10 Best Roles Played By Junior Mehmood | जूनियर महमूद के निभाए दस सबसे शानदार किरदार
Junior Mehmood साहब भले ही अब हमारे बीच ना रहे हों। लेकिन फिल्मों में उन्होंने जो शानदार काम किया है, वो हमेशा उन्हें उनके चाहने वालों के दिलों में ज़िंदा रखेगा। एक वक्त के सबसे महंगे चाइल्ड आर्टिस्ट रहे जूनियर महमूद जी ने ढाई सौ से भी ज़्यादा फिल्मों में काम किया था। और जूनियर महमूद साहब के खाते में एक से बढ़कर एक फिल्में दर्ज हैं।
आज Meerut Manthan आपको Junior Mehmood जी के निभाए टॉप 10 किरदारों से रूबरू कराएगा। और यकीन कीजिएगा दोस्तों, Junior Mehmood साहब के ये 10 किरदार देखकर आप भी कहेंगे कि वाकई, जूनियर महमूद बहुत शानदार कलाकार थे।
ब्रह्मचारी(1968)
साल 1968 में आई ब्रह्मचारी में जूनियर महमूद जी ने शम्मी कपूर के 12 बच्चों में से एक अमित का किरदार निभाया था। अमित एक चुलबुला और शरारती लड़का होता है। जो कभी-कभी अपनी शरारतों से शम्मी कपूर के लिए थोड़ी मुश्किलें तो खड़ी करता है। लेकिन शम्मी कपूर और बाकि सभी को अमित से बहुत प्यार है।
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Junior Mehmood in Brahamchari 1968 - Photo: Youtube Screenshot |
प्यार ही प्यार(1969)
धर्मेंद्र जी की फिल्म प्यार ही प्यार साल 1969 में रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म में जूनियर महमूद साहब ने चाय वाले मनसब अली का कैरेक्टर प्ले किया था। यूं तो जूनियर साहब इस फिल्म में सिर्फ दो सीन्स में ही दिखे थे। लेकिन इन दोनों सीन्स में इन्होंने इतना शानदार काम किया कि इनकी लोकप्रियता में चार चांद लग गए थे।
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Junior Mehmood in Pyar Hi Pyar 1969 - Photo: Youtube Screenshot |
दो रास्ते(1969)
जूनियर महमूद साहब के खाते में दर्ज एक और शानदार फिल्म है दो रास्ते, जिसमें ये पहली दफा राजेश खन्ना साहब के साथ नज़र आए थे। इस फिल्म में ये राजेश खन्ना के भतीजे राजू गुप्ता के किरदार में दिखे थे। और इनकी मां का रोल निभाया था कामिनी कौशल जी ने।
इस फिल्म में भी जूनियर महमूद साहब की एक्टिंग बड़ी शानदार थी। वैसे, यहां जानने लायक बात ये है कि जूनियर महमूद जी ने राजेश खन्ना साहब के साथ सबसे पहले छोटी बहू नाम की फिल्म साइन की थी। लेकिन वो फिल्म वक्त पर रिलीज़ ना हो सकी। और दो रास्ते उससे बहुत पहले ही रिलीज़ हो गई। इस तरह दो रास्ते जूनियर महमूद साहब और राजेश खन्ना जी की पहली फिल्म बन गई।
कटी पतंग राजेश खन्ना साहब के साथ जूनियर महमूद जी की दूसरी फिल्म थी। इस फिल्म में इनके कैरेक्टर का नाम सीटू था। और एक वक्त की, यानि जूनियर महमूद साहब से भी काफी पहले की बहुत नामी चाइल्ड आर्टिस्ट डेज़ी ईरानी इस फिल्म में जूनियर महमूद साहब की बड़ी बहन रमैया के किरदार में दिखी थी। हालांकि इस फिल्म में डेज़ी ईरानी जी कोई चाइल्ड आर्टिस्ट नहीं, बल्कि एक अच्छी-खासी जवान लड़की के कैरेक्टर में नज़र आई थी। बहरहाल, कटी पतंग में जूनियर महमूद ने नौकर का रोल निभाया था।
घर घर की कहानी(1970)
साल 1970 में आई घर घर की कहानी नाम की फिल्म में जूनियर महमूद जी ने गोपी नाम के एक स्कूली बच्चे का कैरेक्टर निभाया था। एक ऐसा स्कूली बच्चा जो एक अमीर मां-बाप की बिगड़ैल औलाद होता है। ये बच्चा हमेशा अपने पास ढेर सारे पैसे रखता है। और इस बच्चे की सोहबत इतनी बिगड़ जाती है कि ये जुआ खेलना शुरू कर देता है। हालांकि उसका ख्वाब होता है कि वो बड़ा होकर एक्टर बने। इस फिल्म में जूनियर महमूद साहब पर एक गीत भी पिक्चराइज़्ड किया गया था। जिसके बोल थे, "ऐसा बनूंगा एक्टर मैं यारों, रंग जमाकर छोड़ूंगा।"
बचपन(1970)
जूनियर महमूद जी की फिल्म बचपन भी एक बड़ी ही शानदार फिल्म है। इस फिल्म में इन्होंने रहीम खान नाम के एक बच्चे का रोल निभाया था। वो रहीम खान जिसके जिग्री दोस्त हैं राम और टॉम। और इस फिल्म में जूनियर महमूद साहब के साथ राम का कैरेक्टर निभाया था मास्टर सचिन ने। जो आगे चलकर नदिया के पार फिल्म के चार्मिंग हीरो सचिन पिलगांवकर के नाम से मशहूर हुए थे।
जबकी टॉम का रोल निभाया था मास्टर अंलकार ने। वही मास्टर अंलकार जिन्होंने दीवार फिल्म में अमिताभ बच्चन के बचपन का किरदार निभाया था। यूं तो इस फिल्म में तीनो चाइल्ड आर्टिस्ट्स ने शानदार काम किया था। लेकिन जूनियर महमूद का काम सबसे ज़्यादा पसंद किया गया था।
आन मिलो सजना (1970)
आन मिलो सजना फिल्म में भी जूनियर महमूद साहब ने बहुत ज़बरदस्त काम किया था। इस फिल्म में तीसरी दफा जूनियर महमूद जी और राजेश खन्ना जी एक साथ नज़र आए थे। और इस फिल्म में जूनियर महमूद जी के कैरेक्टर का नाम चीकू है। चीकू राजेश खन्ना का मौसेरा भाई है, जो उन्हीं के साथ रहता है। चीकू एक शरारती बच्चा है। चीकू की शरारत से राजेश खन्ना चिढ़ते तो हैं। लेकिन वो उसे बहुत पसंद भी करते हैं।
कारवां(1971)
साल 1971 में आई कारवां जूनियर महमूद जी की फिल्मोग्राफी की सबसे खास फिल्मों में से एक है। इस फिल्म में जूनियर महमूद साहब ने अपने बड़े भईया जितेंद्र साहब के साथ काम किया था। जी हां, जूनियर महमूद इस फिल्म में जितेंद्र जी के छोटे भाई मोंटू के रोल में नज़र आए थे। और वाकई में, जूनियर महमूद जी ने इतना बेहतरीन काम इस फिल्म में किया था कि जो लोग ये फिल्म देखने सिनेमाघरो में गए थे। वो जितेंद्र जी के साथ-साथ जूनियर महमूद के भी फैन बनकर लौटे थे। इसी फिल्म से जूनियर महमूद जी और जितेंद्र जी के बीच का रिश्ता बहुत ही आत्मीय और गहरा हो गया था।
हाथी मेरे साथी(1971)
राजेश खन्ना और जूनियर महमूद की जोड़ी की चौथी और शानदार फिल्म है हाथी मेरे साथी। इस फिल्म में जूनियर महमूद ने छोटे नाम के एक ऐसे गरीब बच्चे का रोल निभाया था जो पहले तो एक बंदर नचाने वाले के साथ तमाशा दिखाने का काम करता है। लेकिन फिर हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि वो राजेश खन्ना का चेला बनकर हाथियों के तमाशे करने लग जाता है। ये वो ज़माना था जब जूनियर महमूद जी लोकप्रियता के शिखर पर थे। और एक दिन का तीन हज़ार रुपए चार्ज किया करते थे।
हरे रामा हरे कृष्णा(1971)
देवानंद की हरे रामा हरे कृष्णा जब रिलीज़ हुई थी तब जूनियर महमूद जी उम्र में थोड़े बड़े हो चुके थे। इसिलिए इस फिल्म में उनका चेहरा उनकी कुछ पुरानी व लोकप्रिय फिल्मों से थोड़ा सा अलग दिखता है। लेकिन इस वक्त भी जूनियर महमूद फिल्म इंडस्ट्री के सबसे बिज़ी चाइल्ड आर्टिस्ट्स में से एक थे। यही वजह है कि जब जूनियर साहब को पहली दफा हरे रामा हरे कृष्णा फिल्म में काम करने का ऑफर देव साहब ने दिया था तो इन्होंने वक्त की कमी होने की वजह से इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया था।
लेकिन देवानंद को इस फिल्म में हर हाल में जूनियर महमूद ही चाहिए थे। इसलिए उन्होंने खुद जूनियर महमूद से मुलाकात की थी। देव साहब से मिलने के बाद जूनियर महमूद जी ने हरे रामा हरे कृष्णा में काम करने के लिए हामी भर दी। वैसे, ये पहली फिल्म थी जिसमें जूनियर महमूद ने महान देवानंद साहब के साथ काम किया था। इसके बाद जूनियर महमूद जी ने देव साहब के साथ एक और फिल्म की थी। और वो थी साल 1974 में रिलीज़ हुई अमीर गरीब।
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