Ameen Sayani | Lesser Known Facts | अमीन सायानी की अनसुनी कहानियां
Ameen Sayani. भारतीय रेडियो की वो आवाज़ जो हमेशा अमर रहेगी। लेकिन अब वो आवाज़ इस दुनिया से प्रस्थान कर गई है।
21 फरवरी 2024 को अमीन सायानी साहब 91 साल की उम्र में ये दुनिया छोड़कर अनंत की यात्रा पर निकल पड़े हैं। 21 दिसंबर 1932 को मुंबई में जन्मे अमीन सायानी छोटी उम्र में ही आवाज़ की दुनिया से रूबरू हो गए थे।
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Lesser Known Facts of Ameen Sayani - Photo: Social Media |
Ameen Sayani साहब को याद करते हुए, उनके जीवन की कुछ बड़ी ही दिलचस्प कहानियां आज Meerut Manthan आपको बताएगा। और Ameen Sayani जी की ये कहानियां आपको भी बहुत पसंद आएंगी।
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पहली कहानी
अमीन सायानी की उम्र मात्र 4 बरस ही थी जब पहली दफा इन्हें लंदन जाने का मौका मिला था। इनके पिता डॉक्टर जान मोहम्मद सायानी पेशे से डॉक्टर थे। अमीन सायानी के एक मामा लंदन में रहते थे।
और चूंकि इनके पिता डॉक्टर जान मोहम्मद सायानी के पास सिर्फ एमबीबीएस की डिग्री ही थी तो अमीन सायानी के मामू की सलाह पर वो एमडी की डिग्री लेने सपरिवार लंदन गए थे।
और बॉम्बे से लंदन तक का वो सफर इन्होंने पानी के जहाज़ पर तय किया था। लंदन पहुंचने के बाद ये कुछ वक्त ही वहां रहे। फिर भारत वापस लौट आए। और वो इसलिए क्योंकि लंदन का मौसम इनके पिता को सूट नहीं हुआ।
वो बीमार रहने लगे। हालांकि अपने बड़े बेटे यानि अमीन सायानी जी के बड़े भाई हबीब सायानी को वो लंदन में ही डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए उनके मामू के पास छोड़ आए थे।
दूसरी कहानी
अमीन सायानी स्कूल के दिनों में खेलकूद में बहुत एक्टिव थे। लेकिन साल 1945 में जब ये छठी क्लास में थे तो इन्हें गुर्दे की बीमारी हो गई थी। इनके पिता यूं तो खुद भी डॉक्टर थे।
लेकिन उन्होंने इनके इलाज के लिए बम्बई के एक सीनियर डॉक्टर को बुलाया। उस डॉक्टर ने इनका इलाज शुरू कर दिया और इन्हें सख्त हिदायत दी कि तुम्हें बिल्कुल भी बिस्तर से नहीं उठना है।
नन्हे अमीन सायानी के लिए वो वक्त बेहद मुश्किल था। पूरे छह महीने तक अमीन सायानी उस बीमारी से लड़ते रहे। और चूंकि ये बहुत ब्रिलिएंट स्टूडेंट थे तो इस दौरान जब इनके स्कूल के एग्ज़ाम्स आए तो इन्हें घर से ही एग्ज़ाम्स में हिस्सा लेने दिया गया।
और तब भी ये पूरी क्लास में दूसरे नंबर पर आए थे। उस बीमारी से जब अमीन सायानी ठीक हो गए थे तब इन्हें पढ़ने के लिए ग्वालियर के मशहूर सिंधिया स्कूल भेजा गया था।
तीसरी कहानी
अमीन सायानी की आवाज़ के करोड़ों लोग दीवाने थे। लेकिन जब पहली दफा अमीन सायानी जी ने खुद अपनी रिकॉर्डेड आवाज़ सुनी थी तो इन्हें अपनी आवाज़ ज़रा भी पसंद नहीं आई थी।
उस वक्त ये मात्र नौ बरस के थे। इनके बड़े भाई हमीद सायानी इन्हें जब पहली दफा ऑल इंडिया रेडियो के बॉम्बे स्टेशन लेकर गए थे तो वहां उन्होंने ही इन्हें अपनी आवाज़ रिकॉर्ड करने का पहला मौका दिया था।
पहली दफा इन्होंने अंग्रेजी की एक कविता माइक पर पढ़ी थी। और जब इन्होंने अपनी आवाज़ रिकॉर्ड करके सुनी तो इन्हें अपनी आवाज़ बड़ी बुरी लगी थी।
उस वक्त अमीन सायानी साहब कहां जानते होंगे कि कुछ सालों बाद ये अपनी आवाज़ के लिए ही देश और दुनिया में मशहूर होंगे।
चौथी कहानी
ये बात बहुत ही कम लोग जानते होंगे कि अमीन सायानी के दादा के भाई रहीमतुल्ला सायानी एक बैरिस्टर थे। साथ ही साथ वो उस ज़माने में कांग्रेस पार्टी के बहुत बड़े लीडर भी थे।
उस ज़माने में बॉम्बे में उनकी एक लॉ फर्म भी हुआ करती थी जिसका नाम था गिल्बर्ट एंड सायानी। और ये जानकर आपको हैरानी होगी कि महात्मा गांधी जब इंग्लैंड से वकालत करके लौटे थे तो वो इसी गिल्बर्ट एंड सायानी फर्म से पहली दफा जुड़े थे।
उस दौरान अमीन सायानी के खानदान से गांधी जी की बहुत अच्छी जान-पहचान हो गई थी। अमीन सायानी की मां कुलसुम बेगम को गांधी जी अपनी बेटी मानते थे।
पांचवी कहानी
अमीन सायानी को रेडियो में लाने का श्रेय इनके बड़े भाई हमीद सायानी जी को दिया जाना चाहिए। वो ही पहले शख्स थे जिन्होंने इन्हें रेडियो की दुनिया से वाकिफ कराया था।
यहां इनके भाई हमीद सायानी जी के बारे में थोड़ी बात करते हैं। हमीद सायानी जी भी अपने ज़माने में रेडियो के नामी ब्रॉडकास्टर हुआ करते थे। और उनकी खासियत थी कि वो ऑल इंडिया रेडियो पर अंग्रेजी में भी प्रोग्राम्स करते थे।
और ये हमीद सायानी जी ही थे जिन्होंने भारत का पहला इंटरनेशनल इंटरव्यू किया था। हमीद सायानी जी ने एक वक्त की प्रख्यात अमेरिकी अभिनेत्री ग्रियर गार्सन का इंटरव्यू किया था।
छठी कहानी
अमीन सायानी और किशोर दा के बीच यूं तो बहुत अच्छी दोस्ती थी। लेकिन एक दफा कुछ ऐसा हुआ था कि अमीन सायानी किशोर कुमार से बहुत नाराज़ हो गए। और उन्होंने पूरे 18 साल तक किशोर दा से बात नहीं की।
हुआ कुछ यूं था कि अपने एक प्रोग्राम के लिए अमीन सायानी जी को किशोर दा का इंटरव्यू करना था। पहले तो किशोर दा मना करते रहे। लेकिन जब अमीन सायानी ने उनसे कई दफा गुज़ारिश की तो वो इंटरव्यू के लिए तैयार हो गए।
उन्होंने अमीन सायानी से कहा कि आप फलां स्टूडियो में अपना रिकॉर्डर लेकर आ जाइएगा। अगले दिन जैसे-तैसे अमीन सायानी जब स्टूडियो पहुंचे तो वहां उन्हें पता चला कि किशोर दा तो स्टूडियो आए ही नहीं हैं।
और स्टाफ को ये हिदायत उन्होंने दे रखी है कि जब अमीन सायानी आकर चलें जाएं तो उन्हें फोन कर देना। वो आ जाएंगे। अमीन सायानी को किशोर दा की ये बात बहुत बुरी लगी।
वो गुस्से में ऑल इंडिया रेडियो के स्टूडियो में वापस आ गए। और उन्होंने पूरे 18 सालों तक किशोर दा से बात नहीं की। 18 साल बाद किशोर दा खुद अमीन सायानी जी को इंटरव्यू देने आए थे।
सातवीं कहानी
एक वक्त था जब अमीन सायानी साहब को गीत सुनने का बड़ा शौक था। वैसे अमीन सायानी जी गायन भी करना चाहते थे। और कुछ वक्त तक उन्होंने बाकायदा शास्त्रीय संगीत की ट्रेनिंग भी ली थी।
हालांकि इनका वो सपना कभी पूरा ना हो सका। उन दिनों ऑल इंडिया रेडियो पर एक प्रोग्राम चलता था जिसमें नए गायकों को गाने का मौका मिलता था। उस प्रोग्राम का नाम था फुलवारी।
उस प्रोग्राम के होस्ट नामी एक्टर मनमोहन कृष्ण जी हुआ करते थे। अमीन सायानी साहब भी वो प्रोग्राम सुनने रेडियो स्टेशन जाया करते थे। उस प्रोग्राम को कोई हेल्द ड्रिंक ब्रांड स्पॉन्सर किया करता था। प्
रोग्राम के ब्रेक में एक अनाउंसर उस हेल्द ड्रिंक की तारीफें करते हुए कुछ लाइन्स बोला करता था। एक दिन वो अनाउंसर रेडियो स्टेशन आया ही नहीं। तब फुलवारी शो के प्रोड्यूसर बालमुकुंद श्रीवास्तव जी ने अमीन सायानी जी से उस हेल्द ड्रिंक की तारीफ में लिखी लाइनें पढ़ने को कहा।
उनके कहने पर अमीन सायानी ने भी वो लाइनें पढ़ दी। और अमीन सायानी ने वो लाइनें कुछ इस अंदाज़ में पढ़ी की पूरा रेडियो स्टेशन इनके बोलने के अंदाज़ से प्रभावित हो गया। उसके बाद तो अमीन सायानी से हर हफ्ते आकर ये लाइनें पढ़ने के लिए कहा गया।
अमीन सायानी ये सुनकर बड़े खुश हुए। उन्हें लगा कि शायद अब उन्हें काम मिल गया है। उन्होंने पूछा कि क्या मुझे इसके बदले में पैसे भी मिलेंगे। तब अमीन सायानी को बताया गया कि पैसे नहीं मिलेंगे।
लेकिन हर हफ्ते इस हेल्द ड्रिंक का डिब्बा ज़रूर मुफ्त में मिलेगा। ये सुनकर अमीन सायानी थोड़ा निराश तो हुए। लेकिन उन्होंने हर हफ्ते आने की हामी भर ही दी।
आठवीं कहानी
दोस्तों बच्चन साहब किसी ज़माने में रेडियो प्रज़ेंटर बनना चाहते थे, ये कहानी तो हम सभी ने सुनी है। इस कहानी में हमने सुना है कि कैसे बच्चन साहब को ऑल इंडिया रेडियो द्वारा रिजेक्ट कर दिया गया था।
लेकिन बच्चन साहब को रिजेक्ट करने वाले कोई और नहीं, अमीन सायानी ही थे। दरअसल, 60 के दशक में अमीन सायानी बहुत ज़्यादा बिज़ी थे। वो एक दिन में कई-कई रेडियो प्रोग्राम्स किया करते थे।
उन्हीं दिनों अमिताभ बच्चन इनसे मिलने आए। और चूंकि बच्चन साहब बिना अपॉइन्टमेंट लिए ही इनसे मिलने आए थे तो इन्होंने बच्चन साहब से मिलने से इन्कार कर दिया था। और कहलवा दिया था कि आप अपॉइन्टमेंट लेकर आईए।
बच्चन साहब एक-दो दफा फिर रेडियो स्टेशन सायानी जी से मिलने पहुंचे थे। लेकिन फिर से बिना अपॉइन्टमेंट लिए। इसलिए अमीन सायानी ने हर दफा बच्चन साहब से मिलने से इन्कार कर दिया था। और आज देखा जाए तो अच्छा ही हुआ कि अमीन सायानी बच्चन साहब से नहीं मिले।
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