Jaani Dushman 1979 15 Unknown Facts | जानी दुश्मन फिल्म की पन्द्रह रोचक बातें | Trivia

Jaani Dushman 1979 15 Unknown Facts. साल 1979 में आई फिल्म जानी दुश्मन तो आपने भी देखी होगी। लंबी चौड़ी स्टारकास्ट वाली इस फिल्म की कहानी और इसका म्यूज़िक काफी पसंद किया गया था। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी।

1 करोड़ तीस लाख रुपए के बजट में बनी इस फिल्म ने इंडिया में साढ़े चार करोड़ रुपए का बिजनेस किया था। जबकी फिल्म का वर्ल्डवाइड कलेक्शन था नौ करोड़ रुपए। फिल्म की आईएमडीबी रेटिंग है 6.1 आउट ऑफ 10 और साल 1979 में ये फिल्म दूसरी सबसे ज़्यादा कलेक्शन करने वाली फिल्म थी। 

Jaani-Dushman-1979-15-Unknown-Facts
Jaani Dushman 1979 15 Unknown Facts  
 फिल्म में सुनील दत्त, जितेंद्र, शत्रुघ्न सिन्हा, विनोद मेहरा, संजीव कुमार, रेखा, नीतू सिंह, रीना रॉय, योगिता बाली, बिंदिया गोस्वामी, सारिका, प्रेमनाथ, अमरीश पुरी, रज़ा मुराद, शक्ति कपूर, मैकमोहन, जगदीप, पेंटल, और मदन पुरी जैसे दिग्गज कलाकार थे। फिल्म में कुल छह गाने थे और इन सभी गानों को लिखा था वर्मा मलिक ने। जबकी फिल्म का संगीत दिया था लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने।

Meerut Manthan आज आपको जानी दुश्मन फिल्म और इसकी मेकिंग से जुड़ी 15 रोचक और अनसुनी कहानियां बताएगा। और Meerut Manthan को पूरा यकीन है कि आपको जानी दुश्मन फिल्म की ये कहानी ज़रूर पसंद आएगी। Jaani Dushman 1979 15 Unknown Facts.

पहली कहानी

जानी दुश्मन की कहानी के मुताबिक गांव के मंदिर पर जब कोई नवविवाहित जोड़ा देवता के आशीर्वाद के लिए रुकता है तो लाल जोड़े में सजी दुल्हनें गायब हो जाती हैं। और गायब होने वाली ये दुल्हनें कहां चली जाती हैं किसी को पता नहीं चलता। 

फिल्म की इस कहानी का असर भारत के कुछ देहाती इलाकों में इतना ज़्यादा हो गया था कि वहां लोगों ने शादी में लड़कियों को लाल जोड़ा पहनाना ही बंद कर दिया था। लोग दुल्हनों को नारंगी या गुलाबी जोड़े में विदा करने लगे थे।

दूसरी कहानी

जानी दुश्मन की ज़्यादातर शूटिंग जम्मू के इलाको में हुई थी। जम्मू के छेनानी, पटनीटॉप और उधमपुर इलाकों में इस फिल्म की शूटिंग की गई थी। फिल्म की शूटिंग के दौरान स्थानीय लोगों ने भी फिल्म यूनिट को पूरा सपोर्ट किया था। यही वजह है कि जब ये फिल्म रिलीज़ हुई थी तो जम्मू और कश्मीर में ये फिल्म ज़बरदस्त हिट साबित हुई थी।

तीसरी कहानी

जानी दुश्मन में संजीव कुमार ठाकुर के रोल में दिखे थे। लेकिन शुरू में संजीव कुमार ये रोल निभाना ही नहीं चाहते थे। और वो इसलिए क्योंकि उन्हें लग रहा था कि वो शोले में ठाकुर का रोल निभा चुके हैं और अगर वो जानी दुश्मन में भी ठाकुर का किरदार निभाएंगे तो टाइपकास्ट हो जाएंगे।

लेकिन जब डायरेक्टर राज कुमार कोहली ने उनसे एक दफा स्क्रिप्ट सुन लेने की गुज़ारिश करी तो वो मान गए। फिर जब राज कुमार कोहली ने संजीव कुमार को स्क्रिप्ट सुनानी शुरू की तो ये स्क्रिप्ट संजीव कुमार को काफीपसंद आई।

उन्होंने आधी कहानी सुनने के बाद ही राज कुमार कोहली से कह दिया कि वो इस फिल्म में काम कर रहे हैं। यहां ये बात भी गौर करने वाली है कि जानी दुश्मन पहली और आखिरी फिल्म है जिसमें राज कुमार कोहली के डायरेक्शन में संजीव कुमार ने काम किया था।

चौथी कहानी

जानी दुश्मन में शक्ति कपूर भी एक छोटे से रोल में नज़र आए थे। उन दिनों शक्ति कपूर फिल्म इंडस्ट्री में नए ही थे। अपने सीन में वो एक दुल्हन को उठाकर घोड़े पर भागते हुए नज़र आते हैं। 

इस वजह से गांव वाले उन्हें ही दुल्हनें गायब करने वाला समझ लेते हैं और उनकी जान के प्यासे हो जाते हैं।  लेकिन बाद में पता चलता है कि शक्ति कपूर अपनी दुल्हन को बचाकर  सुरक्षित ले जाने के लिए इस तरह भाग रहे थे। 

इस फिल्म की जब स्क्रीनिंग हुई तो शक्ति कपूर ने अपने माता-पिता को भी फिल्म देखने के लिए इनवाइट किया। फिल्म शुरु हुई और जब शक्ति कपूर का सीन आया तो उनके पिता सिंकदरलाल कपूर भड़क गए और सिनेमा हॉल में खड़े होकर अपनी पत्नी से बोले,"देखो देखो। तुम्हारा बेटा यहां कैसे कैसे काम कर रहा है।" बाद में शक्ति कपूर ने बड़ी मुश्किल से अपने पिता को समझाया और उनका गुस्सा शांत किया।

पांचवी कहानी

Jaani Dushman की शुरुआत के बाद के एक सीन में Amrish Puri नज़र आते हैं। एक ट्रेन के फर्स्ट क्लास कोच में वो एक किताब पढ़ते हुए नज़र आते हैं। 

अमरीश पुरी जो किताब पढ़ते हुए उस सीन में नज़र आते हैं उसका नाम है The Sixth Pan Book of Horror Story जो कि Herbart Van Thal नाम के लेखक की लिखी शॉर्ट हॉरर स्टोरीज़ का कलेक्शन है।

इस सीरीज़ की लगभग 30 किताबें आई थी। और ये किताबें अपने डरावने कवर पेज के लिए मशहूर थी। साठ और सत्तर के दशक में ये किताबें बहुत ज़्यादा पसंद की जाती थी और खूब बिकती थी। 

इस सीरीज़ की पहली किताब सन 1959 में पब्लिश हुई थी। इस सीरीज़ की खास बात ये थी कि इसमें कई लेखकों की लिखी हॉरर स्टोरीज़ शुमार की जाती थी।

छठी कहानी

जानी दुश्मन फिल्म में भूत की जिस कॉस्ट्यूम का इस्तेमाल किया गया था, वही कॉस्ट्यूम कांति शाह की हॉरर फिल्म प्यासा हैवान में भी इस्तेमाल की गई थी। प्यासा हैवान साल 2003 में रिलीज़ हुई थी। वहीं बात अगर संजीव कुमार के बारे में करें तो इस फिल्म में उनका किरदार गांव के एक बुजुर्ग और इज्ज़तदार ठाकुर है।

जबकी सुनील दत्त गांव का एक ऐसा युवा है जो बेबाक है और गलत के खिलाफ आवाज़ उठाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि उम्र में संजीव कुमार सुनील दत्त से छोटे थे। फिल्म में  शत्रुघ्न सिन्हा संजीव कुमार के बेटे शेरा के रोल में दिखे थे। जबकी असल ज़िंदगी में शत्रुघ्न सिन्हा उनसे महज़ 9 साल ही छोटे थे।

सातवी कहानी

जानी दुश्मन का संगीत भी लोगों द्वारा काफी पसंद किया गया था। लेकिन इस फिल्म के दो गानों चलो रे डोली जिसे मोहम्मद रफी ने गाया था और ओ मेरी जान जिसे किशोर कुमार व अनुराधा पौड़वाल ने गाया था सबसे ज़्यादा हिट साबित हुए थे। 

ये दोनों ही गाने उस साल बिनाका चार्ट में लिस्ट हुए थे। जबकी चलो रे डोली उठाओ गीत के लिए तो मोहम्मद रफी साहब को फिल्मफेयर बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का नॉमिनेशन भी मिला था।

आठवीं कहानी

साल 2002 में भी जानी दुश्मन एक अनोखी कहानी नाम की एक फिल्म रिलीज़ हुई थी। इत्तेफाक से ये फिल्म भी राज कुमार कोहली ने ही बनाई थी। 

हालांकि ये फिल्म उन्होंने अपने बेटे अरमान कोहली को बॉलीवुड में लॉन्च करने के लिए बनाई थी।1979 की जानी दुश्मन और 2002 की जानी दुश्मन में राज कुमार कोहली के अलावा एक बात और कॉमन थी। 

और वो ये कि जहां पुरानी जानी दुश्मन में अमरीश पुरी और रज़ा मुराद ने छोटे छोटे किरदार निभाए थे। तो वहीं नई वाली जानी दुश्मन में भी अमरीश पुरी और रज़ा मुराद गेस्ट रोल्स में ही दिखे थे। इन दोनों के अलावा पुरानी जानी दुश्मन का कोई दूसरा कलाकार नई जानी दुश्मन में नहीं था।

नौंवी कहानी

जानी दुश्मन में विनोद मेहरा ने एक पागल का किरदार निभाया है जो कि आखिर में एक पुलिस इंस्पैक्टर निकलता है। और वो पुलिस इंस्पैक्टर पागल का वेश इसलिए बदलता है ताकि गांव से रहस्यमयी तरीके से गायब हो रही दुल्हनों का ज़िम्मेदार कौन है इसका पता लगा सके।

पहले डायरेक्टर राज कुमार कोहली इस रोल के लिए विनोद मेहरा को नहीं बल्कि धर्मेंद्र को लेना चाहते थे। धर्मेंद्र भी ये रोल निभाने के लिए लगभग मान ही गए थे।

लेकिन किन्हीं वजहों से धर्मेंद्र और राज कुमार कोहली के बीच बात नहीं बन पाई और धर्मेंद्र इस फिल्म का हिस्सा ना बन सके। इस फिल्म में शशि कपूर को भी साइन किया गया था। लेकिन उन्होंने भी बाद में ये फिल्म छोड़ दी थी।

दसवीं कहानी

जानी दुश्मन जब सर्टिफिकेशन के लिए सेंसर बोर्ड गई तो सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को रिलीज़ करने की परमिशन देने से इन्कार कर दिया। सेंसर बोर्ड का कहना था कि ये फिल्म सुपरस्टीशन्स को बढ़ावा देती है।

तब डायरेक्टर राज कुमार कोहली ने अदालत का रुख किया और सेंसर बोर्ड के इस फैसले के खिलाफ मुकदमा लड़ा। अदालत ने राज कुमार कोहली के पक्ष में फैसला दिया। तब जाकर सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को ए सर्टिफिकेट के साथ रिलीज़ किया।

11वीं कहानी

साल 1976 में राज कुमार कोहली ने नागिन फिल्म बनाई थी। उस फिल्म में नज़र आए कई कलाकारों ने जानी दुश्मन में भी काम किया था। 

जैसे सुनील दत्त, रीना रॉय, जितेंद्र, रेखा, जगदीप, योगिता बाली, अरुणा ईरानी, सुलोचना लाटकर, प्रेमनाथ और विनोद मेहरा। नागिन एक सुपरहिट फिल्म थी और राज कुमार कोहली इसका सीक्वेल बनाने की प्लानिंग भी करने लगे थे। लेकिन नागिन का सीक्वेल कभी नहीं बन पाया।

नागिन की ही तरह राज कुमार कोहली जानी दुश्मन का भी सीक्वेल बनाना चाहते थे। ये साल 1995 की बात है। राज कुमार कोहली ने जानी दुश्मन के सीक्वेल के लिए लंबी चौड़ी स्टारकास्ट को फाइनल कर भी लिया था। 

सीक्वेल में ये स्टार्स लिए गए थे

सीक्वेल फिल्म के लिए जिन स्टार्स को सिलेक्ट किया गया था, वो थे धर्मेंद्र, सुनील दत्त, शत्रुघ्न सिन्हा, रेखा, रीना रॉय, सनी देओल, संजय दत्त, अक्षय कुमार, अजय देवगन, सुनील शेट्टी, जुही चावला, सोनाली बेंद्र, ममता कुलकर्णी, तब्बू, शिल्पा शेट्टी, अमरीश पुरी, रज़ा मुराद और राज बब्बर। लेकिन ये फिल्म भी कभी नहीं बन पाई।

हालांकि इस फिल्म की कहानी में थोड़े बहुत बदलाव करके राज कुमार कोहली ने जानी दुश्मन एक अनोखी कहानी नाम से 2002 में एक और फिल्म बनाई थी जिसमें उन्होंने अपने बेटे अरमान कोहली को लॉन्च किया था। लेकिन ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर डिज़ास्टर साबित हुई थी।

12वीं कहानी

जानी दुश्मन में शेरा के रोल में दिखे शत्रुघ्न सिन्हा पहले इस फिल्म में काम ही नहीं करना चाहते थे। डायरेक्टर राज कुमार कोहली जब शत्रुघ्न सिन्हा के पास इस फिल्म का ऑफर लेकर गए तो उन्होंने  इस फिल्म में काम करने से इन्कार कर दिया।

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा,"मैंने कई मल्टीस्टारर फिल्मों के ऑफर हाल ही में ठुकराए हैं। अगर मैंने जानी दुश्मन में काम किया तो मुझे उन सभी फिल्मों में भी काम करना पड़ेगा। जबकी मैं फिलहाल मल्टीस्टारर फिल्मों में काम नहीं करना चाहता।

फिर जब डायरेक्टर राज कुमार कोहली ने शत्रुघ्न सिन्हा से एक दफा स्क्रिप्ट सुनने को कहा तो वो मान गए। आखिरकार शत्रुघ्न सिन्हा को जानी दुश्मन की कहानी और अपना रोल बहुत पसंद आया और उन्होंने इस फिल्म में काम करने की हामी भर दी।

13वीं कहानी

जानी दुश्मन के लिए राज कुमार कोहली ने अभिनेत्री रंजीता को भी अप्रोच किया था। रंजीता उस ज़माने में बॉलीवुड में नई नई आई थी और लैला मजनू फिल्म की सफलता के बाद उनके हौंसले बुलंद थे। रंजीता ने ये कहकर जानी दुश्मन में काम करने से इन्कार कर दिया था कि उन्हें जो रोल दिया जा रहा है वो बहुत छोटा है। जबकी वो सिर्फ बड़े रोल ही निभाना चाहती हैं।

14वीं कहानी

जानी दुश्मन के लिए राज कुमार कोहली ने ना केवल कास्टिंग पर बढ़िया खर्च किया था, बल्कि इसकी टैक्निकल टीम के लिए भी इंडस्ट्री के टॉप प्रोफेशनल्स को लिया था। 

फिल्म का कॉस्ट्यूम डिपार्टमेंट सौंपा गया था भानू अथ्थैया को जिन्होंने आगे चलकर साल 1982 में आई रिचर्ड एटनबोरो की गांधी फिल्म के लिए ऑस्कर अवॉर्ड भी जीता था। साउंड डिपार्टमेंट की ज़िम्मेदारी दी गई थी मंगेश देसाई को। 

फिल्म के डायलॉग लिखे थे इंदर राज आनंद ने और स्पेशल इफैक्ट्स की ज़िम्मेदारी दी गई थी बी गुप्ता को। ये सभी उस ज़माने में इंडस्ट्री के टॉप रेडेट प्रोफेशनल्स हुआ करते थे। जबकी फिल्म का संगीत तैयार किया था उस दौर के सबसे महंगे संगीतकार लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने।

15वीं कहानी

भारत में वीडियो कैसेट्स का दौर साल 1980 में शुरु हुआ था। और जब लोगों ने वीडियो कैसेट्स के ज़रिए फिल्म देखना शुरू किया तो उनकी सबसे पसंदीदा फिल्म जानी दुश्मन ही हुआ करती थी। जानी दुश्मन ही डायरेक्टर राज कुमार कोहली की आखिरी  सुपर सक्सेसफुल फिल्म थी।

इस फिल्म के बाद राज कुमार कोहली ने फिल्में तो कई बनाई और डायरेक्ट की। लेकिन जैसी सफलता जानी दुश्मन ने बॉक्स ऑफिस पर हासिल की थी वैसी उनकी कोई भी फिल्म दोबारा हासिल नहीं कर सकी थी।

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Last Hours of Divya Bharti | मौत से कुछ घंटे पहले कैसी थी दिव्या भारती की हालत?

Guddi Maruti | वो जिसने 90s में हमें खूब हंसाया था, वो अपना एक दर्द हमेशा दिल में दबाए रही | Biography