Maachis 1996 Movie Trivia | माचिस फिल्म की मेकिंग से जुड़ी कुछ रोचक व अनसुनी कहानियां जानिए
Maachis Movie 1996 Trivia. माचिस फिल्म बनने की 06 अनसुनी और बेहद रोचक कहानियां। 25 अक्टूबर 1996 को रिलीज़ हुई थी गुलज़ार साहब की माचिस। एक बड़े सेंसिटिव ईश्यू पर बेस्ड फिल्म। फिल्म के दो गीत बहुत पसंद किए गए थे। छोड़ आए हम वो गलियां और चप्पा चप्पा चरखा चले। आपको भी अच्छे लगे होंगे।
Maachis 1996 Movie Trivia - Photo: Social Media
गुलज़ार साहब के दिल के सबसे करीब फिल्म है Maachis. चलिए Maachis फिल्म से जुड़ी कुछ रोचक और अनसुनी बातें जानते हैं। Maachis Movie 1996 Trivia.
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बजट एंड कलेक्शन
लगभग दो करोड़ रुपए के बजट में बनी माचिस तकरीबन छह करोड़ उन्नीस लाख रुपए का कलैक्शन किया था और ये एक सफल फिल्म रही थी। हालांकि 1996 की टॉप 10 सबसे सफल फिल्मों में ये फिल्म दूर-दूर तक भी नहीं थी।
उस साल की नंबर वन फिल्म थी राजा हिंदुस्तानी जिसने वर्ल्डवाइड 76 करोड़ 34 लाख रुपए का कलैक्शन किया था।
दूसरे स्थान पर रही थी अग्निसाक्षी जिसने वर्ल्डवाइड 31 करोड़ 34 लाख रुपए जुटाए थे। और तीसरे स्थान पर रही थी जीत जिसने 28 करोड़ 61 लाख रुपए का कलैक्शन किया था।
नसीरुद्दीन शाह की आवाज़
माचिस फिल्म जब शुरू होती है तो दिखता है कि एक लाश को जेल के कुएं से बाहर निकाला जा रहा है। उस वक्त अभिनेता कंवलजीत, जो कि उस जेल के जेलर के रोल में थे, और उनका एक सीनियर अफसर नज़र आते हैं।
सीनियर अफसर का किरदार निभाने वाला वो एक्टर कौन है, ये कोई नहीं जानता। क्योंकि उस एक्टर के बारे में कोई जानकारी कहीं उपलब्ध नहीं है।
लेकिन उसके डायलॉग्स पर अगर आप ध्यान देंगे तो पाएंगे कि वो नसीरुद्दीन शाह की आवाज़ है। यानि उस एक्टर की आवाज़ नसीरुद्दीन शाह ने डब की थी।
जिम्मी शेरगिल को कैसे मिली थी माचिस?
माचिस एक्टर जिम्मी शेरगिल की पहली फिल्म थी। यूं तो जिम्मी आए थे गुलज़ार साहब का असिस्टेंट बनने। लेकिन जब गुलज़ार साहब को पता चला कि ये लड़का एक्टर भी बनना चाहता है तो उन्होंने जिम्मी को जयमाल सिंह का रोल दे दिया। और ये बात भी दिलचस्प है कि जिम्मी का असली नाम जसजीत सिंह गिल है।
लेकिन माचिस फिल्म में इनके कैरेक्टर जयमाल सिंह का निकनेम जिम्मी है। इस फिल्म के बाद जसजीत सिंह गिल ने अपना नाम जिम्मी रख लिया था। जबकी फिल्म के आखिर में जब क्रेडिट्स में एक्टर्स के नाम आते हैं तो वहां इनका नाम जसजीत शेरगिल लिखा दिखता है।
माचिस और चंद्रचूर सिंह
माचिस एक्टर चंद्रचूर सिंह की दूसरी फिल्म थी। माचिस से पहले चंद्रचूर की तेरे मेरे सपने रिलीज़ हुई थी जो बुरी तरह फ्लॉप हुई थी। माचिस की रिलीज़ के कुछ साल बाद एक इंटरव्यू में गुलज़ार साहब ने कहा था कि उन्होंने चंद्रचूर को उनकी आंखों की वजह से इस फिल्म में लिया था। लेकिन चंद्रचूर ने अपनी इस खूबी को नज़रअंदाज़ कर दिया।
शायद इसीलिए चंद्रचूर का करियर कुछ खास नहीं रहा। बकौल गुलज़ार साहब, चंद्रचूर वो बनने की कोशिश में रह गए जो वो कभी थे ही नहीं। चंद्रचूर को दाढ़ी नहीं कटानी चाहिए थी। लेकिन फिल्मों के रेगुलर हीरोज़ की तरह उन्होंने भी खुद को क्लीन शेव्ड कर लिया। ये उनके फेलियर की एक बड़ी वजह रही।
जैकी श्रॉफ ने ठुकराई थी माचिस
चंद्रचूर सिंह के रोल के लिए गुलज़ार साहब पहले जैकी श्रॉफ के पास गए थे। लेकिन दो वजहों से जैकी इस फिल्म का हिस्सा नहीं बन पाए। पहली, जैकी को लगा कि उन्हें उनके मार्केट प्राइस से बहुत कम कीमत प्रोड्यूसर ऑफर कर रहा है।
जबकी प्रोड्यूसर उनके प्राइस को अफॉर्ड कर सकने के काबिल है। दूसरी, इस फिल्म की शूटिंग के लिए जैकी को 25 दिन के लिए पंजाब जाना पड़ता। जबकी उस वक्त जैकी ग्रहण फिल्म की शूटिंग में बिज़ी थे।
कनाडा में भी रिलीज़ हुई थी माचिस
माचिस को कनाडा में भी रिलीज़ किया गया था। हालांकि कनाडा में माचिस अपनी तय तारीख पर रिलीज़ नहीं हो सकी थी। और वो इसलिए क्योंकि कनाडा के वैंकूवर शहर के रीगल थिएटर, जिसमें माचिस रिलीज़ होनी थी, उसके मालिक से डिस्ट्रीब्यूटर का कुछ विवाद हो गया था।
इसलिए डिस्ट्रीब्यूटर ने इस फिल्म को ब्रिटिश कोलंबिया के डॉल्फिन थिएटर में रिलीज़ किया था। और इस वजह से फिल्म कनाडा में एक सप्ताह देरी से रिलीज़ हुई थी।
मलेशिया में बैन हो गई थी माचिस
माचिस फिल्म के साथ एक कंट्रोवर्सी भी हुई थी। इस फिल्म को मलेशिया में बैन कर दिया गया था। कहा गया था कि माचिस फिल्म लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करती है।
इस वजह से इसे मलेशिया जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में नहीं दिखाया जाना चाहिए। काफी कोशिशें की गई थी कि माचिस पर लगा बैन हटवाया जाए। लेकिन कामयाबी ना मिल सकी।
ये अवॉर्ड्स जीते थे माचिस ने
एक्ट्रेस तब्बू को माचिस फिल्म के लिए बेस्ट एक्ट्रेस राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। जबकि इस फिल्म को "बेस्ट पॉप्युलर फिल्म प्रोवाइडिंग होलसम एंटरटेनमेंट" राष्ट्रीय पुरस्कार भी दिया गया था।
बात अगर फिल्मफेयर अवॉर्डस् की करें तो चंद्रचूर सिंह को बेस्ट मेल डेब्यू अवॉर्ड फिल्मफेयर वालों ने दिया था। और बेस्ट स्टोरी व बेस्ट डायलॉग कैटेगरी में गुलज़ार साहब को सम्मानित किया गया था।
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