13 Lesser Known Facts About Amrish Puri | अमरीश पुरी की तेरह अनसुनी कहानियां
हिंदी सिनेमा के इतिहास में यूं तो एक से बढ़कर एक खलनायक हुए हैं। लेकिन सिनेमाई खलनायकी और खलनायकों का जब ज़िक्र होता है तो उस ज़िक्र में अमरीश पुरी की बात आती ही आती है।
क्योंकि ये मुमकिन ही नहीं है कि भारतीय सिनेमा के खलनायकों पर कोई विमर्श चल रहा हो और अमरीश पुरी के बारे में बात ना हो। अमरीश पुरी ने भारतीय विलेनी को इंटरनेशनल पहचान दिलाई थी। उनके निभाए अनेकों किरदार हैं जो देश-विदेश में चर्चा का विषय बने थे।
![]() |
Amrish Puri Facts - Photo: Social Media |
Amirsh Puri की कहानी तो कईयों ने कही है। मेरठ मंथन भी Amirsh Puri की कहानी अपने पाठकों को बता चुका है। लेकिन आज Meerut Manthan Bollywood के महानतम Villain अमरीश पुरी की वो कुछ कहानियां कहना चाहता है जो बहुत कम कही गई हैं।
पहली कहानी
सन 1980 से लेकर 1990 के बीच बनी लगभग हर बड़ी एक्शन फिल्म में अमरीश पुरी ही विलेन नज़र आए। 20 साल के लंबे संघर्ष के बाद अमरीश पुरी उस मुकाम पर पहुंचे थे, जिस पर वो हमेशा से पहुंचना चाहते थे।
एक इंटरव्यू में अमरीश पुरी ने बताया था कि जब वो मशहूर हो गए तो एक दिन उन्हें वो कास्टिंग डायरेक्टर याद आयाजिससे वो 21 साल की उम्र में मिले थे।
उस कास्टिंग डायरेक्टर ने ही इनसे कहा था कि तुम्हें हीरो नहीं, विलेन बनने की कोशिश करनी चाहिए। क्योंकि तुम्हारा चेहरा-मोहरा कुछ ऐसा ही है।
उस वक्त भले ही अमरीश पुरी जी को उस कास्टिंग डायरेक्टर पर बेहद गुस्सा आया हो। लेकिन बाद में अमरीश पुरी ने उस कास्टिंग डायरेक्टर के प्रति अपना सम्मान ज़रूर ज़ाहिर किया था।
दूसरी कहानी
अमरीश पुरी से जुड़ा ये किस्सा बहुत ही कम लोगों को मालूम है कि उन्होंने एक दफा आज के ज़माने के सुपरस्टार आमिर खान को बड़ी बुरी तरह से डांटा था।
दरअसल, ज़बरदस्त नाम की एक फिल्म की शूटिंग चल रही थी। उस फिल्म में संजीव कुमार, सनी देओल और कुलभूषण खरबंदा जैसे बड़े कलाकार भी थे।
ये फिल्म नासिर हुसैन डायरेक्ट कर रहे थे। और आमिर खान उनसे असिस्टेंट डायरेक्टर थे। एक सीन में अमरीश पुरी बार-बार कुछ भूल रहे थे। और इस पर आमिर खान भी उन्हें बार-बार टोक रहे थे।
आमिर कह रहे थे,"सर, आपने पिछसा सीन ऐसे किया था। और अब आपको ऐसे करना है।" अमरीश पुरी का आमिर खान का बार-बार यूं उन्हें समझाना रास नहीं आ रहा था।
जब काफी देर हो गई तो अमरीश पुरी आमिर खान पर बुरी तरह भड़के। उन्होंने सबके सामने आमिर को बुरी तरह से डांटा था।
आमिर खान बिना कुछ बोले चुपचाप गर्दन झुकाए खड़े रहे। हालांकि कुछ घंटों बाद जब अमरीश पुरी जी का गुस्सा शांत हुआ तो उन्होंने आमिर को अपने पास बुलाकर उनसे माफी भी मांगी।
तीसरी कहानी
एक भारी-भरकम आवाज़ के चलते अमरीश पुरी जी को बॉलीवुड का खलनायकों का खलनायक कहा जाता था। लेकिन इस बात से बहुत ही कम लोग वाकिफ हैं कि अपनी आवाज़ को मजबूत बनाने के लिए अमरीश पुरी हर दिन तीन घंटे तक बोलने का अभ्यास किया करते थे।
इस दौरान अमरीश पुरी अपनी डायलॉग डिलीवरी और अपनी वॉइस स्पीस पर खूब मेहनत करते थे। यही वजह है कि केवल अपनी आवाज़ से ही अमरीश पुरी अपने हिस्से की आधी एक्टिंग कर दिया करते थे। बाकि का बचा काम इनका खूंखार चेहरा और उस चेहरे पर लगी बड़ी-बड़ी आंखें व लंबी-चौड़ी कदकाठी कर देती थी।
चौथी कहानी
भले ही अमरीश पुरी की पहचान दुनिया के सबसे बेस्ट विलेनों में से एक की थी। लेकिन अपने फिल्मी करियर में अमरीश पुरी जी ने कुछ ऐसे किरदारों को भी जिया है जिन्हें देखकर दर्शक हंस-हंसकर लोट-पोट हो गए।
और कुछ में दर्शकों की आंखों से आंसू भी छलक पड़े। फिल्म चाची 420 में अमरीश पुरी की कॉमेडी को भला कौन भुला स कता है। जबकी हलचल फिल्म में भी अमरीश पुरी जी की कॉमिक टाइमिंग गज़ब की थी।
वहीं, दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे में बलदेव सिंह के किरदार को कभी भुलाया नहीं जा सकता। और घातक में तो अमरीश पुरी जी ने अपनी एक्टिंग से हर किसी को रुला दिया था।
पांचवी कहानी
साल 1997 में रिलीज़ हुई फिल्म विरासत में राजा ठाकुर के इनके किरदार की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है। दरअसल, विरासत फिल्म के डायरेक्टर ने पहले ये रोल राजेश खन्ना को ऑफर किया था।
राजेश खन्ना ने जब इन्कार कर दिया तो इस रोल का ऑफर दिलीप कुमार साहब को भी दिया गया। लेकिन दिलीप कुमार जी ने भी वो रोल निभाने में असमर्थता जता दी।
तब जाकर के किरदार अमरीश पुरी जी को मिला। और इस तरह ये किरदार अमरीश पुरी जी के यादगार किरदारों में से एक बन गया।
छठी कहानी
अगर अमरीश पुरी जी के सबसे यादगार किरदारों की बात करें तो करन-अर्जुन के ठाकुर दुर्जन सिंह का रोल, त्रिदेव के भुजंग का रोल, डोंगरीला के डोंग का रोल,
घायल के बलवंत राय का रोल, दामिनी के बैरिस्टर चड्ढा का रोल, गदर के अशरफ अली का रोल, नायक के मुख्यमंत्री का रोल, नागिन के बाबा भैरव का रोल,
व और भी ढेर सारे किरदार हैं जिनके रोल निभाकर अमरीश पुरी जी ने खुद को महानतम अभिनेताओं की कतार में खड़ा कर दिया था।
सातवीं कहानी
अमरीश पुरी जी को हैट पहनने का बेहद शौक था। इनके कलैक्शन में दो सौ से भी ज़्यादा यूनीक हैट्स थे। अमरीश पुरी की शख्सियत की खास बात थी कि ये फिल्मों में भले ही कितने ज़ालिम विलेन नज़र आते हों।
लेकिन अपने पोते-पोती और नाति-नातिन से बेहद प्यार करते थे। इन बच्चों की पहली आवाज़। और साथ ही उनका पहली दफा चलना, ये सब अमरीश पुरी खुद कैमरे में रिकॉर्ड करते थे। अमरीश पुरी साहब को बच्चों के साथ मस्ती करना बहुत पसंद था।
आठवीं कहानी
ये बात तो अमरीश पुरी जी के बड़े-बड़े फैंस को भी शायद ना पता हो कि एक ज़माने में भारत के नामी गायक रहे स्वर्गीय कुंदन लाल सहगल जी अमरीश पुरी जी के रिश्तेदार थे।
कुंदन लाल सहगल उर्फ के.एल.सहगल रिश्ते में अमरीश पुरी जी की बुआ के लड़के थे। यानि अमरीश पुरी के पिता लाला निहाल चंद और के.एल.सहगल की मां केसरबाई सहगल सगे भाई-बहन थे।
नौंवी कहानी
यूं तो अमरीश पुरी जी ने अपने करियर में एक से एक खतरनाक और टैरिफाइंग कैरेक्टर्स प्ले किए हैं। लेकिन आज भी उनका निभाया मिस्टर इंडिया वाला मोगैंबो का किरदार लोगों के ज़ेहन में ताज़ा है।
लोग अक्सर आम बातचीत में मोगैम्बो खुश हुआ डायलॉग बोलते हैं। मिस्टर इंडिया के मोगैम्बो के लुक में अमरीश पुरी एकदम प्रोफेशनल विलेन लगते हैं। तो चलिए मोगैम्बो से जुड़ी एक दिलचस्प बात आपको बताते हैं। मोगैम्बो के लुक पर उस वक्त काफी मेहनत की गई थी।
मोगैम्बो को आपने जिस कॉस्ट्यूम में देखा है वो उस ज़माने में 25 हज़ार रुपए खर्च करके तैयार कराई गई थी। और उस वक्त 25 हज़ार रुपए आज के 2 लाख रुपए के बराबर रकम समझी जाती थी।
दसवीं कहानी
यूं तो अमरीश पुरी जी की हाइट पांच फीट दस इंच थी। लेकिन पर्दे पर और ज़्यादा लंबे दिखने के लिए वो ऊंची हील वाले जूते पहना करते थे। लेकिन इंटरेस्टिंग फैक्ट ये है कि अमरीश पुरी जी के दोनों पैरों के जूतों के साइज़ में फर्क होता था।
अमरीश पुरी जी के पैरों की बनावट कुछ ऐसी थी कि उन्हें एक पैर में ग्यारह नंबर का जूता पहनना पड़ता था और दूसरे पैर में 12 नंबर का जूता पहनना पड़ता था। और इसिलिए वो एक खास कंपनी से ही अपने लिए जूता बनवाते थे।
11वीं कहानी
अमरीश पुरी और गोविंदा ने कई फिल्मों में साथ काम किया है। जिस वक्त गोविंदा सिल्वर स्क्रीन पर रूल कर रहे थे उसी वक्त अमरीश पुरी भी अपने करियर की पीक पर थे।
हर फिल्म से अमरीश पुरी बॉलीवुड में अपनी ज़बरदस्त छाप छोड़ रहे थे। और उनका रुतबा किसी स्टार से ज़रा भी कम नहीं था। एक दफा एक फिल्म में गोविंदा को फिर से अमरीश पुरी के साथ काम करने का मौका मिला।
शूटिंग स्टार्ट करने के लिए हर कलाकार को सुबह 9 बजे तक सेट पर आने के निर्देश दिए गए थे। अमरीश पुरी व बाकी कलाकार तो वक्त पर पहुंच गए। लेकिन गोविंदा उस दिन शाम छह बजे सेट पर आए।
अमरीश पुरी को गोविंदा की ये लेट-लतीफी बहुत बुरी लगी। उन्होंने सबके सामने गोविंदा को एक ज़ोर का तमाचा जड़ा। हालांकि फिर कुछ वक्त बाद जब उनका गुस्सा शांत हुआ तो उन्होंने गोविंदा से माफी भी मांग ली।
12वीं कहानी
ये बात तो सभी जानते हैं कि फिल्मों में आने से पहले अमरीश पुरी ने थिएटर में काफी काम किया था और वो थिएटर का एक बड़ा नाम भी थे। लेकिन शायद ही कोई ये बात जानता हो कि अमरीश पुरी टीवी पर भी काम कर चुके हैं।
अमरीश पुरी ने श्याम बेनेगल के शो भारत एक खोज के एपिसोड नंबर 39 कंपनी बहादुर में हसन रज़ा खान का किरदार निभाया था। ये अमरीश पुरी की इकलौती टीवी परफॉर्मेंस थी। इसके बाद किसी और टीवी शो में अमरीश पुरी ने कभी काम नहीं किया।
13वीं कहानी
अमरीश पुरी ने एक ऐसी फिल्म साइन की थी जो रिलीज़ नहीं हो सकी। लेकिन अगर ये फिल्म रिलीज़ हो जाती तो शायद उनकी प्रसिद्धी और कई गुना बढ़ जाती।
दरअसल, अमरीश पुरी ने सन 1990 में बजरंग नाम की एक फिल्म साइन की थी। इस फिल्म में सनी देओल और दिव्या भारती मुख्य भूमिकाएं निभाने वाले थे।
अमरीश पुरी इस फिल्म में एक जोकर बने थे। एक ऐसा जोकर जो दुनिया को दिखाने के लिए तो बच्चों का मनोरंजन करता है। लेकिन फिर वो बच्चों को किडनैप करके उनके माता-पिता से फिरौती मांगता है।
इस फिल्म की शूटिंग शुरू भी हो गई थी। लेकिन 1993 में दिव्या भारती की मौत की वजह से ये फिल्म बंद हो गई। बाद में दिव्या की जगह करिश्मा कपूर को लेकर ये फिल्म दोबारा शुरू करने की कोशिश की गई। मगर दोबारा इस फिल्म के साथ कुछ कंट्रोवर्सी हो गई और ये फिल्म फिर हमेशा के लिए डब्बा बंद हो गई।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें