Alok Nath | Bollywood के संस्कारी बाबूजी की विस्तृत जीवनी पढ़िए | Biography

Alok Nath. बॉलीवुड के संस्कारी बाबू जी। लेकिन कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि संस्कारी बाबूजी यानि आलोक नाथ ने हिंदी सिनेमा में हीरो के तौर पर भी काम किया है। और केवल हीरो ही नहीं, कई फिल्मों में तो ये विलेन भी बने हैं।

अस्सी के दशक में अपना फिल्मी करियर शुरू करने वाले आलोक नाथ एक वक्त पर कुछ विवादों में भी फंसे थे। लेकिन जनता के मन में आलोक नाथ को लेकर जो दिलचस्पी थी वो कभी कम नहीं हो पाई।

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Actor Alok Nath Biography.png - Photo: Social Media

Meerut Manthan पर पेश है Alok Nath की कहानी। Alok Nath फिल्मों में कैसे आए और इनका फिल्मी सफर कैसा रहा, आज ये सारी कहानी हम और आप जानेंगे।

खगड़िया में नहीं पैदा हुए आलोक नाथ

अक्सर ये दावा किया जाता है कि आलोक नाथ का जन्म बिहार के खगड़िया में हुआ था। वीकिपीडिया पर भी आलोक नाथ का जन्मस्थान खगड़िया ही बताया गया है। लेकिन ये सरासर गलत है।

एक इंटरव्यू में खुद आलोक नाथ ने बताया है कि उनका परिवार मूलरूप से बिहार के खगड़िया ज़िले का ज़रूर है। लेकिन उनकी पैदाईश 10 जुलाई 1956 को दिल्ली में हुई है और बचपन से लेकर जवानी तक का वक्त उन्होंने दिल्ली में ही गुज़ारा है।

स्कूल में ही शुरू कर दी थी एक्टिंग

इनका पूरा नाम है आलोक नाथ झा। इनकी स्कूलिंग और कॉलेज दिल्ली से ही हुए। ये दिल्ली के हिंदू कॉलेज के स्टूडेंट थे। आलोक नाथ के पिता एक डॉक्टर थे और इनकी माता एक टीचर थी।

पिता तो चाहते थे कि बेटा उनकी तरह ही डॉक्टर बने। लेकिन स्कूल के दिनों से ही आलोक नाथ के सिर पर एक्टिंग का जुनून चढ़ना शुरू हो चुका था।

Om Shivpuri ने दी थी आलोक नाथ को सलाह

जिस स्कूल में आलोक नाथ पढ़ा करते थे उसी स्कूल में दिग्गज एक्टर ओम शिवपुरी भी टीचर की हैसियत से काम किया करते थे। एक दफा जब ओम शिवपुरी ने आलोक नाथ का एक नाटक देखा तो वो इनसे बड़ा इंप्रैस हुए।

ओम शिव पुरी ने आलोक नाथ को सलाह दी कि इन्हें अपने टैलेंट का सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। ओम शिवपुरी ने इन्हें गर्मियों की छुट्टियों में दूरदर्शन में ऑडिशन देने को कहा। ओम शिवपुरी की सलाह मानते हुए आलोक नाथ ने दूरदर्शन में ऑडिशन दिया और ये सिलेक्ट भी हो गए।

फिर साल 1974 में इन्हें पहली दफा दूरदर्शन के एक नाटक में काम करने का मौका मिला। इस नाटक में आलोक नाथ के काम को बेहद सराहा गया। इसी के बाद आलोक नाथ एक्टिंग में करियर बनाने को लेकर गंभीर हो गए।

जब NSD पहुंचे आलोक नाथ

आलोक नाथ ने अपने स्कूल का थिएटर ग्रुप भी जॉइन कर लिया जो कि प्रोफेशनल थिएटर किया करता था। फिर जब आलोक नाथ ने हिंदू कॉलेज में दाखिला ले लिया तो मानो थिएटर ही इनकी ज़िंदगी बन गया।

इन्होंने हिंदू कॉलेज का थिएटर ग्रुप जॉइन कर लिया। इसी ग्रुप के साथ थिएटर करते हुए ही किसी ने इन्हें सलाह दी कि इन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला ले लेना चाहिए।

उस सलाह को मानते हुए इन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लेने की तैयारी शुरू कर दी। लेकिन जब ये बात इनके माता-पिता को पता चली तो वो इनसे काफी नाराज़ हुए।

हालांकि बाद में बेटे की ज़िद के सामने उन्हें झुकना पड़ा और इसी के साथ इनकी किस्मत ने भी इनका साथ दिया। इनका दाखिला नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में हो गया।

ये थी Alok Nath की पहली फिल्म

आलोक नाथ जब नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में अपने आखिरी साल में थे तो मशहूर एक्टर-डायरेक्टर रिचर्ड एटनबरो एक दिन एनएसडी पहुंचे। उन्हें अपनी फिल्म गांधी के लिए कुछ ट्रेंड एक्टर्स की ज़रूरत थी।

उन दिनों एनएसडी का नियम था कि एनएसडी में ट्रेनिंग के दौरान कोई भी स्टूडेंट फिल्म में काम नहीं कर सकता। लेकिन चूंकि रिचर्ड एटनबरो राष्ट्रपिता गांधी के जीवन पर फिल्म बना रहे थे।

इसलिए जब आलोक नाथ को उन्होंने फिल्म के लिए सिलेक्ट किया तो उन्हें फिल्म में काम करने की छूट दे दी गई। आलोक नाथ फिल्म में एक बड़े छोटे से किरदार में नज़र आए थे।

वो फिल्म में अमरीश पुरी के बेटे मोहम्मद तैयब के रोल में दिखे जो कि गांधी जी के दक्षिण अफ्रीका के आंदोलन में उनके साथ खड़ा था। उस फिल्म के लिए आलोक नाथ को बीस हज़ार रुपए दिए गए थे जो कि उस ज़माने में एक बड़ी रकम हुआ करती थी।

जब Mumbai पहुंचे आलोक नाथ

गांधी फिल्म रिलीज़ हुई। ये फिल्म बेहद कामयाब रही। फिल्म की कामयाबी से आलोक नाथ के हौंसले भी बुलंद हो गए और एनएसडी से अपनी ट्रेनिंग खत्म होते ही साल 1981 में ये मुंबई आ गए।

और मुंबई में इनके जीवन का दूसरा अध्याय शुरू हो गया। आलोक नाथ को लग रहा था कि गांधी फिल्म की कामयाबी से उन्हें मुंबई में काम आसानी से मिल जाएगा।

लेकिन हुआ इसके ठीक उलट। काम पाने के लिए इन्हें कई महीनों तक प्रोड्यूसर्स-डायरेक्टर्स के ऑफिसों के चक्कर लगाने पड़े।

Nadira Babbar ने की आलोक नाथ की मदद

हालांकि एक अच्छी बात इनके साथ ये हुई थी कि एनएसडी में इनकी सीनियर रही नादिरा बब्बर भी अब तक मुंबई आ चुकी थी।

अपने पति राज बब्बर के साथ मिलकर नादिरा बब्बर ने दिल्ली में बनाए अपने थिएटर ग्रुप एकजुट को मुंबई में इस्टैब्लिश कर दिया था।

इस थिएटर ग्रुप के साथ ही आलोक नाथ नाटकों में काम करते थे जिससे इन्हें कुछ पैसे मिल जाते थे और मुंबई में इनका खर्च चल जाता था।

Yash Chopra ने Mashaal में दिया काम

एक दिन यश चोपड़ा नादिरा बब्बर के बुलावे पर नाटक देखने आए। यश चोपड़ा को आलोक नाथ का काम बड़ा पसंद आया और उन्होंने आलोक नाथ को अपने ऑफिस मिलने के लिए बुलाया।

आलोक यश चोपड़ा से मिलने गए और इस तरह आलोक को फिल्म मशाल में एक छोटा सा रोल मिला। ये फिल्म अनिल कपूर की पहली फिल्म भी थी और इस फिल्म में दिलीप कुमार जैसे धाकड़ एक्टर भी थे।

इसके बाद आलोक नाथ को कुछ और फिल्मों में छोटे-छोटे रोल निभाने का मौका मिला। ये कुछ पेपर एड्स में भी नज़र आए और दूरदर्शन के लिए इन्होंने डबिंग का काम भी किया।

टीवी की दुनिया में उतरे आलोक नाथ

अब तक मुंबई जैसे महंगे शहर में आलोक नाथ का गुज़ारा होने लगा था। छोटा-मोटा ही सही लेकिन उन्हें काम मिलता ही रहता था। इसी बीच भारत में टीवी शोज़ का चलन भी शुरू हो गया।

उन दिनों देश में केवल दूरदर्शन ही था। टीवी शोज़ के चलन में आलोक नाथ को भी कुछ सीरियल्स में छोटे- छोटे रोल मिलने लगे। इन्होंने डब्बा और रजनी जैसे अस्सी के दशक के लोकप्रिय टीवी शोज़ में छोटे किरदार निभाए।

इसके बाद सिप्पी फिल्म्स के कॉमेडी शो छपते-छपते में भी इन्होंने एक बड़ा छोटा सा रोल किया। लेकिन इनके इसी रोल ने इन्हें सिप्पी फिल्म्स की नज़रों में चढ़ा दिया।

बुनियाद ने बनाई आलोक नाथ के करियर की मजबूत बुनियाद

रमेेश सिप्पी ने जब बुनियाद सीरियल बनाना शुरू किया तो इस शो के लीड कैरेक्टर मास्टर हवेलीराम के किरदार के लिए उन्होंने आलोक नाथ को ही चुना।

आलोक नाथ ने भी उस सीरियल में अपनी एक्टिंग से कमाल कर दिया। ये शो बेहद लोकप्रिय हुआ। आलोक नाथ आज भी कहते हैं कि बुनियाद ही उनके करियर का वो शो था जिसने एक्टिंग के क्षेत्र में उन्हें इतनी मजबूत बुनियाद दी। बुनियाद ने आलोक नाथ को भारत के घर-घर में पहचान दिला दी।

बुनियाद पूरे डेढ़ सालों तक चला और इस पूरे वक्त में आलोक नाथ की लोकप्रियता में लगातार इज़ाफा होता चला गया। फिल्म इंडस्ट्री में भी आलोक नाथ की रिस्पेक्ट काफी ज़्यादा बढ़ गई थी। लेकिन बुनियाद शो से ही आलोक नाथ के जीवन में वो चुनौती भी आ गई जिससे आलोक नाथ कभी पार नहीं पा सके।

बुनियाद से ही टाइपकास्ट हो गए आलोक नाथ

आलोक नाथ को बुनियाद शो ने वो पहचान तो दिला दी जिसकी ख्वाहिश हर एक्टर को होती है। लेकिन इस शो ने ही इनके सामने एक बड़ी चुनौती भी खड़ी कर दी।

हुआ दरअसल यूं कि जब बुनियाद खत्म हुआ था तो आलोक नाथ के किरदार मास्टर हवेली राम की उम्र 80 साल हो चुकी थी। और कहा जाता है कि आलोक नाथ को बुनियाद में सबसे अधिक उसी उम्र में ही पसंद किया गया था।

ये वो वक्त था जब हिंदी सिनेमा में अगर कोई अभिनेता टाइपकास्ट हो जाए तो फिर नई पहचान हासिल करने में उसे बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।

यूं कह लीजिए कि एड़ी-चोटी का ज़ोर लगाना पड़ जाता है। और फिर भी कई अभिनेता खुद की छवि बदलने में नाकामयाब रहते हैं। आलोक नाथ के साथ भी ऐसा ही हुआ।

इस फिल्म में हीरो भी बने थे आलोक नाथ

बुनियाद के बाद आलोक नाथ को फिल्मों में ऐसे ही रोल्स मिलने लगे जिसमें उनका किरदार कोई उम्रदराज इंसान होता था। आलोक ने काफी कोशिश की कि वो भी फिल्मों में लीड रोल करें।

लेकिन उनकी ये कोशिश सफल नहीं हो पाई। साल 1987 में रिलीज़ हुई फिल्म कामाग्नी में इन्हें हीरो बनने का एक मौका ज़रूर मिला था। इस फिल्म में इनकी हीरोइन टीना मुनीम थी।

फिल्म में कुछ गाने भी आलोक नाथ पर फिल्माए गए। कुछ हॉट सीन्स भी इन्होंने दिए। लेकिन ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हुई। और इस फिल्म के फ्लॉप होने के बाद आलोक नाथ का हौंसला भी टूट गया।

इस तरह संस्कारी बाबूजी बन गए आलोक नाथ

इन्होंने मान लिया कि अब ये फिल्मों में वही रोल निभाएंगे जो इन्हें मिल रहे हैं। कम से कम इनके पास काम की कमी नहीं रहती और पैसा व शोहरत भी खूब मिल जाती है।

अगले साल यानि 1988 में आमिर खान की पहली फिल्म कयामत से कयामत तक रिलीज़ हुई। इस फिल्म में आलोक नाथ ने जसवंत सिंह का रोल निभाया।

ये फिल्म सुपरहिट रही और आलोक नाथ के काम को भी दर्शकों ने काफी पसंद किया। इस तरह ये तय हो गया कि आलोक नाथ हिंदी सिनेमा के संस्कारी बाबूजी बनेंगे।

अपने से बड़े अभिनेताओं के बने पिता

इन्होंने एक से बढ़कर एक फिल्मों में काम किया और तकरीबन हर फिल्म में बाबूजी, ताया जी या फिर चाचा जी के किरदार में नज़र आए। राजश्री प्रोडक्शन्स की फिल्मों में तो ये परमानेंटली बाबू जी के रोल में ही नज़र आते थे।

एक रोचक बात यहां ये भी है कि फिल्म अग्निपथ में आलोक नाथ अमिताभ बच्चन के पिता बने थे। जब आलोक नाथ ने ये रोल निभाया था उस वक्त इनकी उम्र 34 साल थी और अमिताभ बच्चन उस वक्त 48 साल के थे।

आलोक नाथ ने कई ऐसे एक्टर्स के पिता का रोल किया है जो उम्र में इनसे बड़े थे। जितेंद्र इकलौते ऐसे एक्टर थे जिनके पिता का रोल करने से आलोक नाथ ने साफ इन्कार कर दिया था।

इन टीवी शोज़ में आए नज़र

बात अगर इनके प्रमुख टीवी शोज़ के बारे में करें तो ये दूरदर्शन के ज़माने से टीवी पर काम करते आ रहे हैं। आलोक नाथ आज जिस मुकाम पर हैं उसमें टीवी का बहुत बड़ा योगदान है। दूरदर्शन पर इन्होंने बुनियाद ही नहीं बल्कि और भी कई लोकप्रिय टीवी शोज़ में काम किया था।

प्राइवेट टीवी चैनलों के दौर में इन्होंने पिया का घर, वो रहने वाली महलों की, कुछ तो लोग कहेंगे और ये रिश्ता क्या कहलाता है जैसे सुपहिट शोज़ में काम किया है।

आज ऐसी लाइफ जीते हैं आलोक नाथ

इन सभी फिल्म्स और टीवी शोज़ में काम करके आलोक नाथ ने खूब पैसा कमाया। आज वो मुंबई में एक बेहद लग्ज़री लाइफस्टाइल जीते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कभी 60 रुपए में एक नाटक में काम करने वाले आलोक नाथ आज मुंबई में लगभग 80 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी के मालिक हैं।

एक फिल्म में काम करने के बदले में आलोक नाथ 40 से 50 लाख रुपए बतौर फीस वसूलते हैं। कभी मुंबई में पैदल ही डायरेक्टर्स-प्रोड्यूसर्स के ऑफिसों की खाक छानने वाले आलोक नाथ आज कई महंगी कारों के मालिक हैं।

इतनी थी आलोक नाथ की पहली कमाई

एक इंटरव्यू में आलोक नाथ ने बताया था कि जब रिचर्ड एटनबरो गांधी फिल्म के लिए उनका ऑडिशन कर रहे थे तो उन्होंने रिचर्ड की टीम के हेड से कहा कि एक नाटक में काम करने पर मुझे साठ रुपए मिल जाते हैं।

आप मुझे सौ रुपए दे देना। लेकिन जब आलोक नाथ को बताया गया कि उन्हें 20 हज़ार रुपए दिए जाएंगे तो वो दंग रह गए।

घर आकर जब ये बात उन्होंने अपनी मां को बताई तो वो भी हैरान थी। इनकी मां ने इनसे कहा था कि तुम्हारे पिता तो साल भर में भी 10 हज़ार रुपए नहीं कमा पाते हैं।

आलोक नाथ की निजी ज़िंदगी

बात अगर आलोक नाथ की निजी ज़िंदगी के बारे में करें तो आलोक नाथ की शादी आशू सिंह से हुई है। आशू सिंह से इनकी मुलाकात बुनियाद के सेट पर हुई थी।

आशू बुनियाद की प्रोडक्शन असिस्टेंट थी और वहीं पर इन दोनों का अफेयर शुरू हुआ था। इन दोनों के दो बच्चे हैं। बेटा शिवांग नाथ और बेटी जुन्हाई नाथ।

आलोक नाथ की बड़ी बहन विनीता मलिक भी एक्ट्रेस हैं और वो एस्केप फ्रॉम तालिबान और सुरखाब जैसी अंग्रेजी फिल्मों में काम कर चुकी हैं।

बुनियाद सीरियल की शूटिंग के दौरान ही आलोक नाथ और बुनियाद में इनकी पत्नी बनी अनिता कंवर के बीच भी अफेयर शुरू हुआ था।

लेकिन अनिता कंवर से इनका रिश्ता कुछ ही दिन चल पाया। इसके बाद आलोक नाथ ने नीना गुप्ता को भी कुछ समय तक डेट किया।

जब आलोक नाथ बने इंटरनेट सेंसेशन

साल 2014 के शुरुआत की बात है। आलोक नाथ अचानक ही सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। उनके ऊपर बने जोक्स और मीम्स की बाढ़ लगभग हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आ गई।

लोग उनके ऊपर तरह-तरह के जोक्स बनाने लगे। शुरू में तो आलोक नाथ को काफी अजीब लगा। लेकिन बाद में वो भी इन जोक्स को एंजॉय करने लगे।

विवादों में भी रहे आलोक नाथ

सोशल मीडिया पर अचानक उभरे इस ट्रेंड को आलोक नाथ ने भी भुनाया और इसी दौरान उन्होंने एक रैप सॉन्ग भी रिलीज़ कर दिया। इस रैप सॉन्ग पर भी लोगों ने काफी मज़ाकिया कमेंट किए थे।

आलोक नाथ उस समय विवादों में आ गए थे जब #MeToo मूवमेंट के दौरान इन पर भी फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी कुछ महिलाओं ने दुराचार के आरोप लगाए थे। हालांकि बाद में उन आरोपों का क्या हुआ इसके बारे में कुछ खबर नहीं आई। 

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