Anil Dhawan Biography | पुरानी फिल्मों का हैंडसम हीरो जिसे अब सब भुला चुके हैं

Anil Dhawan. गुज़रे ज़माने का वो अभिनेता जो फिल्मों में आया तो था बहुत बड़ा हीरो बनने। फिल्म इंडस्ट्री में शुरुआत भी इन्हें बढ़िया ही मिली थी। 

लेकिन फिर वक्त ने करवट बदली और अनिल धवन महज़ एक सपोर्टिंग कैरेक्टर्स निभाने वाले एक्टर बनकर ही रह गए।

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Anil Dhawan Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan आज आपको Anil Dhawan की कहानी बताएगा। वही Anil Dhawan जिन्हें आपने जाने कितनी ही फिल्मों में देखा होगा। लेकिन आप में से कई ऐसे होंगे जो इनका नाम भी नहीं जानते होंगे। 

शुरुआती जीवन

अनिल धवन का जन्म 27 नवंबर 1950 को हुआ था। हालांकि इनके जन्मस्थान को लेकर कई तरह के दावे किए जाते हैं। 

कुछ लोग कहते हैं कि अनिल धवन दिल्ली के रहने वाले एक पंजाबी परिवार में पैदा हुए थे। जबकी कुछ का मानना है कि अनिल धवन कानपुर के रहने वाले हैं। 

ये बात तो सच है कि अनिल धवन का कानपुर से गहरा रिश्ता है। लेकिन अनिल धवन कानपुर के नहीं, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के रहने वाले हैं। 

कानपुर में गुज़रा बचपन

दरअसल, अनिल धवन के पिता मदन लाल धवन यूको बैंक में एजीएम थे। अनिल छोटे ही थे जब उनके पिता ट्रांसफर होकर लखनऊ से कानपुर आ गए थे। 

अनिल की स्कूलिंग कानपुर के नामी सेंट ज़ेवियर्स स्कूल से हुई थी। फिर कानपुर के ही क्राइस्ट चर्च कॉलेज से अनिल ने अपना ग्रेजुएशन कंप्लीट किया। 

इस दौरान अनिल के पिता अपनी बैंक की नौकरी के चलते देश के अलग-अलग शहरों में जा रहे। लेकिन उनके परिवार ने कानपुर में ही रुकने का फैसला किया।

जितेंद्र थे पसंदीदा एक्टर

कॉलेज के दिनों में अनिल को जितेंद्र बहुत पसंद थे। अक्सर उनके दोस्त उनसे कहते थे कि तुम तो जितेंद्र जैसे दिखते हो। दोस्तों से मिलने वाली इस तारीफ ने अनिल को भी फिल्मी दुनिया की तरफ झुकाना शुरू कर दिया। 

हालांकि काफी वक्त तक वो अपनी इस ख्वाहिश को अपने दिल में ही दबाए रहे। क्योंकि अनिल जानते थे कि अगर उन्होंने किसी से ये कहा कि मैं फिल्मों में काम करना चाहता हूं तो उनका मज़ाक ही बनाया जाएगा।

एक विज्ञापन ने बदल दी ज़िंदगी

एक दिन एक अखबार में अनिल ने फिल्म इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया का विज्ञापन देखा। उस दिन पहली दफा अनिल को पता चला कि देश में ऐसा भी कोई कॉलेज है जहां फिल्मों में एक्टिंग करने की ट्रेनिंग दी जाती है।

अनिल ने बिना किसी को बताए FTII का एंट्रेस एग्ज़ाम दे दिया। यूं तो अनिल को ज़रा भी भरोसा नहीं था कि वो इसमें कभी पास हो पाएंगे। 

पर चूंकि उनकी किस्मत उन्हें फिल्मों में लाने का फैसला कर चुकी थी तो आखिरकार अनिल FTII के उस एंट्रेस एग्ज़ाम में पास हो ही गए।

जहां एक तरफ अनिल को उस एग्ज़ाम में पास होने की खुशी थी। तो वहीं दूसरी तरफ अनिल को इस बात की फिक्र भी हो रही थी कि जाने अब उनके माता-पिता क्या सोचेंगे। 

लेकिन जब अनिल ने अपने पिता को फिल्मों में जाने की अपनी ख्वाहिश और FTII के एग्ज़ाम में पास होने की बात बताई तो इनके पिता बहुत खुश हुए और उन्होंने अपना पूरा सपोर्ट देने का वादा इनसे किया।

लोगों ने उड़ाया था मज़ाक

माता-पिता का आशीर्वाद लेकर अनिल पहुंच गए FTII पुणे। यहां जया भादुरी और डैनी डैनजोंगपा अनिल के बैचमेट थे। 

अनिल जब कानपुर से पुणे के लिए निकल रहे थे तो फैसला कर चुके थे कि अगर उन्हें फिल्मों में कामयाबी नहीं मिली तो वो कभी लौटकर अपने शहर कानपुर नहीं जाएंगे। 

और अनिल ने ये फैसला इसलिए किया था क्योंकि इनके कुछ पड़ोसियों को पता चल गया था कि अनिल एक्टिंग की ट्रेनिंग लेने जा रहे हैं। उन पड़ोसियों ने अनिल की हौंसलाअफज़ाई करने की बजाय उनका मज़ाक उड़ाया था।

FTII में शत्रुघ्न सिन्हा से हुई दोस्ती

एक दफा FTII में एक फंक्शन हुआ था जिसमें शत्रुघ्न सिन्हा ने भी शिरकत की थी। शत्रुघ्न सिन्हा खुद भी FTII से पास आउट थे और उस ज़माने में फिल्मों में नाम कमाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। 

इत्तेफाक से अनिल धवन और शत्रुघ्न सिन्हा की उस दौरान बढ़िया दोस्ती हो गई। FTII से जाने से पहले शत्रुघ्न सिन्हा अनिल से कहकर गए कि तुम जब भी बॉम्बे आओ तो मुझसे ज़रूर मिलना। 

फिर कुछ महीनों बाद अनिल धवन और FTII में उनकी बैचमेट रही रश्मि, जो कि उनकी गर्लफ्रेंड थी और आगे चलकर उनकी पत्नी भी बनी, ये दोनों मुंबई गए और शत्रुघ्न सिन्हा से भी मिले।

शत्रु ने ही दिलाई पहली फिल्म

इस वक्त तक शत्रुघ्न सिन्हा पांच-छह फिल्मों में काम कर चुके थे और उन्होंने एक कार भी खरीद ली थी। अनिल और रश्मि को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा एक लॉन्ग ड्राइव पर निकल पड़े। 

गाड़ी में ही अचानक शत्रुघ्न सिन्हा को याद आया कि प्रोड्यूसर डायरेक्टर बीआर इशारा अपनी नई फिल्म के लिए किसी मासूम से चेहरे वाले लड़के की तलाश कर रहे हैं। 

शत्रु को लगा कि अनिल धवन बीआर इशारा की फिल्म के लिए एकदम पर्फेक्ट होंगे। उन्होंने तुरंत सारी बात अनिल धवन और रश्मि को बताई। साथ ही गाड़ी भी बी.आर. इशारा के घर की तरफ मोड़ दी। 

फिर जब ये लोग बीआर इशारा के घर पहुंचे तो अनिल और रश्मि को गाड़ी में ही छोड़कर शत्रु बी.आर. इशारा से मिलने चले गए। जबकी गाड़ी में अनिल और रश्मि की धड़कनें तेज़ होने लगी। 

फिर कुछ देर बाद जब इन्होंने शत्रु को वापस आते देखा तो इन्हें और ज़्यादा बेचैनी होने लगी। ये सोचकर कि जाने बी.आर. इशारा ने क्या जवाब दिया होगा। 

लेकिन जब शत्रुघ्न सिन्हा ने अनिल को बताया कि बी.आर. इशारा तुम्हें अपनी फिल्म में ले रहे हैं तो रश्मि और अनिल की खुशी का ठिकाना ना रहा। वो फिल्म थी चेतना। जो कि 1970 में रिलीज़ हुई थी।

पहली फिल्म से हुई इतनी कमाई

पहली फिल्म चेतना के लिए अनिल धवन को साढ़े सात हज़ार रुपए मिले थे। और साथ ही वादा किया गया था कि अगर चेतना 10 हफ्तों तक चल गई तो और साढ़े सात हज़ार रुपए भी दिए जाएंगे। चेतना बॉक्स ऑफिस पर कामयाब रही। 

नए लड़के अनिल धवन का काम लोगों को काफी पसंद आया। और इस तरह अनिल को बाकी के साढ़े सात हज़ार रुपए भी मिल गए। यानि कुल 15 हज़ार रुपए। 

बहुत ज़्यादा तो नहीं, लेकिन उस ज़माने में ये एक ठीक ठाक रकम हुआ करती थी। चेतना में अनिल धवन के जिग्री दोस्त शत्रुघ्न सिन्हा भी थे। 

जब घर वालों ने करा दी गर्लफ्रेंड से शादी

अनिल की अगली फिल्म थी मन तेरा तन तेरा। ये फिल्म भी उन्हें बीआर इशारा ने ही दी थी। हालांकि ये फिल्म बहुत ज़्यादा कमाल नहीं कर पाई। लेकिन अनिल की तीसरी फिल्म दो राहा ज़बरदस्त हिट रही। 

इसी फिल्म के प्रीमियर के लिए अनिल अपनी गर्लफ्रेंड रश्मि के साथ दिल्ली गए थे। दिल्ली में अनिल अपने एक कज़िन के घर रश्मि के साथ रुके। 

अनिल के उन रिश्तेदारों को जब पता चला कि रश्मि और अनिल बिना शादी किए ही साथ रहते हैं तो उन्होंने ये बात अनिल के माता-पिता को बता दी। 

अगले दिन अनिल के घरवाले आए और उन्होंने अनिल और रश्मि की शादी करा दी। 

अनिल की शादी से ठीक पहले ही उनकी फिल्म प्यार की कहानी भी रिलीज़ हुई थी जिसमें अमिताभ बच्चन ने भी काम किया था। और उस वक्त अमिताभ फिल्मी दुनिया में खुद को स्थापित करने के लिए संघर्ष कर रहे थे।

मजबूरी में हीरो से कैरेक्टर आर्टिस्ट बने Anil Dhawan

अनिल के करियर की छठी और सबसे यादगार फिल्मों में से एक थी पिया का घर जो साल 1972 में रिलीज़ हुई थी। 

इस फिल्म में अनिल की FTII बैचमेट जया भादुरी उनकी हिरोइन थी। इसके बाद अनिल ने कई फिल्मों में काम किया। 

लेकिन अस्सी का दशक आते-आते रोमांटिक फिल्में बननी कम हो गई और एक्शन फिल्मों का दौर शुरू हो गया। 

अनिल एक्शन फिल्मों में फिट नहीं बैठ पाए। और धीरे-धीरे उन्होंने खुद को कैरेक्टर रोल्स की तरफ शिफ्ट कर लिया।

अंधाधुन से फिर याद आए अनिल धवन

अपने करियर में अनिल धवन ने लगभग 100 फिल्मों में काम किया है। लेकिन आज के दौर में लोग अनिल धवन को लगभग भुला ही चुके थे। 

मगर जब साल 2018 में  अंधाधुन फिल्म रिलीज़ हुई तो एक बार फिर से लोगों को अनिल धवन याद आए। 

फिर साल 2020 में अनिल नज़र आए वरुण धवन की कुली नंबर वन में। अनिल की आखिरी रिलीज़्ड फिल्म है 2021 में आई शिद्दत। फिल्मों के अलावा इन्होंने टीवी पर भी काम किया है। 

परमपरा, तूफान, कुसुम, तुम बिन जाऊं कहां, मैं लक्ष्मी तेरे आंगन की जैसे टीवी शोज़ में इन्होंने अपनी बढ़िया मौजूदगी दर्ज कराई है।

ऐसी है अनिल धवन की निजी ज़िंदगी

बात अगर अनिल धवन की निज़ी ज़िंदगी के बारे में करें तो इनकी पत्नी रश्मि के बारे में तो हम आपको पहले ही बता चुके हैं। 

रश्मि और अनिल का एक बेटा सिद्धार्थ धवन और एक बेटी है। इनका बेटा सिद्धार्थ धवन भी एक एक्टर है और वो कुछ फिल्मों व टीवी शोज़ में एक्टिंग कर चुका है। 

अनिल की बेटी के बारे में तो हमें बहुत ज़्यादा जानकारियां नहीं मिल सकी। लेकिन इतना ज़रूर हम पता लगा पाए हैं कि वो भी फिल्म लाइन से जुड़ी हैं और डायरेक्टर श्रीराम राघवन के साथ काम कर चुकी हैं। 

अपनी बेटी के कहने पर ही अनिल धवन ने अंधाधुन फिल्म साइन की थी। अनिल धवन की पोती अंजनी धवन भी एक्टिंग जगत में आने की तैयारी कर रही हैं और सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। 

मशहूर डायरेक्टर-प्रोड्यूसर डेविड धवन अनिल धवन के सगे छोटे भाई हैं। यानि एक्टर वरुण धवन अनिल धवन के भतीजे हैं। 

अनिल धवन के एक बड़े भाई भी हैं जिनका नाम अशोक धवन है। हालांकि उनके बारे में हमें और कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।

Anil Dhawan को Meerut Manthan का सैल्यूट

अनिल धवन अब सत्तर साल से ज़्यादा के हो चुके हैं। और वो अभी भी एक्टिंग करते हैं। हालांकि एक वक्त आया था जब अनिल धवन ने खुद को पूरी तरह से एक्टिंग से दूर कर लिया था। 

Meerut Manthan ईश्वर से प्रार्थना करता है कि अनिल धवन का एक्टिंग करने का ये जज़्बा हमेशा बरकरार रहे। 

फिल्म इंडस्ट्री में अनिल धवन ने जो योगदान किया है, उसके लिए Meerut Manthan उन्हें सैल्यूट करता है। जय हिंद।

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