Pocket Maar 1974 | जब Dharmendra ने नाकाम कर दी Prem Chopra की एक मज़ेदार चाल

Pocket Maar 1974 Dharmendra Prem Chopra Story. साल 1974 में धर्मेंद्र की एक फिल्म आई थी। उस फिल्म का नाम था पॉकेट मार। उस फिल्म में धर्मेंद्र के अपोज़िट सायरा बानो ने काम किया था और विलेन बने थे प्रेम चोपड़ा। इस फिल्म के क्लाइमैक्स का एक सीन था जिसे धर्मेंद्र खुद शूट करना चाहते थे। लेकिन प्रेम चोपड़ा नहीं चाहते थे कि धर्मेंद्र वो सीन शूट करें। 

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Pocket Maar 1974 - Photo Courtesy: ShemarooMe

आखिर क्यों प्रेम चोपड़ा धर्मेंद्र को पॉकेट मार फिल्म का वो सीन शूट नहीं करने देना चाहते थे? क्या प्रेम चोपड़ा ने सच में धर्मेंद्र को वो सीन नहीं शूट करने दिया? पॉकेट मार फिल्म का ये किस्सा और कुछ और भी किस्से हम आज की पेशकश में जानेंगे। Pocket Maar 1974 Dharmendra Prem Chopra Story.

जान लीजिए पूरा किस्सा

पॉकेटमार साल 1974 की हिट फिल्मों में शुमार होती है। इस फिल्म में दमदार अभिनेता प्रेम चोपड़ा जी ने मुख्य विलेन का किरदार निभाया था। फिल्म के क्लाइमैक्स में एक सीन था जिसमें प्रेम चोपड़ा के गुंडे धर्मेंद्र को एक जीप से बांधकर घसीटते हैं। 

धर्मेंद्र ये एक्शन सीक्वेंस खुद शूट करने जा रहे थे और इसकी तैयारी कर रहे थे। लेकिन इसी बीच प्रेम चोपड़ा को बेचैनी होने लगी। वो परेशानी में इधर-उधर चक्कर लगाने लगे। कुछ देर तो प्रेम चोपड़ा यूं ही बेचैन रहे। 

लेकिन जब उनसे खुद पर काबू नहीं हुआ तो वो धर्मेंद्र जी के कज़िन नरेंद्र को एक साइड में ले गए और बोले,"ये सीन बहुत खतरनाक है। मुझे लगता है धरम जी को ये सीन खुद शूट नहीं करना चाहिए। इसमें चोट लगने का खतरा है। और अगर धरम जी के चेहरे पर चोट आ गई तो बड़ी मुश्किल हो जाएगी।" 

धर्मेंद्र के कज़िन नरेंद्र को प्रेम चोपड़ा की बात एकदम सही लगी। वो तुरंत धर्मेंद्र के पास गए और बोले,"प्रेम चोपड़ा जी नहीं चाहते कि आप ये सीन खुद शूट करें। इससे आपको चोट लगने का खतरा है।" जिस वक्त नरेंद्र जी धर्मेंद्र जी से ये बात कह रहे थे उस वक्त प्रेम चोपड़ा भी पास ही खड़े थे। 

धरम जी ने प्रेम चोपड़ा जी की तरफ देखा। और फिर एक ज़ोर का ठहाका लगाया। फिर वो प्रेम चोपड़ा से बोले,"मैं जानता हूं तुम ये बात क्यों कह रहे हो।" धर्मेंद्र को अंदाज़ा हो गया था कि प्रेम चोपड़ा क्या गेम खेल रहे हैं। दरअसल, जिस तरह उस सीन में धर्मेंद्र जी को जीप से घसीटा जाना था। ठीक उसी तरह उस सीन के बाद प्रेम चोपड़ा को भी घसीटा जाना था। 

और प्रेम चोपड़ा चाह रहे थे कि अगर धर्मेंद्र अपना सीन किसी स्टंटमैन के साथ शूट करेंगे तो उनके पास भी ये मौका हो जाएगा कि वो अपना सीन भी किसी स्टंटमैन के साथ शूट कर लें। यानि प्रेम चोपड़ा को धर्मेंद्र की कम और अपनी फिक्र ज़्यादा हो रही थी। 

हालांकि उनकी ये जुगत कामयाब नहीं हो पाई। डायरेक्टर रमेश लखनपाल ने इन दोनों सीन्स को स्टंटमैन से शूट कराने से इन्कार कर दिया। और प्रेम चोपड़ा को खुद ही जीप से घिसटने वाला वो सीन शूट करना पड़ा।

तो ये तो हुआ पॉकेट मार फिल्म का धर्मेंद्र और प्रेम चोपड़ा वाला किस्सा। चलिए अब आपको पॉकेट मार फिल्म की इक्का दुक्का रोचक और अनसुनी कहानियां भी बता देते हैं। धर्मेंद्र के अपोज़िट इस फिल्म में सायरा बानो दिखी थी। 

लेकिन सायरा बानो से पहले ये फिल्म एक्ट्रेस राजश्री ने साइन की थी। राजश्री ने तो 50 प्रतिशत शूटिंग भी कंप्लीट कर ली थी। लेकिन फिर अचानक एक दिन राजश्री ने शादी कर ली और उन्होंने बीच में ही ये फिल्म छोड़ दी। राजश्री के इस कदम से डायरेक्टर रमेश लखनपाल बड़ी मुश्किल में आ गए। 

फिर धर्मेंद्र की मदद से डायरेक्टर ने सायरा बानो को इस फिल्म में काम करने के लिए राज़ी कर लिया और हीरोइन के पूरे सीन फिर से शूट किए। और इसी वजह से ये फिल्म अपने तय वक्त से काफी देर बाद रिलीज़ हुई थी। 

एक और छोटी सी कहानी जो इस फिल्म के नाम से जुड़ी है वो ये कि साल 2008 में रवि चोपड़ा ने शाहिद कपूर और अमिताभ बच्चन को लेकर पॉकेट मार नाम की एक फिल्म बनाने का अनाउंसमेंट किया था। लेकिन वो सिर्फ एक अनाउंसमेंट बनकर ही रह गया। 

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