Mala Sinha | को खूबसूरत अदाकारा जिसने अदालत में कुबूली थी वेश्यावृति की बात | Hindi Biography
Mala Sinha. भारतीय सिनेमा का ऐसा कौन सा कद्रदान होगा जिसने इनका नाम नहीं सुना होगा। या इनकी फिल्में नहीं देखी होंगी। माला सिन्हा की खूबसूरती और अदायगी के लाखों कद्रदान पहले भी थे और आज भी हैं।
बाल कलाकार की हैसियत से अपना फिल्मी सफर शुरू करने वाली माला सिन्हा ने पांच जेनेरशन के अभिनेताओं के साथ काम किया है। और एक से बढ़कर एक शानदार फिल्में की हैं।
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Mala Sinha Biography In Hindi - Photo: Social Media |
Meerut Manthan पर आज आप Mala Sinha की Biography जानेंगे। कलकत्ता में पैदा हुई Mala Sinha कैसे फिल्मी दुनिया में आई? क्यों माला सिन्हा ने एक दफा खुद को जिस्मफ़रोशी के धंधे से जुड़ा बताया था? ये सारी और ऐसी ही कई दूसरी बातें आज हम और आप जानेंगे।
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शुरुआती जीवन
माला सिन्हा का जन्म 11 नवंबर 1936 को कलकत्ता में हुआ था। इनके माता-पिता ईसाई थे। इनके पिता का नाम था एल्बर्ट सिन्हा और वो एक बंगाली थे। जबकी इनकी मां नेपाल से ताल्लुक रखती थी। माता-पिता ने इनका नाम एल्डा सिन्हा रखा था।
लेकिन जब माला स्कूल में दाखिल हुई तो साथ पढ़ने वाले बच्चों ने इनका नाम बिगाड़ दिया और इन्हें एल्डा की जगह डाल्डा कहकर चिढ़ाना शुरू कर दिया। यही वजह है कि नन्ही माला को बचपन में माता पिता का दिया वो नाम ज़रा भी पसंद नहीं था।
हालांकि एल्डा यानि माला को नया नाम मिला था कुछ सालों बाद। और वो नया नाम माला नहीं, बेबी नज़मा था। एल्डा से बेबी नज़मा और फिर माला सिन्हा नाम मिलने की इनकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।
ऐसे एल्डा बनी थी माला
दरअसल, माला जब छोटी बच्ची ही थी तो इनके पिता अक्सर इनकी मां और इन्हें साथ लेकर फिल्में देखने जाते रहते थे। फिल्में देखकर छोटी उम्र से ही माला एक्ट्रेस बनने का ख्वाब देखने लगी।
राज कपूर और दिलीप कुमार जैसे सितारे इन्हें पसंद आने लगे। फिल्मों का असर माला पर कुछ ऐसा हुआ कि ये छोटी उम्र से ही गाने लगी थी। जब इनके पिता ने गायकी से इनका लगाव देखा तो उन्होंने इन्हें गायकी की विधिवत शिक्षा दिलानी शुरू कर दी।
गायकी के साथ ही माला को एक्टिंग करने का शौक भी छोटी उम्र से ही लग गया था। यही वजह है कि अक्सर ये अपने स्कूल में होने वाले फंक्शन्स में नाटकों में हिस्सा ज़रूर लिया करती थी।
यूं खुला फिल्मी दुनिया का रास्ता
एक दिन नन्ही एल्डा उर्फ माला अपने स्कूल के एक फंक्शन में गीत गा रही थी। इत्तेफाक से वहां अरधेंदू बॉस भी मौजूद थे। अरधेंदू बॉस कलकत्ता के एक नामी फिल्म डायरेक्टर थे और इनके पिता एल्बर्ट सिन्हा के अच्छे दोस्त भी थे।
और इत्तेफाक से अरधेंदू बॉस इनके पड़ोसी भी थे। अरधेंदू बॉस ने जब एल्डा को इतने सारे लोगों के बीच बिना किसी झिझक के गीत गाते देखा तो उन्हें बड़ा अच्छा लगा। उन्होंने एल्डा के पिता एल्बर्ट सिन्हा से इन्हें अपनी एक फिल्म में लेने की इच्छा ज़ाहिर की।
दोस्त की बात मानते हुए एल्बर्ट सिन्हा ने एल्डा को फिल्मों में काम करने की इजाज़त दे दी। और इस तरह साल 1946 में आई फिल्म जय वैष्णो देवी में पहली दफा एल्डा ने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया। और इसी फिल्म से एल्डा ने अपना नाम बदलकर रख लिया बेबी नज़मा।
और कलकत्ता फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम बन गई Mala Sinha
पहली फिल्म के बाद बेबी नज़मा उर्फ माला सिन्हा ने कुछ और फिल्मों में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम किया। फिर साल 1954 में आई फिल्म ढूली में पहली दफा माला सिन्हा एज़ एन एक्ट्रेस नज़र आई। और यही वो फिल्म थी जिससे उन्होंने अपना नाम बेबी नज़मा से बदलकर माला रखा था।
ढुली में माला सिन्हा सपोर्टिंग एक्ट्रेस थी। और आगे भी कई फिल्मों में माला ने सपोर्टिंग एक्ट्रेस के तौर पर ही काम किया था। और इन्हीं सपोर्टिंग किरदारों को निभाकर माला कलकत्ता फिल्म इंडस्ट्री का एक लोकप्रिय नाम बन गई थी।
एक तस्वीर माला सिन्हा को बॉम्बे खींच लाई
कलकत्ता फिल्म इंडस्ट्री में जब माला सिन्हा का बढ़िया नाम होने लगा तो उनकी ख्याति देश के दूसरे हिस्सों तक भी पहुंचने लगी। इसी बीच इनकी एक तस्वीर फिल्मफेयर मैगज़ीन में छपी जिसे इत्तेफाक से उस ज़माने के नामी डायरेक्टर अमिया चक्रवर्ती ने भी देखा।
अमिया चक्रवर्ती को माला सिन्हा की पर्सनैलिटी बहुत पसंद आई और उन्होंने माला को अपनी फिल्म बादशाह में काम करने का ऑफर दिया। और माला को जैसे बस इसी मौके की तलाश थी। बचपन से हिंदी फिल्मों में नाम कमाने का सपना देखने वाली माला अपने माता-पिता को साथ लेकर बॉम्बे यानि मुंबई आ गई।
फ्लॉप फिल्मों में भी छा गई Mala Sinha
माला ने बादशाह फिल्म में काम किया और इस फिल्म में इनके हीरो थे प्रदीप कुमार। हालांकि इस फिल्म में भी ये सपोर्टिंग एक्ट्रेस ही थी। कुछ लोग कहते हैं कि माला सिन्हा की पहली हिंदी फिल्म हैमलेट थी जो कि इसी साल यानि 1954 में ही रिलीज़ हुई थी।
लेकिन सच ये है कि माला सिन्हा की पहली फिल्म बादशाह थी। हालांकि उनकी पहली दोनों फिल्में फ्लॉप हो गई। मगर हैमलेट फिल्म में माला सिन्हा की एक्टिंग की काफी तारीफ हुई थी। बादशाह और हैमलेट के बाद माला सिन्हा ने रियासत, एकादशी और एक शोला नाम की फिल्मों में काम किया।
लेकिन बतौर लीड एक्ट्रेस माला की पहली हिंदी फिल्म थी किदार शर्मा की रंगीन रातें जो कि 1956 में रिलीज़ हुई थी। और किदार शर्मा ने माला को ये फिल्म गीता दत्त जी के कहने पर दी थी जिनसे माला की मुलाकात उस वक्त हुई थी जब वो बॉम्बे में नई नई आई थी।
प्यासा ने बना दी पहचान
कुछ ही सालों में माला सिन्हा बॉम्बे फिल्म इंडस्ट्री में भी एक जाना-पहचाना चेहरा बन गई। वो कई बड़े बजट की फिल्मों में काम कर चुकी थी।
साल 1957 में गुरूदत्त साहब ने माला सिन्हा को अपनी मास्टरपीस फिल्म प्यासा में मीना घोष का बेहद दमदार किरदार दिया। और माला सिन्हा ने भी उस किरदार को बड़ी शिद्दत और खूबसूरती के साथ जिया।
प्यासा की सफलता ने माला सिन्हा को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का बड़ा नाम बना दिया।
धूल का फूल बनी मील का पत्थर
प्यासा के बाद माला सिन्हा ने परवरिश, फिर सुबह होगी, देवर भाभी, मैं नशे में हूं और लव मैरिज जैसी बड़ी फिल्मों में काम किया। लेकिन उनके करियर की अगली बड़ी नोटेबल फिल्म बनी महान डायरेक्टर स्वर्गीय यश चोपड़ा की डायरेक्टोरियल डेब्यू धूल का फूल।
इस फिल्म में माला सिन्हा मीना नाम की एक ऐसी बिन ब्याही मां के किरदार में दिखी थी जो समाज के डर से अपनी औलाद को छोड़ देती है। इस फिल्म के बाद माला सिन्हा बॉलीवुड की उस ज़माने की टॉप रेटेड एक्ट्रेसेज में शुमार हो गई थी। और फिर तो उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
नेपाल में मिली माला को मुहब्बत
अपने करियर में माला सिन्हा ने 100 से भी ज़्यादा हिंदी फिल्मों और लगभग 30 बंगाली फिल्मों में काम किया। साथ ही माला ने मैतीघर नाम की एक नेपाली फिल्म में भी काम किया था जिसमें उनके हीरो थे चिदंबर प्रसाद लोहानी।
1966 में रिलीज़ हुई इस फिल्म की शूटिंग नेपाल में हुई थी और इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान माला सिन्हा को चिदंबर प्रसाद लोहानी से प्यार भी हो गया। और आखिरकार 1968 में इन दोनों ने शादी भी कर ली।
माला सिन्हा और चिदंबर प्रसाद लोहानी की एक बेटी है जिनका नाम है प्रतिभा सिन्हा। और प्रतिभा सिन्हा ने भी कुछ हिंदी फिल्मों में काम किया है। हालांकि उनका फिल्मी करियर कुछ खास नहीं रहा और कुछ फिल्मों के बाद ही प्रतिभा सिन्हा ने एक्टिंग छोड़ दी।
माला के जीवन का सबसे मुश्किल वक्त
माला सिन्हा के जीवन में एक वक्त ऐसा भी आया था जब उन्होंने अपने मुंह से एक ऐसी बात कही थी जिसके बाद देशभर में उनकी काफी आलोचना हुई थी। दरअसल, एक दफा माला सिन्हा के घर पर इन्कम टैक्स की रेड पड़ी थी।
इस रेड में इन्कम टैक्स वालों ने माला सिन्हा के घर के बाथरूम की दीवार से 12 लाख रुपए कैश बरामद किया था। उस ज़माने में 12 लाख रुपए बहुत बड़ी रकम थी। इन्कम टैक्स ने ये सारे रुपए जब्त कर लिए। साथ ही माला सिन्हा के सभी बैंक खाते भी फ्रीज़ कर दिए।
कबूला वो गुनाह जो कभी किया ही नहीं था
माला सिन्हा के पिता अपनी बेटी के 12 लाख रुपए जब्त होने से बहुत परेशान हो गए। उन्होंने माला के वकील से कहा कि वो पैसे वापस दिलाने के लिए कोई तो रास्ता सुझाओ।
तब वकील ने कहा कि अगर माला अदालत में ये कहें कि उन्होंने वो पैसे अपना जिस्म बेचकर कमाए हैं तो वो 12 लाख रुपए वापस मिल सकते हैं।
ये सुनकर माला सिन्हा के पिता सकते में आ गए। लेकिन माला ने हिम्मत जुटाकर अदालत में जज के सामने वेश्यावृति करके ये पैसा कमाने की बात कही। वो 12 लाख रुपए तो माला सिन्हा को वापस मिल गए।
लेकिन इस घटना के बाद लोगों ने माला सिन्हा की काफी आलोचना की। और माला सिन्हा भी लंबे अर्से तक इस घटना के बाद काफी दुखी और उदास रही थी।
कभी नहीं कर पाई दिलीप कुमार के साथ काम
अपने पांच दशक लंबे करियर में माला सिन्हा ने कई बड़े स्टार्स के साथ काम किया। प्रदीप, बलराज साहनी, अशोक कुमार, त्रिलोक कपूर, महिपाल सिंह और किशोर कुमार जैसे कलाकारों संग स्क्रीन शेयर करने के साथ साथ माला ने देवानंद, राज कपूर, सुनील दत्त, राजकुमार, धर्मेंद्र, मनोज कुमार, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे सितारों के साथ भी अपना अभिनय कौशल दिखाया।
हालांकि अपने पूरे करियर में उन्हें कभी भी दिलीप साहब के साथ काम करने का मौका नहीं मिला। एक दफा माला को दिलीप साहब के साथ एक फिल्म ऑफर ज़रूर हुई थी। लेकिन उस वक्त डेट्स ना होने के चलते माला को वो फिल्म छोड़नी पड़ गई थी।
रिटायरमेंट के बाद घर पर ही गुनगुनाती हैं Mala Sinha
माला सिन्हा की आखिरी फिल्म थी साल 1994 में आई ज़िद जिसमें वो दादी मां के रोल में दिखी थी। इस फिल्म के बाद से ही माला सिन्हा ने फिल्मों से रिटायरमेंट ले ली।
एक ज़माने में ऑल इंडिया रेडियो पर गायकी करने वाली माला सिन्हा को फिल्मों में करियर बनाने के लिए गायकी से दूरी बनानी पड़ गई थी। फिल्मों से रिटायर होने के बाद माला सिन्हा अपने घर पर ही शौकियाना गाने लगी।
अक्सर अपनी पसंदीदा गायिकाओं लता मंगेशकर जी व आशा भोंसले जी के साथ वक्त गुज़ारा करती। माला सिन्हा अब 88 साल की हो चुकी हैं और अपने बंगले में अपनी बेटी प्रतिभा सिन्हा के साथ रहती हैं। प्रतिभा सिन्हा भी अब शादीशुदा हैं।
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