Jalal Agha | शोले में महबूबा महबूबा गाने पर हेलन संग थिरकने वाले Actor जलाल आग़ा की कहानी | Biography

Jalal Agha. एक ऐसा अभिनेता जो अपनी अनोखी अदाओं से लोगों का फेरविरट बन गया। छोटी उम्र से ही फिल्मों में काम शुरू करने वाले जलाल आग़ा फिल्मी गलियारों में मिस्टर हंसमुख के नाम से मशहूर थे। कई शानदार फिल्मों में काम करने वाले जलाल आग़ा काफी कम उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा भी कह गए।

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Jalal Agha Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan लेकर आया है बेहद शानदार Actor & Director Jalal Agha की कहानी। Jalal Agha की प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के बारे में आज काफी कुछ हम और आप जानेंगे।

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Jalal Agha का शुरूआती जीवन

जलाल आग़ा का जन्म हुआ था 11 जुलाई 1945 को मुंबई में। इनके पिता आग़ा उस दौर के बहुत बड़े कॉमेडियन थे और फिल्मों में उनका बड़ा नाम था। माता-पिता के इकलौते बेटे जलाल की तीन बहनें और थी। पिता एक मशहूर अभिनेता थे तो एक्टिंग की दुनिया से ये कम उम्र में ही रूबरू हो गए थे।

पिता ने किया दिलीप कुमार को इन्कार

इनके पिता को कई प्रोड्यूसर्स और डायरेक्टर्स ने सलाह दी कि वो जलाल को एक्टिंग की ट्रेनिंग दें। लेकिन इनके पिता इसके सख्त खिलाफ थे। वो चाहते थे कि पहले उनके बच्चे अपनी पढ़ाई करेंगे तब उन्हें छूट होगी कि वो जो करना चाहें कर सकें। 

लेकिन जब के आसिफ ने मुगले आज़म की शूटिंग शुरू की तो दिलीप कुमार ने आग़ा से कहा कि वो जलाल को उनके बचपन का रोल करने दें। मगर आग़ा ने इससे साफ इन्कार कर दिया। लेकिन दिलीप कुमार ने फैसला कर लिया था कि उनके बचपन का रोल जलाल ही करेगा।

ऐसे Jalal Agha बने थे मुग़ल-ए-आज़म का हिस्सा

एक दिन दिलीप कुमार बिना आग़ा को बताए जलाल को चुपचाप फिल्म के सेट पर ले आए। लेकिन तभी वहां पर आग़ा पहुंच गए। अपने बेटे को फिल्म के सेट पर दिलीप कुमार के साथ देखकर आग़ा नाराज़ तो नहीं हुए, लेकिन उन्हें काफी हैरत हो रही थी। दूसरी तरफ नन्हे जलाल आग़ा अपने पिता को वहां देखकर काफी नर्वस हो गए। 

उन्होंने दिलीप कुमार और के आसिफ से गुज़ारिश की, कि उनके पिता को यहां से कहीं अलग भेज दिया जाए। तब ही वो एक्टिंग कर पाएंगे। आग़ा को सेट से दूर किया गया तब जाकर जलाल आग़ा ने मुगले आज़म में अपने सीन शूट किए।

FTII से Jalal Agha ने ली थी ट्रेनिंग

जलाल के पिता आग़ा इनकी पढ़ाई को लेकर काफी फिक्रमंद थे। इसलिए उन्होंने जलाल को मुंबई के ज़ेवियर स्कूल से निकालकर पुणे के एक बोर्डिंग स्कूल भेज दिया। 

ये सोचकर कि अगर ये मुंबई में रहा तो अभी से ही फिल्मों में काम करने के लिए उतावला होने लगेगा और पढ़ाई पर ध्यान नहीं देगा। 

जलाल ने पुणे में अपनी पढ़ाई पूरी की और फिर आगे की पढ़ाई इन्होंने ग्वालियर के सिंधिया स्कूल की। उसके बाद फिल्म एंड टेलिविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से इन्होंने एक्टिंग में डिप्लोमा किया और वापस अपने शहर मुंबई लौट आए।

ये थी Jalal Agha की पहली फिल्म

पहली दफा इन्होंने साल 1967 में रिलीज़ हुई फिल्म तकदीर में सुरेश का किरदार निभाया। इस फिल्म में ये फरीदा जलाल के अपोज़िट थे। फरीदा जलाल भी इसी फिल्म से अपना डेब्यू कर रही थी। 

इतना ही नहीं, मशहूर कॉमेडियन दिनेश हिंगू ने भी अपने करियर की शुरूआत इसी फिल्म से की थी। हालांकि इस फिल्म में दिनेश हिंगू कॉमेडियन नहीं, विलेन के रोल में दिखे थे।

इस फिल्म से मिली थी जलाल को लोकप्रियता

तकदीर के बाद जलाल आगा नज़र आए इसी साल यानि 1967 में रिलीज़ हुई फिल्म मझली दीदी में। इस फिल्म में ये मीना कुमारी के भाई बने थे। फिल्म में इनका किरदार था तो काफी छोटा, लेकिन लोगों ने इस किरदार को बेहद पसंद किया था। 

फिर अगले साल यानि 1968 में रिलीज़ हुई ख्वाजा अहमद अब्बास की फिल्म बंबई रात की बाहों में वो फिल्म बनी जिससे इन्हें लोकप्रियता मिलनी शुरू हुई। फिल्म में इनके किरदार का नाम जोसेफ था और इस फिल्म में वाकई में इन्होंने बेहद कमाल की एक्टिंग की थी।

जलाल की प्रमुख फिल्में

अपने पूरे फिल्मी करियर में इन्होंने लगभग 60 फिल्मों में इन्होंने काम किया था। इनकी प्रमुख फिल्में थी आया सावन झूम के, सात हिंदुस्तानी, बॉम्बे टॉकीज़, घर-घर की कहानी, कठपुतली, दो चोर, यादों की बारात, हनीमून, ग़रम हवा, जूली, हम किसी से कम नहीं, थोड़ी सी बेवफाई, कर्ज़, गांधी, नौकर बीवी का, बाज़ी, इतिहास, दो कैदी और पहला नशा।

इस तरह भी हुए मशहूर

इन्होंने किम नाम की एक ब्रिटिश टेलिविज़न सीरीज़ में भी काम किया था। वहीं शोले फिल्म में महबूबा महबूबा गाने में भी इन्हें काफी पसंद किया गया। और घर-घर की कहानी फिल्म के बेहद लोकप्रिय गीत शमा है सुहाना सुहाना में भी इन्होंने लोगों का दिल जीत लिया था।

ऐसी थी इनकी निजी ज़िंदगी

बात अगर इनकी निजी ज़िंदगी के बारे में करें तो इन्होंने मॉडल वेलेरी परेरा से शादी की। उस शादी से इन्हें एक बेटा और एक बेटी हुए। इनकी बेटी का नाम है वनैसा और इनके बेटे का नाम है क्रिस्टोफर सलीम आग़ा। 

वेलेरी से इनकी शादी महज़ आठ साल चली। इसके बाद इन दोनों का तलाक हो गया और दोनों बच्चों को लेकर वेलेरी जर्मनी चली गई और वहां उन्होंने किसी और से शादी कर ली। 

बच्चों का अलग होना इन्हें काफी अखरता था। ये अक्सर अपने बच्चों से मिलने जर्मनी जाया करते थे। इनकी बेटी ने एक अमेरिकन से शादी की है और वे वहीं पर रहती हैं। जबकी इनका बेटा क्रिस्टोफर सलीम आग़ा गोवा में रहता है और कई रेस्टोरेंट्स का मालिक है।

और दुनिया से चले गए Jalal Agha

5 मार्च 1995 को दिल्ली में हार्ट अटैक से जलाल आग़ा की मृत्यु हो गई। जलाल की मौत उनके परिवार पर दोहरी गाज की तरह गिरी। क्योंकि जलाल की मौत से ठीक 2 साल पहले ही उनके पिता और मशहूर कॉमेडियन रहे आग़ा की मौत भी हार्ट अटैक से हुई थी। 

जलाल आग़ा की बहन शहनाज़ आग़ा ने बॉलीवुड एक्टर और डायरेक्टर टीनू आनंद से शादी की है। शहनाज़ कहती हैं कि उनका भाई बेहद हंसमुख था। उसके बहुत सारे दोस्त थे। 

जलाल की मौत के बाद उनकी बहन को उनके सामान में दो डायरियां मिली थी। एक डायरी में भारत के दोस्तों के फोन नंबर्स थे और दूसरी डायरी में विदेश में रहने वाले दोस्तों के फोन नंबर्स थे।

बेहद खुद्दार थे जलाल आग़ा

शहनाज़ कहती हैं कि उनके भाई जलाल बेहद खुद्दार थे। वो किसी भी ऐसी फिल्म में काम नहीं करते जो उन्हें उनके टैलेंट पर ना मिली हो। 

एक वाकये को याद करते हुए शहनाज़ बताती हैं कि 1967 में रिलीज़ हुई जितेंद्र की सुपरहिट फिल्म फर्ज़ पहले जलाल को ऑफर हुई थी। 

जलाल ने फिल्म साइन भी कर ली थी। लेकिन जब जलाल को मालूम चला कि ये फिल्म उनके पिता आग़ा के कहने पर उन्हें दी गई है तो उन्होंने उस फिल्म में काम करने से साफ इन्कार कर दिया।

डायरेक्टर भी थे जलाल

जलाल आग़ा केवल अभिनेता ही नहीं थे। वो एक स्क्रीन राइटर भी थे और उन्होंने डायरेक्शन में भी हाथ आज़माया था। उनकी बहन शहनाज़ तो कहती हैं कि वो वास्तव में डायरेक्टर ही बनना चाहते थे। लेकिन डायरेक्शन में उन्हें बहुत ज़्यादा मौका मिल ही नहीं पाया। 

उन्होंने मज़ा फिल्म्स नाम से अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस शुरू किया था। उन्होंने कुछ टीवी विज्ञापन भी डायरेक्ट किए और कुछ विज्ञापनों में वो खुद भी नज़र आए। इसके अलावा 1987 में जलाल ने दूरदर्शन के लिए मिस या मिसेज नाम का टीवी शो भी डायरेक्ट किया था।

ये फिल्म भी की थी डायरेक्ट

फिर 1991 में उन्होंने कहकशां नाम से एक उर्दू शो भी डायरेक्ट किया। जलाल ने निर्वान नाम की एक फिल्म भी डायरेक्ट की थी। लेकिन ये प्रोड्यूसर्स से हुए विवाद के चलते ये फिल्म कभी रिलीज़ नहीं हो पाई। 

लेकिन साल 1989 में उन्होंने गूंज का निर्देशन किया और ये फिल्म रिलीज़ भी हुई और काफी पसंद भी की गई। जलाल की बहन बताती हैं कि उनके दोस्तों ने उनका 50वां जन्मदिन काफी धूमधाम से मनाने की प्लानिंग की थी। 

लेकिन जलाल ने ये कहकर इन्कार कर दिया कि कल का भी भरोसा नहीं तो इतनी जल्दी ये सब प्लानिंग्स करना फिज़ूल है। और इत्तेफाक देखिए, कि अगले दिन यानि 05 मार्च 1995 को दिल्ली में ही उनकी मौत हो गई।

यादों में सदा ज़िंदा रहेंगे जलाल

जलाला आग़ा अपने दौर के बेहद कैरिज़्मैटिक अभिनेता थे। लोग उन्हें बेहद पसंद करते थे। लेकिन अचानक हुई उनकी मौत ने उनके फैंस को बहुत बड़ा झटका दिया था। फिल्म इंडस्ट्री भी सदमें में आ गई थी। 

जलाल आग़ा को इस दुनिया से गए 25 साल से भी अधिक समय हो गया है। लेकिन आज भी उनके चाहने वाले उनकी फिल्मोें को उतने ही शौक से देखते हैं जितना की पहले देखा करते थे। Meerut Manthan Jalal Agha की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है। जय हिंद।

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