Rakhee Gulzar | कहानी खूबसूरत आंखों वाली राखी गुलज़ार और उनकी ज़िंदगी के अकेलेपन की | Biography
Rakhee Gulzar. खूबसूरत आंखों वाली वो अदाकारा जिसने हिरोइन के तौर पर तो फिल्म इंडस्ट्री में बेहद शानदार मुकाम हासिल किया ही। साथ ही सपोर्टिंग किरदारों में भी अपने हुनर की इन्होंने गज़ब की नुमाइश की। फिल्मों में मां के किरदार निभाने वाली टॉप एक्ट्रेसेज में इनका नाम शुमार होता है। नॉन फिल्मी बैकग्राउंड होते हुए भी फिल्मों में इन्होंने जो कामयाबी हासिल की वो कई दूसरी लड़कियों के लिए प्रेरणा है।
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Rakhee Gulzar Biography - Photo: Social Media |
Meerut Manthan आज Rakhee Gulzar की कहानी से आप सभी को रूबरू कराएगा। Rakhee Gulzar की ज़िंदगी के ढेरों अनछुए पहलुओं को आज हम और आप जानेंगे।
Rakhee Gulzar का शुरुआती जीवन
राखी का जन्म हुआ था 15 अगस्त 1947 को पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले के राणाघाट इलाके में हुआ था। इनका पूरा नाम है राखी मजूमदार। भारत की आज़ादी का ऐलान होने के कुछ ही घंटो बाद राखी ने इस दुनिया में कदम रखा था।
राखी के पिता जूतों के एक बड़े व्यापारी थे और उनका कारोबार उन इलाकों में फैला था जहां आज बांग्लादेश है। पर चूंकि आज़ादी के साथ ही भारत का बंटवारा भी हो गया था तो राखी के पिता का सारा कारोबार बर्बाद हो गया और उन्हें नए सिरे से अपनी ज़िंदगी शुरू करनी पड़ी।
पहले पति से जल्द हो गया तलाक
राखी और उनके भाईयों की पढ़ाई राणाघाट के ही एक स्कूल में हुई थी। राखी अपनी टीन एज में आई ही थी कि इनके मां-बाप ने इनकी शादी अजय बिस्वास नाम के एक बंगाली जर्नलिस्ट और फिल्म डायरेक्टर से करा दी। लेकिन ये शादी ज़्यादा चल ना सकी और कुछ महीनों बाद ही ये शादी टूट भी गई।
कहा जाता है कि राखी के पति के घर में फिल्मी माहौल था और राखी उस माहौल में सामांजस्य नहीं बैठा पाई तो इसलिए वो अपने पहले पति से अलग हो गई। पर चूंकि राखी के खुद के परिवार की आर्थिक स्थिति भी बेहद खराब थी तो उन्हें फिल्मों की दुनिया में उतरना ही पड़ा।
ऐसे शुरु हुआ राखी गुलज़ार का फिल्मी सफर
साल 1967 में राखी पहली दफा नज़र आई बंगाली फिल्म बंधु बरन में। ये फिल्म बढ़िया चली और राखी पर नज़र गई सुनील दत्त साहब की। दत्त साहब ने राखी को अपनी फिल्म रेशमा और शेरा के लिए साइन कर लिया। हालांकि इसी वक्त राखी ने दो और फिल्में भी साइन की थी। ये फिल्में थी जीवन मृत्यु और शर्मीली।
इन तीनों ही फिल्मों में जीवन मृत्यु सबसे पहले रिलीज़ हुई। इस तरह राखी की पहली हिंदी फिल्म रही जीवन मृत्यु जिसमें इनके अपोज़िट धर्मेंद्र नज़र आए। राखी की दूसरी हिंदी फिल्म रही शर्मीली जिसमें इन्होंने शशि कपूर के साथ अपनी अदाकारी के जौहर दिखाए। रेशमा और शेरा राखी की तीसरी हिंदी फिल्म थी।
शशि कपूर संग सुपरहिट थी जोड़ी
शर्मिली में राखी और शशि कपूर की जोड़ी दर्शकों को बड़ी पसंद आई थी। ये जोड़ी इतनी पॉप्युलर हुई कि राखी और शशि कपूर ने 9 और फिल्मों में साथ काम किया था। इनमें से पांच तो ज़बरदस्त हिट रही थी। और चार बॉक्स ऑफिस कोई कमाल तो नहीं कर पाई, लेकिन क्रिटिकली उन पांच फिल्मों की काफी चर्चा हुई थी। राखी को फिल्मों में इतनी कामयाबी मिली की उस ज़माने में वो फिल्म इंडस्ट्री की दूसरी सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली एक्ट्रेस बन गई थी।
इन सितारों संग भी खूब जमी Rakhee Gulzar
राखी ने राजेश खन्ना के साथ भी तीन फिल्में की थी। ये फिल्में थी शहज़ादा, दाग और आंचल। ये तीनों ही फिल्में सुपरहिट रही थी। राखी को राजेश खन्ना बेहद पसंद थे। राखी कहती भी थी कि राजेश खन्ना उनके सबसे पसंदीदा एक्टर हैं। साथ ही राखी शशि कपूर की भी बहुत बड़ी फैन थी।
शशि कपूर और राजेश खन्ना को राखी सेम लेवल का एक्टर कहती थी। अपने फिल्मी करियर में राखी ने अमिताभ बच्चन के साथ भी 8 फिल्मों में काम किया था। इनमें से पांच फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कामयाब रही और तीन फिल्में फ्लॉप रही थी।
राखी के नाम है ये अनोखा रिकॉर्ड
राखी दूसरी ऐसी एक्ट्रेस हैं जिन्होंने अमिताभ की लव इंटरेस्ट और मां के रोल निभाए हैं। फिल्म शक्ति में राखी अमिताभ बच्चन की मां के रोल में नज़र आई थी। और शक्ति फिल्म राखी ने इसलिए की थी क्योंकि इस फिल्म में इन्हें महान दिलीप कुमार साहब के साथ काम करने का मौका मिला था।
राखी के अलावा वहीदा रहमान ऐसी दूसरी अदाकारा हैं जो अमिताभ बच्चन की मां और प्रेमिका के किरदार में नज़र आ चुकी हैं। फिल्म अदालत में वहीदा अमिताभ की प्रेमिका बनी थी और त्रिशूल में वहीदा ने अमिताभ की मां का किरदार जिया था।
देव साहब और संजीव कुमार साहब संग भी किया शानदार काम
सदाबहार देवानंद साहब के साथ भी राखी ने चार फिल्मों में काम किया था। ये फिल्में थी हीरा पन्ना, बनारसी बाबू, लूटमार और जोशीला। जोशीला को छोड़कर बाकी सभी फिल्में हिट साबित हुई थी। महान संजीव कुमार साहब के साथ राखी ने तीन फिल्में की थी जो थी पारस, हमारे तुम्हारे और श्रीमान श्रीमती। इन सभी के अलावा भी राखी ने उस दौर के हर बड़े सितारे के साथ काम किया था।
मोस्ट डेयरिंग अदाकारा थी Rakhee Gulzar
कुल मिलाकर राखी को अपने ज़माने की मोस्ट डेयरिंग एक्ट्रेस भी कहा जाता था। क्योंकि राखी उन फिल्मों को भी साइन करती थी जो लीक से हटकर होती थी। ये वो फिल्में थी जिनमें ना तो बड़ी स्टार कास्ट थी और ना ही बड़े बजट जैसी कोई बात थी। लेकिन फिर भी राखी की इन फिल्मों में से कुछ बेहद सफल रही और कुछ को क्रिटिक्स से तारीफें मिली।
तपस्या, हमकदम और श्रद्धांजलि जैसी फिल्मों को राखी ने केवल अपने हुनर के दम पर बॉक्स ऑफिस पर हिट करा दिया। सालों तक फिल्मों में हिरोइन के रूप में नज़र आने वाली राखी ने वक्त आने पर कैरेक्टर एक्ट्रेस की तरह काम करना भी शुरू कर दिया।
कैरेक्टर रोल्स भी जमकर निभाए
कैरेक्टर आर्टिस्ट के रूप में राखी की नई पारी शुरू हो चुकी थी। डकैत, राम लखन, सौगंध, खलनायक, क्षत्रीय, अनाड़ी, बाज़ीगर व कई दूसरी फिल्में ऐसी रही जिनमें राखी ने मां के किरदार निभाए और इतने दमदार तरीके से निभाए कि राखी बॉलीवुड की टॉप मांओं की लिस्ट का बड़ा नाम बन गई। फिल्म करन अर्जुन को भला कौन भुला सकता है। इस फिल्म के लिए राखी को फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था।
राखी के अवॉर्ड्स
बात अवॉर्ड्स की आई है तो चलिए राखी को मिले अवॉर्ड्स की भी बात कर ही लेते हैं। राखी ने कुल 91 फिल्मों में काम किया। राखी को पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला फिल्म Daag: A Poem of Love के लिए। राखी को फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड इस फिल्म के लिए दिया गया था। इसी फिल्म के लिए ही बंगाली फिल्म जर्नलिस्ट असोसिएशन बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड भी राखी को दिया गया था।
साल 1974 में आई फिल्म 27 डाउन के लिए राखी को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। फिल्म तपस्या के लिए राखी को फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड दिया गया। परोमा नाम की बंगाली फिल्म के लिए राखी को बंगाली फिल्म जर्नलिस्ट असोसिएशन अवॉर्ड दिया गया। राम लखन के लिए राखी को फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस अवॉर्ड दिया गया।
बंगाली फिल्म शुभो के लिए राखी को एक बार फिर बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल फिल्म अवॉर्ड दिया गया। इतना ही नहीं, राखी को रिकॉर्ड तेरह दफा फिल्मफेयर अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेशन मिला है। राखी ने एक दफा फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड ये कहकर ठुकरा दिया कि ना तो उन्होंने कुछ अचीव किया है और ना ही उनकी लाइफ ओवर हुई है।
राखी की आखिरी हिंदी फिल्म
राखी की आखिरी हिंदी फिल्म थी साल 2003 में आई दिल का रिश्ता। इसके बाद से ही राखी ने खुद को फिल्मों से दूर कर लिया था। राखी कहती हैं कि चूंकि आज के दौर की फिल्में उन्हें पसंद नहीं आती। इसलिए अब वो फिल्मों में काम करना पसंद नहीं करती।
ऐसी थी Rakhee Gulzar की निज़ी ज़िंदगी
राखी की निज़ी ज़िंदगी के बारे में बात करें तो सत्तर के दशक में राखी अपनी एक दोस्त के ज़रिए गुलज़ार साहब से मिली थी। उसके बाद गुलज़ार साहब से राखी की नज़दीकियां बढ़ने लगी। और आखिरकार राखी ने गुलज़ार साहब से शादी कर ली।
गुलज़ार साहब और राखी के बीच इस बात पर सहमति बनी थी कि शादी के बाद राखी फिल्मों में काम नहीं करेंगी। चूंकि उन दिनों गुलज़ार फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम बन चुके थे तो राखी ने सोचा कि कम से कम पति गुलज़ार की फिल्मों में तो उन्हें काम करने का मौका मिलेगा ही। लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ।
वक्त ने ऐसी चाल बदली कि शादी के एक साल बाद ही राखी का गुलज़ार से मनमुटाव होने लगा। बेटी बोस्की यानि मेघना गुलज़ार के जन्म के कुछ महीनों बाद गुलज़ार और राखी अलग-अलग रहने लगे। हालांकि दोनों ने कभी भी तलाक नहीं लिया।
सेकेंड इनिंग में भी मिली थी ज़बरदस्त कामयाबी
गुलज़ार साहब से अलग होने के बाद ही राखी ने अमिताभ बच्चन के साथ कभी-कभी फिल्म में काम किया था और ये फिल्म बहुत बड़ी हिट साबित हुई थी। इसके बाद फिल्मों में राखी ने अपनी सेकेंड इनिंग शुरू कर दी और इस इनिंग में भी वो बहुत कामयाब रही।
अब रिटायर हो चुकी हैं राखी गुलज़ार
फिल्मों से रिटायरमेंट लेने के बाद अधिकतर राखी पनवेल वाले अपने फार्म हाउस में वक्त गुज़ारती हैं। ये ज़मीन राखी ने उन दिनों खरीदी थी जब वो गुलज़ार साहब से अलग हुई थी। हालांकि पहले राखी मुंबई के खार इलाके के सरोजिनी रोड पर मुक्तांगना नाम के अपने बंगले में रहती थी। बाद में उन्होंने ये बंगला बेच दिया और कुछ ही दूरी पर एक दूसरा मकान खरीद लिया। मगर साल 2015 से राखी उस मकान से निकलकर अपने फार्म हाउस आ गई और फुल टाइम यहीं पर रहने लगी।
फार्म हाउस पर ऐसे जीवन गुज़ारती हैं राखी
अपने फार्म हाउस पर राखी फल और सब्जियां उगाती हैं। गाय पालती हैं। और इन सब कामों में राखी की मदद करता है एक नेपाली जोड़ा और उनकी दो बेटियां। राखी कहती हैं कि ये भी उनका दूसरा परिवार है।
राखी की उम्र अब 74 साल हो चुकी है। राखी अपने फार्म हाउस पर सुकून की ज़िंदगी गुज़ार रही हैं। Meerut Manthan ईश्वर से प्रार्थना करता है कि राखी की सेहत हमेशा दुरुस्त रहे और उन्हें कभी किसी तरह की कोई तकलीफ ना आए। जय हिंद।
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