Kishore Bhanushali | वो Actor जिसे आप और हम Junior Devanand के नाम से जानते हैं | Biography
Kishore Bhanushali. इनका नाम शायद आपने ना सुना हो, लेकिन इनके चेहरे से आप बड़ी अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। लंबे वक्त तक ये फिल्म इंडस्ट्री में और सिने प्रेमियों के बीच देवानंद के डुप्लीकेट के तौर पर मशहूर रहे हैं।
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Kishore Bhanushali Junior Devanand - Photo: Social Media |
कई बड़ी फिल्मों में इन्होंने काम किया है। टीवी शोज़ में नाम कमाया है। और सबसे बड़ी बात, अपनी एक्टिंग की स्किल्स को शार्प करने के लिए इन्होंने थिएटर भी काफी किया है।
Kishore Bhanushali फिल्मों में कैसे आए? क्या सिर्फ Devanand जैसा चेहरा होने मात्र से ही Kishore Bhanushali को फिल्मों में आसानी से काम मिल गया था? किशोर भानुशाली यानि Junior Devanand के बारे में आज बहुत कुछ हम और आप जानने वाले हैं।
Kishore Bhanushali का शुरुआती जीवन
किशोर भानुशाली का जन्म मुंबई में रहने वाले एक गुजराती परिवार में हुआ था। इनके पिता का मुंबई में एक छोटा सा बिजनेस था। किशोर भानुशाली स्कूल में तीसरी क्लास में थे जब इनके साथ पढ़ने वाले एक लड़ने ने इनसे पहली दफा कहा था कि तुम तो देवानंद जैसे दिखते हो। ये वो वक्त था जब किशोर भानुशाली को पता भी नहीं था कि देवानंद कौन है।
उस वक्त किशोर जी की उम्र महज़ सात या आठ साल ही थी। उस वक्त तक इन्होंने सिर्फ एक ही फिल्म देखी थी और वो थी जितेंद्र कपूर जी कि कारवां। स्कूल के उस लड़के ने जब इन्हें देवानंद का लुक अलाइक बताया तो इनके मन में देव साहब की कोई फिल्म देखने की ललक पैदा हो गई। फिर कुछ दिनों बाद छुट्टियों में किशोर भानुशाली अपने मामा से मिलने पालघर पहुंचे। इसी दौरान देवानंद की फिल्म ये गुलिस्तान हमारा रिलीज़ हुई थी।
अपने मामा के बेटे के साथ मिलकर किशोर भानुशाली ने पहली दफा देवानंद की वही फिल्म किसी सिनेमा हॉल में देखी थी। इसके बाद तो किशोर भानुशाली देव साहब के फैन बन गए। उन्होंने एक बाद एक देवानंद की कई फिल्में देख डाली। और फिल्में देखने के लिए ये अपने घर वालों से छिपकर सिनेमा हॉल तक जाया करते थे।
और डस गया एक्टिंग का कीड़ा
देव साहब की शख्सियत का नशा किशोर भानुशाली पर ऐसा चढ़ा कि छोटी उम्र से ही ये उनकी नकल करने लगे। अक्सर घर पर शीशे के सामने खड़े होकर ये अपने गले में रुमाल बांध लेते थे और देवानंद की तरह एक्टिंग करते थे। इन्होंने फैसला कर लिया था कि अब तो ये बड़े होकर देव साहब की ही तरह फिल्मों में काम करेंगे। अब पढ़ाई में इनका मन नहीं लगता था।
ये स्कूल और कॉलेज में होने वाले नाटकों में ज़्यादा समय बिताने लगे। स्टेज शोज़ में हिस्सा लेने लगे। और गुज़रते वक्त के साथ ही इन्होंने फिल्मों में काम पाने के लिए हाथ-पैर मारना भी शुरू कर दिया। ये तमाम फिल्म प्रोड्यूसर्स के ऑफिस में काम मांगने जाते थे। काम तो इन्हें नहीं मिला, लेकिन लोग इनसे टाइमपास बढ़िया कर लेते थे।
लेकिन काम नहीं मिला
लोग इनसे देवानंद की नकल करने को कहते थे और ये भी बिना झिझके देव साहब के डायलॉग्स बोलकर दिखाते। लोग अपना मनोरंजन करते और ये सिलसिला यहीं पर खत्म हो जाता था। किसी ने किशोर जी को काम नहीं दिया। देखते ही देखते पन्द्रह साल गुज़र गए और किशोर जी सिर्फ स्टेज शोज़ तक ही सिमटकर रह गए।
इस बीच इनकी शादी भी हो गई और ये एक बेटे के पिता भी बन गए। इतना वक्त गुज़रने के बाद इनके पिता ने इनसे कहा कि अब ये फिल्मों का भूत अपने सिर से उतारो और अपनी दुकान संभालो। पिता के कहने पर कुछ वक्त तक किशोर भानुशाली उनकी दुकान पर भी बैठे। उस वक्त इन्हें ऐसा लग रहा था कि एक्टर बनने का इनका ख्वाब कभी पूरा नहीं हो पाएगा।
इनका दिल इतनी बुरी तरह से टूट गया कि इन्होंने स्टेज शोज़ करना भी बंद कर दिया और अपना पूरा ध्यान अपने फैमिली बिजनेस में लगाना शुरू कर दिया। लेकिन कहते हैं ना कि ये किस्मत है मेरे यार। कोई नहीं जानता कब कर दे दो के चार। एक्टर बनने के लिए मुंबई के हर फिल्म स्टूडियो जा जाकर अपने जूतने घिसने वाले किशोर भानुशाली के पास एक दिन खुद किस्मत चलकर आई।
फिर आया वो दिन
किशोर भानुशाली जी जब पिता की दुकान संभालने लगे तो उनके पास कुछ वीडियो फिल्म्स में काम करने के ऑफर्स आए। ये ऑफर्स इन्होंने बिना किसी हिचकिचाहट के स्वीकार भी कर लिए। ये सोचकर कि कम से कम वीडियो फिल्मों में ही एक्टिंग के अपने सपने को जी लिया जाएगा।
वीडियो फिल्में वो फिल्में होती थी जो किसी सिनेमा हॉल में नहीं बल्कि वीडियो कैसेट्स पर ही रिलीज़ होती थी। एक दिन एक वीडियो फिल्म वाले ने किशोर भानुशाली से कहा कि तुम बैंड स्टैंड पर मौजूद पारसी बंगले पर आ जाओ। यहां दिल फिल्म की शूटिंग चल रही है और एक्स्ट्राज़ में तुम्हें भी काम मिल सकता है।
यूं बने आमिर खान की दिल का हिस्सा
किशोर भानुशाली वहां पहुंच गए। उस वक्त दिल फिल्म में आमिर खान के घर पर चल रही पार्टी वाला सीन शूट किया जा रहा था। वहां तमाम नौजवान लड़के-लड़कियां आए हुए थे। वो सब डांस करने वाले लोग थे। चूंकि किशोर भानुशाली को डांस करना नहीं आता था तो इन्हें लगा कि शायद यहां इनकी दाल नहीं गलेगी। ये एक कोने में बैठ गए।
तब इत्तेफाक से वहां इन्हें इनके एक दोस्त मिल गए। उस दोस्त को जब इन्होंने अपनी परेशानी बताई तो उसने कहा कि तुम डांस मत करो, देवानंद की एक्टिंग करो। उस दोस्त की बात इन्हें समझ में आ गई। इन्होंने तुरंत अपने गले में रुमाल बांधा और देव साहब की नकल करनी शुरू कर दी। फिर जब पार्टी वाला वो शॉट खत्म हुआ तो दिल फिल्म के डायरेक्टर इंद्र कुमार ने इन्हें बुलाया। इंद्र कुमार ने इनकी खूब तारीफ की और इन्हें अगले दिन भी आने को कहा।
आमिर खान को Kishore Bhanushali आ गए पसंद
किशोर भानुशाली अगले दिन फिर दिल की शूटिंग में पहुंचे। डायरेक्टर इंद्र कुमार ने इन्हें अनुपम खेर के साथ एक सीन शूट करने का मौका दिया। और किशोर भानुशाली ने एक ही टेक में वो पूरा सीन शूट कर दिया। वहां मौजूुद हर किसी ने किशोर भानुशाली जी के लिए तालियां बजाई।
कुछ देर बाद आमिर खान वहां आए। इंद्र कुमार ने आमिर को किशोर भानुशाली के सीन के बारे में बताया। आमिर इतना ज़्यादा एक्सायटेड हुए कि उन्होंने किशोर जी से एक बार फिर से वो पूरा सीन रिपीट करने को कहा। किशोर भानुशाली ने एक बार फिर अनुपम खेर के साथ वो सीन दोबारा किया।
और वो सीन आमिर को इतना ज़्यादा पसंद आया कि उन्होंने डायरेक्टर इंद्र कुमार से कह दिया कि किशोर को वो पूरी फिल्म में लेना चाहते हैं। और यहीं से किशोर भानुशाली की ज़िंदगी पूरी तरह से बदल गई। दिल फिल्म रिलीज़ हुई और सुपरहिट साबित हुई। किशोर भानुशाली का काम हर किसी को पसंद आया। दिल फिल्म के इस रोल के लिए किशोर भानुशाली को कई अवॉर्ड्स से भी सम्मानित किया गया।
और इनके पास फिल्मों का ढेर लग गया। इन्होंने कई फिल्मों में काम किया। टीवी शोज़ में भी ये खूब नज़र आए। रिएलिटी शोज़ और कॉमेडी शोज़ में ये गेस्ट अपीयरंस देते रहे। देश-विदेश में इन्होंने ढेरों स्टेज शोज़ भी किए। और आज भी ये शोज़ करते रहते हैं। साथ ही एक्टिंग प्रोजेक्ट्स में भी नज़र आते रहते हैं।
किशोर भानुशाली की कुछ अनसुनी कहानियां
चलिए अब किशोर भानुशाली उर्फ जूनियर देवानंद की कुछ और अनसुनी कहानियां भी जानते हैं। जैसा कि हमने बताया था कि किशोर भानुशाली बचपन में जितेंद्र जी के बड़े फैन थे। जितेंद्र जी को कारवां फिल्म में देखने के बाद से ही वो जितेंद्र जी की एक्टिंग के कायल हो गए थे।
और सालों बाद जब किशोर भानुशाली खुद भी एक्टर बने तो इन्होंने जितेंद्र जी के साथ भी कुछ फिल्मों में काम किया। संघर्ष के दिनों में इन्हें लगता था कि देवानंद जैसी शक्ल होने का इन्हें फायदा मिलेगा। लेकिन हुआ इसके ठीक उलट। इन्हें कोई काम नहीं देता था।
काम के लिए ये देवानंद साहब तक से भी मिले थे। लेकिन उस वक्त चूंकि इनकी उम्र भी काफी कम थी तो देव साहब ने इन्हें कहा कि पहले तुम अपनी पढ़ाई पूरी करो। फिर तुम्हारे लिए कुछ सोचेंगे। एक्टर बनने के बाद ये एक दफा देव साहब से मिले भी थे। तब देव साहब ने इनसे पूछा कि कितनी फिल्मों में काम कर रहे हो। इन्होंने बताया कि सात आठ फिल्में साइन की हैं।
तो देवानंद जी मज़ाक में बोले कि इतनी फिल्में तो मेरे पास भी नहीं हैं। मुझे भी कोई फिल्म दे दो। दिल फिल्म का वो सीन जिसमें ये माधुरी दीक्षित के कंधे पर हाथ रखकर उनके पीछे चलते हैं, उसे शूट करते वक्त ये काफी नर्वस हो रहे थे। इन्हें तीन दफा रीटेक लेना पड़ा था। तब माधुरी और आमिर खान ने इनका हौंसला बढ़ाया और इन्होंने फाइनली वो सीन कंप्लीट किया।
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