Dulhe Raja 1998 Trivia | दूल्हे राजा फिल्म की मेकिंग से जुड़े 15 Unknown Facts जो आपको बहुत पसंद आएंगे

Dulhe Raja 1998 Trivia. 10 जुलाई 1998 को रिलीज़ हुई दूल्हे राजा आज भी जब टीवी पर आती है तो लोग कुछ देर के लिए तो इस फिल्म को ज़रूर देखते हैं। गोविंदा, कादर खान और जॉनी लीवर की तिकड़ी ने इस फिल्म में कॉमेडी का ज़बरदस्त तड़का लगाया था। जबकी चार पांच दृश्यों में नज़र आए असरानी ने भी अपनी कॉमिक टाइमिंग से शमा बांध दिया था।

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Dulhe Raja 1998 Trivia - Photo: Social Media

ये फिल्म डायरेक्टर-प्रोड्यूसर हरमेश मल्होत्रा ने बनाई थी और इसकी कहानी लिखी थी राजीव कॉल ने। फिल्म का बजट था 5 करोड़ रुपए और कुल कमाई थी लगभग 22 करोड़ रुपए। यानि ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ज़बरदस्त हिट रही थी। और 1998 की आठवीं सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी। जबकी 1998 की सबसे ज़्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी कुछ कुछ होता है जिसने 47 करोड़ रुपए कमाए थे।

Meerut Manthan पर, आज हम और आप दूल्हे राजा फिल्म की मेकिंग से जुड़ी कुछ दिलचस्प और अनसुनी कहानियां जानेंगे। और दूल्हे राजा की ये अनसुनी कहानियां आपको पसंद आएंगी, हमें इसका पूरा यकीन है। Dulhe Raja 1998 Trivia.

पहली कहानी

दूल्हे राजा जिस वक्त रिलीज़ हुई थी उस वक्त गोविंदा अपने करियर की पीक पर थे। गोविंदा उस वक्त बॉलीवुड के कॉमेडी किंग कहे जाते थे। उस दौरान गोविंदा लगातार कॉमेडी फिल्मों में काम करते जा रहे थे और उनकी अधिकतर फिल्में सफल भी रही थी। 

लेकिन दूल्हे राजा गोविंदा के करियर के उस गोल्डन ईरा की आखिरी सफल फिल्म भी साबित हुई थी। दूल्हे राजा के बाद गोविंदा की एक भी सोलो फिल्म सफल नहीं हो सकी। यानि कहना चाहिए कि दुल्हे राजा के बाद से ही गोविंदा का करियर ढलान पर आना शुरू हो गया था।

दूसरी कहानी

दूल्हे राजा फिल्म जब रिलीज़ हुई थी तो इसे देशभर में पसंद किया गया था। लेकिन यूपी और बिहार में ये फिल्म सबसे ज़्यादा चली थी। 

और इस बारे में फिल्म इंडस्ट्री के कई जानकारों का कहना था कि चूंकि फिल्म में गोविंदा का कैरेक्टर यूपी का रहने वाला है जो मुंबई में शान से और बिना किसी से डरे अपना ढाबा चलाता है तो उनका ये किरदार यूपी बिहार की एक बड़ी आबादी से कनैक्ट हो गया। 

यही वजह है कि देश के इन दो राज्यों में इस फिल्म को सबसे ज़्यादा पसंद किया गया था। और दूल्हे राजा ने इन्हीं दो राज्यों में उस वक्त सफलता के कई नए रिकॉर्ड्स सैट किए थे।

तीसरी कहानी

दूल्हे राजा नब्बे के दशक में गोविंदा के करियर की इकलौती ऐसी फिल्म थी जो इतनी बड़ी हिट साबित हुई थी और जिसे डेविड धवन ने डायरेक्ट नहीं किया था। ये फिल्म हरमेश मल्होत्रा ने डायरेक्ट की थी। जबकी गोविंदा को कॉमेडी किंग का दर्जा डेविड धवन की फिल्मों से मिला था। 

गोविंदा और डेविड धवन ने 17 फिल्में एक साथ की हैं जिनमें शोला और शबनम, आंखें, राजा बाबू, कुली नंबर वन, साजन चले ससुराल, हीरो नंबर वन, बड़े मियां छोटे मियां और हसीना मान जाएगी जैसी कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई थी।

चौथी कहानी

दूल्हे राजा का एक ऐसा पोस्टर रिलीज़ हुआ था जिसमें गोविंदा ने पांच सन ग्लासेज़ अपने चेहरे से लेकर सिर तक लगाए हैं। गोविंदा का ये लुक द बीटल्स बैंड के जॉन लैनन से इंस्पायर्ड था। दरअसल, जॉन लैनन को ग्लासेज़ स्टाइलिस्ट कहा जाता था। 

जॉन लेनन हमेशा अलग-अलग तरह के सनग्लासेज़ में नज़र आते थे। और ये उनका स्टाइल आइकन बन गया था। सालों पहले जॉन लेनन की एक तस्वीर सामने आई थी जिसमें उन्होंने अपने चेहरे पर पांच सनग्लासेज़ लगाए थे। 

हालांकि लैनन के सभी सनग्लासेज़ उनके चेहरे तक ही थे। जबकी गोविंदा ने उनके इस स्टाइल को हल्का सा मॉडिफाई करते हुए अपनी चिन से लेकर अपने सिर के बीच तक सन ग्लासेज़ लगाए थे।

पांचवी कहानी

गोविंदा और कादर खान की जोड़ी ने कई फिल्मों में लोगों को खूब हंसाया है। लेकिन दूल्हे राजा इस जोड़ी की आखिरी फिल्म थी जिसमें उन्होंने इतनी ज़बरदस्त कॉमेडी की थी। दूल्हे राजा के बाद कादर खान और गोविंदा ने और भी कुछ फिल्मों में साथ काम किया था। 

लेकिन उनमें से कोई फिल्म दूल्हे राजा जैसी सफलता नहीं हासिल कर सकी थी। आपको जानकर हैरानी होगी कि अपने करियर में गोविंदा ने 41 फिल्मों में कादर खान के साथ काम किया था। इन दोनों की आखिरी रिलीज़्ड फिल्म थी दीवाना मैं दीवाना जो कि साल 2013 में आई थी। हालांकि ये फिल्म 10 साल पहले ही शूट हो चुकी थी।

छठी कहानी

जैसा कि हमने आपको बताया था कि दूल्हे राजा गोविंदा के करियर की आखिरी सुपरहिट फिल्म थी। और यही फिल्म गोविंदा और कादर खान की जोड़ी की आखिरी सफल फिल्म भी थी। लेकिन ये फिल्म डायरेक्टर हरमेश मल्होत्रा की भी आखिरी सफल फिल्म थी। 

दूल्हे राजा के बाद हरमेश मल्होत्रा ने गोविंदा के साथ ही अंखियों से गोली मारे और खुल्लम खुल्ला प्यार करें नाम से दो फिल्में बनाई थी। 

लेकिन ये दोनों ही फिल्में सुपरफ्लॉप रही थी। 1986 में आई नगीना के बाद हरमेश मल्होत्रा की बनाई सारी फिल्में फ्लॉप हो रही थी। फिर 1998 में दूल्हे राजा ने उन्हें सफलता का स्वाद चखाया था। लेकिन यही फिल्म हरमेश मल्होत्रा की आखिरी सफल फिल्म भी साबित हुई।

सातवीं कहानी

दूल्हे राजा फिल्म का ट्रैक अंखियों से गोली मारे तगड़ा हिट हो गया था। रवीना टंडन और गोविंदा की डांसिंग कैमिस्ट्री लोगों को बहुत पसंद आई। और डायरेक्टर हरमेश मल्होत्रा ने इस गाने की पॉप्युलैरिटी का फायदा उठाने के लिए एक बड़ा रिस्क ले लिया, जिसमें आखिरकार उन्हें मोटा नुकसान भी उठाना पड़ा। 

दरअसल, हरमेश मल्होत्रा ने अंखियों से गोली मारे नाम से एक पूरी फिल्म ही बना दी। और उस फिल्म में लगभग वही स्टारकास्ट थी जो दूल्हे राजा में थी। 

दूल्हे राजा के अंखियों से गोली मारे गाने को और ज़्यादा कैश करने के चक्कर में हरमेश मल्होत्रा ने फिल्म की कहानी और स्क्रिप्ट पत ध्यान दिया ही नहीं। नतीजा ये हुआ कि एक बहुत ही घटिया स्क्रिप्ट पर अंखियों से गोली मारे नाम से पूरी फिल्म शूट हो गई जो रिलीज़ होते ही बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी।

आठवीं कहानी

दूल्हे राजा फिल्म के म्यूज़िक एल्बम में कुल 7 गाने थे। लेकिन फिल्म में कुल 5 गाने ही इस्तेमाल किए गए थे। फिल्म के एल्बम का पहला गीत आई बनके रुत मस्तानी जिसे सोनू निगम और अनुराधा पौड़वाल ने गाया था, वो फिल्म में इस्तेमाल नहीं किया गया था। 

वहीं फिल्म के म्यूज़िक एल्बम का आखिरी गाना निगाहें क्यों चुराती है भी फिल्म में नहीं यूज़ किया गया था। इस गाने को उदित नारायन और राम शंकर ने आवाज़ दी थी। 

दूल्हे राजा का म्यूज़िक दिया था नब्बे के दशक की दिग्गज म्यूज़िशियन जोड़ी आनंद मिलिंद ने। जबकी इस फिल्म के गीत गाए थे सोनू निगम, जसपिंदर नरुला, विनोद राठौड़, अनुराधा पौड़वाल, उदित नारायन और राम शंकर ने।

नौंवी कहानी

दूल्हे राजा में गोविंदा के अपोज़िट रवीना टंडन को काफी पसंद किया गया था। गोविंदा और रवीना की जोड़ी लगभग 10 फिल्मों में साथ नज़र आ चुकी है। लेकिन दूल्हे राजा में ये दोनों दूसरी दफा एक-दूसरे के अपोज़िट नज़र आए थे। 

इस फिल्म से पहले 1 मई 1998 को आई आंटी नंबर वन फिल्म में भी ये दोनों लीड भूमिकाओं में थे। और आंटी नंबर वन भी बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई थी। वैसे इस जोड़ी ने साल 1994 में कुछ फिल्में साथ साइन की थी। 

लेकिन वो फिल्में वक्त पर रिलीज़ हो ही नहीं पाई थी। आगे चलकर इस जोड़ी ने बड़े मियां छोटे मियां, अंखियों से गोली मारे, परदेसी बाबू, राजाजी, अनाड़ी नंबर वन और वाह तेरा क्या कहना में भी काम किया था। 

दसवीं कहानी

दूल्हे राजा में गोविंदा के अपोज़िट पहले ममता कुलकर्णी को साइन करने की प्लानिंग की जा रही थी। हरमेश मल्होत्रा गोविंदा और ममता कुलकर्णी के साथ किस्मत फिल्म बना चुके थे जो साल 1995 में रिलीज़ हुई थी। 

लेकिन ममता कुलकर्णी ने दूल्हे राजा फिल्म का ऑफर ठुकरा दिया। ममता के इनकार करने के बाद दूल्हे राजा का ऑफर रवीना टंडन के पास गया जिसे उन्होंने बेझिझक एक्सेप्ट भी कर लिया। 

और उनका ऐसा करना लाज़िमी भी था। एक तो हरमेश मल्होत्रा और रवीना टंडन के पिता रवि टंडन अच्छे दोस्त थे। दूसरे गोविंदा उस ज़माने के नामी स्टार थे और उनकी ज़्यादातर फिल्में सक्सेसफुल रहती थी।   

11वीं कहानी

दूल्हे राजा गोविंदा के करियर की टॉप फिल्मों में शुमार होती है। हालांकि पहले इस फिल्म का नाम दूल्हे राजा नहीं था। हरमेश मल्होत्रा पहले इस फिल्म को 'तू हंसी मैं जवां' नाम से रिलीज़ करना चाहते थे। 

मगर फिर बाद में उन्होंने वो नाम बदलकर इस फिल्म का नाम दूल्हे राजा रख दिया। साल 2001 में कन्नड़ भाषा में दूल्हे राजा फिल्म का रीमेक बनाया गया था जिसका नाम था शुक्रादेशे। और ये फिल्म भी ठीक ठाक चली थी।

12वीं कहानी

दूल्हे राजा का सॉन्ग अंखियों से गोली मारे इस फिल्म के लिए बहुत लकी साबित हुआ था। दरअसल, बिना इंटरनेट वाले उस दौर में फिल्मों के ट्रेलर सिनेमाहॉल्स में या फिर कुछ टीवी चैनल्स पर ही दिखाए जाते थे। 

ऐसे में दूल्हे राजा के इसी सॉन्ग की कुछ सेकेंड्स की क्लिप्स को ज़्यादा से ज़्यादा टीवी चैनलों पर दिखाया गया। और चूंकि इस गाने में गोविंदा ने अपनी डांसिंग स्टाइल और अपने लुक्स से तूफान मचा दिया था तो टीवी पर ये गाना देखकर लोग इस फिल्म को देखने सिनेमाघरों में खिंचे चले आए। 

हालांकि कादर खान और जॉनी लीवर कॉमेडी की को लोगों ने सबसे ज़्यादा पसंद किया था। इस फिल्म में की गई अपनी कॉमेडी के लिए कादर खान और जॉनी लीवर दोनों को ही फिल्मफेयर बेस्ट कॉमेडियन अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया था। जिसे आखिरकार जॉनी लीवर ने जीता था।

13वीं कहानी

दूल्हे राजा में प्रेम चोपड़ा और मोहनीश बहल विलेनियस रोल में दिखे थे। डायरेक्टर हरमेश मल्होत्रा की प्लानिंग थी कि फिल्म के क्लाइमैक्स में एक ज़बरदस्त एक्शन सीक्वेंस रखा जाएगा जिसमें खूब सारे विलेन्स और गन्स होंगी जिनसे गोविंदा फाइट करेंगे। 

लेकिन गोविंदा ने हरमेश मल्होत्रा को सलाह दी कि ये पूरी फिल्म कॉमेडी ही रखी जानी चाहिए। अगर इसके क्लाइमैक्स में इतना तगड़ा एक्शन सीक्वेंस डाला जाएगा तो ये दर्शकों को हजम नहीं होगा। जो दर्शक इस फिल्म को देखकर पेट पकड़कर हसेंगे उन्हें आखिरी में तगड़ी मारधाड़ अजीब लगेगी। 

हरमेश मल्होत्रा को गोविंदा का ये आइडिया पसंद आ गया और उन्होंने फिल्म का क्लाइमैक्स चेंज करते हुए उसमें भी कॉमेडी डाल दी। जो कि अल्टीमेटली एकदम सही फैसला साबित हुई।

14वीं कहानी

दूल्हे राजा का सॉन्ग कहां राजा भोज कहां गंगू तेली एक कंट्रोवर्सी में फंस गया था। दरअसल, नागपुर में मौजूद विदर्भ तेली समाज महासंघ नाम की एक संस्था ने इस गीत को अपने समाज की भावनाओं पर चोट बताया था। इस संस्था ने दूल्हे राजा फिल्म के मेकर्स पर मुकदमा भी दायर कर दिया था। 

महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर जोशी को भी इस संस्था ने चिट्ठी लिखी थी और इस गाने को बैन करने की मांग की थी। लेकिन आखिरकार अदालत के बाहर ही ये मामला निपटा लिया गया और वो गाना फिल्म में बिना किसी परेशानी के इस्तेमाल किया गया।

15वीं कहानी

दूल्हे राजा फिल्म की शूटिंग के पहले दिन गोविंदा और रवीना टंडन पर एक सॉन्ग फिल्माया गया था जिसके बोल थे लड़का दिवाना लगे। ये गाना फिल्म में सबसे पहले आता है। और ये भी एक इत्तेफाक ही है कि फिल्म की पूरी शूटिंग कंप्लीट होने के बाद इसका सबसे पॉप्युलर सॉन्ग अंखियों से गोली मारे शूट किया गया था। 

इस फिल्म के कई सीन्स मुंबई और हैदराबाद में शूट किए गए थे। जहां हैदराबाद में ये फिल्म रामोजी फिल्म स्टूडियो और अन्नपुर्णा स्टूडियो में शूट हुई थी। तो वहीं मुंबई में ये फिल्म महबूब स्टूडियो और कमालिस्तान स्टूडियो में शूट की गई थी। 

और ये बात जानकर आपको हैरानी होगी कि फिल्म के इक्का-दुक्का सीन्स में गोविंदा की आवाज़ को दूसरे डबिंग आर्टिस्ट से डब कराया गया था।

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