Parvati Khan | Jimmy Jimmy Aaja Aaja Song गाने वाली गायिका पार्वती खान की कहानी | Biography
Parvati Khan. भले ही अब लोग इस नाम को भूल चुके हों, लेकिन अस्सी के दशक के आखिरी सालों में और नब्बे के शुरूआती सालों में इंडियन पॉप म्यूज़िक इंडस्ट्री में पार्वती खान ने धूम मचा रखी थी। हर तरफ इनका जलवा था। लोग इनकी खनकती आवाज़ के दीवाने थे।
अगर आपने Mithun Chakraborty की Film Disco Dancer का Song Jimmi Jimmi Aaja Aaja आपने सुना होगा तो समझ जाइए कि आपने पार्वती खान को सुन लिया है। रूस में आज भी पार्वती खान की आवाज़ के दीवाने मिल जाएंगे।
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Parvati Khan Biography - Photo: Social Media |
तो कौन हैं Parvati Khan? आखिर कैसे Parvati Khan को ये इतना अनोखा नाम मिला, जो भारत के दो बड़े धर्मों के संगम जैसा सुनाई देता है। चलिए, पार्वती खान जी के बारे में आज काफी कुछ जानने की कोशिश करते हैं।
कहां से शुरू होती है Parvati Khan की कहानी?
पार्वती खान की कहानी शुरू होती है तब से, जब ये केवल 12 साल की थी। Trinidad and Tobago में एक Hindu Family में पैदा हुई पार्वती खान। इन्होंने 12 साल की उम्र में ही Trinidad and Tobago में हुए एक TV Talent Show को जीत लिया था।
जी हां वही Trinidad and Tobago, जहां दुनिया के कुछ सबसे धाकड़ और मशहूर Cricketers ने भी जन्म लिया है। जैसे कि Brian Lara, Dwayne Bravo, Dinesh Ramdeen और Sunil Narain.
कैसे बनी पार्वती खान?
अपनी स्कूलिंग पूरी करने के बाद पार्वती खान ने Nursing का कोर्स करने England आ गई। इंग्लैंड में ही इनकी मुलाकात हुई Nadim Khan से। पहले दोनों के बीच दोस्ती हुई, और फिर ये दोस्ती बदल गई प्यार में।
कुछ दिनों तक एक-दूसरे को डेट करने के बाद पार्वती और Nadim Khan ने Marriage कर ली। और यहां से पार्वती बन गई पार्वती खान। नदीम खान से शादी करने के बाद पार्वती खान बन गई मशहूर शायर और बॉलीवुड गीतकार Rahi Masoom Raza की बहू।
जी हां, नदीम खान राही मासूम रज़ा के बेटे हैं, और खुद भी Bollywood के एक बड़े Cinematographar हैं। नदीम खान से शादी के बाद पार्वती खान के लिए बॉलीवुड की राह आसान हो गई।
बप्पी दा ने बदल दी Parvati Khan की ज़िंदगी
पार्वती खान बेहद टैलेंटे थी। गायकी इनके खून में थी। नदीम खान से शादी के बाद इनके लिए बॉलीवुड के रास्ते भी खुल गए। डायरेक्टर बब्बर प्रकाश इन्हीं दिनों फिल्म डिस्को डांसर बना रहे थे।
बप्पी दा यानि Bappi Lahiri इस फिल्म में संगीत दे रहे थे। फिल्म के गीत जिम्मी जिम्मी के लिए बप्पी दा को किसी नई और पॉपी फीमेल सिंगर की तलाश थी।
बप्पी दा की ये तलाश खत्म हुई अपने दोस्त नदीम खान की पत्नी पार्वती खान पर। बप्पी दा ने पार्वती से डिस्को डांसर का गीत जिम्मी जिम्मी गवाया।
हो गई दुनियाभर में मशहूर
पार्वती ने इस गीत को इतनी शिद्दत से गाया, कि ये गीत उस फिल्म की म्यूज़िक एल्बम का दूसरा सबसे पॉप्युलर ट्रैक बन गया। ये गीत केवल भारत ही नहीं, दुनियाभर में लोकप्रिय हुआ। उ
स समय तक Soviet Union Divided नहीं हुआ था। सोवियत में हिंदी गानों को काफी पसंद किया जाता था। फिल्म डिस्को डांसर में पार्वती खान के गाए जिम्मी जिम्मी ने सोवियत में धमाल मचा दिया।
ये गीत सोवियत के लोगों की ज़ुबान पर चढ़ गया। आज भी Russia के लोगों को ये गाना बेहद पसंद आता है और वहां के फंक्शनों में लोग ये गीत ज़रूर बजाते हैं।
भक्ति की तरफ आई Parvati Khan
जिम्मी जिम्मी के अलावा पार्वती खान ने कई और सुपरहिट गाने भी बॉलीवुड में गाए। अस्सी के दशक के आखिरी सालों में ये Pop Music में भी उतरीं। वहां भी इन्होंने ज़बरदस्त सफलता हासिल की।
इनके गीतों को लोगों ने खूब पसंद किया। हालांकि नब्बे के दशक के आखिरी सालों में पार्वती खान Commercial Music से धीरे-धीरे खुद को दूर करने लगीं। कमर्शियल म्यू़ज़िक से खुद को दूर करने के बाद पार्वती खान ने भजन गाने शुरू कर दिए।
इन्होंने भगवान शिव, सांई बाबा, मां अमृतानंदामयी सहित कई दूसरे देवी-देवताओं के भजन गाने शुरू कर दिए। लेकिन इसी के साथ एक विवाद से भी पार्वती खान का नाम जुड़ गया।
विवादों से भी जुड़ा नाम
दरअसल, पार्वती खान के काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश करने पर शिव सैनिकों ने पाबंदी लगा दी थी। लेकिन एक Interview में पार्वती खान ने बताया कि शिव सैनिकों के मना करने के बावजूद भी वो महाशिवरात्री के मौके पर काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंची और उन्होंने वहां अभिषेक भी किया।
पार्वती खान के ये खुलासा करने के बाद काफी हंगामा हुआ था। ये वो दौर था जब पार्वती खान पूरी तरह से अध्यात्म की तरफ आ चुकी थी। इसी दौरान ये भी खबरें आई थी कि पार्वती खान को तिहाड़ जेल में स्पिचुअरल गुरू नियुक्त किया गया है।
इसका भी काफी विरोध हुआ था।हालांकि पार्वती खान कहती हैं कि वो केवल तिहाड़ जेल ही नहीं भारत की कई दूसरी जेलों में भी शांति प्रेम और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए सत्संग करने गई थी।
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