Reema Lagoo | Bollywood की वो मां जिसे हर कोई प्यार करता था | Biography
Reema Lagoo. हिंदी सिनेमा का एक ऐसा नाम जिसने एक ज़माने में हर किसी सिनेमा प्रेमी के दिल में अपनी जगह बनाई थी। बॉलीवुड की एक ऐसी मां जिसने मॉडर्न ईरा इंडिया में मां के किरदार को सिनेमा में एकदम अलग और शानदार अंदाज़ में जिया। शख्सियत ऐसी कि इन्हें देखकर हर किसी के दिल में एक ही ख्याल आता, काश ये मेरी मां होती।
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Reema Lagoo - Photo: Social Media |
Meerut Manthan टीवी अपने दर्शकों के लिए लेकर आया है महान बॉलीवुड अदाकारा Reema Lagoo की कहानी। Reema Lagoo के फिल्मी सफर और उनकी निजी ज़िंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प कहानियां आज हम और आप जानेंगे।
Reema Lagoo का शुरूआती जीवन
21 जून सन 1958 को रीमा लागू का जन्म मुंबई में हुआ था। चूंकि रीमा लागू की मां मंदाकिनी भडभड़े एक एक्ट्रेस थी और मराठी थिएटर व सिनेमा में उनका बहुत बड़ा नाम था तो कहा जा सकता है कि एक्टिंग का माहौल बचपन में ही रीमा लागू को मिल गया था। और आगे चलकर फिल्म इंडस्ट्री में नाम बनाने में बचपन से मिले एक्टिंग के माहौल ने इनकी बड़ी मदद की थी। माता-पिता ने इनका नाम रखा था नयन भडभड़े।
पहली फिल्म
नयन महज़ छह साल की ही थी जब इन्होंने मास्टर जी नाम की फिल्म में पहली दफा कैमरा फेस किया था। मराठी भाषा में बनी इस फिल्म में नयन चाइल्ड आर्टिस्ट की हैसियत से नज़र आई थी और नयन ने काफी बढ़िया काम भी किया था।
बाद में कुछ और फिल्मों में भी नयन ने एज़ ए चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया था। इत्तेफाक से ये सभी फिल्में मराठी भाषा की फिल्में थी। यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि एक्टिंग में करियर बनाने के साथ-साथ नयन ने अपनी पढ़ाई-लिखाई भी जमकर की थी।
बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कुछ मराठी फिल्मों में काम करने के बाद नयन ने कुछ सालों के लिए फिल्मों से ब्रेक लिया और अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर लगाया। हालांकि इस दौरान नयन भडभड़े ने थिएटर करना नहीं छोड़ा था।
ऐसे बनी नयन भड़भड़े से Reema Lagoo
एमए की डिग्री हासिल करने के बाद नयन ने यूनियन बैंक की मुंबई की एक ब्रांच में नौकरी करना शुरू कर दिया। नौकरी के साथ-साथ ही नयन ने थिएटर करना भी जारी रखा।
इत्तेफाक से इसी बैंक में नयन भडभड़े की मुलाकात उस शख्स से हुई जिससे इन्हें इश्क हुआ और फिर उस शख्स से नयन ने शादी भी की। इस शादी के बाद ही नयन भडभड़े बन गई रीमा लागू।
ऐसे हुआ था मुहब्बत का सफर
नयन की ब्रांच में ही विवेक लागू भी जॉब करते थे। उनकी ही तरह विवेक भी थिएटर में बड़ी गहरी दिलचस्पी रखते थे और समय मिलने पर उनकी ही तरह थिएटर किया भी करते थे। थिएटर से विवेक का ये गहरा लगाव नयन को उनके नज़दीक ले आया। दोनों साथ-साथ ज़्यादा वक्त गुज़ारने लगे। कुछ नाटकों में दोनों ने साथ भी काम किया।
एक-दूसरे का साथ इतना पसंद आने लगा कि दोनों ने कबूल कर ही लिया कि वो एक-दूजे के इश्क में गिरफ्तार हो चुके हैं। इन दोनों की मुलाकात साल 1976 में हुई थी। लेकिन दो साल बाद यानि 1978 में इन दोनों ने शादी भी कर ली। इस तरह विवेक लागू से शादी करने के बाद नयन भडभड़े ने अपना नाम बदलकर रख लिया रीमा लागू।
ऐसे मिली हिंदी फिल्मों में सफलता
शादी के बाद जहां रीमा लागू ने अपने कदम हिंदी सिनेमा की तरफ बढ़ा दिए तो वहीं विवेक लागू मराठी सिनेमा तक ही सीमित रहे। वे ना केवल मराठी थिएटर व मराठी फिल्मों में एक्टिंग किया करते थे। बल्कि मराठी फिल्मों के लिए तो वे स्क्रीनप्ले राइटिंग भी किया करते थे।
हिंदी फिल्मों में सफलता मिलने की रीमा लागू की कहानी भी काफी रोचक है। दरअसल, एक दफा ये पृथ्वी थिएटर में एक नाटक में काम कर रही थी। उसी नाटक के दौरान शशि कपूर की नज़र इन पर पड़ी। शशि कपूर को इनका एक्टिंग करने का अंदाज़ बड़ा पसंद आया।
उन्होंने अपने दोस्त श्याम बेनेगल से कहकर फिल्म कलयुग में रीमा को किरण का किरदार दिलाया। पृथ्वी थिएटर में ही रीमा लागू पर गोविंद निहलानी की भी नज़र पड़ी थी और उन्होंने रीमा को अपनी फिल्म आक्रोश में एक नौटंकी डांसर का रोल दिया था।
Reema Lagoo ने बोल्ड सीन्स भी दिए
फिल्म आक्रोश में नौटंकी डांसर के किरदार में रीमा लागू ने बड़ी ही खूबसूरती से अपने काम को अंजाम दिया। एक गाने पर इनकी डांस परफॉर्मेंस की खूब तारीफ हुई थी। वहीं बात करें फिल्म कलयुग की तो इस फिल्म में रीमा लागू ने कुलभूषण खरबंदा के साथ एक बोल्ड सीन दिया था। शुरू में रीमा को ये सीन देने में बड़ी ही दुविधा हो रही थी।
लेकिन फिर जैसे-तैसे उन्होंने इस सीन को निपटा ही दिया। करियर के शुरूआत में इन दो बड़ी फिल्मों को करने के बाद रीमा ने कुछ और फिल्मों में भी काम किया। इनमें से कुछ में तो इन्होंने फिर से कुछ हॉट सीन्स भी दिए। लेकिन पहचान फिर भी रीमा लागू तक अपनी पहुंच नहीं बना पा रही थी।
इस फिल्म से मिली पहचान
साल 1988 में रीमा लागू ने उस फिल्म में काम किया जो बेशक उनके करियर में मील का पत्थर साबित हुई। लेकिन रीमा लागू इस फिल्म से कभी खुश ना रही। ये फिल्म थी आमिर खान की डेब्यू फिल्म कयामत से कयामत तक। इस फिल्म में रीमा लागू जूही चावला की मां के किरदार में नज़र आई। ये पहली फिल्म थी जिसमें रीमा लागू ने मां का रोल निभाया था। फिल्म ज़बरदस्त हिट रही थी और मां के रोल में रीमा लागू को भी हर किसी ने पसंद किया था।
Reema Lagoo नहीं थी खुश
लेकिन रीमा लागू का कहना था कि कयामत से कयामत तक फिल्म में उनके किरदार के साथ वो न्याय नहीं किया गया जो उसे मिलना चाहिए था। साथ ही उनके किरदार को काफी ज़्यादा काट भी दिया गया था। एक इंटरव्यू में रीमा लागू ने कहा था कि उन्होंने कई सीन शूट किए थे। लेकिन फिल्म में वो नज़र आए ही नहीं।
छोड़ दिया था बॉलीवुड
रीमा इस फिल्म के बाद इतनी निराश हुई थी कि उन्होंने बॉलीवुड छोड़कर वापस मराठी फिल्मों का रुख कर लिया था। लेकिन फिर एक ऐसी फिल्म आई जिसने वापस रीमा लागू को बॉलीवुड में खींच लिया। ये फिल्म थी सलमान खान की लॉन्चिंग फिल्म मैंने प्यार किया।
इस फिल्म में रीमा लागू ने सलमान खान की मां का रोल निभाया था। ये फिल्म भी बहुत ज़बरदस्त हिट साबित हुई। रीमा लागू ने एक बार फिर से मां का रोल बहुत ही सशक्त तरीके से निभाया। रीमा भी इस फिल्म से खुश थी। मैंने प्यार किया से बॉलीवुड पर रीमा लागू का भरोसा फिर से लौट आया।
अपने बराबर उम्र वाले सितारों की मां बनी
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस फिल्म में सलमान खान की मां को एकदम वास्तविक तरीके से निभाने वाली रीमा लागू असल ज़िंदगी में उनसे महज़ सात साल ही बड़ी थी। फिल्म साजन में रीमा लागू ने सजंय दत्त की मां का रोल निभाया था।
जबकी असल ज़िंदगी में रीमा लागू संजय दत्त से महज़ 1 साल ही बड़ी थी। कुल मिलाकर रीमा लागू बॉलीवुड के नब्बे और साल दो हज़ार के दशक में मां के रोल के लिए सबसे फिट एक्ट्रेस बन गई थी।
साल 1993 में फिल्म गुमराह में रीमा लागू श्रीदेवी की मां के रोल में दिखी थी। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि श्रीदेवी उम्र में रीमा लागू से चार साल बड़ी थी। वहीं फिल्म श्रीमान आशिक में तो जब लोगों ने रीमा लागू को ऋषि कपूर की मां के रोल में देखा तो वो दंग रह गए।
उम्र में ऋषि कपूर रीमा लागू से छह साल बड़े थे। यानि कहा जा सकता है कि रीमा लागू अपने कैरेक्टर में इतनी गहराई से उतर जाती थी कि ये अंदाज़ा लगा पाना मुमकिन ही नहीं होता था कि उनकी असल उम्र क्या है।
Reema Lagoo के कुछ यादगार किरदार
फिल्म हम आपके हैं कौन में पूजा और निशा की मां का रोल निभाने के बाद तो रीमा लागू एक तरह से अमर ही हो गई थी। ये फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई थी और रीमा लागू भारत के घर-घर में एक आदर्श मां के तौर पर देखी जाने लगी थी। फिल्म वास्तव में रीमा लागू एक बार फिर संजय दत्त की मां के रोल में दिखी।
लेकिन इस दफा मां का उनका रोल बेहद चुनौतीपूर्ण था। वो एक ऐसी मां थी जो गलत राह पर निकल चुके अपने बेटे को खुद ही गोली मारकर खत्म कर देती है। रीमा लागू ने इस रोल को भी बड़ी खूबसूरती के साथ निभाया था।
कई यादगार टीवी शो भी किए
ढेर सारी फिल्मों में काम करने के अलावा रीमा लागू ने कुछ बेहद यादगार टीवी शोज़ में भी काम किया था। इनका सबसे पहला टीवी शो था साल 1985 में ब्रॉडकास्ट हुआ खानदान। लेकिन इन्हें लोकप्रियता के शिखर पर बैठाया साल 1994 में प्रसारित हुए श्रीमान श्रीमति नाम के शो ने।
और फिर इनकी लोकप्रिया में चार चांद लगा दिए इसी साल प्रसारित हुए और एक और टीवी शो ने जिसका नाम था तू तू मैं मैं। नब्बे के दशक के लोगों को आज भी रीमा लागू के ये दोनों शो अच्छी तरह याद और पसंद होंगे। रीमा लागू का आखिरी टीवी शो था नामकरण।
ऐसी थी Reema Lagoo की निज़ी ज़िंदगी
रीमा लागू की निज़ी ज़िंदगी के बारे में बात करें तो विवेक लागू से शादी करने के दस साल बाद यानि साल 1988 की 29 मई को रीमा लागू की बेटी का जन्म हुआ जिसका नाम रखा गया मृणमई लागू।
बेटी के जन्म के कुछ ही सालों बाद रीमा लागू और उनके पति विवेक लागू के बीच अनबन रहने लगी। दूरियां जब ज़्यादा बढ़ गई तो दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया।
कोर्ट ने बेटी की ज़िम्मेदारी रीमा लागू को दी। बेटी के लिए रीमा लागू ने कभी दूसरी शादी नहीं की। ना ही उनके पति रहे विवेक लागू ने उनके बाद किसी दूसरी औरत का हाथ थामने की कोशिश की।
अस्सी के दशक के आखिरी सालों में अभिनेता शफी ईनामदार के साथ रीमा लागू के अफेयर की खबरें ज़रूर आई थी। लेकिन इन खबरों की सच्चाई क्या है ये कभी मालूम नहीं चल पाया।
सालों बाद पति के साथ आई नज़र
साल 2014 में रीमा लागू काफी वक्त बाद एक बार फिर से अपने पूर्व पति विवेक लागू संग एक नाटक में एक्टिंग करती नज़र आई। उस नाटक का नाम था दूसरा सिलसिला।
उस नाटक को देखने के बाद कई लोग तो ये सोचने लगे थे कि शायद जल्द ही रीमा लागू और विवेक लागू ये घोषणा कर देंगे कि एक बार फिर से वो दोनों साथ आ चुके हैं। लेकिन ऐसा कभी ना हुआ।
रीमा लागू की बेटी मृणमयी अब काफी बड़ी हो चुकी है। उसकी शादी भी हो चुकी है। मृणमयी कुछ मराठी फिल्मों में एक्टिंग कर चुकी हैं और कुछ का उन्होंने डायरेक्शन भी किया है।
कभी पूरी नहीं हुई ये ख्वाहिश
रीमा लागू की इमेज बॉलीवुड में कुछ ऐसी बनी थी कि उन्हें हमेशा अच्छे और शरीफ महिला के रोल ही मिलते थे। हालांकि वो चाहती थी कि उन्हें निगेटिव रोल्स भी ऑफर हों।
लेकिन कोई भी डायरेक्टर या प्रोड्यूसर उन्हें नेगिटव रोल देना ही नहीं चाहता था। साल 2010 के बाद रीमा लागू ने फिल्मों में काम करना कुछ कम कर दिया था। वो किसी निगेटिव रोल की तलाश में थी।
उनकी ये ख्वाहिश पूरी की महेश भट्ट ने जो साल 2016 में नामकरण नाम का एक टीवी शो डायरेक्ट करने जा रहे थे। महेश भट्ट ने इस शो में रीमा लागू को दयावंती मेहता के रोल के लिए साइन किया।
इस शो में दयावंती का किरदार एक निगेटिव शेड वाला किरदार था। रीमा लागू इस शो में अपने काम से बहुत खुश थी। होती भी क्यों ना। आखिर पहली दफा उन्हें उनकी पसंद का किरदार जो मिला था।
और फिर आया वो मनहूस दिन
लेकिन रीमा लागू की ये खुशी ज़्यादा ना टिक सकी। इस शो के एक एपिसोड की शूटिंग के दौरान 18 मई 2017 को रीमा लागू की तबियत कुछ खराब हुई। बेटी और दामाद ने रीमा को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में भर्ती कराया।
वहां मालूम चला कि रीमा लागू को एक माइल्ड हार्ट अटैक आया है। रीमा का परिवार हैरान था। रीमा को कभी भी दिल की कोई बीमारी नहीं थी। ना ही उनके परिवार में किसी और को ये बीमारी थी।
अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रीमा एकदम ठीक महसूस कर रही थी। किसी को अंदाज़ा भी नहीं था कि वो दिन रीमा लागू की ज़िंदगी का आखिरी दिन होने वाला है।
अचानक रात को करीब 1 बजे रीमा लागू की तबियत दोबारा और पहले से ज़्यादा खराब होने लगी। डॉक्टर्स ने रीमा को आईसीयू में भर्ती कर दिया।
आईसीयू में ही रात को लगभग सवा तीन बजे 59 साल की उम्र में रीमा लागू की कार्डियक अरेस्ट के चलते मौत हो गई। रीमा लागू की मौत की खबर ने ना केवल बॉलीवुड को, बल्कि सारे देश को स्तब्ध कर दिया।
हर कोई रीमा लागू के इतनी जल्दी और यूं अचानक दुनिया से चले जाने से दंग और परेशान था। लेकिन सच वही था। हिंदी सिनेमा की सबसे प्यारी और शानदार मांओं में से एक रीमा लागू इस दुुनिया से जा चुकी थी।
अमर रहेंगी Reema Lagoo
रीमा लागू का अचानक दुनिया से चले जाना बहुत लोगों के लिए एक सदमा साबित हुआ था। आम लोग ही नहीं, कई फिल्मी सितारे भी रीमा लागू की मौत से बहुत दुखी हुए थे। रीमा लागू जैसी शानदार अदाकारा की जगह कभी कोई नहीं ले सकेगा।
Meerut Manthan Reema Lagoo को नमन करता है। और हिंदी सिनेमा में उनके योगदान के लिए उन्हें सैल्यूट करता है। जय हिंद।
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