Nutan Biography in Hindi | एक दौर की बेहद खूबसूरत बॉलीवुड अदाकारा नूतन जी के जीवन की कहानी

Nutan. बेहद खूबसूरत और बेहद सशक्त अभिनेत्री। अपनी मुस्कुराहट से इन्होंने कईयों को अपना दीवाना बनाया। अपनी सादगी से इन्होंने हर किसी का दिल जीत लिया। 

और अपने स्टाइल से इन्होंने जाने कितनी लड़कियों को प्रेरित किया। इनकी एक्टिंग के तो कहने ही क्या। एक तरफ इन्होंने ओर्थोडोक्स भारतीय महिला के रोल बड़े दमदार तरीके से निभाए। दूसरी तरफ मॉडर्न इंडियन गर्ल के किरदारों के साथ भी इन्होंने खूब न्याय किया।

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Actress Nutan Biography - Photo: Social Media

आज Meerut Manthan महान Actress Nutan की कहानी कहेगा। 14 साल की उम्र में फिल्मी करियर शुरू करने वाली Nutan के फिल्मी सफर और उनकी ज़िंदगी के बारे में काफी कुछ आज हम जानेंगे।

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Nutan का शुरूआती जीवन

नूतन का जन्म 24 जून 1936 को हुआ था। इनके पिता कुमारसेन समर्थ एक कवि और डायरेक्टर थे। वहीं इनकी मां शोभना समर्थ एक मशहूर एक्ट्रेस थी और चालीस के दशक में ये काफी एक्टिव हुआ करती थी। 

शोभना समर्थ के चार बच्चे थे। तीन बेटियां नूतन, तनुजा, चतुरा और बेटा जयदीप। नूतन सबसे बड़ी थी। अपनी मां शोभना की ही तरह नूतन की पढ़ाई भी बैंगलौर के बाल्डविन्स हाईस्कूल से हुई थी।

सिंगर बनना चाहती थी Nutan

नूतन स्वीमिंग में माहिर थी। घुड़सवारी किया करती थी। उन्हें कार चलाने का शौक था और बैडमिंटन खेलना वो बेहद पसंद किया करती थी। नूतन को संगीत का भी काफी शौक था और मशहूर संगीतकार पंडित जग्गनाथ प्रसाद से उन्होंने शास्त्रीय संगीत की दीक्षा ली थी। 

नूतन सिंगर ही बनना चाहती थी। लेकिन इनकी आवाज़ बेहद पतली थी। इसलिए फिल्मों में प्लेबैक सिंगर बनने का अपना ख्वाब इन्हें त्यागना पड़ा। हालांकि स्टेज शोज़ में ये गाने गाती रहती थी।

Nutan की पहली फिल्म

नूतन ने खुद को फिल्मों के लिए तैयार करना शुरू कर दिया। वैसे भी नूतन बचपन से ही स्टेज पर परफॉर्म कर रही थी। ढाई साल की उम्र में नूतन ने मुंबई के ताज महल होटल में पहली परफॉर्मेंस दी थी। 

नूतन ने इंडियन क्लासिकल डांस की ट्रेनिंग भी ली थी सो अक्सर डांस शोज़ में भी वो हिस्सा लिया करती थी और कम उम्र से ही नूतन मशहूर भी होने लगी थी। 1941 वो साल था जब नूतन ने अपने जीवन का पहला ऑटोग्राफ साइन किया था। 

आठ साल की उम्र में नूतन को चाइल्ड आर्टिस्ट की हैसियत से फिल्मों में पहला ब्रेक मिला। फिल्म थी नल दमयंती और ये फिल्म 1945 में रिलीज़ हुई थी। यहां खास बात ये है कि ये फिल्म इनके पिता कुमारसेन समर्थ ने बनाई थी।

ऑफिशियली ये थी Nutan की पहली फिल्म

ऑफिशियली नूतन का फिल्मों में पर्दापण हुआ था सन 1950 में फिल्म हमारी बेटी से। इस वक्त नूतन की उम्र केवल 15 साल थी। ये फिल्म इनकी मां शोभना समर्थ ने बनाई थी और इत्तेफाक से उन्हीं ने इस फिल्म को डायरेक्ट भी किया था। 

शोभना समर्थ ने नूतन को ट्रेंड करने के लिए काफी मेहनत की थी। साथ ही महान एक्टर मोतीलाल भी इस फिल्म में थे। उन्होंने भी नूतन को एक्टिंग की कई टिप्स दी थी। ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर वो कमाल तो नहीं कर सकी थी जिसकी उम्मीद शोभना समर्थ ने की थी। 

लेकिन नूतन की एक्टिंग को ज़रूर लोगों ने नोटिस किया और पसंद भी किया। नूतन के पास फिल्मों के ऑफर्स आने लगे और जल्द ही इनके पास इतना काम था जितना इनकी मां शोभना समर्थ ने भी नहीं सोचा था।

जब अपनी ही फिल्म नहीं देख पाई Nutan

नूतन की दूसरी फिल्म थी 1951 में रिलीज़ हुई नगीना जो कि एक मिस्ट्री ड्रामा थी। इसी साल इन्होंने हम लोग नाम की एक और फिल्म में काम किया था। 

आपको जानकर हैरानी होगी कि ये फिल्म जब रिलीज़ हुई तो नूतन के माता-पिता ने खुद नूतन को ही ये फिल्म नहीं देखने दी। क्योंकि उस वक्त नूतन की उम्र महज़ 16 साल थी और इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने एडल्ट सर्टिफिकेट दिया था।

नहीं पूरी हुई ये ख्वाहिश

1952 में नूतन दिखी हंगामा में। 1953 में ये नज़र आई मालकिन में। वहीं 1954 में इन्होंने शबाब में काम किया। इन सभी फिल्मों में नूतन के काम को दर्शकों ने खूब पसंद किया। 

नूतन अपने दौर के हर बड़े स्टार के साथ काम कर रही थी। फिर चाहे वो राज कपूर हों या फिर देवानंद। शम्मी कपूर हों या राजेंद्र कुमार। लेकिन दिलीप कुमार के साथ काम करने की इनकी ख्वाहिश पूरी नहीं हो पा रही थी। 

कहा जाता है कि शिकवा नाम की एक फिल्म में ये दिलीप कुमार के अपोज़िट कास्ट भी हुई थी। फिल्म की शूटिंग भी शुरू हुई थी।  लेकिन किन्हीं वजहों से ये फिल्म पूरी नहीं बन पाई और नूतन की ये ख्वाहिश अधूरी रह गई।

जब मिस इंडिया बनी Nutan

एक्टिंग की दुनिया में नूतन बढ़िया मुकाम बना चुकी थी। लेकिन अभी कुछ और भी था जो बाकी था। साल 1952 में नूतन अपनी मां के साथ मसूरी में छुट्टियां बिताने गई थी। 

इसी दौरान मसूरी में एक ब्यूटी पैजेंट हो रहा था और नूतन ने भी इस पैजेंट में हिस्सा लिया और इत्तेफाक ये इन्होंने ये पैजेंट जीत भी लिया। नूतन को मिस मसूरी का खिताब हासिल हुआ। 

इसी साल इन्होंने मिस इंडिया कॉम्पिटीशन में भी हिस्सा लिया और इत्तेफाक से उसमें भी ये विनर बनी। हालांकि इनके दुबले-पतले शरीर के चलते इन्हें काफी आलोचनाओं का भी शिकार होना पड़ा।

स्विटज़रलैंड से ली एक्टिंग की ट्रेनिंग

मिस इंडिया बनने के बाद भी नूतन लगातार फिल्मों में काम करती रही और आखिरकार 1954 में ये पेरिस छुट्टियां बिताने गई। पेरिस के बाद ये पहुंची स्विटज़रलैंड और यहां इन्होंने विधिवत अभिनय का प्रशिक्षण लिया। 

भारत वापस आकर इन्होंने फिर से काम करना शुरू कर दिया और फिल्म इंडस्ट्री के बड़े स्टार्स के साथ इन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया।

बिमल रॉय के साथ ने बदल दी किस्मत

जहां देवानंद साहब के साथ पेईंग गेस्ट और तेरे घर के सामने जैसी फिल्मों में इनकी जोड़ी खूब जमी तो वहीं राज कपूर साहब के साथ अनाड़ी और छलिया से इन्होंने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दी थी। 

ये वो वक्त था जब नूतन फिल्मों में इमोशनल और रोमांटिक रोल्स में नज़र आ रही थी। लेकिन इसी बीच नूतन को महान बिमल रॉय का साथ मिला।

पंडित नेहरू भी हो गए थे Nutan के फैन

बिमल रॉय ने इन्हें अपनी फिल्म सुजाता में सुनील दत्त साहब के अपोज़िट कास्ट किया। इस फिल्म में नूतन की एक्टिंग ने हर किसी को इनकी तारीफ करने पर मजबूर कर दिया। उस वक्त के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भी नूतन की तारीफ की।

बिमल रॉय के साथ Nutan की सुपरहिट फिल्में

1963 में बिमल रॉय ने नूतन को फिल्म बंदिनी के लिए कास्ट किया। इस फिल्म की शूटिंग शुरू होने से पहले नूतन ने शादी कर ली थी। कहा तो ये भी जाता है कि नूतन जब बंदिनी की शूटिंग कर रही थी तब वो प्रेगनेंट थी। 

फिल्म में नूतन ने कल्याणी नाम की एक लड़की का किरदार निभाया था जिसे अपने प्रेमी की पत्नी के खून के जुर्म में उम्रकैद की सजा मिली है। 

एक बार फिर से नूतन ने साबित कर दिया कि वो कितनी शानदार एक्ट्रेस हैं। जहां सुजाता के लिए नूतन को फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला था तो वहीं बंदिनी के लिए भी नूतन को ये अवॉर्ड दिया गया।

अमिताभ के साथ भी जमी थी जोड़ी

अमिताभ बच्चन के साथ भी नूतन ने फिल्म सौदागर में काम किया था। ये फिल्म 1974 में रिलीज़ हुई थी। उस वक्त अमिताभ फिल्म इंडस्ट्री में न्यू कमर थे। 

नूतन जैसी महान एक्ट्रेस के साथ फिल्म करना उनके लिए बहुत बड़ी अचीवमेंट थी। इस फिल्म में नूतन की एक्टिंग को हर किसी ने सराहा था। 

एकेडेमी अवॉर्ड्स में बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म कैटेगरी में ये फिल्म भारत की तरफ से भेजी गई थी। फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड के लिए भी नूतन को नॉमिनेट किया गया था।

आखिरकार पूरी हुई नूतन की बरसों पुरानी ख्वाहिश

सत्तर के दशक के आखिरी सालों तक नूतन ने फिल्मों में मां के रोल निभाने शुरू कर दिए। फिल्म मेरी जंग में ये अनिल कपूर की मां बनी थी। उस रोल को नूतन ने बेहद संजीदगी से निभाया था। 

वहीं कर्मा फिल्म में ये नज़र आई दिलीप साहब के साथ। और इस तरह दिलीप साहब के साथ काम करने की इनकी बरसों पुरानी ख्वाहिश भी पूरी हो गई। 

धर्मेंद्र, बलराज साहनी, राज कपूर, देवानंद और राज कुमार जैसे सुपरस्टार्स के साथ काम करने वाली नूतन को आखिरकार दिलीप कुमार के साथ भी सिल्वर स्क्रीन शेयर करने का मौका मिल गया।

ऐसी थी नूतन की निजी ज़िंदगी

नूतन की निजी ज़िंदगी की तरफ रुख करें तो इन्होंने इंडियन नेवी के लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीश बहल से शादी की थी। रजनीश और नूतन का एक बेटा है मोहनीश बहल और वो भी एक एक्टर है। 

नूतन की सगी बहन तनुजा भी अपने ज़माने में काफी मशहूर एक्ट्रेस थी। इस तरह तनुजा की बेटियों काजोल और तनीषा की नूतन सगी मौसी थी। पुराने ज़माने की बेहद खूबसूरत एक्ट्रेस नलिनी जयवंत रिश्ते में नूतन की मौसी थी। 

नलिनी जयवंत नूतन की मां शोभना समर्थ की ममेरी बहन थी। यहां ये बताना ज़रूरी है कि नूतन जब छोटी थी तब ही नूतन की मां शोभना समर्थ और उनके पिता कुमारसेन समर्थ तलाक लेकर अलग हो गए थे। शोभना समर्थ ने अकेले अपने बच्चों की परवरिश की थी।

कैंसर ने लील ली नूतन की ज़िंदगी

नूतन की ज़िंदगी में सब कुछ अच्छा चल रहा था। अपने पति और बेटे के साथ नूतन एक शानदार और खुशियों भरा जीवन गुज़ार रही थी। 

लग रहा था जैसे नूतन अपनी एक्टिंग स्किल्स से बॉलीवुड में और भी कई नए मुकाम बनाने वाली हैं। लेकिन तभी वक्त ने ऐसी चाल चली कि नूतन की किस्मत और खुशियां बुरी तरह बिखर गई।

और चली गई नूतन

एक दिन अचानक नूतन की तबियत खराब हुई। डाक्टरों ने जांच की तो पता चला कि नूतन को ब्रेस्ट कैंसर ने अपनी चपेट में ले लिया है। नूतन का इलाज शुरू किया गया। 

लेकिन कुछ ही महीनों बाद 21 फरवरी 1991 को नूतन के शरीर ने कैंसर के आगे घुटने टेक दिए। इस तरह भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की एक ज़बरदस्त अदाकारा के चालीस साल लंबे फिल्मी करियर का उनकी ज़िंदगी के साथ ही अंत हो गया।

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