Anupam Tripathi Squid Game | स्क्विड गेम के अली अब्दुल यानि अनुपम त्रिपाठी की पूरी कहानी जानिए | Biography
Anupam Tripathi Squid Game. सोशल मीडिया पर इन दिनों स्क्विड गेम नाम की वेब सीरीज़ की बड़ी चर्चा हो रही है। नेटफ्लिक्स पर मौजूद ये शो अपनी डिफरेंट स्टोरी लाइन के चलते हर किसी को पसंद आ रहा है। लेकिन हमारे भारत के लोगों को ये शो एक और वजह से पसंद आ रहा है। और वो वजह बड़ी खास भी है। इस शो में एक कैरेक्टर है जिसका नाम है अली अब्दुल।
| Anupam Tripathi Squid Game - Photo: Social Media |
शो की कहानी के मुताबिक अली अब्दुल एक पाकिस्तानी इमिग्रेंट है। लेकिन जो बात सबसे इंटरेस्टिंग है वो ये कि अली अब्दुल का किरदार जिस एक्टर ने निभाया है उनका नाम अनुपम है और वो हमारे भारत के रहने वाले हैं।
तो चलिए साथियों आज Meerut Manthan आपको Squid Game के Ali Abdul यानि Anupam Tripathi की कहानी बताता है। अनुपम त्रिपाठी के एक्टर बनने की कहानी और फिर साउथ कोरिया की वेब सीरीज़ Squid Game का हिस्सा बनने की ये रोचक कहानी आज किस्सा टीवी के माध्यम से आप जानेंगे। Anupam Tripathi Squid Game.
अनुपम त्रिपाठी का शुरूआती जीवन (Anupam Tripathi Squid Game)
अनुपम त्रिपाठी दिल्ली के रहने वाले हैं और इनका जन्म 2 नवंबर 1988 में हुआ था। यानि अनुपम त्रिपाठी शाहरुख खान के साथ अपना बर्थडे शेयर करते हैं। अनुपम मिडिल क्लास फैमिली बैकग्राउंड से आते हैं। अनुपम के माता-पिता चाहते थे कि वो पढ़ लिखकर डॉक्टर-इंजीनियर या फिर कोई बड़े अफसर बन जाएं। जबकी अनुपम का मन बचपन से ही म्यूज़िक और एक्टिंग में रमता था। यही वजह है कि अनुपम अपने स्कूल में होने वाली एक्स्ट्रा करिकुलर एक्विटिज़ में हिस्सा लेते रहते थे। स्कूल में वो कभी गाना गाते थे तो कभी नाटकों में हिस्सा लेते थे। स्
इस तरह एक्टर बनने की ख्वाहिश जी (Anupam Tripathi Squid Game)
कूल खत्म हुआ और अनुपम कॉलेज में आ गए। कॉलेज में भी इन्होंने अपने शौक नहीं छोड़े। हालांकि इनके माता-पिता को मालूम नहीं था कि उनका बेटा कौन से ख्वाब अपने लिए पाले बैठा है। अनपुम का शौक उनका जुनून बनना शुरू हुआ साल 2005 से। दरअसल, इन्हें स्पार्टाकस नाम के एक नाटक से जुड़ने का मौका मिल गया। ये उस नाटक के स्टेज प्रोडक्शन का हिस्सा बन गए। नाटक से जुड़े तो इनका दिल भी एक्टिंग करने के लिए मचलने लगा। एक्टिंग करने का इन्हें मौका भी मिला। लेकिन रोल केवल गुलाम के ही मिले। अनुपम फिर भी खुश थे ये सोचकर कि कम से कम अपने शौक को जीने का मौका तो उन्हें मिल ही रहा है। अगले साल यानि 2006 में अनुपम ने एक कदम और आगे बढ़ाया और शाहिद अनवर का थिएटर ग्रुप बहरूप आर्ट्स ग्रुप जॉइन कर लिया।
NSD जाते जाते रह गए अनुपम
बहरूप आर्ट्स ग्रुप जॉइन करने के बाद अनुपम बेहद खुश थे। उन्हें पसंद था कि कैसे नाटक के ज़रिए वो कुछ देर के लिए एक अलग ही किरदार को जीते थे और फिर वापस अपनी शख्सियत में लौट आते हैं। कुछ सालों तक अनुपम यूं ही नाटक करते रहे और साथ ही साथ सिंगिंग भी करते रहे। फिर एक दिन अनुपम ने एनएसडी यानि नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लेने की ख्वाहिश अपने दोस्तों के सामने जताई। इनके सभी दोस्तों ने कहा कि एनएसडी में दाखिला लेना एकदम सही रहेगा। मगर इनके एक दोस्त ने इनसे कुछ ऐसा कहा कि इन्होंने एनएसडी में दाखिला लेने का अपना इरादा पूरी तरह से छोड़ दिया।
साउथ कोरिया पहुंचने की तैयारी में जुट गए अनुपम त्रिपाठी
उस दोस्त ने इन्हें कोरियन नेशनल स्कूल ऑफ आर्ट्स के बारे में बताया। साउथ कोरिया की ये यूनिवर्सिटी विदेशी स्टूडेंट्स का एक टेस्ट लेती है और अगर कोई स्टूडेंट उस टेस्ट में पास हो जाता है तो उसे यूनिवर्सिटी की तरफ से मुफ्त में एक्टिंग की पढ़ाई और ट्रेनिंग व साथ ही स्टाइपेन भी मिलता है।
अपने उस दोस्त की बात अनुपम को काफी पसंद आई। उन्होंने फैसला कर लिया कि अब वो पहले इस कोरियन यूनिवर्सिटी का एग्ज़ाम देंगे। अगर उसमें सफल नहीं हुए तो फिर एनएसडी में दाखिले के लिए कोशिश करेंगे। अनुपम उस एग्ज़ाम की तैयारियों में लग गए। लेकिन उनके सामने एक दूसरी चुनौती भी खड़ी हो गई।
एग्ज़ाम में सफल हुए अनुपम (Anupam Tripathi Squid Game)
दरअसल, अनुपम के माता-पिता को बिल्कुल भी नहीं मालूम था कि उनका बेटा कोरिया जाकर एक्टिंग सीखने की तैयारी कर रहा है। अनुपम जानते थे कि अगर उन्होंने अपने माता-पिता को इसके बारे में बताया तो वो उन्हें कतई इसकी इजाज़त नहीं देंगे। इसलिए उन्होंने बिना अपने माता-पिता को बताए कोरियन यूनिवर्सिटी का फॉर्म भर दिया और तैयारी करके एग्ज़ाम भी दे दिया। लगभग एक महीने बाद उस एग्ज़ाम का रिज़ल्ट आउट हुआ। अनुपम उस एग्ज़ाम में सफल हो चुके थे।
माता-पिता हुए थे नाराज़ (Anupam Tripathi Squid Game)
अब उनको अपने माता-पिता को बताना ही था कि वो एक्टिंग की ट्रेनिंग के लिए कोरिया जा रहे हैं। दिल मजबूत करके अनुपम ने ये बात अपने घर पर बताई। उनके माता-पिता काफी नाराज़ हुए। घर में काफी ड्रामा हुआ। लेकिन आखिरकार बेटे के पैशन को समझने के बाद माता-पिता ने अनुपम को साउथ कोरिया जाने की इजाज़त दे ही दी। इसके बाद साल 2010 में अनुपम साउथ कोरिया आ गए।
कोरिया में आई ये परेशानियां
शुरुआत में अनुपम को कोरिया में काफी परेशानियां आई। लेकिन धीरे-धीरे अनुपम ने कोरिया की भाषा और वहां के कल्चर पर अपनी पकड़ बना ही ली। और दो साल की कड़ी मेहनत के बाद अनुपम त्रिपाठी कोरियन भाषा में एकदम फ्लुएंट हो गए। यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही अनुपम ने एक्टिंग करनी भी शुरू कर दी। ये कोरियन थिएटर प्ले करने लगे और साथ ही साथ कुछ कोरियन टीवी शोज़ में भी ये छोटी-छोटी भूमिकाओं में नज़र आए।
सलमान खान ने इनकी फिल्म का रीमेक बनाया था
इनके करियर का पहला बड़ा माइल स्टोन था 2014 में रिलीज़ हुई फिल्म "ऑड टू माय फादर।" इस फिल्म में ये एक कोरिया में रह रहे श्रीलंकन आदमी के रोल में दिखे थे जो कि एक बॉम्ब एक्सपर्ट होता है। ये फिल्म एक बड़ी हिट साबित हुई थी। कहा जाता है कि साल 2019 में आई सलमान खान की फिल्म भारत इसी फिल्म का रीमेक थी।
जब टाइपकास्ट होने लगे अनुपम त्रिपाठी
एक्टिंग में ग्रेजुएशन करने के दौरान ही अनुपम कोरियन फिल्म इंडस्ट्री में जाना-पहचाना नाम बन गए थे। लेकिन वहां एक समस्या अनुपम के लिए खड़ी हो गई कि उन्हें स्टीरियोटाइप किया जाने लगा। यानि अक्सर उन्हें ऐसे साउथ एशियन आदमी के रोल मिलते थे जो कोरिया में आकर रह रहा है। वो श्रीलंकन बने, नेपाली बने, भारतीय और पाकिस्तानी भी बने। उन्होंने हॉस्पिटल प्लेलिस्ट नाम के एक कोरियन टीवी शो में भी काम किया। ये शो वहां काफी पसंद किया गया था। साथ ही स्पेस स्वीपर्स नामक फिल्म में भी ये एक छोटे से रोल में दिखे थे। कुल मिलाकर उन्हें कोरिया में आकर रह रहे माइग्रेंट वर्कर के ही रोल मिल रहे थे।
स्क्विड गेम के लिए पाकिस्तानियों से की दोस्ती
हालांकि इसका दूसरा पहलू देखा जाए तो अनपुम त्रिपाठी की ये छवि उनके बेहद काम भी आई। इस छवि की बदौलत ही उन्हें स्क्विड गेम जैसी धांसू वेब सीरीज़ में पाकिस्तानी माइग्रेंट वर्कर अली अब्दुल का इतना दमदार रोल मिला। अपने इस रोल के लिए अनुपम ने कड़ी मेहनत की थी। साउथ कोरिया में अनुपम की दोस्ती कुछ पाकिस्तानियों से हो गई थी। अपने उन पाकिस्तानी दोस्तों से अनुपम ने उर्दू भाषा सीखी और उस पर बढ़िया पकड़ बनाई। पाकिस्तानी माइग्रेंट्स पर बीबीसी ने जितनी भी डॉक्यूमेंट्रीज़ बनाई हैं अनुपम ने वो सभी देख डाली। इसके साथ ही अली के रोल के लिए खुद को एकदम फिट दिखाने के लिए उन्होंने अपनी बॉडी पर भी मेहनत की और उन्होंने अपने मसल्स बिल्ड-अप किए।
रातों-रात बदल गई अनुपम की किस्मत
इस साल यानि 2021 में आई स्क्विड गेम एक ऐसी वेब सीरीज़ बन गई जिसने पूरी दुनिया में वाहवाही लूटी। इस सीरीज़ के सभी किरदारों को दर्शकों ने पसंद किया। अली अब्दुल का किरदार भी लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचने में कामयाब रहा। और इस तरह अली अब्दुल नाम के पाकिस्तानी इमिग्रेंट का किरदार निभाने वाले भारतीय अभिनेता अनुपम त्रिपाठी की ज़िंदगी देखते ही देखते पूरी तरह से बदल गई। जहां कुछ महीनों पहले तक अनुपम त्रिपाठी को कोरिया में भी लोग ठीक से नहीं जानते थे तो वहीं अब सारी दुनिया में लोग उन्हें पहचानने लगे हैं और उनकी एक्टिंग की जमकर तारीफ करते हैं।
इस तरह मिला था अली अब्दुल का रोल (Anupam Tripathi Squid Game)
रातों-रात मिली इस शोहरत से जहां अनुपम बेहद खुश हैं तो वहीं उन्हें इस बात का भी दुख होता है कि उनकी इस कामयाबी को देखने के लिए अब उनके पिता इस दुनिया में नहीं हैं। साल 2017 में अनुपम के पिता चल बसे थे। हालांकि जब अनुपम अपनी मां और अपने भाई को खुद पर गर्व करता हुआ देखते हैं तो उन्हें संतोष मिल ही जाता है। एक इंटरव्यू में अनुपम ने बताया था कि स्क्विड गेम में अली अब्दुल का रोल हासिल करने के लिए उन्हें तीन राउंड के ऑडिशन से गुज़रना पड़ा था। ये तीनों राउंड पूरा करने के बाद स्क्विड गेम के डायरेक्टर को अहसास हो गया था कि अली के किरदार के लिए उन्हें कोरिया में अनुपम त्रिपाठी से बढ़िया एक्टर नहीं मिल पाएगा। वैसे भी कोरिया में साउथ एशियन एथनिसिटी वाला ऐसा एक्टर ढूंढना जो कोरियन भाषा को भी फ्लूएंटली बोल सके, ये वैसा ही जैसे भूसे के ढेर में सुंई तलाशना।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में भी काम करना चाहते हैं अनुपम
17 सितंबर 2021 वो तारीख थी जब अनुपम त्रिपाठी की ज़िंदगी एकदम नॉर्मल थी। लेकिन सिर्फ शाम के पांच बजे तक। उस दिन शाम पांच बजे जैसे ही नेटफ्लिक्स पर स्क्विड गेम रिलीज़ हुआ अनुपम की ज़िंदगी पूरी तरह से बदल गई। उनके मोबाइल पर ढेरों मैसेज आए। कोरिया से भी और भारत से भी। अनुपम हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में भी काम करना चाहते हैं।
अभी तक तो उन्हें कोई ऑफर हिंदी सिने जगत से नहीं मिला है। लेकिन इतना ज़रूर है कि इतनी बड़ी कामयाबी के बाद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री भी उन्हें इग्नोर नहीं कर पाएगी। Meerut Mantha अनुपम त्रिपाठी के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है कि उन्हें जल्द से जल्द हिंदी सिनेमा इंडस्ट्री से भी कोई बहुत दमदार रोल मिल जाए और देश के दर्शक एक बार फिर से उनकी दमदार एक्टिंग का लुत्फ उठा सकें। वो भी एकदम देसी अंदाज़ में। जय हिंद।
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