Gunja of Nadiya Ke Paar Actress Sadhana Singh Biography

Gunja of Nadiya Ke Paar Actress Sadhana Singh Biography. भारत का शायद ही कोई सिनेप्रेमी होगा जो नदिया के पार फिल्म की गुंजा को ना जानता हो। गुंजा की मासूमियत और चंचलता ने केवल चंदन तिवारी का ही नहीं, जाने कितनों का दिल जीत लिया था। गुंजा का वो यादगार किरदार निभाने वाली उस एक्ट्रेस का नाम साधना सिंह है। लेकिन ये भी एक सच है कि बहुत लोग ऐसे हैं जो हमेशा से इन्हें गुंजा के नाम से ही जानते रहे हैं।

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Nadiya Ke Paar Actress Sadhana Singh Biography - Photo: Social Media

Meerut Manthan पर पेश है नदिया के पार फिल्म की प्यारी दुलारी गुंजा यानि एक्ट्रेस साधना सिंह की कहानी। साधना सिंह फिल्मों में कैसे आई? और नदिया के पार फिल्म के बाद उनके करियर का क्या हुआ? ये सारी कहानी आज हम और आप जानेंगे। Gunja of Nadiya Ke Paar Actress Sadhana Singh Biography.

शुरुआती जीवन

साधना सिंह का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी में रहने वाले एक सिख परिवार में हुआ था। इनके माता-पिता देश के बंटवारे के बाद लाहौर से वाराणसी आकर बस गए थे। भारत आने के बाद इनके पिता ने एलआईसी में नौकरी शुरू कर दी थी। साधना का जन्म भारत में ही हुआ था। 

और चूंकि इनके पिता का ट्रांसफर देश के अलग-अलग शहरों में होता रहता था तो साधना का बचपन भी कई शहरों में गुज़रा था। साधना की मां एक गृहणी थी। सभी भाई-बहनों में साधना सबसे छोटी हैं। साधना की मां ने फिल्म लव इन शिमला की लीड हिरोइन साधना से प्रेरित होकर इनका नाम साधना रखा था।

यूं किस्मत खींच लाई मुंबई

साधना सिंह कभी एक्ट्रेस बनना ही नहीं चाहती थी। वो बचपन से ही गाने की शौकीन थी और बड़ी होकर गायिका बनना चाहती थी। साधना सिंह की बड़ी बहन दिल्ली में रहकर भारतीय कला केंद्र में पंडित बिरजू महाराज से नृत्य की शिक्षा ले रही थी। 

साधना की बड़ी बहन जिनका नाम सुरिंदर कौर था, उन्हें राजश्री की एक फिल्म में काम करने का मौका मिला था। उस फिल्म का नाम था पायल की झनकार और उस फिल्म को सत्येन बोस ने डायरेक्ट किया था। 

साधना की बहन सुरिंदर कौर को उस फिल्म में वीना नाम का किरदार निभाने को मिला था। उस फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में सुरिंदर कौर जी का मुंबई जाना हुआ। और चूंकि वो मुंबई में एकदम अकेली थी तो उन्होंने अपनी बहन साधना को भी अपने पास मुंबई बुला लिया।

नदिया के पार की हिरोइन बन गई साधना

मुंबई आने के बाद साधना अक्सर अपनी बहन सुरिंदर के साथ पायल की झनकार फिल्म की शूटिंग देखने जाया करती थी। वहां अक्सर नदिया के पार के डायरेक्टर गोविंद मुनीष साधना को बड़े ध्यान से देखते थे। दरअसल, उस वक्त तक नदिया के पार फिल्म की स्क्रिप्ट तो पूरी हो चुकी थी। 

लेकिन मुख्य हीरोइन के लिए कोई चेहरा नहीं मिल पा रहा था। गोविंद मुनीष को साधना में अपनी ये तलाश पूरी होती नज़र आई। फिर जिस दिन साधना मुंबई से वापस वाराणसी आने वाली थी उसी दिन गोविंद मुनीष ने उन्हें नदिया के पार फिल्म में गुंजा का रोल निभाने का ऑफर दिया। 

चूंकि साधना एक्ट्रेस नहीं, गायिका बनना चाहती थी तो उन्होंने गोविंद मुनीष को मना कर दिया। मगर जब साधना की बड़ी बहन सुरिंदर कौर ने उन्हें समझाया तो वो मान गई। और इस तरह गोविंद मुनीष को मिली नदिया के पार फिल्म की गुंजा। 

गांव के माहौल में बखूबी ढल गई साधना

चूंकि साधना वाराणसी में पली-बढ़ी थी तो उन्हें गांव के माहौल का अंदाज़ा नहीं था। फिल्म की पूरी यूनिट जब उत्तर प्रदेश के जौनपुर ज़िले के विजयपुर गांव पहुंची तो पहले दिन ही डायरेक्टर गोविंद मुनीष ने साधना को गांव के खेतों में दौड़ लगाने को कहा। 

साथ ही निर्देश दे दिया कि वो जब तक फिल्म की शूटिंग के लिए इस गांव में हैं तब तक यहीं रहेंगी। उनकी ज़रूरत का सारा सामान उन्हें यहीं मिल जाएगा। उन्हें गांव छोड़कर कहीं नहीं जाना होगा। ना ही गुंजा को ब्रश करने की इजाज़त थी। 

गोविंद मुनीष ने उनसे कह दिया था कि उन्हें गांव के लोगों की तरह दातून से अपने दांत साफ करने होंगे। और किसी से अंग्रेजी में बात नहीं करनी होगी। 

गोविंद मुनीष के इन निर्देशों का ही नतीजा था कि बहुत ही थोडे वक्त में साधना सिंह गुंजा के किरदार में एकदम ढल गई थी। गांव के माहौल में साधना कुछ ऐसी घुली-मिली की कोई कह नहीं सकता था कि ये लड़की शहर की रहने वाली है।

साधना के लिए रोई थी गांव की महिलाएं

एक इंटरव्यू में साधना सिंह ने नदिया के पार फिल्म के दौरान के अपने कुछ तजुर्बे बताते हुए कहा था कि गांव के लोगों से उनकी इतनी बढ़िया दोस्ती हो गई थी कि वो किसी के भी घर जाकर खाना खा लिया करती थी। फिल्म में उनकी शादी के सीन्स पहले शूट कर लिए गए थे। 

जबकी शुरुआत के सीन बाद में शूट किए गए थे। लेकिन गांव की भोली भाली महिलाएं जब गुंजा को देखती थी तो उनसे कहती थी कि अब तो तुम्हारी शादी हो चुकी है। अब तो तुम्हें सिंदूर लगाकर रहना चाहिए और घूंघट भी रखना चाहिए। 

वो बेचारी महिलाएं नहीं जानती थी कि साधना ने जो शादी की है वो कोई असली शादी नहीं बल्कि फिल्मी शादी है। उस गांव के लोगों से साधना सिंह का रिश्ता इतना खास हो गया था कि जब शूटिंग खत्म करके साधना वापस मुंबई आ रही थी तो गांव की कई महिलाएं रोने लगी थी। उन्हें रोता देख साधना की आंखों से भी आंसू बह निकले थे।

नदिया के पार के बाद साधना का करियर

नदिया के पार के बाद यूं तो साधना ने कई फिल्मों में काम किया। लेकिन साधना अपने दिल के करीब इक्का-दुक्का फिल्मों को ही मानती हैं। इनमें से एक थी तुलसी, जिसमें उनके हीरो एक बार फिर से सचिन पिलगांवकर ही थे। तुलसी में साधना सिंह ने डबल रोल निभाया था। 

दूसरी फिल्म जो साधना के दिल के करीब है वो है सुर संगम। उस फिल्म में जया प्रदा और गिरीश कर्नाड जैसे नामी कलाकार थे। यूं तो सुर संगम बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल नहीं दिखा सकी थी। लेकिन साधना सिंह को वो फिल्म और फिल्म का अपना किरदार हमेशा पसंद आए। 

संजीव कुमार से पंगा

सन 1986 में एक फिल्म आई थी बदकार, जिसमें साधना सिंह महान संजीव कुमार के अपोज़िट नज़र आई थी। उस फिल्म से जुड़ा एक रोचक किस्सा कुछ यूं है कि साधना और संजीव कुमार के ऊपर एक गाना शूट होना था। 

लेकिन जिस दिन वो गाना शूट होना था उस दिन संजीव कुमार शूटिंग पर बहुत देर से आए। साधना को काफी देर तक उनका इंतज़ार करना पड़ा था। संजीव कुमार जब सेट पर आए तो साधना ने उन्हें टोक दिया। और फिर अगले दिन से संजीव कुमार सेट पर टाइम से आने लगे।

जल्द ही कर ली थी साधना सिंह ने शादी

साधना सिंह ने बहुत ज़्यादा फिल्मों में काम नहीं किया। हालांकि हिंदी के अलावा उन्होंने कुछ भोजपुरी भाषा की फिल्मों में काम ज़रूर किया था। लेकिन जल्दी ही फिल्म इंडस्ट्री से वो दूर होने लगी। साल 1991 में आई प्यार का सावन फिल्म के बाद साधना ने खुद को फिल्मों से दूर कर लिया था। 

वजह थी उनका शादी करना। साधना ने भोजपुरी फिल्मों के नामी प्रोड्यूसर राजकुमार शाहाबादी से शादी कर ली थी। इस शादी से इनके दो बच्चे हुए। साधना की बेटी शीना शाहाबादी भी एक्ट्रेस हैं। जबकी इनके बेटे के बारे में कोई जानकारी इंटरनेट पर नहीं मिल पाई है। 

बात अगर साधना सिंह के पति राजकुमार शाहाबादी की करें तो उनके पिता यानि साधना सिंह के ससुर बिस्वनाथ प्रसाद शाहाबादी ही वो शख्स थे जिन्होंने पहली भोजपुरी फिल्म गंगा मइया तोहे पियारी चढ़ाइबे बनाई थी। और वो फिल्म उन्होंने देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद के कहने पर बनाई थी। उस फिल्म में ज़बरदस्त अभिनेता नज़ीर और अभिनेत्री कुमकुम ने अहम भूमिकाएं निभाई थी। 

शुरू हुई दूसरी पारी

फिल्म इंडस्ट्री में साधना सिंह की दूसरी पारी शुरू हुई थी 2016 में आई फिल्म जुगनी से। इसके बाद साधना सिंह ने अनुराग कश्यप की मुक्काबाज़ में काम किया। फिर 2019 में आई फिल्म सुपर 30 में साधना सिंह ने ऋतिक रोशन की मां का किरदार निभाया था। साधना की लास्ट रिलीज़्ड फिल्म थी 2022 में आई गिल्टी माइंड्स। फिल्मों के अलावा साधना ने ढेरों टीवी शोज़ में भी काम किया है। 

साधना सिंह को मेरठ मंथन का सलाम

इन दिनों साधना सिंह सोशल मीडिया पर खूब एक्टिव रहती हैं और अक्सर अपनी तस्वीरें व वीडियो अपने फैंस के साथ शेयर करती रहती हैं। किस्सा टीवी साधना सिंह के सुखी जीवन और अच्छी सेहत की कामना करता है। नदिया के पार फिल्म की गुंजा के किरदार को जितनी सजीवता से साधना सिंह ने जिया था, शायद ही कोई दूसरी अदाकारा वैसे जी पाती। मेरठ मंथन साधना सिंह उर्फ गुंजा को सैल्यूट करता है। जय हिंद।

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