Asha Bhosle की वो कहानी जो हर किसी को नहीं पता है | Hindi Biography
Asha Bhosle. भारतीय संगीत जगत का एक ऐसा नाम, जिसे जब भी पुकारा जाता है, बहुत इज्ज़त और सम्मान के साथ पुकारा जाता है। गायकी का ऐसा अनोखा अंदाज़ इन्होंने पेश किया जो भारत के संगीत प्रेमियों को एकदम हटकर और मज़ेदार लगा। साठ साल से भी ज़्यादा लंबे करियर में आशा जी ने तेरह हज़ार से भी ज़्यादा और जाने कितनी ही भाषाओं में गीत गाए।
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Asha Bhosle Hindi Biography - Photo: Social Media |
Meerut Manthan आज कहेगा Legendary Asha Bhosle की कहानी। Asha Bhosle की ज़िंदगी के कई पहलुओं को आज हम और आप जानेंगे।
शुरुआती जीवन
आशा जी का जन्म हुआ था 8 सितंबर 1933 को महाराष्ट्र के सांगली में। आशा जी के पिता दीनानाथ मंगेशकर एक शास्त्रीय गायक थे और मराठी थिएटर में अदाकारी भी किया करते थे। जबकी आशा जी की मां शेवंती एक हाउसवाइफ थी।
आशा जी अपनी बहनों में तीसरे नंबर पर थी। छोटी उम्र से ही आशा जी को अपने घर में संगीतमय माहौल मिल गया था। हालांकि आशा जी ने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन ये भारत की एक नामी प्लेबैक सिंगर बनेंगी।
यूं छूट गई आशा भोंसले की पढ़ाई
आशा जी जब पहली दफा स्कूल गई तो स्कूल के मास्टर ने ये कहते हुए इन्हें और इनकी दीदी लता मंगेशकर को स्कूल से भगा दिया कि एक बच्चे की फीस में वो दो को स्कूल में नहीं बैठने देगा। उस वक्त केवल लता जी ही स्कूल जाया करती थी।
जब ये दोनों रोते हुए अपने घर वापस लौटी और पिता को सारी बात बताई तो उन्होंने फैसला कर लिया कि अब से वो अपनी किसी बच्ची को स्कूल में नहीं भेजेंगे। और इस तरह आशा जी के साथ लता जी की पढ़ाई भी छूट गई।
जब परिवार पर टूटा मुसीबतों का पहाड़
आशा जी महज़ नौ साल की ही थी जब इनके पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर जी का स्वर्गवास हो गया। पिता के जाने के बाद इनकी दीदी लता ने फिल्मों के लिए गाना शुरू कर दिया और इनका परिवार सांगली से पुणे आ गया।
उस मुश्किल दौर में इनकी लता दीदी ही घर का खर्च चला रही थी। चाहती तो आशा भी थी कि वो भी घर चलाने में अपनी दीदी का साथ दें। लेकिन वो कुछ कर नहीं पा रही थी।
हालांकि उन्होंने कुछ मराठी और हिंदी फिल्मों में इक्का-दुक्का गीत भी गाए थे। लेकिन इन्हें वो तवज्ज़ो नहीं मिल रही थी जो इनकी दीदी लता मंगेशकर को मिल रही थी।
बहन Lata Mangeshkar ये यूं बिगड़ गए Asha Bhosle
इसी बीच आशा जी ने एक ऐसा कदम उठा लिया जिससे इनके संबंध इनके घरवालों से, और खासतौर से इनकी दीदी से बहुत ज़्यादा खराब हो गए। आशा जी ने महज़ 16 साल की उम्र में 32 साल के गणपतराव भोसले से शादी कर ली।
उस ज़माने में गणपतराव भोसले लता मंगेशकर के सेक्रेटरी हुआ करते थे। आशा जी के इस कदम से उनकी बड़ी बहन लता मंगेशकर उनसे खासी नाराज़ हो गई और उन्होंने आशा जी से बात करना छोड़ दिया।
पति से भी हो गया तलाक
गणपतराव भोसले से आशा भोसले को तीन बच्चे पैदा हुए। दो बेटे हेमंत और आनंद, व एक बेटी वर्षा। लेकिन कुछ ही सालों बाद आशा और गणपतराव भोसले के बीच विवाद होने शुरू हो गए और आखिरकार दोनों तलाक लेकर अलग हो गए।
तलाक के बाद आशा भोसले ने खुद को तराशना और म्यूज़िक की दुनिया में मेहनत करना शुरू कर दिया। आशा ने अपने करियर पर जमकर ध्यान दिया। और आखिरकार आशा भोसले को भी फिल्म इंडस्ट्री में कामयाबी मिलनी शुरू हो ही गई।
यूं मिलती चली गई सफलता
इंडस्ट्री में पहले से ही मौजूद कई स्थापित और नामी गायिकाओं के बीच आशा जी ने भी अपनी जगह बना ही ली। और कहना चाहिए कि आशा भोसले की कामयाबी में महान सचिन देव बर्मन जी और ओपी नैय्यर साहब का बड़ा योगदान रहा।
इन दोनों दिग्गज संगीतकारों ने ही आशा जी को एक से बढ़कर एक और अलग अंदाज़ के गाने दिए। और आशा जी ने भी बखूबी उन गानों को गाया।
ये इंसान था अहम
हालांकि एक संगीतकार ऐसा था जिसने आशा जी को फिल्मों में गायकी करना सिखाया था। और ये थे सज्जाद हुसैन, जो अपनी सख्त मिजाज़ी के लिए मशहूर थे। बड़े-बड़े गायक उनके सामने घबराते थे।
आशा जब उनके पास पहुंची तो बड़े गुज़ारिशी अंदाज़ में बोली, देखिए, मुझे तो गाना नहीं आता है। मैं तो इसलिए गायकी सीख रही हूं ताकि अपना परिवार पाल सकूं।
मास्टर सज्जाद हुसैन को आशा जी पर तरस आया और उन्होंने आशा जी को संगीत सिखाने के लिए बहुत मेहनत की। ये मास्टर सज्जाद ही थे जिन्होंने आशा भोसले को सलाह दी थी कि शास्त्रीय संगीत ही नहीं, लाइट म्यूज़िक भी सीखो। क्योंकि आने वाला वक्त लाइट म्यूज़िक का ही है।
और हम सभी जानते हैं कि आशा जी लाइट म्यूज़िक में कितनी कामयाब रही है। कहां तो एक वक्त वो था जब साइड रोल निभाने वाली लड़िकयों पर फिल्माए जाने वाले गानों में ही आशा जी की आवाज़ ली जाती थी। और कहां वो दौर भी आया जब बड़ी-बड़ी हीरोइनें ख्वाहिश जताने लगी कि उनके गाने आशा भोसले गाएं।
आर.डी.बर्मन बने हमसफर
आशा जी के पहले पति गणपतराव भोसले के बारे में हम पहले ही बात कर चुके हैं। आशा जी से तलाक के कुछ साल बाद ही गणपतराव भोसले का निधन हो गया था।
फिर कई साल बाद आशा जी को मुहब्बत हुई महान संगीतकार आरडी बर्मन साहब से। और इन्होंने आरडी बर्मन से शादी भी कर ली। आशा जी दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की कर रही थी। हर तरफ उनके नाम का चर्चा हो रहा था।
आशा जी की खुशियों को लगी बुरी नज़र
लेकिन फिर नब्बे के दशक में वो दिन भी आया जब आशा जी की ज़िंदगी की खुशियां एक दफा फिर से छिन गई। 4 जनवरी 1994 को महज़ 54 साल की उम्र में पंचम दा उर्फ आरडी बर्मन ये दुनिया छोड़कर चले गए।
आशा जी की दुनिया उनके बच्चों पर ही केंद्रित होकर रह गई। मगर साल 2012 में आशा जी की बेटी वर्षा भोसले ने भी डिप्रेशन के चलते खुदकुशी कर ली। आशा जी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। लेकिन उन्होंने कभी भी अपना दुख ज़माने के सामने नहीं रोया।
आशा भोंसले के बेटों की जानकारी
आशा जी के बेटों की बात करें तो इनके बड़े बेटे हेमंत भोसले एक पायलट रह थे। साथ ही वो काफी वक्त तक फिल्म इंडस्ट्री में म्यूज़िक डायरेक्टर के तौर पर भी काम कर चुके थे और हेमंत कुमार के नाम से जाने जाते थे। 2015 में कैंसर के चलते हेमंत की भी मौत हो गई थी।
आशा जी के छोटा बेटे आनंद के बारे में बताया जाता है कि वो विदेश में कहीं रहता है। पहले पति गणपतराव भोसले से शादी के बाद आशा जी की अपनी बहन लता मंगेशकर से जो दूरियां बन गई थी वो बच्चों के जन्म के बाद खत्म हो गई थी। हालांकि दोनों के बीच एक रस्साकसी हमेशा चलती रही।
Meerut Manthan का Asha Bhosle को Big Salute
आशा जी की उम्र अब 89 साल हो चुकी है। और इस उम्र में भी आशा जी के अंदर ज़िंदादिली की कोई कमी नहीं है। मेरठ मंथन आशा जी की अच्छी सेहत के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता है।
और साथ ही भारतीय संगीत में आशा जी ने अपना जो बहुमूल्य योगदान दिया है, उसके लिए Meerut Manthan उन्हें सैल्यूट करता है। जय हिंद।
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