Biography of Actor Vivek Shauq | अभिनेता विवेक शौक जी के जीवन की पूरी कहानी हिंदी में पढ़िए

Vivek Shauq. एक ऐसा एक्टर जो अपनी लाजवाब कॉमेडी के लिए मशहूर था। किरदार चाहे जैसा भी हो उसने बड़ी ही खूबसूरती से हर किरदार को निभाया। एक लंबे अर्से तक अभिनय की दुनिया में अपनी धाक जमाने के बाद आखिर ये कलाकार कैसे इतनी जल्दी इस दुनिया से विदा हो गया। वो क्या वजह थी, जिसके चलते इन्होंने एक ऐसा आत्मघाती कदम उठा लिया जिसने इनकी जान ले ली।

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Biography of Late Actor Vivek Shauq - Photo: Social Media

Meerut Manthan की इस पेशकश में आज हम आपको अपने दौर के एक बेहद शानदार अभिनेता Vivek Shauq की ज़िंदगी की कहानी बताएंगे।

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Vivek Shauq की शुरूआती ज़िंदगी

विवेक शौक का जन्म हुआ था 21 जून 1963 को चंडीगढ़ में। कम उम्र में ही इनके माता-पिता की मौत हो गई। इनके बड़े भाई-बहनों ने इनकी देखभाल की और इन्हें पढ़ाई-लिखाई कराई। चंडीगढ़ में ही इन्होंने अपनी शुरूआती पढ़ाई की और फिर आगे की पढ़ाई भी इन्होंने चंडीगढ़ के इंडो-स्विस कॉलेज से की। 

कॉलेज के दिनों में इनके दोस्तों ने ज़िद करके इन्हें अपने साथ कॉलेज में ही होने वाले एक नाटक में शामिल करा लिया। दोस्तों का दिल रखने के लिए इन्होंने उस नाटक में हिस्सा लिया और इनकी एक्टिंग को लोगों ने बड़ा पसंद किया। लोगों से मिली तारीफ ने इनके भीतर अभिनय को लेकर दिलचस्पी पैदा कर दी।

जब जसपाल भट्टी से हुई Vivek Shauq की मुलाकात

कॉलेज के बाद भी इन्होंने एक्टिंग करना जारी रखा और चंडीगढ़ में होने वाले थिएटर नाटकों में काम करना शुरू कर दिया। थिएटर के दौरान ही इनकी मुलाकात महान कॉमेडियन जसपाल भट्टी से हुई और उनसे इनके इतने अच्छे संबंध हुए कि जसपाल भट्टी इन्हें अपना बेटा मानने लगे। जसपाल भट्टी के साथ ही ये पहली दफा दूरदर्शन पर नज़र आए कॉमेडी शो उल्टा-पुल्टा मे।

इस कॉमेडी शो को उन दिनों खूब पसंद किया गया था और जसपाल भट्टी के साथ-साथ विवेक शौक को भी इस शो से काफी लोकप्रियता मिली। विवेक की कॉमिक टाइमिंग लोगों को भा गई। इस शो के बाद तो विवेक शौक जसपाल भट्टी की टीम का अभिन्न अंग बन गए।

पहली फिल्म में हीरो थे Vivek Shauq

जसपाल भट्टी के साथ ही विवेक शौक ने दूरदर्शन के मशहूर टीवी शो फुल टेंशन और फ्लॉप शो में काम किया। इत्तेफाक से ये दोनों शो भी दर्शकों द्वारा बेहद पसंद किए गए। विवेक की एक्टिंग इतनी खूबसूरत थी कि लगता था मानो उन्होंने एनएसडी या एफटीआई जैसे देश के किसी बड़े एक्टिंग स्कूल से ट्रेनिंग ली है। 

जबकी सच तो ये है कि उन्होंने तो शौकिया तौर पर एक्टिंग शुरू की थी और उनकी खुद की मेहनत से उन्होंने अपनी एक्टिंग को इतना नैचुरल बनाया था कि वो बेहद कम उम्र में ही इतने मशहूर हो गए थे। विवेक जब मशहूर हुए तो फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की नज़रें भी इन पर पड़ी। विवेक को फिल्मों में काम करने के ऑफर्स आने लगे। 

साल 1998 में इन्होंने बरसात की रात नाम की एक फिल्म में बतौर हीरो काम भी किया। हालांकि ये फिल्म फ्लॉप रही और विवेक का हीरो बनने का सपना भी टूट गया। इसके बाद ही विवेक ने फिल्मों में कैरेक्टर आर्टिस्ट के तौर पर काम करना शुरू कर दिया।

इस फिल्म से मिली Vivek Shauq को असली पहचान

पहली फिल्म फ्लॉप होने के बाद विवेक शौक ने कुछ और फिल्मों में काम किया। हालांकि उन फिल्मों से इन्हें कोई खास मुकाम हासिल नहीं हुआ। लेकिन साल 2001 में रिलीज़ हुई गदर एक प्रेम कथा में ये नज़र आए दरमियान सिंह के रोल में। दरमियान सिंह का किरदार इन्होंने इतनी खूबसूरती के साथ जिया, कि वो किरदार फिल्म के सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वाले किरदारों में शुमार हो गया।

फिल्म में ये तारा सिंह यानि सनी देओल के असिस्टेंट और जिग्री दोस्त बने हैं। दरमियान सिंह तारा सिंह का इतना वफादार दोस्त है कि वो अपनी जान की बाज़ी लगाकर तारा सिंह की पत्नी और उसके बच्चे को पाकिस्तान से वापस लाने के लिए उसके साथ जाता है।

इन मशहूर फिल्मों में किया था काम

दरमियान सिहं के किरदार के हिट होने के बाद तो मानो विवेक शौक की तकदीर ही बदल गई। इनके पास एक से बढ़कर एक रोल्स आने लगे। इनके पास काम की कोई कमी नहीं बची। फिर ये नज़र आए ऐतराज़, 36 चाइना टाउन, हमको दीवाना कर गए, बर्दाश्त, लाइफ पार्टनर, क्रेज़ी-4, नन्हें जैसलमेर, वाह लाइफ हो तो ऐसी, बरसात, टैंगो चार्ली, कोई मिल गया, किसना, अंदाज़, दम, मां तुझे सलाम, इंडियन, चैंपियन और इंटरनेशनल खिलाड़ी जैसी फिल्मों में।

पंजाबी फिल्मों में भी बनाया मुकाम

हिंदी फिल्मों के अलावा विवेक शौक ने कई सारी पंजाबी फिल्मों में भी काम किया है। इनकी पहली पंजाबी फिल्म थी इनके गुरू जसपाल भट्टी के साथ माहौल ठीक है नाम की फिल्म। इस फिल्म में भी इन्होंने अपनी एक्टिंग का ज़बरदस्त प्रदर्शन किया। इसके अलावा ये यारा नाल बहारा, मिट्टी वाज्जा मारदी, चक दे फट्टे, अपनी बोली अपना देश, लगदा इश्क हो गया, मिनी पंजाब, नलैक, असा नू मान वतना दा, जी आया नूं और लॉयन ऑफ पंजाब जैसी सुपरहिट पंजाबी फिल्मों में नज़र आए।

किस्मत हो रही थी मेहरबान

साल 2000 के दशक में विवेक शौक की किस्मत उन पर इस कदर मेहरबान थी कि उन्हें एक से बढ़कर एक फिल्में मिल रही थी। बॉलीवुड के बड़े सितारों संग स्क्रीन शेयर करने का मौका मिल रहा था। हर बड़ा डायरेक्टर अपनी फिल्म में इन्हें लेना चाहता था। और इसी दौरान इन्हें टीवी कमर्शियल्स भी मिलने लगे थे। 

इन्होंने नोकिया, वैस्मोल केश काला और एचसीएल कंप्यूटर्स के लिए एडवरटाइज़ किए। इसके अलावा और भी कुछ ब्रांड्स थे जिनके लिए विवेक शौक ने काम किया। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि इस दशक में विवेक शौक पर देवी लक्ष्मी की मेहरबानी बरस रही थी और उनकी ज़िंदगी में खुशियां ही खुशियां आ रही थी।

इस सनक ने ले ली Vivek Shauq की जान

लेकिन जब सब कुछ अच्छा चल रहा था तब विवेक शौक के सिर पर एक सनक सवार हो गई। एक ऐसी सनक, जिसने आखिरकार इनकी जान ही ले ली। दरअसल, विवेक शौक का वज़न तेज़ी से बढ़ने लगा था। उनका पेट निकलने लगा था। लेकिन विवेक शौक चाहते थे कि वो टीवी स्क्रीन पर एकदम फिट दिखें। 

किसी हीरो की तरह। विवेक फिट नज़र आने के लिए काफी मेहनत कर रहे थे। लेकिन उन्हें कोई फायदा नहीं हो रहा था। आखिरकार विवेक शौक ने अपने पेट की लिपोसक्शन सर्जरी कराने का फैसला किया। मुंबई के ठाणे के एक अस्पताल में इन्होंने 3 जनवरी 2011 को लिपोसक्शन सर्जरी करा ली। 

लेकिन इस दौरान विवेक ने डॉक्टरों से ये बात छिपा ली कि साल 2003 में इन्हें दिल की समस्या हुई थी और इनकी एंजियोप्लास्टी उस वक्त करनी पड़ी थी। और तभी से ये एस्पीरिन और क्लोपिड्रोग्रिल नाम की दवा भी खा रहे थे। ऑपरेशन से कुछ हफ्तों पहले से भी इन्होंने ये दवाईयां खाना छोड़ दिया था। और इनकी यही लापरवाही ही इनकी मौत की वजह बनी।

डाक्टरों से छिपा ली इतनी अहम बात

लिपोसक्शन ऑपरेशन होने के कुछ ही घंटों बाद विवेक की तबियत बिगड़ने लगी। उनको कुछ ही घंटों के अंतराल के बाद एक के बाद एक, तीन हार्ट अटैक आए। इनकी तबियत ज़्यादा बिगड़ने लगी तो इन्हें मुंबई के जुपिटर हॉस्पिटल ले जाया गया गया। वहां ये कोमा में चले गए और इनको लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखना पड़ा। 

डाक्टरों ने तमाम कोशिश की लेकिन विवेक शौक की तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ। और आखिरकार 10 जनवरी 2011 को विवेक शौक इस दुनिया को हमेशा के लिए छोड़़कर चले गए।

विवेक की मौत के बाद डाक्टरों को उनकी पिछली मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी मिली थी। डाक्टर बेहद हैरान थे, कि आखिर विवेक ने उनसे इतनी बड़ी बात छिपाई क्यों। जिस वक्त विवेक की मौत हुई थी उस वक्त इनकी उम्र मात्र 47 साल थी।

बॉलीवुड भी हुआ था दुखी

विवेक शौक निरंकारी बाबा के बड़े भक्त थे और उनके मिशन के फॉ़लोवर भी थे। मौत के बाद इनका अंतिम संस्कार भी मुंबई के निरंकारी मिशन आश्रम में ही हुआ था। विवेक की अंतिम यात्रा में इनके गुरू जसपाल भट्टी भी शामिल हुए थे। वहीं बॉलीवु़ड में भी इनकी मौत पर मातम पसर गया था। 

सनी देओल विवेक शौक के दोस्त थे और उन्हें इनकी मौत की खबर से बेहद दुख पहुंचा था। वहीं अक्षय कुमार भी इनकी मौत की खबर से बेहद उदास हुए थे। पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के भी कई बड़े सितारों ने विवेक के यूं इस तरह चले जाने पर दुख ज़ाहिर किया था।

जसपाल भट्टी ने कही थी ये बात

विवेक शौक की मौत पर स्वर्गीय जसपाल भट्टी ने कहा था "मैंने 25 सालों तक विवेक के साथ काम किया। मेरे कई जानने वालों को ये लगने लगा था जैसे कि वो मेरा सगा संबंधी हो। विवेक जब बहुत छोटा था तभी उसके माता-पिता की डेथ हो गई थी। मेरे लिए वो मेरे बच्चे जैसा था। मेरे भाई जैसा था और वो मेरा शिष्य भी था। विवेक बेहद मेहनती था। 

1984 के सिख दंगों की बात है। चंडीगढ़ में कर्फ्यू लगा था। इत्तेफाक से उसी दिन हमारा एक शूट था जो कि मेरे घर पर ही था। शूट में मेरे और विवेक के ही सीन थे। मुझे लग रहा था कि विवेक नहीं पहुंच पाएगा। लेकिन विवेक को अभिनय से इतना प्यार था कि वो कर्फ्यू में भी जैसे-तैसे मेरे घर तक पहुंच गया और हमने वो शूट उसी दिन फिनिश किया।"

भगवान का स्क्रीनप्ले कोई नहीं बदल सकता

विवेक शौक से जुड़ा एक और किस्सा बताते हुए जसपाल भट्टी ने बताया था "कुछ दिन पहले ही मैं और विवेक फिल्मों और नाटकों के स्क्रीनप्ले के बारे में बात कर रहे थे। फिर अचानक ही मैंने कहा कि दुनिया का हर स्क्रीनप्ले भगवान के बनाए स्क्रीनप्ले के सामने छोटा है। भगवान के स्क्रीनप्ले में ना तो आप अपनी तरफ से कुछ भी फालतू कर सकते हैं और ना ही उसे अपनी तरफ से और ज़्यादा इम्प्रोवाइज़्ड कर सकते हैं। मुझे याद है। विवेक मेरी ये बात सुनकर काफी मुस्कुरा रहा था।"

ऐसी थी इनकी निजी ज़िंदगी

विवेक शौक की निजी ज़िंदगी के बारे में बात करें तो इनके परिवार में इनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। इनकी बड़ी बेटी का नाम साधिका शौक है। छोटी बेटी का नाम मुधिता शौक है। वहीं इनके बेटे का नाम सुनिष्ठ शौक है। इनका परिवार अब भी मुंबई में ही रहता है। 

विवेक शौक बेहद शानदार इंसान थे। और बेहद उम्दा कलाकार थे। लेकिन आज इस महान कॉमेडियन को शायद ही कोई याद करता होगा। मगर Meerut Manthan और Meerut Manthan के सभी पाठक इस हमान अभिनेता को हमेशा सम्मान देंगे और अपनी यादों में ज़िंदा रखेंगे।

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