ाकी फिल्म में अक्षय कुमार सब-इंस्पैक्टर शेखर वर्मा के रोल में नज़र आए थे। और अक्षय ने इस रोल को बड़े शानदार अंदाज़ में निभाया भी था। लेकिन ये सुनकर आपको शायद अजीब लगे कि पहले ये रोल परेश रावल निभाने वाले थे। 

जी हां, पहले इस रोल के लिए परेश रावल को ही साइन किया गया था। लेकिन फिल्म की कॉमर्शियल वैल्यू बढ़ाने के लिए प्रोड्यूसर ने परेश रावल को ड्रॉप कर दिया और अक्षय कुमार को इस फिल्म में साइन कर लिया।

दूसरी कहानी

ख़ाकी फिल्म में अक्षय खन्ना को भी एक रोल ऑफर किया गया था। अक्षय खन्ना ने बाकायदा फिल्म की पूरी कहानी भी सुनी थी। और जब अक्षय खन्ना को पता चला कि इस फिल्म में एक सीन है जिसमें अमिताभ बच्चन के कैरेक्टर को उसके साथियों से ही विलेन ज़बरदस्ती थप्पड़ लगवाता है तो उन्हें ये बड़ा अजीब लगा। 

उन्होंने मेकर्स से ये सीन बदलने की गुज़ारिश की। लेकिन जब मेकर्स ने साफ इन्कार कर दिया तो अक्षय ने ये कहकर ख़ाकी छोड़ दी कि अमिताभ जैसे इतने महान और सीनियर एक्टर को थप्पड़ लगाना एक अपमानजनक बात है। अक्षय के फिल्म छोड़ने के बाद वो रोल फाइनली तुषार कपूर के पास गया।

तीसरी कहानी

ख़ाकी के डायरेक्टर राजकुमार संतोषी ने साल 1982 में आई फिल्म अर्धसत्य से बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर अपना करियर स्टार्ट किया था। 

जिस वक्त अर्धसत्य की शूटिंग चल रही थी, उसी वक्त राजकुमार संतोषी ने इरादा बना लिया था कि वो एक ना एक दिन अमिताभ बच्चन को लेकर पुलिस फोर्स पर केंद्रित कोई फिल्म बनाएंगे। और राजकुमार संतोषी का वो सपना साल 2004 में ख़ाकी फिल्म बनाने के बाद पूरा हुआ।

चौथी कहानी

ख़ाकी फिल्म में अमिताभ बच्चन के अपोज़िट एक्ट्रेस जया प्रदा दिखाई देती हैं। इस फिल्म में उनका रोल बहुत छोटा सा है। कहा जा सकता है कि जया प्रदा ने ख़ाकी में गेस्ट अपीयरेंस निभाया था। लेकिन फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले ऐसा नहीं था। 

जया प्रदा का एक फुल फ्लैज्ड रोल इस फिल्म में था। मगर जिस वक्त ख़ाकी की शूटिंग शुरू हुई, उसी वक्त जया प्रदा के पति श्रीकांत नाहटा की तबियत बहुत ज़्यादा ख़राब हो गई। और जया प्रदा को उनकी देखभाल के लिए उनके पास रुकना पड़ा। 

पति की ख़राब तबियत की वजह से जया प्रदा अपने रोल की शूटिंग नहीं कर पाई। और इस तरह उनका रोल एक गेस्ट अपीयरेंस बनकर रह गया। वैसे ख़ाकी फिल्म में जया प्रदा पांच साल बाद अमिताभ बच्चन के अपोज़िट नज़र आई थी। 

ख़ाकी से पहले कोहराम में जया और अमिताभ एक-दूजे के अपोज़िट थे। और ख़ाकी के बाद से अभी तक किसी और फिल्म में इन दोनों ने साथ काम नहीं किया है।

पांचवी कहानी

ख़ाकी में अजय देवगन ने विलेनियस रोल में ज़बरदस्त अदाकारी करके हर किसी को चौंका दिया था। अजय देवगन की शानदार अदाकारी के लिए फिल्मफेयर ने उन्हें बेस्ट विलेन अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट भी किया था। 

मगर ये जानकर आपको हैरानी होगी कि पहले इस फिल्म के मेकर्स चाहते थे कि अजय देवगन इस फिल्म में वो रोल निभाएं जिसे अक्षय खन्ना ने ठुकरा दिया था। 

यानि सब-इंस्पैक्टर शेखर वर्मा का रोल। लेकिन अजय देवगन ने कहा कि मैं विलेन यशवंत आंग्रे का रोल ही निभाउंगा। अजय की बात मान ली गई और उन्हें यशवंत आंग्रे का रोल दे दिया गया। और सब-इंस्पैक्टर शेखर वर्मा का रोल अक्षय कुमार को मिल गया।

छठी कहानी

ख़ाकी में एक्टर प्रकाश राज ने एसीपी श्रीकांत नायडू का रोल निभाया था। शुरुआत में लगता है कि एसीपी श्रीकांत नायडू एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर है। और वो अमिताभ बच्चन और उनकी टीम की पूरी मदद कर रहा है। 

लेकिन बाद में पता चलता है कि श्रीकांत नायडू एक करप्ट पुलिस वाला है। और वो विलेन यशवंत आंग्रे से मिला हुआ है। हालांकि आखिर में श्रीकांत नायडू को उसके किए की सज़ा मिल जाती है। 

इस फिल्म को अगली बार आप जब भी देखें तो प्रकाश राज के डायलॉग्स को गौर से सुनिएगा। आपको पता चलेगा कि ये प्रकाश राज की आवाज़ है ही नहीं। प्रकाश राज के सभी डायलॉग्स शैलेंद्र पांडे ने डब किए थे। हालांकि ये नहीं पता चल सका कि ऐसा करने की नौबत क्यों आई थी।

सातवीं कहानी

ख़ाकी फिल्म जब शुरू होती है तो इसके ऑपनिंग क्रेडिट्स में हमें पॉलिटिशियन लेट अमर सिंह जी को थैंक्स लिखा दिखाई देता है। उस वक्त काफी लोगों ने सोचा था कि अमर सिंह ने इस फिल्म के लिए क्या किया है जो उन्हें इस फिल्म में क्रेडिट दिया गया है। 

तो बात कुछ यूं है कि राजकुमार संतोषी ने पहले अमर सिंह को ही इस फिल्म की कहानी सुनाई थी। और उनसे गुज़ारिश थी कि वो अमिताभ बच्चन से बात करें और इस फिल्म में काम करने के लिए उन्हें राज़ी करें। 

अमर सिंह को ख़ाकी की कहानी बड़ी पसंद आई। और उन्होंने अमिताभ बच्चन को इस फिल्म में काम करने के लिए राज़ी कर लिया। साथ ही साथ अमर सिंह ने जया प्रदा को भी इस फिल्म का हिस्सा बना लिया। 

इतना ही नहीं, शूटिंग शुरू होने के बाद ट्रेन वाले सीन्स की परमिशन दिलाने में भी अमर सिंह ने ही अहम भूमिका निभाई थी। इसिलिए राजकुमार संतोषी और केशू रामसे ने फिल्म के ऑपनिंग क्रेडिट्स में उन्हें थैंक्स कहा था।

आठवीं कहानी

ख़ाकी फिल्म में अपने काफी सीन्स शूट करने के बाद तक भी ऐश्वर्या राय को ये पता ही नहीं था कि फिल्म में उनका रोल निगेटिव है। ये बात खुद राजकुमार संतोषी ने एक इंटरव्यू में बताई थी। 

बकौल राजकुमार संतोषी, उन्होंने ऐश्वर्या को उनके रोल की पूरी जानकारी दी ही नहीं थी। और चूंकि ऐश्वर्या से उनकी अच्छी दोस्ती थी तो ऐश्वर्या ने इस बात की टेंशन भी नहीं पाली। 

और तो और, फिल्म के बाकी कलाकारों को भी नहीं पता था कि ऐश्वर्या इस फिल्म में निगेटिव रोल निभाने वाली हैं। राजकुमार संतोषी ने ये बात सबसे पहले अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, अजय देवगन और तुषार कपूर को बताई थी। 

और जब ये बात इन सभी कलाकारों को पता चली तो सब दंग रह गए थे। उस वक्त इन सभी को लगा कि जब ऐश्वर्या को ये बात पता चलेगी तो वो बहुत नाराज़ होंगी। हो सकता है फिल्म भी छोड़ दें। लेकिन राजकुमार संतोषी को पूरा भरोसा था कि ऐसा कुछ नहीं होगा।

नौंवी कहानी

ख़ाकी की शूटिंग के दौरान एक हादसा हो गया था और ऐश्वर्या राय बुरी तरह घायल हो गई थी। दरअसल, ऐश्वर्या और तुषार कपूर अपने एक सीन की रिहर्सल कर रहे थे। 

उस रिहर्सल में एक गाड़ी को इनके काफी पास आकर रुकना था। लेकिन अचानक ड्राइवर अपना कंट्रोल खो बैठा और वो सही जगह पर गाड़ी नहीं रोक सका। 

गाड़ी को अपनी तरफ आते देख ऐश्वर्या और तुषार झाड़ियों में कूद पड़े। तुषार को तो मामूली खरोंचे ही आई। लेकिन ऐश्वर्या के पैर में फ्रैक्चर हो गया। उन्हें तुरंत हॉस्पिटल ले जाया गया। 

वहां प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हैलिकॉप्टर से मुंबई के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। कुछ दिनों तक ऐश्वर्या का इलाज वहीं पर चला। और फिर आगे के कुछ दिन ऐश्वर्या ने अपने घर पर आराम किया। 

ऐश्वर्या जब अपने घर पर थी तो एक दिन राजकुमार संतोषी उनसे मिलने गए। और तब उन्होंने ऐश्वर्या को उनके रोल की हकीकत बताई। और ठीक वैसा ही हुआ जैसी उम्मीद राजकुमार संतोषी ने की थी। 

ऐश्वर्या को जब पता चला कि फिल्म में उनका किरदार निगेटिव है तो वो नाराज़ नहीं हुई। बल्कि खुश हुई। और वो इसलिए क्योंकि उन्हें भी कुछ अलग करने का मौका जो मिल गया था।

दसवीं कहानी

ख़ाकी में सालों बाद अमिताभ बच्चन ने अपनी दाढ़ी साफ कराई थी। और सिर्फ मूंछों में ही दिखे थे। वरना इससे पहले की लगभग हर फिल्म में अमिताभ बच्चन के चेहरे पर दाढ़ी नज़र आती है। बस दाढ़ी का स्टाइल अलग होता है। 

वैसे ये बात भी जानने लायक है कि ख़ाकी में डीएसपी अनंत कुमार श्रीवास्तव के रोल के लिए केशू रामसे की पहली पसंद अमिताभ बच्चन नहीं, धर्मेंद्र साहब थे। धर्मेंद्र को ये रोल ऑफर भी किया गया था। 

लेकिन उन दिनों धर्मेंद्र साहब की तबियत ज़रा नासाज़ थी तो उन्होंने इस फिल्म में काम करने में असमर्थता जता दी। और राजकुमार संतोषी इसी मौके की तलाश में थे। 

धर्मेंद्र के इन्कार करने के बाद उन्होंने तुरंत अमर सिंह के ज़रिए इस फिल्म का ऑफर अमिताभ बच्चन तक पहुंचा दिया। जो अल्टीमेटली अमिताभ ने स्वीकार कर ही लिया।

11वीं कहानी

ख़ाकी ही वो पहली हिंदी फिल्म है जिसमें एक्टर कमलेश सावंत ने काम किया था। और इत्तेफाक देखिए, ख़ाकी में इनके कैरेक्टर का नाम भी कमलेश सावंत ही है। 

फिल्म का वो सीन जब कमलेश सावंत से यशवंत आंग्रे यानि अजय देवगन ज़बरदस्ती डीएसपी अनंत कुमार के गाल पर थप्पड़ लगवाता है, वो देखकर लोग बहुत इमोशनल और सैड होते हैं। 

लेकिन कुछ साल बाद आई दृश्यम फिल्म में कमलेश सावंत ने इंस्पैक्टर गायतोंडे का किरदार निभाकर अजय देवगन की जमकर पिटाई की। लोग मज़ाक में ही कहते हैं कि आखिरकार कमलेश सांवत ने दृश्यम फिल्म में अजय देवगन से ख़ाकी का बदला ले लिया।

12वीं कहानी

ख़ाकी फिल्म में पूरे 10 साल बाद अजय देवगन और अक्षय कुमार ने साथ काम किया था। ख़ाकी से पहले साल 1994 में आई सुहाग में अजय और अक्षय साथ नज़र आए थे। 

हालांकि उस फिल्म में ये दोनों दोस्त थे। लेकिन ख़ाकी में ये दोनों दुश्मन थे। और इत्तेफाक देखिए। दोनों ने ही ख़ाकी में इतना शानदार काम किया कि दोनों को फिल्मफेयर नॉमिनेशन मिला था। 

वैसे ख़ाकी के अगले साल यानि 2005 में इंसान नाम की एक फिल्म में एक बार फिर से अक्षय और अजय साथ आए। और इस दफा अजय देवगन का रोल भी फिल्म में पॉज़िटिव था। और इत्तेफाक से इंसान में इन दोनों के साथ तुषार कपूर भी थे।

13वीं कहानी

ख़ाकी में अजय देवगन की सासू मां तनुजा ने भी काम किया था। इस फिल्म में तनुजा ने डॉक्टर इकबाल अंसारी की मां का किरदार निभाया था। ख़ाकी में तनुजा और अजय देवगन एक दृश्य में साथ तो दिखाई देते हैं। 

लेकिन दोनों के बीच किसी तरह का कोई संवाद नहीं होता। वैसे ये दूसरी दफा था जब अजय देवगन अपनी सासू मां तनुजा जी के साथ किसी फिल्म में दिखे थे। 

इससे ठीक एक साल पहले, यानि साल 2003 में आई फिल्म भूत में भी अजय देवगन और तनुजा ने स्क्रीन शेयर की थी। फिर साल 2010 की टूनपुर का सुपरहीरो और 2012 की सन ऑफ सरदार में भी इन दोनों ने साथ काम किया था। 

वैसे ख़ाकी फिल्म ही वो फिल्म भी है जिसमें पूरे 22 साल बाद अमिताभ बच्चन और तनुजा ने काम किया था। इससे पहले साल 1982 में आई खुद्दार में इन दोनों ने काम किया था। 

और ख़ाकी में ही 12 साल बाद अक्षय कुमार ने भी तनुजा के साथ काम किया। 1992 में आई दीदार के बाद ख़ाकी वो दूसरी फिल्म बनी जिसमें तनुजा जी और अक्षय कुमार साथ नज़र आए।

14वीं कहानी

ख़ाकी फिल्म का आइटम सॉन्ग 'ऐसा जादू डाला रे' उस वक्त बहुत ज़्यादा हिट हुआ था। इस गाने में लारा दत्ता नज़र आई थी और उस वक्त ये गाना खूब पसंद किया गया था। डीजेस और पार्टीज़ में ये गाना खूब सुनाई देता था। 

वैसे, पहले ये गाना उस ज़माने की एक बड़ी आइटम गर्ल कोएना मित्रा को ऑफर हुआ था। लेकिन कोएना मित्रा ने किन्हीं वजहों से ये गाना शूट करने से मना कर दिया था। और तब ये गाना लारा दत्ता को मिला था।

15वीं कहानी

ख़ाकी वो पहली फिल्म थी जिसमें अक्षय कुमार ने ऐश्वर्या राय के साथ रोमांस किया था। और पहली दफा काम भी किया था। ख़ाकी के बाद साल 2010 में आई एक्शन रिप्ले में अक्षय और ऐश्वर्या एक-दूसरे के अपोज़िट नज़र आए। 

वैसे 2018 में आई 2.0 में भी अक्षय कुमार और ऐश्वर्या थे। लेकिन उस फिल्म में अक्षय विलेन थे। जबकी साल 2009 में इन दोनों की एक फिल्म और आने वाली थी जिसका नाम था सामना। 

वो फिल्म भी राजकुमार संतोषी ही बनाने वाले थे और उसमें अजय देवगन, नाना पाटेकर और रितेश देशमुख भी थे। लेकिन वो फिल्म कभी बन नहीं पाई।

16वीं कहानी

ख़ाकी में अजय देवगन का कैरेक्टर यशवंत आंग्रे ज़्यादातर दृश्यों में एक काला चश्मा पहने नज़र आता है। ख़ाकी से पहले साल 1994 में आई विजयपथ नाम की फिल्म में भी अजय देवगन का कैरेक्टर ऐसे ही एक काला चश्मा पहने रहता है। ख़ाकी वो तीसरी फिल्म थी जिसमें अजय देवगन ने राजकुमार संतोषी के डायरेक्शन में काम किया था। 

इससे पहले सन 2000 में आई लज्जा और सन 2002 में आई द लैजेंड ऑफ भगत सिंह में अजय देवगन ने राजकुमार संतोषी के साथ काम किया था। फिर साल 2008 में आई हल्ला बोल में एक दफा फिर राजकुमार संतोषी ने अजय को लीड रोल में कास्ट किया।

17वीं कहानी

ख़ाकी राजकुमार संतोषी की दूसरी ऐसी फिल्म थी जिसमें एक्टर विजू खोटे नज़र नहीं आए थे। ख़ाकी से आई पहले द लैजेंड ऑफ भगत सिंह में भी विजू खोटे ने काम नहीं किया था। 

वरना उससे पहले जितनी भी फिल्में राजकुमार संतोषी ने बनाई थी, विजू खोटे उन सभी में दिखे थे। ख़ाकी के बाद साल 2006 में आई फैमिली: टाइज़ ऑफ ब्लड में भी विजू खोटे नज़र आए थे। लेकिन उसके बाद राजकुमार संतोषी की किसी और फिल्म में विजू खोटे नहीं दिखे।

18वीं कहानी

ख़ाकी के आखिरी सीन में यशवंत आंग्रे यानि अजय देवगन पुलिस वाले की राइफल छीनकर पुलिस की गाड़ी में से निकल भागने की कोशिश करता है। लेकिन अल्टीमेटली मारा जाता है। 

और हमें पता चलता है कि ये डीएसपी अनंत कुमार श्रीवास्तव यानि अमिताभ बच्चन का प्लान था जो उसने अजय देवगन का एनकाउंटर करने के लिए बनाया था। 

हूबहू ऐसा ही एक सीन अमिताभ बच्चन की फिल्म 'अकेला' में भी है जिसमें अमिताभ बच्चन का कैरेक्टर इंस्पैक्टर विजय वर्मा विलेन कीथ स्टीवेंसेन यानि टोनी को मारने के लिए ऐसी ही चाल चलता है। और टॉनी मारा जाता है।

19वीं कहानी

ख़ाकी साल 2004 में रिलीज़ हुई अमिताभ बच्चन की पहली फिल्म थी। और इत्तेफाक देखिए, जिस दिन ख़ाकी रिलीज़ हुई थी। यानि 23 जनवरी के दिन ही अमिताभ की एक और फिल्म रिलीज़ हुई थी। 

उस फिल्म का नाम था ऐतबार और उसमें जॉन अब्राहम व बिपाशा बसु भी थे। लेकिन वो फिल्म फ्लॉप हो गई थी। जबकी ख़ाकी ठीक-ठाक चली थी। फिर इसी साल यानि 2004 में अमिताभ की देव भी आई थी, जिसमें वो एक दफा फिर से पुलिस वाले के रोल में दिखे थे। 

और इसी साल ही अमिताभ लक्ष्य, दीवार, क्यूं हो गया ना, वीर-ज़ारा और अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों में भी नज़र आए थे। जबकी इसी साल आई रुद्राक्ष फिल्म में अमिताभ ने अपनी आवाज़ दी थी।

20वीं कहानी

ये बात भी बड़ी मज़ेदार और जानने लायक है कि ख़ाकी वो तीसरी फिल्म है जिसमें ऐश्वर्या राय अजय देवगन के लिए गोली खाती हैं। ख़ाकी से पहले 1999 में आई हम दिल दे चुके सनम फिल्म में एक सीन है जब लुटेरे ऐश्वर्या और अजय को पकड़ लेते हैं और गोली चला देते हैं जो कि ऐश्वर्या को लग जाती है। 

उसके बाद साल 2002 में आई फिल्म हम किसी से कम नहीं में भी एक सीन है जब संजय दत्त अजय देवगन पर गोली चला देते हैं। लेकिन ऐश्वर्या बीच में आ जाती हैं और वो गोली उन्हें लग जाती है। और ख़ाकी में तो यशवंत आंग्रे उर्फ अजय देवगन खुद ही ऐश्वर्या को गोली के आगे कर देता है।

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