Top 21 Films of 1920 | ये हैं साल 1920 की टॉप इक्कीस फिल्में | Cinema के शौकीन हैं तो ज़रूर देखिए

Top 21 Films of 1920. 1913 को हिंदी सिनेमा की शुरुआत का साल माना जाता है। क्योंकि इसी साल भारत की पहली मोशन पिक्चर राजा हरीशचंद्र रिलीज़ हुई थी और इसे बनाया था दादा साहेब फाल्के ने। 

हालांकि कुछ इतिहासकार दावा करते हैं कि हिंदी सिनेमा की शुरुआत सन 1912 में उस वक्त हो गई थी जब दादासाहेब तोर्ने नाम के डायरेक्टर ने श्री पुंडालिक नाम की फिल्म रिलीज़ की थी। 

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Ram Janma (1920) - Photo: Social Media

मगर वो एक मोशन फिल्म ना होकर एक मराठी नाटक की फोटोग्राफिक रिकॉर्डिंग थी। और चूंकि उस फिल्म का कैमरामैन एक ब्रिटिश नागरिक था और फिल्म लंदन में प्रोसेस हुई थी, इसलिए अधिकतर इतिहासकार श्री पुंडालिक को पहली भारतीय फिल्म नहीं मानते हैं। 

हिंदी सिनेमा के सौ से भी अधिक सालों का इतिहास बेहद गौरवशाली रहा है। भारतीय सिनेमा के पूरे कालखंड पर जाने कितनी ही किताबें लिखी जा सकती हैं। Meerut Manthan भी अपने दर्शकों के लिए एक बेहद विशेष सीरीज़ शुरू कर रहा है। Top 21 Films of 1920.

खास होगी मेरठ मंथन की ये सीरीज़ (Top 21 Films of 1920)

अपनी इस सीरीज़ में हम 1920 से लेकर अब तक हर साल रिलीज़ हुई सभी फिल्मों की जानकारी अपने दर्शकों को देंगे। साथ ही हम हर साल की टॉप फिल्मों और उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प जानकारियां भी अपने दर्शकों को देंगे। तो चलिए ये सफर शुरू करते हैं और शुरुआत करते हैं सन 1920 से।

भारतीय सिनेमा के शुरुआती दौर में अधिकतर धार्मिक फिल्में ही बनाई गई थी। ये दौर साइलेंट फिल्मों का दौर था और इस वक्त तक फिल्म इंडस्ट्री अपने शैशवकाल में ही थी तो बहुत अधिक फिल्मों का निर्माण इस साल नहीं हो पाया था। वीकिपीडिया की मानें तो सन 1920 में कुल 21 फिल्मों का निर्माण किया गया था।

सन 1920 की पहली फिल्म थी बालिका बधु जिसके डायरेक्टर थे पंडित तुलसीदत्त शैदा। ये एक सोशल ड्रामा फिल्म थी और इसे कलकत्ता के एसियाटिक फिल्म कॉर्पोरेशन के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की दूसरी फिल्म थी दक्ष यग्न जिसे सती पार्वती भी कहा गया था। इस फिल्म के डायरेक्टर थे विष्णुपंत दिवेकर। ये फिल्म एक माइथोलॉजिकल फिल्म थी और इसे कोहिनूर फिल्म कंपनी के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की तीसरी फिल्म थी सती तुलसी वृंदा और इस फिल्म के डायरेक्टर थे जीवी साने। ये एक माइथोलॉजिकल फिल्म थी और इसे नासिक की हिंदुस्तान सिनेमा फिल्म कंपनी के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की चौथी फिल्म थी कंस वध और इस फिल्म के डायरेक्टर भी जीवी साने ही थे। ये भी एक माइथोलॉजिकल फिल्म थी और इसे भी नासिक की हिंदुस्तान सिनेमा फिल्म कंपनी के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की पांचवी फिल्म थी कटोरा भर ख़ून। इस फिल्म के डायरेक्टर थे एस एन पतनकर। ये एक सोशल ड्रामा फिल्म थी और इसे एस एन पतनकर ने अपने प्रोडक्शन हाउस पतनकर फ्रैंड्स एंड कंपनी से प्रोड्यूस किया था।

1920 की छठी फिल्म थी कृष्ण सुदामा और इस फिल्म के डायरेक्टर थे विष्णुपंत दिवेकर। ये एक माइथोलॉजिकल फिल्म थी और इसे कोहिनूर फिल्म कंपनी के बैनर तले प्रोड्यूस किया गया था।

1920 की सातवीं फिल्म थी लव कुश जिसे आर नटराजा मुदलियार ने डायरेक्ट किया था। ये भी एक माइथोलॉजिकल फिल्म थी और इसे इंडियन फिल्म कंपनी के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की आठवीं फिल्म थी महाभारत जिसे रुस्तमजी धोतीवाला ने डायरेक्ट किया था। माइथोलॉजिकल जोनरा की इस फिल्म को मदन थिएटर्स लिमिटेड के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की नौंवी फिल्म थी मृच्छकाटिक। इस फिल्म के डायरेक्टर थे सुचेत सिंह। इस माइथोलॉजिकल फिल्म को ओरिएंटल फिल्म मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की दसंवी फिल्म थी नरसिंह अवतार और इस फिल्म के डायरेक्टर थे श्री नाथ पतनकर। ये फिल्म भी एक माइथोलॉजिकल ड्रामा थी और इसे भी ओरिएंटल फिल्म मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की ग्यारहवीं फिल्म थी नरसिंह मेहता। इस फिल्म को सुचेत सिंह ने डायरेक्ट किया था। ये फिल्म भी एक माइथोलॉजिकल ड्रामा थी और इसे भी ओरिएंटल फिल्म मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की बारहवीं फिल्म थी राम जन्म और इसे डायरेक्ट किया था जीवी साने ने। ये एक माइथोलॉजिकल फिल्म थी और ये फिल्म नासिक की हिंदुस्तान सिनेमा फिल्म कंपनी के बैनर तले बनाई गई थी।

1920 की तेरहवीं फिल्म थी रमा और माया। इस फिल्म के डायरेक्टर थे सुचेत सिंह। ये भी एक माइथोलॉजिकल ड्रामा फिल्म थी और इसे ओरिएंटल फिल्म मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की चौदहवीं फिल्म थी सैरान्ध्री। इस फिल्म के डायरेक्टर थे बाबुराव पेंटर। ये फिल्म भी माइथोलॉजिकल जोनरा की फिल्म थी और इसे महाराष्ट्र फिल्म कंपनी के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की पन्द्रहवीं फिल्म थी शकुंतला। इस फिल्म को सुचेत सिंह ने डायरेक्ट किया था। ये फिल्म ओरिएंटल फिल्म मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के बैनर तले बनाई गई थी।

1920 की सोलहवीं फिल्म का नाम भी शकुंतला ही था। हालांकि इस फिल्म को श्रीनाथ पटनकर ने डायरेक्ट किया था। इस फिल्म को भी ओरिएंटल फिल्म मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की सत्रहवीं फिल्म थी श्री कृष्ण लीला और इस फिल्म के डायरेक्टर थे जीवी साने। इस माइथोलॉजिकल फिल्म को नासिक की हिंदुस्तान सिनेमा फिल्म कंपनी के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की अट्ठारहवीं फिल्म थी श्री राम जन्म और इसे भी जीवी साने ने ही डायरेक्ट किया था। ये भी एक माइथोलॉजिकल फिल्म थी और इसे भी नासिक की हिंदुस्तान सिनेमा फिल्म कंपनी के बैनर तले बनाया गया था।

1920 की उन्नीसवीं फिल्म थी सीता स्वंयवर। इस फिल्म के डायरेक्टर थे श्रीनाथ पटनकर। इस माइथोलॉजिकल फिल्म को भी उन्होंने अपने ही बैनर यानि पतनकर एंड फ्रेंड्स कंपनी से प्रोड्यूस किया था।

1920 की बीसवीं फिल्म थी विचित्र गुटिका। ये एक सोशल ड्रामा फिल्म थी और इसे भी एस एन पटनकर यानि श्रीनाथ पटनकर ने ही डायरेक्ट किया था। ये फिल्म भी उन्होंने अपने ही बैनर यानि पतनकर एंड फ्रेंड्स कंपनी से प्रोड्यूस की थी।

1920 की इक्कीसवीं और आखिरी फिल्म थी विक्रम उर्वशी। इस फिल्म के डायरेक्टर थे कांजीभाई राठौड़। ये एक माइथोलॉजिकल फिल्म थी और इसे कोहिनूर फिल्म कंपनी के बैनर तले प्रोड्यूस किया गया था।

दोस्तों ये तो थी वो 21 फिल्में जो सन 1920 में रिलीज़ हुई थी। चलिए अब इस साल फिल्म इंडस्ट्री में हुए कुछ अहम घटनाक्रमों की जानकारी भी ले लेते हैं।

01- इसी साल यानि 1920 में दिग्गज गुजराती डायरेक्टर रहे मनिलाल जोशी ने अपनी टीचर की नौकरी छोड़कर कोहिनूर फिल्म कंपनी जॉइन की थी। यहां उन्होंने विष्णू बी जोशी से सिनेमैटोग्राफी सीखी थी।

02- इस साल के आखिर में उस ज़माने के दिग्गज फिल्ममेकर सुचेत सिंह एक कार एक्सीडेंट में मारे गए थे। सुचेत सिंह को दादा साहेब फाल्के और एस एन पटनकर के समकक्ष फिल्ममेकर माना जाता था। सन 1919 में सुचेत सिंह ने ओरिएंटल फिल्म कंपनी बनाई थी और 1920 में इन्होंने डॉक्टर पागल नाम की एक फिल्म भी बनाई थी। मगर वो फिल्म रिलीज़ नहीं हो पाई थी।

03- इसी साल यानि 1920 में हिंदी सिनेमा की एक और बड़ी शख्सियत आर्देशिर ईरानी ने स्टार फिल्म स्टूडियो की स्थापना भी की थी।

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