Khoon Pasina 1977 Movie Trivia | 09 Unknown Facts | खून पसीना फिल्म की नौ अनसुनी कहानियां
Khoon Pasina 1977 Movie Trivia. अमिताभ बच्चन और रेखा की फिल्म खून-पसीना साल 1977 में रिलीज़ हुई थी। लगभग 80 लाख रुपए के बजट में बनकर तैयार हुई खून पसीना ने 2 करोड़ 50 लाख रुपए की कमाई की थी और ये एक सेमी-हिट फिल्म रही थी। फिल्म में विनोद खन्ना, असरानी, अरुणा इरानी, निरूपा रॉय, कादर खान, रंजीत और भारत भूषण ने भी अहम किरदार निभाए थे।
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Khoon Pasina 1977 Movie Trivia - Photo: Social Media |
फिल्म के डायरेक्टर थे राकेश कुमार। और इस फिल्म की कहानी लिखी थी कादर खान ने। फिल्म में कुल 4 गाने थे जिन्हें कल्याणजी-आनंदजी ने कंपोज़ किया था। और इन गानों को आवाज़ दी थी किशोर कुमार, लता मंगेशकर और आशा भोंसले ने।
Meerut Manthan पर आज पेश है खून पसीना फिल्म की मेकिंग से जुड़ी कुछ रोमांचक और अनसुनी कहानियां। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ऐसा क्या हुआ था कि अमिताभ और रेखा के अफेयर की खबरें जंगल की आग की तरह फैल गई? क्यों ये फिल्म अमिताभ बच्चन के जीवन की बहुत बड़ी हिट ना होने के बावजूद भी बेहद खास फिल्म है?
Meerut Manthan पर आजखून पसीना फिल्म से जुड़ी ऐसी ही कई कहानियां आज हम और आप जानेंगे। Khoon Pasina 1977 Movie Trivia.
पहली कहानी
खून पसीना अमिताभ बच्चन के करियर की कोई बहुत बड़ी फिल्म नहीं है। लेकिन फिर भी ये फिल्म उनके जीवन की सबसे खास फिल्मों में से एक ज़रूर है। और वो इसलिए क्योंकि इस फिल्म में एक सीन है जिसमें अमिताभ बच्चन एक टाइगर से लड़ते हैं और उसे काबू करके फिर से पिंजरे में भेजते हैं।
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Khoon Pasina 1977 Movie Trivia - Photo: Social Media |
जिस दिन अमिताभ बच्चन ये सीन शूट कर रहे थे, उसी दिन उनके बेटे अभिषेक बच्चन का जन्म हुआ था। यानि ये सीन 5 फरवरी 1976 को शूट हुआ था। और इसिलिए खून पसीना फिल्म अमिताभ के लिए बेहद खास फिल्म है।
दूसरी कहानी
खून पसीना फिल्म में अमिताभ जिस टाइगर के साथ फाइट करते हैं। वो वास्तव में एक फीमेल टाइगर थी। उसका नाम भारती था और वो अमिताभ के साथ ही मिस्टर नटवरलाल में भी नज़र आई थी।
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Amitabh and Tigress Bharathi in Film Khoon Pasina - Photo: Social Media |
खून पसीना के जस्ट बाद ही डायरेक्टर राकेश कुमार ने नटवरलाल फिल्म की शूटिंग स्टार्ट कर दी थी। राकेश कुमार की डायरेक्टोरियल डेब्यू खून पसीना ही थी।
तीसरी कहानी
खून पसीना फिल्म से पहले कादर खान फिल्मों में छोटे-छोटे और निगेटिव किरदार निभाया करते थे। वो ज़्यादातर फिल्मों के डायलॉग्स और कहानियां ही लिखा करते थे।
कादर खान ने जब राकेश कुमार को खून पसीना की कहानी सुनाई तो उन्हें कादर खान का कहानी सुनाने का अंदाज़ बहुत ज़्यादा पसंद आया। उन्होंने कादर खान को ही फिल्म में मेन विलेन का रोल दे दिया।
और इस तरह खून पसीना फिल्म कादर खान के करियर की पहली बड़ी फिल्म बनी जिसमें उन्होंने मेन विलेन का किरदार निभाया था।
चौथी कहानी
खून पसीना 1977 की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्मों की लिस्ट में छठे पायदान पर थी। इस फिल्म ने लगभग ढाई करोड़ रुपए कमाए थे और ये एक सेमी हिट फिल्म रही थी।
उस साल सबसे ज़्यादा कमाई की थी अमर अकबर एंथोनी ने जो कि 7 करोड़ 25 लाख रुपए कमाने में कामयाब रही थी। दूसरे नंबर पर थी धरम वीर जो छह करोड़ 75 लाख रुपए की कमाई करने में सफल रही थी। जबकी तीसरे नंबर पर थी हम किसी से कम नहीं जो कि 4 करोड़ 25 लाख रुपए जुटाने में कामयाब रही थी।
पांचवी कहानी
खून पसीना जब रिलीज़ हुई थी तो उस वक्त हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने थे। खून पसीना के मुख्य विलेन का नाम जालिम सिंह था। और इत्तेफाक से हिमाचल की एक विधानसभा सीट पर जालिम सिंह नाम का एक उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहा था।
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Khoon Pasina 1977 Movie Trivia - Photo: Social Media |
उस उम्मीदवार ने चुनाव आयोग में अपील की और कहा कि इस फिल्म को हिमाचल प्रदेश में ना रिलीज़ होने दिया जाए। वरना मेरे नाम पर बहुत ज़्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. चुनाव आयोग ने उस उम्मीदवार की शिकायत को गंभीरता से लिया और इस फिल्म को चुनाव होने तक हिमाचल प्रदेश में नहीं रिलीज़ होने दिया।
छठी कहानी
खून पसीना फिल्म के बजट को कंट्रोल में रखने के लिए काफी जतन किया गया था। इस फिल्म में बैकग्राउंड म्यूज़िक का खर्च बचाने के लिए प्रकाश मेहरा ने अपनी पुरानी फिल्मों का बैकग्राउंड स्कोर खून पसीना में इस्तेमाल किया था।
जहां फिल्म के ऑपनिंग क्रेडिट्स में जंजीर का बैकग्राउंड स्कोर सुनाई देता है। तो वहीं इस फिल्म के फाइट स्कीवेंस में हेरा फेरी का बैकग्राउंड स्कीवेंस सुनाई देता है। वैसे हेरा फेरी में भी अमिताभ और विनोद खन्ना, दोनों ने काम किया था।
सातवीं कहानी
खून पसीना फिल्म को तमिल भाषा में रीमेक भी गया था। उस फिल्म में अमिताभ वाला रोल रजनीकांत ने निभाया था। और उस फिल्म का नाम शिवा था। वहीं तेलुगू भाषा में भी इस फिल्म को रीमेक किया गया था।
उस फिल्म का नाम था टाइगर जिसमें एनटी रामा राव ने मुख्य भूमिका निभाई थी। यहां आपको ये भी बता दें कि खून पसीना अमिताभ की पहली फिल्म थी जिसमें उनके कैरेक्टर का नाम टाइगर था। इसके बाद 1991 में आई हम में भी अमिताभ बच्चन के किरदार का नाम टाइगर ही था।
आठवीं कहानी
70 के दशक में प्रकाश मेहरा और मनमोहन देसाई के बीच बहुत कंप्टीशन रहता था। इंडस्ट्री के इन दो दिग्गज डायरेक्टरों में इस बात की होड़ रहती थी कि किसकी फिल्म नंबर वन रहेगी। लेकिन 1997 में जहां मनमोहन देसाई की फिल्म अमर अकबर एंथोनी नंबर वन रही। तो प्रकाश मेहरा की तो कोई फिल्म ही नहीं आ सकी।
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Khoon Pasina 1977 Movie Trivia - Photo Courtesy: IMDB |
खून पसीना प्रकाश मेहरा प्रोडक्शन्स के बैनर तले ज़रूर बनी थी। पर इस फिल्म में प्रकाश मेहरा कहीं भी इनवॉल्व नहीं थे। हालांकि इस फिल्म को बनाने में प्रकाश मेहरा ने बड़ी अहम भूमिका निभाई थी जो अपने आप में एक कहानी है। और चूंकि वो कहानी ज़रा लंबी है तो उस कहानी को किसी दिन अलग से ही हम आपको बताएंगे।
नौंवीं कहानी
खून पसीना की हीरोइन रेखा के लिए 1977 बहुत ही बुरा साल साबित हुआ था। इस साल रेखा और अमिताभ बच्चन की तीन फिल्में रिलीज़ हुई थी। अलाप, ईमान धरम और खून पसीना। लेकिन सफलता सिर्फ खून पसीना को ही मिल पाई थी।
इन फिल्मों के अलावा भी 1977 में रेखा की 11 फिल्में रिलीज़ हुई थी। लेकिन वो सब की सब बॉक्स ऑफिस पर असफल साबित हुई थी। जानकार तो ये भी कहते हैं कि अमिताभ के स्टारडम की वजह से रेखा का किरदार खून पसीना फिल्म में एकदम फीका पड़ गया था।
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