Aadesh Shrivastava | भारत का वो Music Director जिसके साथ नसीब ने गंदा खेल खेला | Biography
Aadesh Shrivastava. एक ऐसा संगीतकार जो बेहद हुनरमंद था। एक ऐसा संगीतकार जो बेहद खुद्दार था। जिसने कई फिल्मों में बड़ा मधुर और हिट संगीत दिया।
खुद भी कुछ बड़े ही शानदार गाने गाए। लेकिन वक्त की बेरहम चाल ने आदेश श्रीवास्तव को बहुत जल्दी हमसे छीन लिया।
| Music Director Aadesh Srivastava Biography - Photo: Social Media |
Meerut Manthan पर आज पेश है दिग्गज Music Director रहे Aadesh Shrivastava की कहानी। Aadesh Shrivastava की म्यूज़िकल जर्नी और बॉलीवुड जर्नी को आज हम करीब से देखने की कोशिश करेंगे।
शुरुआती जीवन
4 सितंबर 1964 को आदेश श्रीवास्तव का जन्म मध्य प्रदेश के कटनी में हुआ था। एक कायस्थ हिंदू परिवार में पैदा हुए आदेश श्रीवास्तव को पढ़ाई लिखाई का माहौल बचपन से ही मिला।
जहां इनके पिता रेलवे में सुपरीटेंडेंट की हैसियत से काम करते थे तो वहीं इनकी मां भी एक कॉलेज में लेक्चरर थी। ये पांच भाई बहन थे। तीन भाई और दो बहनें। मूलरूप से इनका परिवार जबलपुर का रहने वाला था।
इनके बचपन में अक्सर इनके पिता कहा करते थे कि गली के बच्चों के साथ बाहर खेलने से बढ़िया है कि घर पर ही रहकर तुम संगीत साधना करो और संगीत में निपुण बनो।
पिता की बात ने इन पर गहरा असर किया और इन्होंने संगीत में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया। इनके पिता के रेलवे के दोस्त जब भी पार्टी करते थे तो संगीत के लिए आदेश श्रीवास्तव को ही याद करते थे।
जब Aadesh Shrivastava ने किया मुंबई का रुख
आदेश केवल संगीत में ही नहीं, पढ़ाई-लिखाई में भी काफी होशियार थे। इनका सपना था कि ये एक दिन डॉक्टर बनेंगे।
लेकिन जब मेडिकल एंट्रेंस एग्ज़ाम में इन्हें सफलता नहीं मिली तो इनका डॉक्टर बनने का सपना टूट गया और फिर इन्होंने फैसला किया कि अब तो ये एक संगीतकार ही बनेंगे।
अपने इस सपने को पूरा करने के लिए साल 1978 में इन्होंने मुंबई का रुख किया। और कुछ संघर्ष के बाद ये लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल के साथ काम करने लगे।
आदेश को ड्रम बजाने का काम मिला था। केवल लक्ष्मीकांत प्यारेलाल के साथ ही नहीं, इन्होंने पंचम दा, ओपी नैय्यर और राजेश रोशन जैसे मशहूर संगीतकारों के साथ भी काम किया था।
मध्य प्रदेश से मुंबई आकर इन्हें कामयाबी मिलने लगी और ये ठीक ठाक पैसे कमा रहे थे। लेकिन इनकी किस्मत ने पलटी मारी 90 के दशक में। जब इन्हें इंडिपेंडेंटली फिल्मों के लिए म्यूज़िक कंपोज़ करने का मौके मिलने शुरू हुए।
और मिल गई सफलता
1993 में रिलीज़ हुई फिल्म कन्यादान में इन्हें पहला बड़ा ब्रेक मिला था। इसके बाद अगले साल इन्हें फिल्म आओ प्यार करें में म्यूज़िक कंपोज़ करने का मौका मिला।
हुआ कुछ यूं कि सैफ अली खान स्टारर आओ प्यार करें पहले रिलीज़ हो गई और इसका संगीत सुपरहिट हो गया।
फिल्म इंडस्ट्री को अहसास हो गया कि एक बेहद हटकर संगीत देने वाला संगीतकार फिल्म इंडस्ट्री में आ चुका है।
इस फिल्म का सबसे हिट गाना था हाथों में आ गया जो कल रुमाल आपका। ये गाना उन दिनों हर किसी की ज़ुबान पर था।
वहीं सुनील शेट्टी की फिल्म शस्त्र का गाना क्या अदा क्या जलवे तेरे पारो तो उस दौर में बच्चे-बच्चे की ज़ुबान पर चढ़ गया था।
आदेश श्रीवास्तव को बॉलीवुड में वो मुकाम मिलना शुरू हो गया था जिसे हासिल करने का ख्वाब लेकर ये अपने घर से सालों पहले मु्ंबई आए थे और मेहनत कर रहे थे।
एक्टिंग में भी आज़माया था हाथ
साल 1995 में आदेश श्रीवास्तव ने सारेगामापा में जज की हैसियत से भी काम किया था। इस वक्त तक ये फिल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो चुके थे।
कुछ लोग ही इस बात से वाकिफ हैं कि फिल्मों में संगीत देने के अलावा इन्होंने कुछ फिल्मों में एक्टिंग भी की थी। हालांकि इनके रोल इतने छोटे थे कि किसी ने भी इन्हें नोटिस नहीं किया।
नब्बे के दशक की फिल्म अंगार और प्रहार में इन्होंने एक्टिंग की थी। इसके अलावा वर्ल्ड कप 2011 नाम की फिल्म में भी ये एक कैमियो में नज़र आए थे।
इंटरनेशनल कॉलैबोरेशन्स भी किए
आदेश श्रीवास्तव ने फिल्म इंड्स्ट्री के हर बड़े स्टार के साथ काम किया था। शाहरुख खान, सैफ अली खान और अमिताभ बच्चन के साथ इन्होंने काफी काम किया। अमिताभ बच्चन के साथ तो इनकी ट्यूनिंग शानदार थी।
आदेश श्रीवास्तव ने केवल बॉलीवुड ही नहीं, बल्कि इंटरनेशनल आर्टिस्ट्स के साथ भी काम किया था। दुनियाभर में पॉप्युलर अमेरिकन सिंगर एकोन के साथ इन्होंने काम किया। Akon के साथ मिलकर तो इन्होंने इंडिया में एक Talent Hunt भी किया था।
Akon के अलावा इन्होंने Shakira, T-Pain, Julia Fordham और Wyclef Jean के साथ भी काम किया था। आदेश श्रीवास्तव हमेशा संगीत की ओरिजनैलिटी का पूरा ख्याल रखते थे। यही वजह है कि अपने सभी गाने वो हारमोनियम पर कंपोज़ करते थे।
पर्सनल लाइफ
बात अगर आदेश श्रीवास्तव की निजी ज़िंदगी के बारे में करें तो इन्होंने एक्ट्रेस-सिंगर विजेता पंडित से शादी की थी।
90s की एक और मशहूर संगीतकार जोड़ी जतिन-ललित इनके साले थे। वहीं एक्ट्रेस सुलक्षणा पंडित इनकी वाइफ विजेता पंडित की बहन थी यानि इनकी साली थी।
आपने इनकी वाइफ विजेता पंडित को कुमार गौरव के साथ लव स्टोरी फिल्म में ज़रूर देखा होगा। वो फिल्म एक बहुत बड़ी हिट फिल्म थी।
और विजेता पंडित की एक्टिंग का हर कोई मुरीद हो गया था। आदेश श्रीवास्तव और विजेता पंडित के दो बेटे हैं। इनके बेटों के नाम अवितेश और अनिवेश हैं।
ये भी जानिए
आदेश श्रीवास्तव ने कई फिल्मों के लिए बैकग्राउंड म्यूज़िक भी तैयार किया था। साथ ही इन्होंने कुछ ऐसी फिल्मों के लिए भी काम किया जिनमें इन्होंने एक या दो गाने कंपोज़ किए और बाकी गाने किसी और संगीतकार ने कंपोज़ किए।
सना नाम की एक शॉर्टफिल्म का तो इन्होंने डायरेक्शन भी किया था। ये फिल्म चाइल्ड प्रोस्टिट्यूशन जैसे सीरियस इश्यू पर फोकस्ड थी। 2009 में ये एक बार फिर टीवी की तरफ लौटे थे और सा रे गा मा पा चैलेंज में ये फिर से जज के तौर पर दिखाई दिए।
2010 में रिलीज़ हुई फिल्म राजनीति का गीत मोरा पिया मो से बोलत नाहीं आदेश श्रीवास्तव ने ही गाया था। इसके अलावा भी कई और फिल्मों में इन्होंने गाने गाए थे।
इस राक्षस ने ले ली जान
आदेश श्रीवास्तव के जीवन में सब कुछ बढ़िया चल रहा था। आदेश हर दिन कामयाबी की नई ऊंचाईयां छू रहे थे। लेकिन इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ जिसने हर चीज़ बिखेर दी। साल 2010 में पता चला कि इन्हें मल्टिपल माईलोमा नाम के कैंसर ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है।
इन्होंने अपना इलाज कराया और कीमोथैरेपी लेनी शुरू कर दी। इनकी तबियत सुधरने लगी। हर किसी को लगने लगा था कि आदेश श्रीवास्तव कैंसर को मात देने में कामयाब होने वाले हैं। लेकिन 2015 में फिर से इस कैंसर ने आदेश को अपनी चपेट में ले लिया।
इस दफा कैंसर और विकराल रूप धारण करके आया और इनके जन्मदिन के ठीक एक दिन बाद यानि 5 सितंबर 2015 को इन्होंने आखिरी सांस ली।
मौत के वक्त इनकी उम्र केवल 51 साल थी। ये कई दिनों से कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल में एडमिट थे। आखिरी वक्त में तो ये कोमा में भी चले गए थे।
इनके पीछे इनका एक भरा पूरा परिवार छूट गया। आदेश की मौत से हर कोई सकते में था। फिल्म इंडस्ट्री में तो जैसे मातम पसर गया था।
आदेश श्रीवास्तव को मेरठ मंथन का शत शत नमन
आदेश श्रीवास्तव संगीत की दुनिया में एक लंबी पारी खेलने के लिए आए थे। लेकिन किस्मत को ये मंज़ूर नहीं था। इसलिए कम उम्र में ही आदेश श्रीवास्तव ये दुनिया छोड़कर चल बसे।
मगर इस बात से कोई इन्कार नहीं कर सकता कि आदेश श्रीवास्तव ने जब तक फिल्म इंडस्ट्री में काम किया, शानदार तरीके से किया। उनका संगीत कभी भी लोगों के ज़ेहन से उनकी यादें मिटने नहीं देगा।
Meerut Manthan आदेश श्रीवास्तव को नमन करता है। और ईश्वर से प्रार्थना करता है कि आदेश श्रीवास्तव जहां भी हों सुखी हों। जय हिंद।
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