Sameer Khakhar Biography | Doordarshan के Popular TV Show Nukkad में Khopadi का रोल करने वाले अभिनेता समीर खाखर की पूरी कहानी

Sameer Khakhar. हम पूरी गारंटी के साथ कह सकते हैं कि ये आर्टिकल पढ़ रहे आधे से भी ज़्यादा लोगों ने आज से पहले ये नाम नहीं सुना होगा। लेकिन इस चेहरे से वो बड़ी अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। 

अस्सी के दशक में दूरदर्शन के शुरुआती दौर के सबसे लोकप्रिय टीवी शोज़ में से एक नुक्कड़ में दारूबाज़ खोपड़ी का किरदार भला किसे पसंद नहीं आया होगा। 

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Actor Sameer Khakhar - Photo: Social Media

अगर आप उन लोगों में से हैं जो भारत में 80s और 90s के दौर के मनोरंजन जगत की रूमानियत से वाकिफ नहीं हैं तो आप अपने घर या आस-पास के किसी ऐसे बड़े-बुजुर्ग से नुक्कड़ शो और खासतौर पर नुक्कड़ शो के खोपड़ी के बारे में पूछ सकते हैं जिनके पास उस दौर में अपना खुद का टेलिविज़न हो। यकीन कीजिएगा। उनके चेहरे पर मुस्कान अपने आप तैर जाएगी।

Meerut Manthan आज आपको Nukkad के Khopdi यानि Actor Sameer Khakhar की ज़िंदगी का किस्सा बताएगा। Sameer Khakhar एक्टिंग की दुनिया में कैसे आए और नुक्कड़ के बाद इनका एक्टिंग करियर किस दिशा में गया, आज ये सारी कहानी हम और आप जानेंगे।

Sameer Khakhar का शुरूआती जीवन

समीर खाखर का जन्म 9 अगस्त 1952 को हुआ था। ये एक गुजराती परिवार में पैदा हुए थे। समीर के एक्टिंग करियर की शुरूआत थिएटर से हुई थी। 

नामदेव लाहोटी नाम के उस दौर के एक बड़े थिएटर आर्टिस्ट ने सबसे पहले समीर खाखर को थिएटर करने का मौका दिया था। समीर आज भी उन्हें अपना गुरू मानते हैं। 

समीर जिस स्कूल में पढ़ाई करते थे उस स्कूल में ही नामदेव लाहोटी भी कार्यरत थे और उस स्कूल में हर साल 1 महीने का एक फंक्शन होता था जिसमें स्कूल के बच्चे व टीचर्स मिलकर तरह-तरह की एक्सट्रा करिकुलर एक्टिविटीज़ किया करते थे।

कॉलेज में शुरू किया प्रोफेशनल थिएटर

स्कूल के बाद जब समीर कॉलेज में पहुंचे तो इन्होंने वहां भी थिएटर करना जारी रखा। कॉलेज में इनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया जाता था। 

कॉलेज के टीचर्स और दोस्तों से जब प्रोत्साहन मिलने लगा तो समीर ने सोचा कि क्यों ना एक्टिंग में करियर बनाने की एक कोशिश की जाए। यही सोचकर समीर खाखर ने प्रोफेशनल थिएटर करना शुरू कर दिया। 

प्रोफेशनल थिएटर में भी इन्हें और इनके काम को काफी पसंद किया जाने लगा। इन्हीं दिनों में एक बार इन्होंने अमजद खान जैसे नामी बॉलीवुड कलाकार के साथ एक नाटक में काम किया था। 

उस नाटक को लिखा और डायरेक्ट किया था अमज़द खान के बड़े भाई इम्तियाज़ खान ने। उस नाटक का नाम था छम छम करती आई चिड़िया। 

उसी नाटक को एक दिन ये कहीं परफॉर्म करके निबटे ही थे कि तभी इनका एक दोस्त इनके पास आया उसने इनसे कहा कि इन्हें अभी इसी वक्त एक जगह चलना पड़ेगा। और यही वो दिन था जब समीर खाखर के लिए टीवी एक्टर बनने का रास्ता खुलना शुरू हो गया था।

दोस्त ले आया राजकमल स्टूडियो

उस दिन जैसे ही समीर खाखऱ छम छम करती आई चिड़िया नाम का अपना वो शानदार नाटक करके फ्री हुए तो इनका एक दोस्त इनके पास आया और उसने इनसे कहा कि तुरंत कपड़े बदलकर तैयार हो जाओ। तुम्हें मेरे साथ कहीं चलना है। 

इन्होंने उससे पूछा कि कहां जाना है तो उस दोस्त ने कहा कि ज़्यादा सवाल-जवाब नहीं तुम बस मेरे साथ चलो। समीर खाखर अपने उस दोस्त के साथ चल दिए और आखिरकार इन्हें पता चला कि इनका वो दोस्त इन्हें राजकमल स्टूडियो लेकर आया है।

कुंदन शाह से मिले Sameer Khakhar

समीर अपने दोस्त के साथ राजकमल स्टूडियो के अंदर पहुंचे जहां उस दौरान दूरदर्शन के बेहद पॉप्युलर शो ये जो है ज़िंदगी की शूटिंग चल रही थी। उस शो के डायरेक्टर कुंदन शाह थे। 

कुंदन शाह ने समीर को नाटक में परफॉर्म करते देखा था। और चूंकि उन्हें समीर की एक्टिंग खासी पसंद आई थी तो वो अपने शो ये जो है ज़िंदगी के एक किरदार के लिए उन्हें लेना चाह रहे थे। 

कुंदन शाह इनसे मिले और उन्होंने बताया कि ये जो है ज़िंदगी के एक एपिसोड में एक डिटेक्टिव के रोल के लिए वो इन्हें कास्ट करना चाहते हैं।

ये जो है ज़िंदगी से हुई करियर की शुरूआत

ये जो है ज़िंदगी उस दौर में बेहद लोकप्रिय हो रहा था तो कुंदन शाह का वो ऑफर समीर ने फौरन कबूल कर लिया। इस तरह ये जो है ज़िंदगी से समीर खाखर के टीवी करियर की शुरआत हो गई। 

हालांकि ज़्यादातर लोगों को अब भी यही लगता है कि समीर खाखर के करियर की शुरुआत नुक्कड़ से हुई थी। जबकी ये सच नहीं है। 

मगर ये सच ज़रूर है कि अमज़द खान के साथ फुर फुर करके आई चिड़िया नाम का जो नाटक ये कर रहे थे उसी नाटक की बदौलत ही इन्हें नुक्कड़ नाटक में गोपाल उर्फ खोपड़ी का किरदार मिला था।

नुक्कड़ मिलने का दिलचस्प किस्सा

समीर खाखर को नुक्कड़ नाटक कैसे मिला ये किस्सा भी बड़ा ही दिलचस्प है। एक दिन ऐसे ही समीर अपना वही नाटक फुर फुर करके आई चिड़िया में काम करके निबटे ही थे कि इनका एक दूसरा दोस्त इनके पास आया।

वो इनसे बोला कि एक बड़ा टीवी शो बन रहा है और शो के मेकर्स तुम्हें भी उस शो में लेना चाह रहे हैं। तुम कल मराठा मंदिर के पास पहुंच जाना। मैं वहीं तुम्हें सईद मिर्ज़ा से मिलाउंगा जो कि उस शो के डायरेक्टर होंगे।

ऐसे हुई सईद मिर्ज़ा से Sameer Khakhar की मुलाकात

दोस्त के कहने पर अगले दिन समीर खाखर मराठा मंदिर पहुंच गए। काफी देर हो गई, लेकिन उनका वो दोस्त मराठा मंदिर नहीं पहुंचा। 

दोस्त के इंतज़ार में ही समीर ने पास की एक दुकान से सिगरेट खरीद ली और उसे पीने लगे। इत्तेफाक से तभी वहां कुदंन शाह भी पहुंच गए। 

कुंदन शाह के साथ एक आदमी और था। कुंदन शाह ने इनसे पूछा कि ये आखिर यहां क्या करने आए हैं। इन्होंने बताया कि इनका एक दोस्त आज इन्हें सईद मिर्ज़ा से मिलाने वाला था। लेकिन वो अभी तक आया नहीं है। 

ये सुनकर कुंदन शाह मुस्कुराए और बोले। मेरे साथ जो ये आदमी है इनका नाम अज़ीज़ मिर्ज़ा है। और ये सईद मिर्ज़ा के बड़े भाई हैं। 

वहां सामने ऊपरी मंज़िल पर ही इनका घर है। वहां चलो। वहीं पर तुम्हें सईद मिर्ज़ा मिल जाएंगे। इस तरह कुंदन शाह इन्हें लेकर सईद मिर्ज़ा के पास गए।

और बन गए नुक्कड़ के खोपड़ी

सईद मिर्ज़ा ने इनका एक छोटा सा टेस्ट लेकर आखिरकार नुक्कड़ में खोपड़ी के रोल के लिए इन्हें सिलेक्ट कर लिया। यहां एक दिलचस्प बात ये भी है कि पहले शो की कहानी के मुताबिक खोपड़ी का रोल केवल तीन एपिसोड्स के लिए था। 

लेकिन जब सईद मिर्ज़ा ने इनको हकीकत में एक्टिंग करते देखा तो इनकी एक्टिंग के कायल हो गए और उन्होंने पूरे शो के दौरान समीर खाखर के किरदार खोपड़ी को बनाए रखा।

शुरू हुआ फिल्मी करियर

नुक्कड़ के खोपड़ी का इनका वो किरदार मशहूर हुआ तो इनके लिए ओपोर्चुनिटीज़ के दरवाज़े खुल गए। इन्हें फिल्मों के भी ऑफर्स आने लगे। 

कई दूसरे टीवी शोज़ में भी इन्हें काम करने के लिए डायरेक्टर्स बुलाने लगे। सिल्वर स्क्रीन की बात करें तो साल 1987 में आई फिल्म "जवाब हम देंगे" से इन्होंने अपना फिल्मी सफर शुरू किया। 

हालांकि इसी साल यानि 1987 में ही इनकी फिल्म पुष्पक भी आई जिसमें ये एक अमीर शराबी बिजनेसमैन बने थे। उस फिल्म में कमल हासन लीड रोल में थे। 

वहीं दूसरी तरफ छोटे पर्दे पर भी ये एक्टिव थे और साल 1987 में ही दूरदर्शन पर इनका दूसरा लोकप्रिय शो सर्कस भी चल रहा था।

नया नुक्कड़ में भी किया था काम

सर्कस खत्म होने के बाद इन्होंने फिल्मों पर अधिक ध्यान दिया और मेरा शिकार, शहंशाह, गुरू, नफरत की आंधी, परिंदा, शहज़ादे, वर्दी, अव्वल नंबर, धरती पुत्र और हम हैं कमाल के जैसी नोटेबल फिल्मों में नज़र आए। 

साल 1993 में जब नुक्कड़ का सीक्वल नया नुक्कड़ बना तो ये उसमें भी दिखे। हालांकि नया नुक्कड़ पुराने नुक्कड़ की तरह दर्शकों के दिलों में नहीं बस सका और जल्द ही ये शो बंद हो गया। 

समीर फिल्मों में काम करते रहे। 1994 में श्रीमान श्रीमति में ये टोटो नाम के फिल्म डायरेक्टर के रोल में दिखे और चूंकि श्रीमान श्रीमति बेहद लोकप्रिय शो था तो एक बार फिर से इनका काम दर्शकों को बेहद पसंद आया। 

श्रीमान श्रीमति के बाद इन्होंने टीवी से ब्रेक ले लिया और अपना सारा ध्यान फिल्म करियर को उठाने पर लगा दिया। मगर इनका ये फैसला इनके लिए एक बड़ी गलती साबित हुआ।

आखिरकार अमेरिका चले गए Sameer Khakhar

फिल्म इंडस्ट्री में ये ऐसे टाइपकास्ट हुए कि कुछ डायरेक्टर्स को छोड़कर इन्हें किसी ने भी बढ़िया रोल नहीं दिए। हर कोई इन्हें वही शराबी वाले रोल दे रहा था। 

परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए ये इस तरह के रोल निभा तो रहे थे। लेकिन इन्हें फिल्मों में काम करने में ज़रा भी मज़ा नहीं आ रहा था। 

फिर एक दिन जब इनके मन ने पूरी तरह जवाब दे दिया तो ये फिल्म इंडस्ट्री और भारत को छोड़कर अमेरिका चले गए और वहां एक ऐसा काम करने लगे जिसके बारे में शायद ही कभी किसी ने सोचा होगा कि समीर खाखर ऐसा काम भी कर सकते हैं।

अमेरिका में की जावा कोडर की नौकरी

अमेरिका जाकर समीर खाखर एक आईटी कंपनी में नौकरी करने लगे। ये उस कंपनी में एज़ ए जावा कोडर काम करते थे। 

आज जब लोगों को पता चलता है कि समीर खाखर अमेरिका में जावा कोडर की हैसियत से काम करते थे तो लोग इस बात पर यकीन नहीं कर पाते हैं। 

लेकिन ये सच है और इसकी पुष्टि खुद समीर खाखर ने एक इंटरव्यू में की थी। साल 1998 में फिल्म इंडस्ट्री छोड़कर समीर खाखर जावा कोडर की नौकरी करने अमेरिका गए थे। 

समीर वहां बेहद खुश थे। वहां कोई नहीं जानता था कि जावा कोडर का काम करने वाला ये आदमी भारत में एक लोकप्रिय एक्टर है।

मंदी ने छीन ली अमेरिका वाली नौकरी

समीर कहते हैं कि जीवन को इस तरह अलग-अलग फेज़ में जीने का मौका कुछ खुशकिस्मत लोगों को ही मिलता है। मुझे फख्र है कि मैं उनमें से एक हूं। 

लेकिन समीर की ये खुशी 10 साल बाद यानि 2008 में खत्म हो गई। दरअसल, 2008 में अमेरिका में भारी आर्थिक मंदी आ गई थी। 

इस कारण समीर की नौकरी चली गई और मजबूरन उन्हें भारत लौटना पड़ा। भारत वापस लौटने के बाद इनके सामने एक बार फिर वही समस्या खड़ी हो गई जिसकी वजह से ये फिल्म इंडस्ट्री छोड़कर अमेरिका चले गए थे।

दोबारा शुरू हुआ Sameer Khakhar का फिल्मी करियर

दरअसल, इन्हें अब भी लोग वही नुक्कड़ के खोपड़ी जैसे रोल ही दे रहे थे। जबकि ये ऐसे रोल बार-बार बिल्कुल भी नहीं करना चाहते थे। कुछ फिल्मों में इन्हें अलग तरह के रोल तो मिले। 

लेकिन वो बहुत ज़्यादा प्रभावशाली नहीं थे। साल 2014 में ये हंसी तो फंसी और जय हो जैसी दो बड़ी फिल्मों में दिखे। सालों बाद इन्हें देखकर लोग हैरान हुए। 

क्योंकि यहां भारत में लोगों ने मान लिया था कि या तो शायद नुक्कड़ का वो एक्टर मर चुका है या अब फिल्म इंडस्ट्री उसने हमेशा के लिए छोड़ दी है।

दूसरी पारी की प्रमुख फिल्में

अमेरिका से आने के बाद फिल्मों के अलावा समीर ने कुछ टीवी शोज़ में भी काम किया जैसे अदालत और संजीवनी। इसके अलावा ज़ी5 की वेब सीरीज़ सनफ्लॉवर में भी ये नज़र आए। 

यूट्यूब पर रिलीज़ हुई शॉर्ट फिल्म पुराना प्यार में भी ये दिखे। साल 2020 में ये उस वक्त चर्चाओं में आ गए थे जब ये नवाज़ुद्दीन सिद्दिकी की फिल्म सीरियस मैन में नज़र आए थे। 

इस फिल्म में ये एक पॉलिटिशियन बने थे और अपने इस रोल को निभाने में इन्हें बड़ा मज़ा भी आया था।

Sameer Khakhar की निजी ज़िंदगी

समीर खाखर कहते हैं कि वो आज भी ज़्यादा से ज़्यादा काम करना चाहते हैं। लेकिन वो ज़्यादा काम तभी कर पाएंगे जब उन्हें ज़्यादा अच्छे रोल मिलेंगे। 

समीर जी की निजी ज़िंदगी के बारे में बात करें तो हमें केवल इतना ही पचा चल पाया कि इन्होंने किरन दाते नाम की महिला से शादी की है। इससे ज़्यादा इनकी निजी ज़िंदगी के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिल पाई।

Meerut Manthan करता है सैल्यूट

15 मार्च 2023 को समीर खाखर मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के चलते असमय मृत्यु का शिकार हो गए। जिस वक्त समीर खाखर की मृत्यु हुई थी उस वक्त उनकी उम्र 71 साल थी। Meerut Manthan Sameer Khakhar जी को ससम्मान याद करते हुए उन्हें नमन करता है। जय हिंद।

टिप्पणियाँ

  1. Maine jaise Sameer ji ka foto dekha muze mere bachpan ka wo tv serial yad aya hamari pauri family ye serial dekha karti thi . Sameer ji ki biography kafi achi liki hi apne thnx apki wajah se hame unke bare me itna Jana .. REP Sameer ji.

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