Jackie Shroff | गरीबी से लड़कर सिनेमा का सुपरस्टार बने एक लड़के की कहानी | Hindi Biography
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Jackie Shroff Hindi Biography - Photo: Social Media |
Meerut Manthan पर, आज पेश है Jackie Shroff की Biography चॉल में रहने वाले एक ग़रीब परिवार में जन्मे Jackie Shroff कैसे Bollywood की चमचमाती दुनिया का हिस्सा बने? कैसे जैकी श्रॉफ को उनके करियर का पहला किरदार मिला? ये सारी कहानी आज हम और आप जानेंगे।
शुरुआती जीवन
01 फरवरी 1957 को जैकी श्रॉफ का जन्म मुंबई के तीन बत्ती इलाके की एक चॉल में हुआ था। मां बाप ने इन्हें नाम दिया था जयकिशन काकूभाई श्रॉफ। जैकी के पिता काकूभाई गुजराती मूल के थे।
17 साल की छोटी सी उम्र में ही जैकी श्रॉफ के पिता ने स्टॉक एक्सचेंज में अपना सारा पैसा हारने के बाद मुंबई आने का फैसला कर लिया था। मुंबई आकर इनके पिता ज्योतिषी का काम करने लगे थे।
जैकी ने खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता काकूभाई बिजनेस टाइकून धीरूभाई अंबानी के छोटे भाई नट्टूभाई अंबानी के ज्योतिषी थे। और ये जैकी के पिता ही थे जिन्होंने भविष्यवाणी की थी कि एक दिन ये फिल्मों में हीरो बनेंगे।
माता-पिता ने किया था प्रेम विवाह
बात अगर जैकी की मां की करें तो जैकी की मां मूलरूप से कज़ाखस्तान की रहने वाली थी। किसी दौर में जब कज़ाखस्तान में सिविल अनरेस्ट चल रहा था तो उस वक्त जैकी की नानी अपने परिवार संग भारत के लद्दाख आकर बस गई थी।
लद्दाख के बाद दिल्ली और फिर फाइनली मुंबई उनका ठिकाना बना। मुंबई में ही जैकी के पिता से उनकी मां की मुलाकात हुई थी। जो आखिरकार पहले दोस्ती और फिर प्यार में बदल गई। दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद जैकी की मां ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया था।
जब Jackie Shroff ने अपनी आंखों से देखी भाई की मौत
जैकी जब 10 साल के थे तो इनके सामने ही इनके बड़े भाई की समंदर में डूबकर मौत हो गई थी। भाई की मौत के बाद जैकी की ज़िंदगी पूरी तरह से बदल गई।
भाई को अपनी आंखों के सामने मरते देखने के बाद जैकी श्रॉफ काफी डरपोक हो गए थे। अक्सर दिवाली पर पटाखों की आवाज़ों से भी जैकी डर जाते थे।
ऐसे हालातों में जैकी की मां ने इन्हें काफी संभाला। यूं तो जैकी ने बहुत ज़्यादा पढ़ाई नहीं की है।लेकिन स्कूल के दिनों में जब जैकी की फीस देने के लिए भी घर में पैसे नहीं होते थे तो उनकी मां अपनी साड़ियां या घर के कीमती बर्तन बेचकर जैकी की फीस चुका दिया करती थी।
खुद चलकर जैकी के पास आई थी किस्मत
घर के बुरे हालातों को भांपकर जैकी ने 11वीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दी और ट्रैवलिंग इंडस्ट्री में तीन महीने का एक डिप्लोमा कर लिया। वो डिप्लोमा करने के बाद जैकी एक ट्रैवल एजेंसी में अप्रेंटिस करने लगे।
एक दिन जैकी बस स्टॉप पर खड़े थे। कि तभी एक आदमी इनके पास आया और उसने बताया कि वो एक मॉडलिंग एजेंसी में अकाउंटेंट है।
उस आदमी ने जैकी से कहा कि तुम्हारी इतनी अच्छी पर्सनैलिटी है। तुम मॉडलिंग क्यो नहीं करते हो? जैकी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वो आदमी क्या कहना चाहता है।
उस आदमी ने जैकी से अगले दिन अपने ऑफिस में आकर मिलने को कहा। जैकी भी उससे मिलने अगले दिन उसके ऑफिस पहुंच गए।
वहां उस आदमी ने बताया कि तुम्हारी कुछ तस्वीरें ली जाएंगी और उसके बदले तुम्हें पैसे मिलेंगे। ये सुनकर जैकी थोड़े हैरान और थोड़े खुश भी थे। और इस तरह जैकी श्रॉफ को मिला उनका पहला मॉडलिंग असाइनमेंट।
जैकी ने पहली दफा एक गारमेंट ब्रांड के लिए मॉडलिंग की थी। और उस पहले मॉडलिंग असाइनमेंट से जैकी को सात हज़ार रुपए मिले थे।
Dev Anand ने Jackie Shroff को दिया था पहला ब्रेक
मॉडलिंग की दुनिया में जैकी उतरे तो हर दिन कामयाबी की नई इबारत लिखते चले गए। मॉडलिंग के दिनों में ही जैकी की दोस्ती महान अदाकार देवानंद साहब के बेटे सुनील आनंद से हो गई थी।
एक दिन देवानंद जब बाहर से अपने घर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनके बेटे सुनील आनंद के साथ एक हैंडसम नौजवान बैठा है। उस नौजवान को देखते ही देवानंद साहब हैरान रह गए और बोले,"आज सुबह ही मैंने तुम्हारा एक पोस्टर देखा था। और अब तुम मेरे घर पर बैठे हो।"
दरअसल, देव साहब ने मुंबई की एक सड़क पर जैकी का एक बड़ा सा पोस्टर देखा था। और वो किसी सिगरेट ब्रांड का विज्ञापन था। जैकी की पर्सनैलिटी देव साहब को भी काफी पसंद आई।
उन्होंने जैकी को अपनी फिल्म स्वामी दादा में एक अहम किरदार के लिए फाइनल कर दिया। जैकी की खुशियों का तो ठिकाना ही नहीं रहा। और आखिरकार उनके पिता काकूभाई श्रॉफ की भविष्यवाणी भी सच हो ही गई।
मिथुन के पास चला गया वो रोल
देव साहब से पहली मुलाकात के बाद जैकी खुशी से फूले नहीं समा रहे थे। देवानंद जैसे बड़े स्टार की फिल्म में एक अहम किरदार मिलना वैसे भी अपने आप में बहुत बड़ी बात थी।
लेकिन जैकी उस वक्त हैरान रह गए जब लगभग 15 दिनों बाद देव साहब ने उन्हें बताया कि जो किरदार उन्हें दिया गया था वो अब मिथुन को दे दिया गया है।
और उन्हें एक दूसरा रोल दिया जा रहा है। देव साहब ने जैकी को जो दूसरा रोल दिया वो शक्ति कपूर के चमचे का रोल था। कोई और कलाकार होता तो शायद उसे बहुत दुख होता।
लेकिन सरप्राइज़िंगली जैकी श्रॉफ को देव साहब के मुंह से ये बात सुनने के बाद बड़ी राहत महसूस हुई। और वो इसलिए क्योंकि जैकी उस वक्त तक इतना बड़ा रोल निभाने के लिए अंदर से तैयार नहीं थे।
शक्ति कपूर के चमचे का वो रोल मिलने पर उन्हें इस बात की खुशी हो रही थी कि आखिरकार उनका करियर स्टार्ट तो हो रहा है।
वो इस किरदार से कम से कम देवानंद जैसी बड़ी शख्सियत के साथ रहकर एक्टिंग की बारीकियां सीख लेंगे। और इस तरह जैकी श्रॉफ के करियर की पहली फिल्म बनी स्वामी दादा जिसमें वो एक बहुत ही छोटे से रोल में नज़र आए थे।
Hero ने बना दिया हीरो
जैकी के करियर की दूसरी फिल्म थी हीरो। और हीरो ही वो फिल्म थी जिससे जैकी श्रॉफ फिल्म इंडस्ट्री में बतौर हीरो नज़र आए और जिसके बाद जैकी श्रॉफ ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
स्वामी दादा फिल्म के बाद जैकी को उनकी किस्मत ने फिर एक बड़ा मौका दिया। और ये मौका था सुभाष घई की फिल्म हीरो। सुभाष घई ने जैकी को अपनी फिल्म हीरो में लीड रोल के लिए साइन कर लिया। और इस दफा जैकी ने भी पूरे दिल से वो रोल एक्सेप्ट कर लिया।
बस फिर क्या था। हीरो सुपरहिट हो गई। हर तरफ जैकी के चर्चे होने लगे। मुंबई की एक मामूली सी चॉल में रहने वाला लड़का रातों रात देशभर के सिनेप्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन गया। और आज तक जैकी का जलवा उनके फैंस को देखने को मिलता रहता है।
डेढ़ सौ से भी ज़्यादा हिंदी फिल्मों के अलावा जैकी ने तमिल, तेलुगू, कन्नड़, बंगाली, भोजपुरी, पंजाबी, मराठी और मलायलम फिल्मों में भी काम किया है। और अब तो जैकी वेब सीरीज़ में भी नज़र आते रहते हैं।
Jackie Shroff और Ayesha Shroff की Love Story
जैकी की निजी ज़िंदगी की बात करें तो जैकी की पत्नी का नाम आयशा है। आयशा का पूरा नाम आयशा दत्त है और जैकी से शादी करने से पहले वो खुद भी एक मॉडल ही थी।
जैकी और आयशा की मुलाकात का किस्सा भी काफी दिलचस्प है। दरअसल, जैकी ने आयशा को एक बस में देखा था। जबकी उस वक्त जैकी बाइक पर थे। पहली ही नज़र में आयशा जैकी को पसंद आ गई थी।
बस जैसे ही रुकी तो जैकी आयशा के पास गए और उन्होंने आयशा को अपना इंट्रोडक्शन दिया। आयशा ने भी जैकी को अपने बारे में बताया और कहा कि वो यहां अपने एक दोस्त से मिलने आई है। जैकी ने आयशा को बताया कि मैं भी इस बिल्डिंग में स्वीमिंग करने आता हूं।
इसके बाद जैकी वहां से चले गए। तीन दिन बाद एक लड़का जैकी के पास आया और उसने जैकी को याद दिलाया कि तीन दिन पहले आप जिस लड़की से मिले थे उसका दोस्त मैं ही हूं।
और उसका यानि आयशा का कहना है कि आप एक्टर बन सकते हो। डायरेक्ट ओपी रल्हन अपनी फिल्म अशोका के लिए ऑडिशन कर रहे हैं। आपको भी ऑडिशन देना चाहिए।
आयशा की ये बात जैकी को बहुत पसंद आई। इसके बाद ओपी रल्हन के ऑफिस में आयशा और जैकी दोनों साथ ही गए। वहां जैकी का ऑडिशन हुआ। यूं तो जैकी उस ऑडिशन में फेल हो गए।
लेकिन प्यार के ऑडिशन में जैकी ज़रूर पास हुए। आयशा भी जैकी को अपना दिल दे बैठी। और यहीं से इनकी मुहब्बत शुरू हो गई जो बहुत कामयाब भी रही।
जैकी और आयशा के दो बच्चे हैं। बेटा टाइगर और बेटी कृष्णा। टाइगर आज फिल्म इंडस्ट्री का जाना पहचाना नाम हैं। जबकी जैकी की बेटी कृष्णा भी सोशल मीडिया सेंसेशन हैं।
Meerut Manthan जैकी श्रॉफ को सैल्यूट करता है
जैकी श्रॉफ की उम्र अब सिक्स्टी प्लस हो चुकी है। अब भी वो फिल्मों में एक्टिव हैं। जैकी की पूरी कहानी किसी एक आर्टिकल में कह पाना मुमकिन नहीं है। इसलिए जैकी की ज़िंदगी की अनसुनी कहानियों की एक और पेशकश मेरठ मंथन पर जल्द ही आएगी।
मेरठ मंथन और मेरठ मंथन के सभी पाठकों की तरफ से जैकी श्रॉफ को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। हम ईश्वर से प्रार्थना करेंगे कि जैकी श्रॉफ हमेशा सेहतमंद रहें और ऐसे ही हमारा मनोरंजन करते रहें। मेरठ मंथन जैकी श्रॉफ को सैल्यूट करता है। जय हिंद।
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