10 Unknown Facts about Tirangaa Movie 1993 | 15 अगस्त पर लोगों की फेवरिट फिल्म तिरंगा की दस अनसुनी व रोचक बातें जानिए | Trivia
10 Unknown Facts about Tirangaa Movie 1993. 15 अगस्त का दिन हो और टीवी पर तिरंगा फिल्म ना आए ऐसा हो ही नहीं सकता। इस दिन सुबह से लेकर शाम तक किसी भी वक्त आप टीवी चैनल शफल करके देख लीजिए। आपको कहीं ना कहीं तिरंगा फिल्म टेलिकास्ट होती हुई नज़र आ ही जाएगी। स्वतंत्रता दिवस के पावन मौके पर देशभक्ति की भावना को देश के हर नागरिक के मन में गहराई तक संचारित करती है तिरंगा फिल्म।
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10 Unknown Facts about Tirangaa Movie(1993) Trivia - Photo: YouTube Screenshot |
फिल्म में राज कुमार, नाना पाटेकर और दीपक शिर्के जैसे दिग्गज कलाकारों ने इतना शानदार काम किया है कि कई दफा देखे जाने के बावजूद भी ये फिल्म आज भी मनोरंजक लगती है। सहायक कलाकारों की भूमिका में सुरेश ओबेरॉय, आलोक नाथ, हरीश कुमार, ममता कुलकर्णी, वर्षा उषगांवकर, सत्येन कप्पू, राकेश बेदी, अर्जुन और सुजीत कुमार ने भी ज़बरदस्त एक्टिंग की है।
फिल्म का संगीत दिया था लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और इस फिल्म में कुल 8 गीत थे जो सभी बेहद पसंद किए गए थे। गीतकार संतोष आनंद ने फिल्म के सभी गीत लिखे थे। फिल्म के डायरेक्टर थे मेहुल कुमार और इस फिल्म को प्रोड्यूस भी उन्होंने खुद ही किया था।
Meerut Manthan पर पेश है भारतीय सिनेमा में देशभक्ति फिल्मों की फेहरिस्त में अपना बेहद खास मुकाम बनाने वाली तिरंगा फिल्म की कुछ रोचक कहानियां। तिरंगा फिल्म के बनने की ये मज़ेदार और दिलचस्प कहानी आपको पसंद आएगी। 10 Unknown Facts about Tirangaa Movie 1993.
फैक्ट नंबर 1
उस ज़माने में जब फिल्म जगत में ये खबर फैली थी कि मेहुल कुमार अपनी फिल्म में राज कुमार और नाना पाटेकर को साथ ला रहे हैं तो लोग हैरान रह गए थे। कईयों ने तो यहां तक कह दिया था कि मेहुल खुद अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। लेकिन आखिरकार मेहुल ने लोगों की बोलती बंद कर ही दी। हालांकि मेहुल के लिए ये कर पाना ऐवरेस्ट पर चढ़ने से कम नहीं रहा था।
नाना पाटेकर ने कर दिया था इन्कार
फिल्म के लिए राज कुमार पहले ही हां कर चुके थे। हालांकि उस वक्त तक उन्हें नहीं पता था कि मेहुल नाना पाटेकर को भी इस फिल्म में लेने का इरादा बना रहे हैं। मेहुल ने जब नाना पाटेकर को तिरंगा फिल्म का ऑफर दिया तो नाना ने काम करने से साफ इन्कार कर दिया। नाना ने कहा कि मैं केवल आर्ट फिल्मों में काम करता हूं। कॉमर्शियल फिल्मों में काम करने में मुझे कोई दिलचस्पी नहीं है।
कई स्टार्स कर चुके थे इन्कार
लेकिन चूंकि मेहुल प्रहार फिल्म में नाना की एक्टिंग से काफी इंप्रैस थे तो वो किसी भी सूरत में नाना को इस रोल के लिए लेना चाहते थे। यहां ये भी आपको बताना ज़रूरी है कि नाना से पहले मेहुल कुछ और बड़े स्टार्स के पास भी शिवाजी वागले का रोल लेकर गए थे। लेकिन राज कुमार की वजह से उन्होंने तिरंगा में काम करने से साफ इन्कार कर दिया था।
जब नाना के घर पहुंच गए मेहुल कुमार
नाना के इन्कार करने के बाद मेहुल ने उनसे कहा कि मैं तुम्हारे घर आ रहा हूं। तुम एक बार कहानी सुन लो। उसके बाद तुम जो फैसला करोगे मुझे मंज़ूर होगा। नाना ने मेहुल को अपने घर बुला लिया। नाना ने कहानी सुनी और उन्हें ये कहानी पसंद आ गई। मेहुल ने नाना से कहा कि पूरी फिल्म में उनके 14 सीन होंगे।
इस शर्त पर राज़ी हुए थे नाना पाटेकर
नाना ने मेहुल के सामने शर्त रखी कि अगर मेहुल वादा करें कि फाइनल एडिटिंग में उनका एक भी सीन नहीं काटा जाएगा तो ही वो इस फिल्म में काम करेंगे। मेहुल के ये वादा करने के बाद नाना ने उनके सामने एक शर्त और रख दी।
नाना ने मेहुल से कहा कि अगर उनके काम में राज कुमार ने किसी भी तरीके से टांग अड़ाई या अड़ाने की कोशिश की तो वो उसी वक्त फिल्म छोड़ देंगे और फिल्म के पूरी होने की परवाह बिल्कुल भी नहीं करेंगे। मेहुल ने नाना से ये वादा भी कर दिया।
राज कुमार को नाना पसंद नहीं थे
इसके बाद घर आकर मेहुल ने राज कुमार को फोन लगाया और उन्हें बताया कि तिरंगा के सेकेंड लीड के लिए उन्होंने नाना पाटेकर को फाइनल कर लिया है। ये सुनकर राज कुमार काफी निराश हुए। दरअसल, राज कुमार जानते थे कि नाना बहुत गुस्सैल हैं और वो सेट पर जब भड़कते हैं तो ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगते हैं।
मेहुल ने दिलाया भरोसा
तब मेहुल ने राज कुमार को भरोसा दिलाया कि नाना ऐसे नहीं है जैसा कि मीडिया में उनके बारे में कहा जाता है। हां, उनके साथ टेम्पर की दिक्कत है। लेकिन अगर आप उनके काम में टांग नहीं अड़ाएंगे तो कोई परेशानी नहीं होगी।
राज कुमार ने निभाया वादा
राज कुमार ने मेहुल से वादा किया कि वो नाना के काम में बिल्कुल भी टांग नहीं अड़ाएंगे। राज कुमार ने अपना वादा निभाया भी। उन्होंने नाना के किसी काम में टांग नहीं अड़ाई और पूरी फिल्म बिना किसी परेशानी के शूट हो गई।
फैक्ट नंबर 2
फिल्म इंडस्ट्री में राज कुमार की इमेज एक ऐसे इंसान की बन चुकी थी जो किसी को भी कुछ भी बोल देते थे। राज कुमार जब मज़ाक के मूड में होते थे तो कभी इस बात की परवाह नहीं करते थे कि सामने वाले को उनका मज़ाक बुरा लगेगा या नहीं। इसी वजह से नाना पाटेकर उनके साथ काम करने से बच रहे थे। लेकिन मेहुल के भरोसा देने के बाद फाइनली नाना मान गए।
राज कुमार ने भी निभाया अपना वादा
राज कुमार ने भी मेहुल से किया वादा निभाया और ना तो उन्होंने नाना के किसी काम में टांग अड़ाई और ना ही उनसे किसी किस्म का मज़ाक ही किया। फिल्म की शूटिंग के दौरान इन दोनों में ज़रा भी दोस्ती नहीं दिखाई देती थी। दोनों एक साथ बैठना तक पसंद नहीं करते थे। बात करना तो बहुत दूर की कोढ़ी थी।
नाना और जानी की दूरी का अहसास तक लोगों को नहीं हुआ
फिल्म में कई सीन इन दोनों ने साथ में शूट किए थे। लेकिन फिल्म देखकर कभी किसी को नहीं लगा कि ये दोनों असल ज़िंदगी में एक-दूसरे से बात तक नहीं करते हैं। नाना पाटेकर तो अपना काम निबटाकर एकदम चुप बैठ जाते थे। जबकी राज कुमार अपने स्वभाव के मुताबिक फिल्म के दूसरे कलाकारों संग खूब मस्ती मज़ाक किया करते थे।
बाद में हुई थी दोस्ती
राज कुमार का ये स्वभाव नाना पाटेकर को भी पसंद आने लगा था। शूटिंग के आखिरी दिनों में नाना पाटेकर राज कुमार के थोड़ा करीब आने लगे थे। राज कुमार को लेकर उनके दिल में जो गलतफहमियां थी वो कम होने लगी थी।
नाना पाटेकर को बदलता देख राज कुमार ने भी अपनी तरफ से और ज़्यादा बढ़िया बर्ताव करना शुरू कर दिया। वो अक्सर नाना के लिए अपने घर से टिफिन पैक कराकर लाते थे। और फिर दोनों साथ में ही लंच किया करते थे।
फैक्ट नंबर 3
तिरंगा की शूटिंग के पहले दिन का किस्सा भी बड़ा अनोखा है। दरअसल, सारी तैयारियां पूरी करने के बाद मेहुल कुमार राज कुमार के आने का इंतज़ार कर रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि कुछ लोगों ने एक गाड़ी को चारों तरफ से घेर रखा है। थोड़ी देर बाद उन्होंने देखा कि लोगों की भीड़ अब जा चुकी है और उस गाड़ी में से राज कुमार निकलकर आ रहे हैं।
वो कार एक टैक्सी थी। मेहुल ने राज कुमार से पूछा कि आप अपनी गाड़ी छोड़कर टैक्सी में क्यों आए। इस पर राज कुमार ने जवाब दिया कि मेरी गाड़ी खराब हो गई थी। और मैं शूटिंग के पहले दिन देर से नहीं आना चाहता था। वरना लोगों को बातें बनाने का मौका मिल जाता।
फैक्ट नंबर 4
तिरंगा रिलीज़ हुई थी 29 जनवरी सन 1993 में। कहां एक वक्त पर फिल्म इंडस्ट्री के लोग कह रहे थे कि ये फिल्म पूरी बन ही नहीं पाएगी और बंद हो जाएगी। तो वहीं मात्र छह महीनों में ये फिल्म शूट भी हुई और रिलीज़ भी हो गई थी। फिल्म को लोगों ने बहुत ज़्यादा पसंद किया था और इस फिल्म के सभी शोज़ हाउसफुल चल रहे थे।
लेकिन 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए तेरह बॉम ब्लास्ट्स में से एक ब्लास्ट दादर के प्लाजा सिनेमा में भी हुआ जहां तिरंगा फिल्म का हाउसफुल शो चल रहा था। उस ब्लास्ट में सिनेमाहॉल में मौजूद 10 लोग मारे गए थे। जबकी 35 लोग घायल हुए थे।
फैक्ट नंबर 5
साल 2005 में रिलीज़ हुई अनुराग कश्यप की फिल्म ब्लैक फ्राइडे में प्लाजा सिनेमा में तिरंगा फिल्म के शो के दौरान हुए ब्लास्ट का भी ज़िक्र हुआ है। इस फिल्म में नवाज़ुद्दीन सिद्दिकी असगर के रोल में दिखाई दिए थे।
दरअसल, असगर वही शख्स था जिसे पुलिस ने प्लाजा सिनेमा में बॉम्ब प्लांट करने का दोषी पाया था और 14 मार्च 1993 को उसे व उसके एक साथी को गिरफ्तार भी कर लिया था। फिर साल 2007 में इन दोनों को फांसी भी दे दी गई थी।
फैक्ट नंबर 6
तिरंगा का म्यूज़िक भी बहुत ज़्यादा पसंद किया गया था। फिल्म का टाइटल ट्रैक मेरी जान तिरंगा है आज भी बहुत ज़्यादा पसंद किया जाता है। वहीं इस फिल्म का राखी सॉन्ग भी रक्षा बंधन पर हमेशा आपको सुनाई दे जाएगा। जबकी फिल्म का सॉन्ग पीले पीले ओ मेरे राजा तो आज हर पार्टी में बजाया जाने वाला गीत बन चुका है।
इस गीत से जुड़ा एक रोचक किस्सा कुछ यूं है कि इस गीत में नाना पाटेकर को नाचना था। लेकिन चूंकि इससे पहले किसी भी फिल्म में उन्होंने डांस नहीं किया था तो वो इस सीन की शूटिंग के वक्त बहुत ज़्यादा नर्वस थे। गाने में नज़र आए बाकी कलाकारों ने तो शराब के चंद घूंट लगा भी लिए थे।
लेकिन नाना पाटेकर ने बिना शराब पिए ही उस गाने में डांस किया है। और आज भी ये एक आइकॉनिग सॉन्ग है। तिरंगा का म्यूज़िक खिलाड़ी फिल्म के गोल्डन जुबली फंक्शन में रिलीज़ किया गया था। और मज़ेदार बात ये है कि इसी फंक्शन में शाहरुख खान की बाज़ीगर फिल्म का म्यूज़िक भी रिलीज़ किया गया था।
फैक्ट नंबर 7
राज कुमार और नाना पाटेकर ने पहली और आखिरी दफा तिरंगा फिल्म में ही साथ काम किया था। इसके बाद फिर कभी ये किसी और फिल्म में साथ नहीं दिखे। तिरंगा से पहले राज कुमार मेहुल कुमार के साथ मरते दम तक और जंगबाज़ फिल्मों में काम कर चुके थे। और ये दोनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर ठीक ठाक चली थी।
तिरंगा मेहुल और राज कुमार की भी आखिरी फिल्म थी। तिरंगा के बाद मेहुल ने नाना पाटेकर के साथ क्रांतिवीर और कोहराम फिल्म में काम किया था। इनमें से क्रांतिवीर ने तो बॉक्स ऑफिर पर ज़बरदस्त सफलता हासिल की थी। लेकिन कोहराम, जिसमें नाना के साथ अमिताभ बच्चन भी थे, बुरी तरह फ्लॉप हुई थी।
फैक्ट नंबर 8
फिल्म में ममता कुलकर्णी संध्या गुप्ता के रोल में नज़र आई थी। जबकी पहले इस रोल के लिए एक्ट्रेस फरहीन को कास्ट किया गया था। लेकिन किन्हीं वजहों से फरहीन ने ये फिल्म छोड़ दी थी। ऐसे में ये फिल्म ममता कुलकर्णी को मिल गई थी।
मज़ेदार बात ये है कि डायरेक्टर प्रोड्यूसर मेहुल कुमार भी इस फिल्म में एक्टिंग करते नज़र आए थे। मेहुल ने इस फिल्म में एमके तिवारी नाम के म्यूनशिपल ऑफिसर का एक छोटा सा किरदार निभाया था।
फैक्ट नंबर 9
इंस्पैक्टर शिवाजीराव वागले के लिए मेहुल कुमार की पहली पसंद नाना पाटेकर नहीं थे। सबसे पहले मेहुल कुमार ने ये रोल रजनीकांत को ऑफर किया था। मेहुल रजनीकांत को इस रोल के लिए इसलिए भी लेना चाहते थे क्योंकि उनका असली नाम शिवाजीराव ही है।
रजनीकांत को भी तिरंगा फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत पसंद आई थी। लेकिन चूंकि फिल्म में मेन लीड में राज कुमार थे तो रजनीकांत ने ये फिल्म साइन नहीं की। रजनीकांत के बाद ये रोल गया था नसीरुद्दीन शाह के पास। लेकिन राज कुमार की वजह से उन्होंने भी ये रोल निभाने से मना कर दिया था।
फैक्ट नंबर 10
अगर आप फिल्म को ध्यान से देखेंगे तो आप नोटिस करेंगे कि पूरी फिल्म में राज कुमार ने अपना गला नहीं दिखाया है। उन्होंने या तो अपने गले को एक पट्टी से ढके रखा है या फिर अपने गले तक कमीज़ या अपनी जैकेट के बटन लगा रखे हैं।
राज कुमार ने ऐसा इसलिए किया था क्योंकि इस वक्त तक वो गले के कैंसर का शिकार हो चुके थे और उनका कैंसर नज़र आने लगा था। गले के इस कैंसर से लड़ते हुए ही 3 जुलाई 1996 को राज कुमार की मौत हो गई थी।
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