Titanic 1997 | टाइटैनिक की मेकिंग से जुड़े 15 Unknown Facts | Hindi Trivia

Titanic 1997. अगर आप हॉलीवुड मूवीज़ के शौकीन हैं तो साल 1997 के दिसंबर में रिलीज़ हुई टाइटैनिक आपने देखी ज़रूर होगी। 200 मिलियन डॉलर में बनी टाइटैनिक ने दो बिलियन डॉलर्स से भी ज़्यादा कमाई की थी। दुनियाभर के सिने प्रेमियों को जेम्स कैमरून की टाइटैनिक पसंद आई थी। 

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Titanic 1997 15 Unknown Facts Hindi Trivia - Photo: Social Media

एक रियल लाइफ इंसीडेंट पर बनी टाइटैनिक में लियोनार्डो डी कैप्रियो और केट विंसलेट ने लीड रोल प्ले किया था। टाइटैनिक एक ऐसी रोमांटिक कहानी थी जिसके बारे में कहा जाता है कि रोमांस की ऐसी फिल्मी मिसाल शायद ही दोबारा कभी देखने को मिले। 

जिस वक्त टाइटैनिक रिलीज़ हुई थी, उस वक्त ये तब तक की सबसे महंगी फिल्म थी। बाद में जेम्स कैमरून की ही अवतार ने टाइटैनिक का ये रिकॉर्ड तोड़ा था।

Meerut Manthan की इस पेशकश में, आज आप टाइटैनिक फिल्म की मेकिंग से जुड़ी 15 अमेज़िंग कहानियां जानेंगे। और हमें पूरा यकीन है कि टाइटैनिक की मेकिंग की ये कहानियां आपको ज़रूर पसंद आएंगी। Titanic 1997.

पहली कहानी

टाइटैनिक का ज़िक्र हो और लियानार्डो डी कैप्रियो व केट विंसलेट की बात ना हो, ये तो नामुमकिन है। जैक और रोज़ के कैरेक्टर में इस जोड़ी के अलावा किसी और के बारे में फैंस सोच भी नहीं सकते। लेकिन आपको शायद पता नहीं होगा कि ये दोनों जैक और रोज़ के रोल के लिए डायरेक्टर जेम्स कैमरून की पहली चॉइस नहीं थे। 

जेम्स कैमरून चाहते थे कि टाइटैनिक में एक्ट्रेस ग्विनेथ पैल्ट्रो और एक्टर मैथ्यू मैकोनॉघ़ी रोज़ और जैक का रोल निभाएं। लेकिन इन दोनों ने ही टाइम ना होने की वजह से टाइटैनिक में काम नहीं किया। और शायद ये दोनों आज भी उस दिन को कोसते होंगे जब इन्होंने टाइटैनिक फिल्म में काम नहीं करने का फैसला किया होगा।

दूसरी कहानी

एक्ट्रेस केट विंसलेट ने टाइटैनिक की रोज़ का रोल पाने के लिए काफी जद्दोजहद की थी। केट ने किसी तरह जेम्स कैमरून का नंबर निकाला और उन्हें फोन करके कहा कि रोज़ के रोल के लिए मेरे से बढ़िया कोई दूसरी एक्ट्रेस हो ही नहीं सकती। 

केट तो आए दिन जेम्स कैमरून को फूलों का एक गुलदस्ता भी भेजती रहती थी जिसमें एक नोट भी रहता था जिस पर लिखा होता था,"तुम्हारी रोज़ की तरफ से ये प्यारे से रोज़ तुम्हारे लिए।" हालांकि केट के इतना सब करने के बावजूद भी जेम्स कैमरून ने कई दिनों तक उन्हें भाव नहीं दिया था। 

ग्विनेथ पैल्ट्रो के इन्कार करने के बाद कैमरून एक्ट्रेस उमा थर्मन और एक्ट्रेस विनोना राइडर से बात करने की प्लानिंग कर रहे थे। लेकिन फिर फाइनली कैमरून ने केट विंसलेट को ही रोज़ के रोल के लिए सिलेक्ट कर लिया।

तीसरी कहानी

टाइटैनिक फिल्म का वो सीन जिसमें जैक रोज़ का एक न्यूड स्कैच बनाता है। वो हर किसी को आज भी याद है। टाइटैनिक के इस सीन की भी अपनी एक कहानी है। दरअसल, जब जेम्स कैमरून ने केट को बताया कि फिल्म में उनका एक ऐसा सीन है जिसमें उन्हें लियोनार्डो डि कैप्रियो के सामने अपने कपड़े उतारने होंगे तो वो काफी नर्वस हो गई। 

लेकिन वो ये बात जानती थी कि अगर उन्हें टाइटैनिक में काम करना है तो ये सीन तो उन्हें हर हाल में करना ही होगा। इसलिए उन्होंने अपनी नर्वसनेस खत्म करने का एक तरीका अपनाया। 

फिल्म के हीरो लियोनार्डो डि कैप्रियो से जब केट पहली दफा मिली तो पहली ही मुलाकात में उन्होंने लियोनार्डो को अपनी ब्रेस्ट दिखा दी। और कहा,"वैसे भी तुम इन्हें देखने ही वाले थे। अभी देख लोगे तो क्या फर्क पड़ जाएगा।" केट के अचानक उठाए इस कदम से ना केवल लियोनार्डो बल्कि जेम्स कैमरून भी दंग रह गए थे।

चौथी कहानी

टाइटैनिक के जिस सीन में जैक रोज़ का न्यूड स्कैच बनाता है उसमें एक मज़ेदार ट्रिक जेम्स कैमरून ने अपनाई थी जो कभी किसी को पता ही नहीं चल पाई थी। हालांकि खुद जेम्स कैमरून ने एक इंटरव्यू में इस ट्रिक का ज़िक्र किया था। 

दरअसल, इस सीन की शूटिंग के दौरान एक कैमरा तो रोज़ के चेहरे पर रहता है। और दूसरा कैमरा जैक के चेहरे पर रहता है। जबकी तीसरा कैमरा जैक की स्कैच बुक पर रहता है जिसमें हमें जैक के हाथ रोज़ का वो न्यूड स्कैच बनाते दिखाई देते हैं। लेकिन असल में वो हाथ जैक यानि लियोनार्डो डि कैप्रियो के हैं ही नहीं। 

वो हाथ खुद जेम्स कैमरून के हैं। और चूंकि जेम्स कैमरून लैफ्ट हैंडेड हैं और लियोनार्डो डि कैप्रियो राइट हैंडेड हैं तो इस सीन को एकदम परफेक्ट बनाने के लिए पोस्ट प्रोडक्शन में जेम्स कैमरून के हाथों को मिरर इफैक्ट के ज़रिए राइट हैंडेड मैन के तौर पर दिखाया गया है।

पांचवी कहानी

टाइटैनिक जहाज असलियत में जिस जगह डूबा था उसका मलबा कई सालों तक वहीं पड़ा रहा था। जब जेम्स कैमरून टाइटैनिक फिल्म की स्क्रिप्टिंग कर रहे थे तो वो 12 दफा डूबे हुए टाइटैनिक जहाज़ को देखने गए थे। इसके लिए जेम्स कैमरून ने स्कूबा डाइविंग की प्रॉपर ट्रेनिंग भी ली थी। 

कैमरून जब पहली दफा डूबे हुए टाइटैनिक को देखने गए तो उन्होंने उसके कुछ वीडियोज़ भी बनाए थे जिन्हें अल्टीमेटली उन्होंने टाइटैनिक फिल्म में भी इस्तेमाल किया। और जब कैमरून सर्फेस पर वापस आए तो वो अपने आंसुओं पर काबू ना कर सके। उन्हें अहसास हो गया कि टाइटैनिक जहाज़ के साथ डूबने वाले लोगों ने उस रात क्या झेला होगा। 

और इसी वजह से कैमरून 11 बार और टाइटैनिक जहाज़ को देखने आए। और ये भी एक रिकॉर्ड है कि डूबे हुए टाइटैनिक जहाज़ पर जितना वक्त जेम्स कैमरून ने बिताया था, उतना तो टाइटैनिक के मुसाफिरों ने भी नहीं बिताया था।

छठी कहानी

टाइटैनिक की शुरुआत में हमें एक बूढ़ी महिला नज़र आती है जो फिल्म की कहानी के मुताबिक टाइटैनिक जहाज हादसे में ज़िंदा बचने वाली इकलौती पैसेंजर थी। और उसकी उम्र 100 साल हो चुकी थी। वो बूढ़ी और कोई और नहीं बल्कि टाइटैनिक की रोज़ थी। बूढ़ी रोज़ का वो किरदार एक्ट्रेस ग्लोरिया स्टुअर्ट ने प्ले किया था। 

और जिस वक्त ग्लोरिया स्टूअर्ट ने बूढ़ी रोज़ का वो कैरेक्टर प्ले किया था उस वक्त उनकी उम्र 86 साल थी। लेकिन मेकअप के ज़रिए उनका चेहरा 100 साल की बूढ़ी जैसा किया गया था। ग्लोरिया को वो मेकअप लेने में बहुत परेशानी हुई थी। और ये भी एक इत्तेफाक है कि 26 सितंबर 2010 को जब ग्लोरिया स्टुअर्ट की डेथ हुई थी उस वक्त उनकी उम्र 100 साल हो चुकी थी। 

ग्लोरिया का जन्म हुआ था 4 जुलाई 1910 को और टाइटैनिक जहाज डूबा था 15 अप्रैल 1912 को। यानि ग्लोरिया टाइटैनिक फिल्म की पूरी यूनिट में इकलौती ऐसी शख्स थी जो उस वक्त जिंदा थी जब टाइटैनिक जहाज डूबा था।

सातवीं कहानी

टाइटैनिक फिल्म में बूढ़ी रोज़ का रोल निभाने वाली एक्ट्रेस ग्लोरिया को फिल्म में उनके रोल के लिए एकेडेमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट भी किया गया था। और उस वक्त वो एकेडेमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट होने वाली सबसे ज़्यादा उम्र की एक्ट्रेस बन गई थी। 

फिर बाद में उनका ये रिकॉर्ड तोड़ा एक्टर क्रिस्टोफर प्लमर ने जिन्हें 88 साल की उम्र में फिल्म ऑल द मनी इन द वर्ल्ड के लिए एकेडेमी अवॉर्ड नॉमिनेशन मिला था। जबकी ग्लोरिया को 86 साल की उम्र में ये नॉमिनेशन मिला था। 

एक और रोचक कहानी जो एक्ट्रेस ग्लोरिया स्टुअर्ट से जुड़ी है वो ये कि टाइटैनिक उनकी तीसरी फिल्म थी जिसमें जहाज डूबा था। टाइटैनिक से पहले ग्लोरिया की हियर कम्स द नेवी में भी एक जहाज ड़ूबा था जो कि साल 1934 में रिलीज़ हुई थी। फिर 1937 में गर्ल ओवरबोर्ड नाम की फिल्म में भी एक जहाज डूबा था और उसमें भी ग्लोरिया स्टुअर्ट ने काम किया था।

आठवीं कहानी

टाइटैनिक जहाज हादसे में ज़िंदा बचे कुछ लोगों में से एक थी मिलविना डीन। हालांकि जिस वक्त टाइटैनिक हादसा हुआ था उस वक्त उनकी उम्र महज़ 2 महीने कुछ दिन ही थी। उनकी मां किसी तरह उन्हें और उनके भाई को लेकर टाइटैनिक की थर्ड क्लास लाइफ बोट पर सवार हो गई थी। 

31 मई साल 2009 को मिलविना की डेथ हो गई थी। और इस तरह टाइटैनिक जहाज हादसे की आखिरी सर्वाइवर भी दुनिया से विदा हो गई। जब टाइटैनिक फिल्म का प्रीमियर हुआ था तो मिलविना को भी प्रीमियर में इनवाइट किया गया था। लेकिन उन्होंने आने से साफ इन्कार कर दिया था। 

और वो इसलिए क्योंकि टाइटैनिक हादसे पर ही साल 1958 में भी एक फिल्म बनी थी जिसका नाम था ए नाइट टू रिमेंबर। और इस फिल्म के प्रीमियर में मिलविना गई भी थी। लेकिन वो फिल्म देखकर मिलविना को बहुत ज़्यादा दुख हुआ था। इसिलिए मिलिवना ने जेम्स कैमरून की टाइटैनिक के प्रीमियर में आने से इन्कार कर दिया था।

नौंवी कहानी

टाइटैनिक पहली ऐसी फिल्म है जिसमें एक ही रोल के लिए दो एक्ट्रेस को एकेडेमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था। जहां जवान रोज़ के रोल के लिए केट विंस्लेट को एकेडेमी अवॉर्ड नॉमिनेशन मिला था। तो वहीं बूढ़ी रोज़ के रोल के लिए ग्लोरिया स्टुअर्ट को एकेडेमी अवॉर्ड नॉमिनेशन मिला था। 

ऐसा ही इत्तेफाक दोबारा हुआ था साल 2001 में आई फिल्म आइरिस में। और ये भी एक मज़ेदार इत्तेफाक ही है कि आइरिस में भी केट विंस्लेट ने ही काम किया था। एक और कहानी जो टाइटैनिक के साथ जुड़ी है वो ये कि जैक के रोल के लिए ब्रिटिश एक्टर क्रिस्टियन बेल ने भी ऑडिशन दिया था। 

लेकिन जेम्स कैमरून ने इसलिए उन्हें सिलेक्ट नहीं किया क्योंकि वो नहीं चाहते थे कि टाइटैनिक के दोनों लीड एक्टर ब्रिटिश हों। दरअसल, केट विंसलेट भी ब्रिटिश ही हैं। और टाइटैनिक की शूटिंग के दौरान उन्हें अमेरिकन इंग्लिश एक्सेंट बोलने में काफी दिक्कतें आ रही थी।

दसवीं कहानी

टाइटैनिक में जैक एक थर्ड क्लास पैसेंजर है। जैक किसी तरह चुपके से फर्स्ट क्लास में घुस जाता है। ये सोचकर कि वो कभी पकड़ा नहीं जाएगा। हालांकि जैक की प्लानिंग फेल हो जाती है और वो पकड़ा जाता है। 

आपको जानकर हैरानी होगी कि असल टाइटैनिक जहाज में भी एक थर्ड क्लास पैसेंजर चुपके से फर्स्ट क्लास में घुसने में कामयाब रहा था। उस पैसेंजर का नाम था हिल्डा मारिया। हिल्डा मारिया चुपके से फर्स्ट क्लास में आ गई थी। और हिल्डा तो कभी पकड़ी भी नहीं गई थी। वो खुद ही चुपचाप वापस अपने थर्ड क्लास केबिन में लौट गई थी। 

और जिस वक्त आइसबर्ग से टाइटैनिक जहाज टकराया था उस वक्त हिल्डा अपने थर्ड क्लास केबिन में ही थी। किसी तरह हिल्डा एक लाइफबोट में सवार होकर टाइटैनिक हादसे में बच गई थी। सालों बाद हिल्डा ने एक मैगज़ीन के साथ अपना ये किस्सा शेयर किया था।

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