Smita Patil 15 Unknown Facts | स्मिता पाटिल की वो 15 कहानियां जो सबको नहीं पता

Smita Patil 15 Unknown Facts. स्मिता पाटिल का ज़िक्र कहीं होता है तो आंखों के सामने भूमिका और चक्र फिल्मों में उनके निभाए किरदारों का प्रतिबिंब उभर आता है। महज़ 12 साल लंबे अपने फिल्मी करियर में स्मिता पाटिल ने 2 नेशनल अवॉर्ड अपने नाम किए थे। जो इस बात की तस्दीक करने के लिए काफी है कि स्मिता पाटिल एक ज़बरदस्त अदाकारा थी। 

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Smita Patil 15 Unknown Facts - Photo: Social Media

सिर्फ पैरलल सिनेमा में ही नहीं, कमर्शियल फिल्मों में भी स्मिता पाटिल ने अपनी अदाकारी से लाखों लोगों को अपना मुरीद बना लिया था। लेकिन महज़ 31 साल की उम्र में ही स्मिता पाटिल अपने लाखों चाहने वालों का दिल तोड़कर ये दुनिया छोड़कर चली भी गई।

स्मिता पाटिल की कहानी मेरठ मंथन आपको पहले ही बता चुका है। स्मिता पाटिल की ज़िंदगी के जो किस्से हमने आपको बताए हैं वो बमुश्किल ही और कहीं मिल पाएंगे। Smita Patil 15 Unknown Facts.

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पहली कहानी

स्मिता की पहली कहानी जुड़ी है कई दमदार फिल्मों में उनके साथी कलाकार रहे ओम पुरी के साथ। दरअसल, साल 1980 में रिलीज़ हुई फिल्म आक्रोश की शूटिंग चल रही थी और एक सीन में ओम पुरी को स्मिता पाटिल को थप्पड़ मारना था। ओम पुरी स्मिता पाटिल को बहुत हल्के से थप्पड़ मार रहे थे।

लेकिन डायरेक्टर गोविंद निहलानी को ये पसंद नहीं आ रहा था। उन्होंने कई टेक लिए लेकिन थप्पड़ वाला सीन ओम पुरी उनके मुताबिक कर ही नहीं पा रहे थे। तब गोविंद निहलानी ने ओम पुरी को समझयाा कि तुम्हें स्मिता को असली थप्पड़ लगाना होगा। तभी ये सीन पूरा होगा। नहीं तो थिएटर में लोगों को साफ दिख जाएगा कि ये फेक सीन है। 

फिर अगले टेक में ओम पुरी ने हिम्मत जुटाकर स्मिता को एक ज़ोरदार थप्पड़ मार दिया। इस तरह थप्पड़ वाला वो सीन तो ओके हो गया। लेकिन ओम पुरी का वो थप्पड़ स्मिता को इतनी ज़ोर से लगा कि उनके कान में दर्द हो गया। 

स्मिता को मजबूरन दर्द की दवाई खानी पड़ी। थोड़ी देर बाद ओम पुरी स्मिता के पास पहुंचे और उन्होंने उस थप्पड़ के लिए स्मिता से माफी मांगी। लेकिन स्मिता ने उनसे कहा कि फिल्मों की शूटिंग के दौरान ये सब तो होता ही है। इसलिए आप फिक्र मत कीजिए।

दूसरी कहानी

स्मिता पाटिल शुरू से ही अपनी फेमिनिस्ट विचारधारा के लिए जानी जाती थी। लेकिन जब राज बब्बर संग उनके रोमांस की खबरें सामने आई तो स्मिता आलोचकों के निशाने पर आ गई। खुद स्मिता की मां विद्याताई पाटिल भी उनके खिलाफ हो गई थी। 

मां तो स्मिता से इतनी ज़्यादा नाराज़ हो गई थी कि जब उन्होंने कलकत्ता में राज बब्बर संग शादी की तो मां ने उस शादी में शरीक होने से भी इन्कार कर दिया था। स्मिता और राज बब्बर की एक औलाद है जिसका नाम प्रतीक बब्बर है और प्रतीक खुद भी एक एक्टर है। प्

रतीक के जन्म के कुछ दिनों बाद ही स्मिता की तबियत बिगड़ गई थी और आखिरकार उनकी मौत हो गई थी। यूट्यूब पर कई इस तरह के वीडियोज़ मौजूद हैं जिनमें लोगों ने स्मिता को नाजायज़ मां बताया है। लेकिन ये सरासर गलत है।

स्मिता और राज बब्बर ने बाकायदा शादी की थी और प्रतीक उसी शादी के बाद पैदा हुई औलाद हैं। स्मिता और राज बब्बर ने कुल 12 फिल्मों में साथ काम किया था। ये फिल्में थी मेरा घर मेरे बच्चे, जवाब, वारिस, आज की आवाज़, मिर्च मसाला, अंगारे, अवाम, शपथ, तजुर्बा, इंसानियत के दुश्मन, पेट प्यार और पाप और आकर्षण।

तीसरी कहानी

बहुत ही कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि स्मिता जब मराठी फिल्म जैत रे जैत में आदिवासी महिला के अपने किरदार की शूटिंग कर रही थी तो उन्हें कोलिटिस नाम की बीमारी हो गई थी। अपने किरदार को एकदम रियलिस्टिक बनाने के लिए स्मिता कुछ दिनों तक एक आदिवासी गांव में रही। 

और उसी गांव के कुएं का पानी भी पीती रही। लेकिन वो पानी प्रदूषित था और उस पानी ने स्मिता को कोलिटिस बीमारी दे दी। ये बीमारी सामने आई कई सालों बाद जब स्मिता के पेट में बहुत बुरा इन्फैक्शन हो गया। इस वक्त तक उनके बेटे प्रतीक का जन्म हो चुका था। 

स्मिता के फैमिली डॉक्टर ने उनका इलाज शुरू किया और कहा कि पहली प्रेगनेंसी में कुछ महिलाओं के साथ ऐसा हो जाता है। लेकिन शाम तक स्मिता की तबियत और ज़्यादा बिगड़ गई। आनन फानन में उन्हें जसलोक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। लेकिन स्मिता को नहीं बचाया जा सका।

चौथी कहानी

स्मिता ने अमिताभ बच्चन के साथ शक्ति और नमक हलाल फिल्म में काम किया था। स्मिता पैरलल सिनेमा की एक्सपर्ट थी। इसलिए जब नमक हलाल में वो पहली दफा कमर्शियल फिल्म में अमिताभ बच्चन के अपोज़िट एक्टिंग करने आई तो शुरू शुरू में उन्हें बहुत ज़्यादा परेशानी हो रही थी। 

खासतौर पर नमक हलाल फिल्म के बरसात वाले गाने में तो स्मिता पाटिल बहुत ज़्यादा ही अनकम्फर्टेबल फील कर रही थी। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि ये सब उनसे क्यों कराया जा रहा है। 

हालांकि वो ये बात अच्छी तरह से जानती थी कि वो एक एक्ट्रेस हैं और डायरेक्टर के निर्देशों के मुताबिक उन्हें काम करना ही होगा। अमिताभ बच्चन ने जब महसूस किया कि स्मिता पाटिल को परेशानी हो रही है तो उन्होंने स्मिता से बात की और उन्हें काफी समझाया।

तब जाकर स्मिता पाटिल को थोड़ा हौंसला मिला और नमक हलाल का वो बरसात वाला गाना उन्होंने परफ्टेक्टली शूट किया। कुछ लोग कहते हैं कि इस गाने को शूट करने के बाद स्मिता पाटिल बहुत रोई थी और अमिताभ बच्चन ने उन्हें चुप कराया था। लेकिन ये बात सरासर गलत है। ऐसा कुछ कभी नहीं हुआ था।

पांचवी कहानी

अमिताभ बच्चन के साथ भले ही स्मिता ने दो फिल्मों में ही काम किया हो। लेकिन अमिताभ स्मिता की प्रतिभा के कायल थे और वो स्मिता का बहुत सम्मान करते थे। जिस वक्त अमिताभ बैंगलौर में कुली फिल्म की शूटिंग कर रहे थे उस वक्त स्मिता ने एक बहुत बुरा सपना देखा था।

उन्होंने देखा कि अमिताभ बच्चन पर कोई मुसीबत टूट पड़ी है। वो काफी ज़्यादा घबरा गई। अगले दिन सुबह उन्होंने बैंगलौर के होटल में अमिताभ को कॉल किया और उन्होंने अमिताभ को अपने सपने के बारे में बताया।

अमिताभ ने हंसकर कहा,"मैं एकदम ठीक हूं स्मिता जी। आप फिक्र मत कीजिए।" और अगले दिन अमिताभ बच्चन कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान एक हादसे में बहुत बुरी तरह से घायल हो गए। अमिताभ की ज़िंदगी खतरे में आ गई थी। इस तरह स्मिता पाटिल का वो सपना सच साबित हो गया।

छठी कहानी

साल 1981 में स्मिता पाटिल की चक्र फिल्म रिलीज़ हुई थी। इस फिल्म के स्मिता पाटिल को उनके जीवन का दूसरा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था। साथ ही फिल्मफेयर ने भी स्मिता पाटिल को इस फिल्म के लिए बेस्ट एक्ट्रेस के खिताब से नवाज़ा था। लेकिन इसी फिल्म में स्मिता पाटिल का एक ऐसा सीन था जिससे देशभर में बवाल मच गया था।

फिल्म के एक सीन में स्मिता पाटिल लगभग अर्धनग्न होकर खुले में नहा रही थी। फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर्स ने इसी सीन की तस्वीर को फिल्म के कुछ पोस्टर्स पर छपवाया और देशभर में फैला दिया। उस ज़माने में ये एक बहुत बड़ी बात थी और इस तस्वीर को देखकर लोगों ने स्मिता पाटिल की काफी आलोचना की थी।

लेकिन स्मिता पाटिल ने एक इंटरव्यू में अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि फिल्म का पोस्टर कैसा होगा ये वो नहीं बल्कि डिस्ट्रीब्यूटर्स तय करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर रोज़ की ज़िंदगी में लोग झुग्गियों में रहने वाली औरत को इस तरह से नहाते देखते हैं तो वो ध्यान भी नहीं देते और आगे बढ़ जाते हैं। जबकी फिल्म में उनके इस तरह के सीन पर लोग आपत्ति कर रहे हैं।

सातवीं कहानी

अक्सर बहुत से लोग ये कहते हुए दिखाई सुनाई दे जाते हैं कि स्मिता पाटिल का ये नाम इसलिए पड़ा था कि जब वो पैदा हुई थी तो उनके चेहरे पर मुस्कान थी। इसिलिए उनकी मां ने उनका नाम स्मिता रख दिया था। जबकी ये बात पूरी तरह सच नहीं है। स्मिता एक प्रीमैच्योर बेबी थी और सातवें महीने में ही उनका जन्म हो गया था।

स्मिता जब पैदा हुई थी तो उनकी सेहत बड़ी नाज़ुक थी। डॉक्टरों ने तो यहां तक कह दिया था कि शायद ये बच्ची ज़िंदा भी ना रह पाए। जन्म के वक्त इनकी मां प्यार से इन्हें  मित्या कहकर पुकारा करती थी। शुरू में स्मिता की तबियत अक्सर खराब रहती थी। लेकिन जब कुछ वक्त बीत गया और उनकी तबियत थोड़ी सही होने लगी तो उनके चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान रहने लगी।

बेटी के चेहरे पर मुस्कान देखकर उनकी मां ने उनका नाम स्मिता रखा था। यानि स्मिता को ये नाम इसलिए मिला था चूंकि वो छोटी उम्र में मुस्कुराती थी, ये बात तो सच है। लेकिन पैदाइश के वक्त ही वो मुस्कुरा रही थी ये बात सच नहीं है।

आठवीं कहानी

हम सभी ये बात जानते हैं कि फिल्मों में आने से पहले स्मिता पाटिल दूरदर्शन मराठी में न्यूज़ रीडर हुआ करती थी। स्मिता की बायोग्राफी हमने ये पूरी कहानी बताई है कि कैसे स्मिता दूरदर्शन का हिस्सा बनी थी। 

लेकिन कुछ चीज़ें हमसे उस वक्त छूट गई थी जो हम यहां आपको बताना चाहते हैं। हुआ कुछ यूं था कि स्मिता मुंबई के एलफिंस्टन कॉलेज से मास कम्यूनिकेशन की पढ़ाई कर रही थी।उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि वो फिल्मों में अपना करियर बनाएंगी। 

स्मिता की बड़ी बहन अनिता के एक दोस्त हुआ करते थे जिनका नाम था दीपक किर्पेकर और जिनकी पत्नी ज्योत्सना किर्पेकर डीडी मराठी की जानी मानी न्यूज़ रीडर थी। ज्योत्सना के कहने पर दीपक किर्पेकर ने स्मिता की कुछ तस्वीरें ली थी। 

डीडी के डायरेक्टर ने देख ली स्मिता की वो तस्वीरें

जिस वक्त ज्योत्सना डीडी ऑफिस में स्मिता की तस्वीरें देख रही थी उस वक्त इत्तेफाक से डीडी के तत्कालीन हेड कृष्णमूर्ति भी वहां से गुज़र रहे थे। उन्होंने ज्योत्सना के हाथों में स्मिता की तस्वीरें देखी। 

स्मिता की तस्वीरें मिस्टर कृष्णमूर्ति को इतनी पसंद आई कि उन्होंने ज्योत्सना से स्मिता को न्यूज़ रीडर के इंटरव्यू के लिए साथ लाने को कहा। ज्योत्सना किसी तरह स्मिता को मनाकर अपने साथ डीडी ऑफिस ले आई।

वहां मिस्टर कृष्णमूर्ति ने स्मिता से एक गाना सुनाने को कहा। स्मिता ने उन्हें गाना सुना भी दिया और मिस्टर कृष्ममूर्ति को स्मिता का गाना इतना पसंद आया कि उन्होंने स्मिता को तुरंत सिलेक्ट कर लिया। 

और जानते हैं स्मिता ने इंटरव्यू में कौन सा गाना गाया था? स्मिता ने उस दिन मिस्टर कृष्णमूर्ति को बांग्लादेश का राष्ट्रगान सुनाया था जो कि गुरूदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर ने ही लिखा था। और स्मिता का बंगाली गाने का अंदाज़ बहुत ही शानदार था।

नौंवी कहानी

स्मिता ने महान दिलीप कुमार के साथ शक्ति फिल्म में काम किया था। इस फिल्म में अमिताभ बच्चन उनके हीरो थे। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान स्मिता ने अपने एक इंटरव्यू में कुछ ऐसा बोल दिया था जिस पर मीडिया ने काफी गॉसिप की थी और इसे एक बवाल बनाने की कोशिश भी की थी। हालांकि मीडिया की ये प्लानिंग फेल हो गई थी। 

दरअसल, उस इंटरव्यू में रिपोर्टर ने स्मिता से पूछा था,"क्या आपको दिलीप कुमार के सामने एक्टिंग करने में नर्वसनेस होती है?"इस पर स्मिता ने जवाब दिया,"नहीं, दिलीप कुमार जी के सामने मुझे कोई नर्वसनेस नहीं होती। मैं तो आराम से अपना काम करती हूं।" फिर रिपोर्टर ने उनसे पूछा,"आपको दिलीप कुमार की कौन सी फिल्म सबसे ज़्यादा पसंद है?" 

स्मिता ने जवाब दिया,"मैंने आज तक दिलीप कुमार की कोई फिल्म नहीं देखी।" स्मिता की इसी लाइन को मीडिया ने बवाल बनाने की कोशिश की। कुछ लोगों ने तो इसे दिलीप कुमार का अपमान भी करार दिया था। 

लेकिन दिलीप कुमार ने इस पर कभी कोई रिएक्शन नहीं दिया। ना ही उन्होंने स्मिता के प्रति कोई नाराज़गी ज़ाहिर की। स्मिता के साथ उन्होंने पूरी फिल्म एक अच्छी बॉन्डिंग से कंप्लीट की। और इस तरह मीडिया की ये चाल फेल हो गई।

दसवीं कहानी

कई लोग ये दावा करते हैं कि स्मिता पाटिल ने फिल्म एंड टेलिविज़न इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, पुणे यानि FTII से एक्टिंग की ट्रेनिंग ली थी। जबकी ये बात सरासर गलत है। स्मिता पाटिल ने कभी भी FTII में दाखिला नहीं लिया। 

हालांकि वो अपने एक दोस्त के साथ FTII में काफी वक्त गुज़ारा ज़रूर करती थी। लेकिन उन्होंने वहां दाखिले की कभी कोशिश भी नहीं की थी।

स्मिता जब दूरदर्शन में न्यूज़ रीडिंग करती थी उस वक्त से फिल्मों में उनकी दिलचस्पी बढ़ी थी और उसी दौरान उन्हें फिल्मों के ऑफर्स मिलने शुरू हुए थे। बहुत ही कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि स्मिता पाटिल को महान मनोज कुमार जी ने अपनी फिल्म रोटी कपड़ा और मकान में एक रोल ऑफर किया था।

इसके लिए लिए मनोज कुमार जी ने स्मिता के पिता शिवाजीराव पाटिल को अप्रोच किया था जिनसे उनकी बढ़िया दोस्ती थी। लेकिन तब स्मिता ने इस फिल्म में काम करने से इन्कार कर दिया था। 

जबकी सदाबहार देव आनंद साहब ने भी स्मिता को अपनी फिल्म हरे रामा हरे कृष्णा में कास्ट करने की ख्वाहिश जताई थी। उस वक्त भी स्मिता ने फिल्मों में काम करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई थी।

11वीं कहानी

स्मिता पाटिल को उनका पहला नेशनल फिल्म अवॉर्ड भूमिका फिल्म के लिए मिला था। उस वक्त स्मिता की उम्र महज़ 21 साल थी। स्मिता का नाम जब नेशनल फिल्म अवॉर्ड के लिए अनाउंस किया गया था तो उस वक्त वो फिल्म सर्वसाक्षी की शूटिंग के लिए महराष्ट्र के किसी दूर दराज के गांव में मौजूद थी। 

उनके घर पर दिल्ली से एक टेलिफोन गया जो उनकी मां ने उठाया था। फोन करने वाले ने स्मिता की मां विद्याताई पाटिल को बताया कि आपकी बेटी ने नेशनल अवॉर्ड जीता है और उसे 10 हज़ार रुपए ईनाम में मिलेंगे। 

उस वक्त स्मिता की मां को ये पता भी नहीं था कि नेशनल फिल्म अवॉर्ड क्या होता है। स्मिता जब अपने घर वापस लौटी तो उन्होंने स्मिता को बताया कि तुमने कोई अवॉर्ड जीता है जिसके लिए तुम्हें 10 हज़ार रुपए मिलेंगे।

तब स्मिता ने अपनी मां को नेशनल फिल्म अवॉर्ड की इंपोर्टेंस बताई और उनसे कहा कि भूमिका में काम करने की फीस तो वो पहले ही ले चुकी हैं। इसलिए अब जो 10 हज़ार रुपए ईनाम में मिलेंगे उन्हें उन संस्थाओं को दान करेंगी जो गरीबों के लिए काम करती हैं।

12वीं कहानी

स्मिता पाटिल की एक दोस्त हुआ करती थी जिनका नाम था दिलशाद। दिलशाद और स्मिता पाटिल की दोस्ती कॉलेज के दिनों से ही बहुत मजबूत थी। चूंकि स्मिता को कार चलाने का बहुत शौक था तो एक दिन उन्होंने अपने किसी दोस्त की जोंगा जीप ली और दिल्ली से मुंबई बाई रोड जाने का प्लान बनाया। 

उनके इस प्लान में उनकी दोस्त दिलशाद भी शामिल थी। जबकी दिलशाद को गाड़ी चलानी भी नहीं आती थी। यानि पूरे रास्ते सिर्फ स्मिता को ही गाड़ी चलानी थी। दरअसल, दिल्ली से मुंबई के सड़क के रास्ते में बीच में चंबल भी पड़ता था जो महिलाओं के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं माना जाता था। 

इस वक्त तक स्मिता अपना पहला नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी थी और देश का जाना पहचाना चेहरा बन चुकी थी। स्मिता ने ये प्लान जब अपनी बड़ी बहन अनिता को बताया तो वो बहुत घबरा गई। लेकिन स्मिता ने किसी तरह अपनी बहन को मनाते हुए उनसे ये वादा लिया कि इसके बारे में वो मां को कुछ नहीं बताएंगी। 

बहन ने इस शर्त पर स्मिता को ये रोड ट्रिप करने की इजाज़त दी कि वो हर रोज़ उन्हें फोन करेंगी। स्मिता और दिलशाद ने अपनी ये रोड ट्रिप पूरी की। हालांकि दोनों ने पूरे रास्ते सिर पर पगड़ी बांधे रखी ताकि लोग उन्हें मर्द ही समझें।

13वीं कहानी

फिल्म दर्द का रिश्ता में स्मिता पाटिल एक छोटे से रोल में नज़र आई थी। फिल्म में उनके कैरेक्टर का नाम डॉक्टर अनुराधा था जो कि एक कैंसर स्पेशलिस्ट होती है और अमेरिका में रहती है। 

फिल्म के हीरो सुनील दत्त अपनी कैंसर पीड़ित बेटी का इलाज कराने अमेरिका में डॉक्टर अनुराधा के पास ही जाते हैं। सुनील दत्त ने खुद ही ये फिल्म डायरेक्ट की थी और इस फिल्म के प्रोड्यूसर भी वही थे। 

सुनील दत्त ने इस फिल्म की कहानी अपनी पत्नी नरगिस दत्त की कैंसर से हुई मौत के बाद लिखी थी। जब स्मिता पाटिल को इस फिल्म में डॉक्टर अनुराधा के उस छोटे से रोल के लिए साइन किया गया तो उन्होंने सुनील दत्त से कहा कि वो इस फिल्म में काम ज़रूर करेंगी। 

लेकिन इसके बदले कोई भी पैसा नहीं लेंगी। दरअसल, स्मिता पाटिल जानती थी कि कैंसर की वजह से अपनी पत्नी नरगिस दत्त को खोने के बाद सुनील दत्त ने दर्द का रिश्ता की कहानी लिखी थी।

14वीं कहानी

आपको जानकर हैरानी होगी कि स्मिता पाटिल को सोने से भी ज़्यादा चांदी से प्यार था। उन्हें चांदी की ज्वैलैरी पहनने का और कलेक्ट करने का बड़ा शौक था। कुछ फिल्मों में तो स्मिता पाटिल ने अपनी खुद की ज्वैलैरी भी पहनी थी।

जब्बार पटेल की चर्चित मराठी फिल्म जैत रे जैत में स्मिता पाटिल ने जो सिल्वर पैंडेंट पहना है वो उन्होंने खुद अपने पैसों से खरीदा था। जैत रे जैत के लिए स्मिता को फिल्मफेयर मराठी अवॉर्ड्स ने बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड दिया था। कई ऐसी फिल्में भी थी जिनमें स्मिता पाटिल ने अपनी मां विद्याताई पाटिल की साड़ियां पहनी थी।

साल 1982 में आई जब्बार पटेल की ही मराठी फिल्म उंबरठा में स्मिता पाटिल ने जितनी भी साड़ियां पहनी थी वो उनकी मां की ही साड़ियां थी। वहीं गोविंद निहलानी की अर्ध सत्य में भी उन्होंने अपनी मां की ही साड़ी पहनी थी।

15वीं कहानी

स्मिता पाटिल ने राज बब्बर से शादी की थी। और इस शादी के बाद उन्हें दुनिया के तमाम ताने झेलने पड़े थे। लेकिन कम ही लोग इस बात से वाकिफ हैं कि कॉलेज के दिनों में स्मिता पाटिल एक लड़के से शादी करना चाहती थी जो किसी राजसी परिवार से ताल्लुक रखता था। 

लेकिन चूंकि स्मिता की मां को वो लड़का पसंद नहीं आया था तो आखिरकार उसके साथ स्मिता का रिलेशन खत्म हो गया। 70 के दशक में स्मिता पाटिल डॉक्टर सुनील भुटानी के साथ भी कुछ दिन रिलेशन में रही थी। 

डॉक्टर सुनील भूटानी उन दिनों फोर स्क्वायर सिगरेट के विज्ञापन में नज़र आते थे। कहा जाता है कि अभिनेता विनोद खन्ना संग भी स्मिता पाटिल के काफी क्लॉज़ रिलेशन थे। वहीं फिल्ममेकर जॉनी बक्षी संग भी उनके रिश्ते की खबरें काफी उड़ा करती थी।

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